छीॊटें औय फौछायं
यवियतराभी
के
चनु नॊदा व्मॊग्म
http://raviratlami.blogspot.com/
अनुक्रभणणका 1. चाम चरेगी? 2. ऩते की फात
3. नई शब्दािरी नए शब्द 4. इम्ऩोटेे ड रुऩमा?
5. व्मॊग्म रघक ु था 5
ॊ ऑफ़िशशमर अफाउटे 6. एियीथथग फ़क्रकेटे
7. झगड़ा चैनर का
8. आइए, ये स भं शाशभर हो जाएॊ… 9. एनीटेाइभ भनी 10.सफसे सपेद !
11.आऩका बफजनेस क्मा है?
12.दरं भं विबाजन : एक शाश्वत सत्म
13.कम््मटे ू य – आईटेी प्रोिेशनल्स के शरए भयिी के ननमभ
14.हार्दि क फधाई!
15.आइए, अऩन बी कोई अशबमान चराएॉ
16.आऩ भोफाइर हुए मा नहीॊ? 17.भयिी के ्माये ननमभ
18.विश्वकऩ भैच के दौयान ऩशिमं के शरए आचाय सॊर्हता
19.दीिायं ऩय शरखी इफायतं 20.कुछ विऻाऩनी नभन ू :े
21.आऩका ऩीसी फेहतय है आऩके फॉम फ्रेंड से
22.आऩका ऩीसी फेहतय है आऩके गरिफ्रेंड से
23.एक नडि (कॊ्मटे ू य गुरू) से शरए गए साऺात्काय से कुछ उद्धयण:
24.भयिी के घये रू ननमभ
25.भयिी के कॊ्मटे ू यी ननमभ
26.बायतीम घये रू भर्हरा के शरए भयिी के कुछ ननमभ
27.नन्हहं भन्ह ु ने फच्चचं के शरए भयिी के ननमभ
28.हे ! बगिान, भझ ु े बी हय जन्हभ भं इसी ऩािन बशू भ भं ऩैदा कयना.
29.भयिी के िाणणज्म-व्माऩाय के ननमभ 30.इॊटेयनेटे फयु ाइमं की जड़ है!
31.कुछ प्रोग्राशभॊग गीत भर ू पॊटेूश से अनि ु ार्दत:
32.भयिी के तकनॉराज़ी ननमभ 33.कौन फोर रयमा है?
34.भयिी के फस अड्डे के ननमभ
35.हभ बायतीम हुनयभॊद 36.भयिी के नए सार के नए निेरे ननमभ
37.उरटेी तयप चरना तो भेये जीन भं है …
38.ईभेर उईभेर ऊईईई...भेर
39.सफसे फड़ा फेिकूि कौन? भं!
40.कहीॊ आऩ बी एजंटे तो नहीॊ...
41.इन्हिोशसस भं एक साऺात्काय 42.भयिी के वऩताओॊ के ननमभ
43.भयिी के कुछ चौऩर्हमा ननमभ
44.भयिी के कुछ विद्याथीम - शशऺकीम ननमभ...
45.जुराई का भहीना 46.रघक ु था उऩहाय
व्मॊग्म 1 चाम चरेगी? अगय आऩको फ़कसी तयह की कोई खास फीभायी न हो, फ़कसी तयह की कोई कसभ आऩने न खा यखी हो औय आऩके थचफ़कत्सक ने अरग से आऩको भना नहीॊ फ़कमा हो तो कोई अगय आऩसे मह ऩूछे फ़क चाम चरेगी? तो बरे ही आऩका
जिाफ ना भं हो, उस िक्त आऩके चेहये की चभक से साभने िारे को मह अॊदाजा हो ही जाता है फ़क चाम की ज़रूयत आऩको फ़कतनी है . चाम तो चाम है . अगय आऩ दारू-शारू नहीॊ ऩीते हं औय चरो साथ भं चाम बी नहीॊ ऩीते हं, तफ बी आऩ कहराते हं- टेी-टेोटेरय. मानी चाम आऩके साथ है , बरे ही आऩ चाम के साथ नहीॊ हं. सुफह उठते ही चाम, फ़पय अऽफाय के आ जाने के फाद ऽफयं के साथ चाम, फ़पय सुफह के नाश्ते के
साथ चाम, फ़पय दफ्तय मा दक ु ान ऩहुॊचने ऩय काभ
की शुरूआत के शरए चाम, दोऩहय की
अनतआिश्मक चाम, दोऩहय के बोजन के फाद जरूयी चाम, शाभ की चाम औय इस फीच टेऩक ऩड़े भेहभानं के स्िागत सत्काय के शरए चाम. मानी अऩने जीिन के एक फड़े र्हस्से की एक फड़ी जरूयत है चाम औय शसपि चाम. चाम आज के िक्त का जीिन जर है . जया माद कीजजए जफ वऩछरी भतिफा आऩ फ़कसी काभ से फ़कसी कामािरम भं ऩधाये थे तो दफ्तय के बीतय औय दफ्तय के फाहय चाम की दक ु ान का नजाया कैसा था?
जहाॉ दफ्तय एक ओय नीयि, ननजीि, प्राणहीन औय फोरयमत से ऩरयऩण ू ि नजय आमा था, िहीॊ दफ्तय के ऩास िारी चाम की दक ु ान जीिनी शक्तक्त से
ऩरयऩण ू ,ि सजीि, प्राणिान, ऊजाििान औय यॊ गीननमत से बयी नजय आई थी. आणखय क्मं? शसपि
इसशरए फ़क चाम भं िह ताकत है जो प्राणहीन चीजं भं बी प्राण िामु का सॊचाय कय दे . मही कायण है फ़क दफ्तयं भं िाइरं के फोझ से
भत ु ान ऩय ृ प्राम: फाफुओॊ का भन चाम की दक
आकय हर्षोल्रास से जीवित हो उठता है . जया मह
बी माद कीजजए फ़क फ़कसी दफ्तय के फ़कसी फाफू
की उफाशसमाॉ कैसे छूभॊतय हो गई थीॊ जफ आऩने उसे चाम के शरए आभॊबित फ़कमा था.
चाम का चक्कय अजीफ है . चाम वऩरा कय जहाॉ एक ओय आऩ साभने िारे से अऩनी आत्भीमता प्रकटे कय सकते हं, तो घूस रूऩी शसपि एक कऩ चाम से आऩ अऩना कोई फड़ा काभ बी कयिा सकते हं. नभक का कजि अदा कयने की फात ऩुयानी हो चक ु ी है . अफ तो चाम का कजि चढ़ता
औय उतयता है . आऩसे कई दपा रोगं ने अऩनी सेिाओॊ के फदरे चाम-ऩानी का खचाि चाहा होगा. कबी आऩका आत्भीम आऩको चाम के शरए ऩूछना बूर गमा होगा तो बरे ही आऩ चाम नहीॊ ऩीते
हं, आऩका चाम ऩीने का भूड उस िक्त बफरकुर न यहा हो, फ़पय बी आऩ कहं गे सारे ने चाम के शरए बी नहीॊ ऩूछा. सभम के र्हसाफ से चाम के अऩने भजे हं . सुफह की चाम का अऩरयशभत, अतीि, असीभ आनन्हद अिणिनीम औय अकल्ऩनीम तो है ही, फ़कसी खोभचे िारे की चाम का पुसित भं फैठ कय ऩीने
का अऩना आनन्हद है . चौक ऩय सड़क ऩय खड़े यह
कय पारतू की चचाि भं चाम ऩान का अरग
आनन्हद है . अखफायं भं शसय घुसाकय सुड़की गई
चाम का अरग आनन्हद है , तो फीिी औय टेीिी के साथ टेी के आनन्हद की फात ही क्मा है . चाम चाहे भीठी हो मा कड़िी, कारी हो मा ऽाशरस दध ू की, अऩने र्हसाफ से सफको अच्चछी रगती है , खासकय तफ जफ इसकी तरफ तेज रगती है . इसीशरए तो ट्रे नं भं बफकने िारी सपेदा की चाम बी बाई रोग उसभं भजा ढूॊढकय ऩी ही रेते हं . दयअसर
चाम तो हभेशा अच्चछी ही होती है , फस कबी िह थोड़ी अच्चछी, ज्मादा अच्चछी मा कबी सफसे अच्चछी हो जाती है . औय अगय आऩ चाम के विऻाऩनं ऩय बयोसा कयं तो चाम के फड़े-अच्चछे िामदे बी हं. फ़कसी ब्राॊड विशेर्ष की चाम ऩीकय आदभी कड़क र्दर िारा जिान हो जाता है जजसकी भॉछ ू ं की ताि से ही
शेय डय के भाये बाग जाता है तो कोई औय ब्राॊड की चाम की खश ु फू से आदभी भत्ृ मुशैय्मा से
िाऩस आ जाता है . कोई खास ब्राॊड की चाम ऩीकय िाह! फोर उठता है , तो कोई उसकी खश ु फू भीरं
दयू से सॉघ ू कय णखॊचा चरा आता है . हो सकता है
चाम के आऩके अनुबि बी ऐसे ही योभाॊचकायी हं.
भेया अऩना अनुबि है फ़क सुफह का प्रेशय चाम के फगैय फनता ही नहीॊ. अकसय रोग सुफह उठने के
शरए चाम ऩीते हं ऩय कई ऐसे बी हं जो चाम का एक ्मारा हरक भं उताय कय सोने जाते हं . चाम की इतनी चचाि कयने के फाद तो बाई, अफ तो चाम चरेगी?
----------------.
व्मॊग्म 2 ऩते की फात आऩका ऩता आऩके शरए जजतना भहत्िऩूणि है
उससे कहीॊ ज्मादा औयं के शरए है, ऽासकय तफ जफ आऩके ऩते भं 10 जनऩथ, 7 ये सकोसि योड मा ए.फी. योड जैसे भागि मा फ़पय नयीभन ऩाइॊटे, एक्सप्रेस टेािय, प्रेस कॉम््रेक्स मा चेतक संटेय जैसे ऩहचान थचह्न हं. आऩका ऩता भहज एक ऩता हो सकता है मा फ़पय आऩका सॊऩण ू ि अता-ऩता फताने िारा साधन बी हो सकता है . आऩका ऩता आऩके यहन-सहन, स्टेे टेस-शसॊफर औय दनु नमा बय के, ढे य साये अन्हम कई ढॊ के नछऩे चीजं के फाये भं विस्ताय से प्रकाश डारने िारा साधन बी हो सकता है . भसरन, कनाटे ्रेस का चऩयासी औय नयीभन ऩाइॊटे का गाडि बी हो सकता है फ़क अऩनी ड्मूटेी कयने को भशसिडीज़ फंज भं आएॉ औय उधय साइफेरयमा का रंडरॉडि बी जया-जया सी सुविधाओॊ को तयसे. फ़कसी का ऩता फहुत छोटेा होता है तो फ़कसी का
फहुत रॊफा. छोटेे ऩते तो तत्कार माद हो जाते हं ऩयॊ तु फड़े-फड़े ऩते माद यखना भुजश्कर होता है . ऩयॊ तु आदभी अगय फड़ा है तो उसका भीरं रॊफा ऩता बी रोग जाने कैसे माद यख रेते हं. एक
गाॉि का गयीफ यभई अऩने ऩते भं अऩने नाभ के आगे गाॊि, ब्रॉक, तहसीर, जजरा, प्राॊत इत्मार्द सबी कुछ शरख डारने के फाद बी अऩनी थचट्ठी
के शभर ऩाने की उम्भीद जया कभ ही यखता है . कायण, ऐसे ऩते को कोई माद ही नहीॊ यखना चाहता. िैसे उस यभई के ऩास हय ऩाॉचिे सार भं कुछ शबखारयमं की िौज जरूय ऩहुॉच जाती है जो उससे हाथ जोड़कय, थगड़थगड़ा कय औय कुछ रोग
अऩने जानत धभि का िास्ता दे कय िोटे भाॉगने चरे आते हं. िैसे कुछ ऽास फ़कस्भ के ऩते को रोग खश ु ी-खश ु ी माद यखने की कोशशश कयते हं, जैसे फ़क ऽफ ू सूयत
रैराओॊ के कई-कई ऩते आज के आधनु नक भजनॉू जुफानी माद यखते हं, औय जजस भजनूॊ के ऩते की ऐसी सूची ज्मादा रॊफी होती है िह उतना ही
ज्मादा सपर भाना जाता है . इसके विऩयीत कुछ
ऩतं को रोग माद ही नहीॊ यखना चाहते, ियन ् मह
बी चाहते हं फ़क दनु नमा से ऐसे ऩतं का
नाभोननशान शभटेा र्दमा जाना चार्हए. उदाहयण के शरए टेै क्स ऑफ़िसं का ऩता कोई बी फ़कसी सूयत माद नहीॊ यखना चाहे गा औय सऩने भं बी उसे बूरने की कोशशश कये गा. कुछ ऩते रोगं को
भज़फूयी भं , जफयन, जफदि स्ती माद यखने ऩड़ते हं, जैसे फ़क रेखकं को कई-कई सॊऩादकं के ऩते
हभेशा माद यखने होते हं, ताफ़क उनकी स्िीकृतअस्िीकृत, प्रकाशशत-अप्रकाशशत यचनाओॊ को उथचत-अनथु चत स्थान शभर सके.
जहाॉ एक ओय चॊद रोगं के कई-कई ऩते हो सकते हं, िहीॊ फहुसॊख्म अन्हमं के साथ मे हो सकता है फ़क िे ता-उम्र एक अदद ऩता ऩाने की तराश भं जजॊदगी गुज़ाय दं . ऩते की फात मह बी
है फ़क जहाॉ एक ओय चन ु ािी चक्कय भं , र्दल्री भं
यहने िारे नेतागण सुदयू आसाभ मा कन्हमाकुभायी
का ऩता शरखिा यखते हं, तो फड़े-फड़े भाफ़पमा डॉन के ऩते उनके द्वाया खर ु े आभ अऩहयण, भायकाटे
कयिाने के फािजूद ऩुशरस ये कॉडि भं उऩरब्ध नहीॊ यहते. ऐसे भाफ़पमा-डान-औय-नेता अऩने ऩते भं भीर्टेॊगं-ऩार्टेि माॉ कयते यहने के फाद बी ऩशु रस
ये कॉडि भं ऩते से पयाय फताए जाते हं. चन ु ािं के
सभम नेता भतदाताओॊ के ऩते तराशते फ़पयते हं तो चन ु ािं के फाद इसके उरटे भतदाता अऩने नेता का ऩता तराशता फ़पयता है . इसी प्रकाय, जजॊदगी बय हसीनाओॊ के ऩतं के ऩीछे बागने िारा सदाफहाय आशशक अऩने अॊनतभ सभम भं भक्तु क्त औय शाॊनत की तराश भं भॊर्दयं, भजस्जदं,
थगयजाघयं औय गरु ु द्वायं के ऩते तराशते फ़पयते हं. आज के मुग भं रोगं के ऩते भं बी ऩरयितिन हो यहा है . अफ अगय आऩके ऩास आए फ़कसी के ऩि भं उसके ऩूये ऩते की जगह ऐसा शरखा शभरे:
यवि@माहू.कॉभ तो अचयज से अऩनी उॉ गरी भत दफाइए. मह उस व्मक्तक्त का आज के आधनु नक ब्रह्माॊड का एकभाि सच्चचा औय सही ऩता, ईभेर
ऩता है , जजसके द्वाया आऩ बरे ही उसके ऩास नहीॊ ऩहुॉच ऩाएॉ, आऩकी बेजी रानतं के उस तक ऩहुॉचने की ऩूयी गायॊ टेी है , औय इस फात की बी
ऩूयी गायॊ टेी है फ़क उस ऩते ऩय आऩका बेजा हुआ सॊदेश डाक भं कहीॊ बी खो नहीॊ सकता. हाॉ, मह हो सकता है फ़क ऩाने िारे ने आऩकी थचर्ट्ठमं को खोरने से ऩहरे ही यद्दी की टेोकयी भं डारने की
ऩूिि व्मिस्था कय यखी हो. ईभेर ऩय बेजी गई
आऩकी थचर्ट्ठमाॉ तत्कार औय तत्ऺण साभने िारे को शभर जाती हं. इधय आऩने थचट्ठी बेजी नहीॊ उधय थचट्ठी शभरी नहीॊ औय इधय जिाफ आमा नहीॊ. मह नहीॊ फ़क एक फाय थचट्ठी बेज र्दमा तो फ़पय इॊतजाय कयते यर्हए हफ़्ते-दस र्दन अऩने जिाफ का. इसीशरए ईभेर उऩमोक्ता फॊधु अफ डाकघयं की थचर्ट्ठमं को स्नेर-भेर कहने रगे हं.
मानी यं गने िारे कीड़े की गनत से चरने िारी डाक. अभूनन व्मक्तक्त को अऩनी चीज़ं ्मायी रगती हं,
ऩयॊ तु ऩते के भाभरे भं प्राम: उरटेा होता है . महाॉ
उसे दस ू यं की ऩशिमं की तयह दस ू यं के ऩते ्माये रगते हं. उदाहयण के शरए रैराओॊ को भजनुओॊ के ऩते, व्माऩारयमं को ग्राहकं के ऩते, नेताओॊ को अऩने भतदाताओॊ के ऩते ्माये रगते हं. औयतं को अऩने भामके का ऩता ्माया रगता है तो वििार्हत ऩुरुर्षं को अऩनी साशरमं के ऩते.
यतराभ के यहने िारे यवि को इॊदौय का ऩता ररचाता है तो इॊदौय िारा भुॊफई की ओय दौड़
रगाता है . भॊफ ु ई िारा शॊघाई, न्हमम ू ॉकि औय शसडनी
की ओय दौड़ रगाने की फ़िया़ भं यहते हं . इससे ऩूिि फ़क फेऩते की फेतुकी, इन फ़िजूर फातं को ऩढ़ते-ऩढ़ते आऩके सब्र का अता ऩता बी
गामफ हो औय आऩ भेये ऩते तराशते फ़पयं , इन ऩतं को अबी अधयू ा ही छोड़ता हूॉ. ----------------------.
हास्म व्मॊग्म 3 नई शब्दािरी नए शब्द -*-*-*इॊटेयनेटे औय इन्हिॉभेशन तकनॉराजी ने ननत्म नए नए शब्दं औय िाक्माॉशं को जन्हभ र्दमा है . उदाहयण के शरए ब्रॉग, जजसे हभ र्हन्हदी भं थचट्ठा कहते हं. ऩयॊ तु इससे इतय हभाये बायत भं कुछ सभम से नए नए शब्दं का गठन सप्रमास-
अनामास हुआ है , औय आऩकी साभाजजक शब्दािरी के बॊडाय भं ऐसे नए-नए शब्दं का सभािेश हुआ होगा. आइए, आऩकी ऩुनश्चमाि के शरए एक फाय फ़पय से इन नए शब्दं औय उनके अथं ऩय चचाि
कयते हं. कुछ खास नए शब्द मे हं, जजन्हहं जानना सभझना हय बायतीम के शरए आिश्मक है .
़मास रगाए जा यहे हं फ़क इन शब्दं को प्रत्मेक बायतीम जनता को सभझने-सभाझने के शरए
सयकाय कोई अध्मादे श राने की बी तैमायी कय यही है ! • गयीफ यै रा: इस नए शब्द का जन्हभ स्थान ऩटेना है . इसका अथि गयीफं के शरए ऩटेना तक की
भुफ़्त मािा, फस-ट्रक भाशरकं तथा ये रिे के शरए
जफरयमा भुफ़्त-बफना र्टेकटे मािा तथा याजनीनतऻं के शरए एक-दस ू ये को अऩना फाहुफर र्दखाना है . भहा यै रा इसका अऩभ्रॊश है .
• हल्रा फोर : ऩरयितिन इसी का नाभ है . रखनऊ कहाॉ एक सभम तहजीफ को रखनिी अॊदाज से ऩहचाना जाता था औय अफ नेताओॊ की कृऩा से हल्रा फोर के जनक के रूऩ भं ऩहचाना जाने
रगा है . मह बि-अथी शब्द है . इस शब्द का अथि याजऩऺ के दृविकोण से ़ानन ू व्मिस्था भं विऩऺ द्वाया विध्न है तो विऩऺ की नज़य से साभ-दाभ... िारी कहाित भं से दॊ ड का प्रमोग शसपि कुसी
हथथमाने के शरए है . भज़ेदाय फात मह है फ़क आभ जनता के शरए इसका अथि है भज़ेदाय नज़ाये . • भहाफॊद: कर बी, आज बी, कर बी औय सॊबित: ऩयसं बी. जी हाॉ, फॊद, फॊद, औय शसपि फॊद. फ़कसी को वियोध कयना हो, फ़कसी की भजी का कुछ नहीॊ
हुआ, कहीॊ कोई गड्ढे भं थगयकय भया – कायण कोई सा बी हो – बायत के गाॉि भुहल्रे से रेकय शहय, प्राॊत औय दे श भं हय तयप फॊद औय शसपि फॊद.
कई र्दनं तक फॊद. मह है भहा फॊद औय कुछ फचा है क्मा फॊद के शसिा बायत भं ? इसकी उत्ऩवि
असभ भं हुई, बफहाय भं पैरी औय इतनी पैरी फ़क अफ तो बायत का विऩऺ तो क्मा सिाऩऺ बी भहाफॊद का आमोजन कयने भं आनॊद रेने रगा है . • न्हमानमक सफ़क्रमता : भीक्तडमा ने इस शब्द को जन्हभ र्दमा, ऩयॊ तु फ़पय बी इसकी उत्ऩवि के
जजम्भेदाय नेता ही यहे हं. इसका अथि हो सकता है – भ्रि नेताओॊ-अपसयं के शसयं ऩय रटेकती तरिाय. बायत भं मॉू तो न्हमाम अऩना काभ अऩने र्हसाफ से तो कयता ही है (रॉ विर टेे क इट्स
ओन कोसि) जहाॉ एक-एक भक ु दभा फीस-फीस सार तक चरता है , ऩयॊ तु कुछ खास नेताओॊ, अपसयं
ऩय न्हमाम ने ऩीआईएर के जरयए अऩने काभ भं सफ़क्रमता र्दखाई तो बीर्षण अफ़क्रमता के फीच भं रोगं को न्हमानमक सफ़क्रमता नज़य आने रगी. • साभाजजक न्हमाम : इस शब्द का अथि सही भामने भं कन्हफ़्मूजजॊग है . वऩछड़ं ऩय सर्दमं से जो
साभाजजक अन्हमाम हो यहा था उसकी बयऩाई के शरए साभाजजक न्हमाम का नाया (जी हाॉ, शसपि नाया) नेताओॊ द्वाया र्दमा गमा. मह नाया कइमं को साभाजजक अन्हमाम सा रगता है . िैस,े कुर
शभराकय इसका अथि चनु नॊदा नेताओॊ तथा चनु नॊदा
याजनीनतक ऩार्टेि मं के शरए कुसी प्राप्त कयने का भहाभॊि है जजसे िे हभेशा जऩते यहते हं.
• कल्माण ननकाम : इसका शाजब्दक अथि आऩको भ्रशभत कये गा. इसकी उत्ऩवि बी बफहाय भं कुछ
सभम ऩूिि हुई थी. बफहाय भं कुछ भ्रि अपसयं को थगयफ़्ताय फ़कमा गमा था तो इन अपसयं की आथथिक जरूयतं को सॊफर दे ने के शरए तथा इनके तथाकथथत कल्माण के शरए अन्हम साथी अपसयं से चॊदा रेकय फनामा जाने िारा ननकाम है मह. अफ मह दीगय फात है फ़क जजनके शरए कल्माण ननकाम फनामा जा यहा है िे कई रोगं का कल्माण कयने की कूित तो ऩहरे ही यखते हं, कईमं का कल्माण िे ऩहरे ही कय चक ु े हंगे.
• तफादरा उद्योग : बायत दे श का मह सफसे फड़ा सयकायी उद्योग है . इस उद्योग भं यॉ-भटेीरयमर, ऩूॊजी, इनऩुटे कुछ नहीॊ रगता भगय प्रॉफ़िटे फहुत है . इसभं फ़कसी बी उद्योग से ज्मादा ऩैसा, ज्मादा
प्रॉफ़िटे होने की सॊबािना यहती है . न हीॊग रगे न फ़िटेकयी... जैसी कहाितं के शरए मह अप्रनतभ उदाहयण है . ऩयॊ तु प्रॉफ़िटे फ़कसे होता है मह शोध का विर्षम है .
मह शब्द सूची अधयू ी है , चफ़ूॊ क इस भाभरे भं भेया ऻान अधयू ा है . आऩसे विनती है फ़क इस शब्द
सूची को ऩूणि कयने भं भेयी भदद कयं . िैसे, क्मा
आऩको मह नहीॊ रगता फ़क इस तयह के नए नए शब्द आते यहं गे औय इस तयह मह सूची कबी बी ऩूयी नहीॊ की जा सकेगी? -----.
व्मॊग्म 4
इम्ऩोटेे ड रुऩमा? इधय भंने िह खफय ऩढ़ी, उधय भेये र्दभाग का हाजभा खयाफ हुआ. नतीजतन भेयी यातं की नीॊदं क्तडस्टेफि हो गईं औय अननद्रा, अद्धिननद्रा भं भुझे हॉरयफर, हॉर्टेॊग सऩने र्दखाई ऩड़ने रगे. सऩनं का मह शसरशसरा जायी है . इससे ऩहरे फ़क इन बमॊकय सऩनं को बुगतकय भं औय बी ज्मादा क्तडस्टेफि हो जाऊॉ, आऩको बी थोड़ा क्तडस्टेफि करूॊ अऩने सऩने सुनाकय. यॉफटेि के हाथ भं बी िही अऽफाय था. िही सणु खिमाॉ थीॊ. िह बी िही अऽफाय ऩढ़ यहा था.
खफय ऩढ़ कय उसकी बी आॊखं पटेी यह गईं. िह बी घफया गमा. अरफिा उसके घफयाने की िजह भझ ु से जद ु ा थी. िह बागा. बागकय अऩने फॉस रॉमन के ऩास ऩहुॉचा. ऩसीने से सयाफोय, हाॉपते हुए उसने रॉमन से परयमाद की – ―फॉस अफ अऩना क्मा होगा? सयकाय ने दे श भं नए नोटे
नहीॊ छऩिा सकने के कायण विदे शं से नए नोटे छऩिाकय भॊगिाने का पैसरा कय शरमा है . इस तयह तो हभाया धॊधा चौऩटे हो जाएगा. भाकेटे भं
हभाये फ्रेेश ऩरी नोटे जो असरी कटेे -पटेे , सड़ेगरे िोटें की तुरना भं ज्मादा आथंर्टेक र्दखते हं उसका तो क्तडब्फा ही गोर हो जाएगा. हभ तो कहीॊ के न यहं गे‖ रॉमन हॉसा. उसके चेहये ऩय हभेशा भौजूद यहने िारी कुर्टेरता औय फढ़ गई थी. िह फोरा –
―फेिकूि ! सयकाय ने फहुत र्दनं फाद मह एक अच्चछा काभ फ़कमा है . अबी तक हभाये ऩास सफ कुछ इम्ऩोटेे ड था. रुऩए को छोड़कय. अफ िह कभी बी ऩूयी हो जाएगी. भोना डाशरंग िाह !
भजा आ गमा. अफ तो रुऩमा बी इम्ऩोटेे ड आ गमा औय इस दे श भं कबी इम्ऩोटेे ड चीज़ं का शौक कबी खत्भ हुआ है ? अफ तो रॉमन के बफजनेस एम्ऩामय के शरए एक औय स्कोऩ शभर गमा है .‖ रुऩए के इम्ऩोटेे ड होने न होने का भेया कन्हफ्मूजन नीॊद के अगरे स्ऩैर भं तुयॊत दयू हो गमा. फाजाय भं विदे शं से छऩकय आए नए नोटें की बायी
क्तडभाॊड हो गई. शरहाजा उसकी बायी काराफाजायी शुरू हो गई. इम्ऩोटेे ड नए नोटें का फॊडर ऑन भं बफकने रगा. फ़कसी जभाने भं शसनेभा र्टेकटें की काराफाजायी जैसी होती थी िैसी इन इम्ऩोटेे ड रुऩमं की होने रगी. एक का नोटे दस भं , दस का ऩच्चचीस भं औय सौ का हजाय भं बफकने रगा. जार्हय है इस कायण इन इम्ऩोटेे ड, फर्ढ़मा, कुयकुये नोटें की क्रम शक्तक्त, दे श भं छऩे गॊदे, कटेे पटेे ,
पूहड़ नोटें की तर ु ना भं फढ़ गई. रोगं का अऩने ऩास इम्ऩोटेे ड नए नोटे यखना स्टेे टेस शसॊफर फन गमा. हाई क्रास फाय, क्रफ, रयसॉटेि इत्मार्द भं प्रिेश के शरए नए ननमभ फन गए. अफ इन स्थानं भं उन्हहीॊ रोगं को प्रिेश शभरता था जो इम्ऩोटेे ड रुऩमा रेकय आ सकते थे. दे श भं एक नमा विबाजन हो गमा. भेजॉरयटेी औय भाइनारयटेी की. भेजॉरयटेी ऩूअय क्रास जजनके ऩास ऩुयाने
नोटे थे औय भाइनारयटेी, रयच क्रास जो अऩने नए इम्ऩोटेे ड नोटें ऩय इतयाते थे.
फात इम्ऩोटेे ड रुऩमं की थी, सो रोगं का जभीय बी जाग गमा था. मे नए, विदे श से छऩकय आए नोटे नई तकनॉराजी के थे जो नॉन र्टेमये फर,
डस्टे-यस्टे-स्टेे न प्रूप होने तथा गायॊ टेीड एियफ्रेेश होने के फािजूद, कैऩेफर ऑप िेयी यप हंडशरॊग
होने के फािजूद रोगं के दर ु ाये फने यहे . रोग इन नए रुऩमं को अऩनी जान से बी ज्मादा
सॊबारकय यखने रगे. कोई आदभी उसे भोड़कय अॊटेी भं नहीॊ यखता था. कोई औयत उसे अऩनी चोरी भं ठूॊसती नहीॊ थी. कोई उस ऩय कुछ शरखता नहीॊ था. इस भाभरे भं सबी सेल्प
क्तडशसज्रन्हड हो गए थे. फंकं भं ननमभ फन गए थे फ़क इन इम्ऩोटेे ड रुऩमं को ऩॊच नहीॊ फ़कमा जाएगा, केमयरेस हंडशरॊग नहीॊ की जाएगी. थक ू ऩानी रगाकय सयि -सयि थगना नहीॊ जाएगा ताफ़क
इनका ओरयजजनर कुयकुयाऩन-नमाऩन फना यहे –
इत्मार्द, इत्मार्द. कुछ फंकं ने इन इम्ऩोटेे ड रुऩमं की गड्क्तडमं के शरए ऩाउच, ऩैकेटे ननधािरयत कय र्दए तो कुछ फंकं ने विशेर्षऻं को एॊगेज कय
शरमा इन नोटें की गड्क्तडमं के शरए एियफ्रेेश ऩैफ़कॊग ईजाद कयने के शरए.
चफ़ूॊ क नोटे छाऩने के शरए ग्रोफर टें डय जायी फ़कए गए थे औय जैसा फ़क होता ही है , ऑडिय अभयीका,
जाऩान औय जभिनी की कुछ एभएनसीज़ ने भैनेज
कय शरए थे. इम्ऩोटेे ड नोटे इन्हहीॊ दे शं की कम्ऩननमं से आते थे. जाऩान भं छऩी नोटें की क्तडभाॊड जया ज्मादा ही थी. मूॊ तो सबी नोटें का
क्तडज़ाइन एिॊ ड्राइॊग एकसाय ही था, ऩयॊ तु फ़पय बी वप्रॊटेेड इन जाऩान दे खकय रोग ज्मादा योभाॊथचत
होते थे, औय उन नोटें भं रोगं को कुछ अनतरयक्त विशेर्षताएॉ नजय आने रगती थीॊ. ऐसे नोटें को
प्राप्त कयने औय उसे खचिने का आनन्हद अरग ही आता था. रयश्वत, बं टे इत्मार्द के शरए तो जार्हय है इन्हहीॊ नए नोटें का ही प्रमोग होने रगा था. ऩय, सऩने तो शसपि सऩने ही होते हं. सऩने कोई हकीकत थोड़े ही हो जाते हं. क्मा हुआ जो सऩने के क्राइभेक्स भं भंने दे खा फ़क दे श भं छऩे हुए
रुऩए का चरन अॊतत: फन्हद हो गमा है . कोई उसे यद्दी के भोर बी नहीॊ रेता. दे श के कणिधायं, ्रानयं ने उसे अघोवर्षत रुऩ से इल्रीगर कयाय जो दे र्दमा है .
-----.
व्मॊग्म रघक ु था 5 **** प्रशशऺु : दृश्म एक -----------------डाक्टेयी की ऩढ़ाई ऩयू ी कयने के उऩयाॊत एक सार के प्रशशऺु कामि के शरए भन भं उभॊग शरए हुए उसने एक िह ृ दाकाय, प्रशसद्ध, ननजी अस्ऩतार भं अऩनी सेिा दे ना चाहा. ऩहरे ही र्दन उसकी याबिकारीन ड्मूटेी के दौयान नगय के एक प्रनतवित, सम्ऩन्हन ऩरयिाय के भुणखमा को
आकजस्भकता भं अस्ऩतार रामा गमा. भयीज को र्दर का बमॊकय दौया ऩड़ा था औय भयीज के अस्ऩतार ऩहुॉचने से ऩहरे ही मभदत ू अऩना काभ कय गए थे. उसने भयीज की नब्ज दे खी जो
भहसूस नहीॊ हुई, र्दर की धड़कनं सुनीॊ जो गामफ थीॊ औय घोवर्षत कय र्दमा फ़क भयीज को अस्ऩतार भं भत ृ अिस्था भं रामा गमा. भयीज
के सम्ऩन्हन ऩरयिाय जनं को मह खासा नागिाय ाज ु या औय उन्हहंने हल्रा भचामा फ़क भयीज का
इराज उथचत प्रकाय नहीॊ हुआ औय एक प्रशशऺु के हाथं ारत इराज से भयीज को फचामा नहीॊ जा
सका. अगरे र्दन अस्ऩतार के भाशरक-सह-प्रफॊधक ने उस प्रशशऺु को पामय कय र्दमा. *** प्रशशऺु: दृश्म दो ---------------डाक्टेयी की ऩढ़ाई ऩूयी कयने के उऩयाॊत एक सार के प्रशशऺु कामि के शरए भन भं उभॊग शरए हुए उसने एक िह ृ दाकाय, प्रशसद्ध, ननजी अस्ऩतार भं अऩनी सेिा दे ना चाहा. ऩहरे ही र्दन उसकी याबिकारीन ड्मूटेी के दौयान नगय के एक प्रनतवित, सम्ऩन्हन ऩरयिाय के भुणखमा को
अस्ऩतार रामा गमा. भयीज को र्दर का बमॊकय दौया ऩड़ा था औय भयीज के अस्ऩतार ऩहुॉचने से ऩहरे ही मभदत ू अऩना काभ कय गए थे. उसने
भयीज की नब्ज दे खी जो भहसस ू नहीॊ हुई, र्दर की धड़कनं सन ु ीॊ जो नहीॊ थी. उसका र्दभाग तेज़ी से दौड़ा. भयीज का ऩरयिाय शहय का सम्ऩन्हनतभ ऩरयिायं भं से था. उसने तयु ॊ त इभजंसी घोवर्षत
की, भयीज के भॉह ु भं ऑक्सीजन भॉस्क रगामा, दो-चाय एक्सऩट्िस को जगाकय फुरामा, भॊहगे से
भॊहगे इॊजेक्शन ठंके, ईसीजी, ईईजी, स्कैन कयिामा, इरेजक्ट्रक शॉक र्दरिामा औय अॊतत: फायह घॊटें के अथक ऩरयश्रभ के ऩश्चात ् घोवर्षत कय र्दमा फ़क बगिान की मही भजी थी.
भयीज के सम्ऩन्हन ऩरयिाय जन सुकून भं थे फ़क
डाक्टेय ने हय सॊबि फर्ढ़मा इराज फ़कमा, अभयीका से आमानतत 75 हजाय रुऩए का जीिन-दानमनी इॊजेक्शन बी रगामा, ऩय क्मा कयं बगिान की मही भजी थी. अगरे र्दन अस्ऩतार के भाशरक-सह-प्रफॊधक ने भयीज के बफर की भोटेी यकभ ऩय प्रसन्हनताऩि ि ू क ननगाह डारते हुए उसे शाफासी दी- िेर डन भाइ फॉम, मू विड डेफ़िननटेरी गो ्रेसेस. *-*-*
व्मॊग्म 6 *-*-*
ॊ ऑफ़िशशमर एियीथथग अफाउटे फ़क्रकेटे *-*-*
इससे ऩहरे भं फ़क्रकेटे दे खता सुनता नहीॊ था.
खेरना तो खैय, दयू की फात है . ऩयॊ तु जफ सुना फ़क शभमाॉ भुशयि ि फ़क्रकेटे दे खने बायत आ यहे हं तो
रगा फ़क फ़क्रकेटे भं कुछ तो होगा फ़क रोग दीिाने फने फ़पयते है . तो इस फाय दे खा. सुना था फ़क
फ़क्रकेटे इज़ ए पनी गेभ. मेऩ, इटे इज़, जंटेरभेन. सचभच ु दस ू ये फ़कसी बी खेर भं भज़े का अॊश
उतना नहीॊ यहता जजतना फ़क्रकेटे भं होता है . हॉकी, िुटेफार से रेकय जजम्नाजस्टेक, एथरेर्टेक्स –
फ़कसी बी खेर को रीजजए, उसभं खेर का भज़ा होता है . ऩयन्हतु फ़क्रकेटे भं तो भज़ा ही भज़ा होता है . भजे का खेर होता है .
फ़क्रकेटे के फाये भं भंने वऩछरे कुछ र्दनं भं तभाभ अध्ममन फ़कए, कािी कुछ दे खा, सुना औय फहसं कीॊ. याष्ट्रीम, अॊतयािष्ट्रीम, स्थानीम फ़क्रकेटे ऩि-
ऩबिकाओॊ तथा फ़क्रकेटे विशेर्षाॊकं का अध्ममन
फ़कमा, इॊटेयनेटे की फ़क्रकेटे से सम्फजन्हधत तभाभ साइटें की खाक छान डारी, टेीिी ऩय राइि भैचस े दे खे, औय साथ ही साथ ये क्तडमो ऩय आॉखं दे खा हार बी सुना. मही नहीॊ, भंने अऩने भुहल्रे भं
गरी फ़क्रकेटे बी खेरी. प्रत्मेक भैच के प्रायम्ब
होने से ऩहरे, भैच के दौयान औय भैच के फाद भैच के फाये भं विशेर्षऻं द्वाया फ़कए गए विश्लेर्षणं का गहन थचॊतन-भनन औय विश्लेर्षण फ़कमा. फ़क्रकेटे भैच की तयह मे बी खासे भज़ेदाय यहे . इस प्रकाय भेये ऩास फ़क्रकेटे के फाये भं ढे य सायी, अच्चछी खासी ज़ानकायी एकि हो गई जजनभं भेये अऩने फ़क्रकेटे के अनब ु ि बी शाशभर हं. फ़क्रकेटे के अऩने अनुबिं का गहयाई से विश्लेर्षण कयने ऩय भंने ऩामा फ़क भेये ऩास बी फ़क्रकेटे के
फाये भं फोरने फताने को कापी कुछ है . भं इससे आऩको िॊथचत नहीॊ कयना चाहता, औय चाहता हूॉ फ़क आऩ बी भौ़े का कैच ऩकड़ं औय जानं ॊ ऑिीशशमर अफाउटे फ़क्रकेटेसभथथग
फ़क्रकेटे एकभाि ऐसा खेर है , जो फ़कसी जभाने भं फहुत ऩहरे शसपि भैदानं भं खेरा जाता था. अफ गरी भोहल्रं – बीड़ बयी सड़कं से रेकय ये क्तडमो, टेीिी-प्रसायणं, ऩि-ऩबिकाओॊ के स्तम्बं-विशेर्षाॊकं, याजनीनत औय सट्टे – मानी मि-ति-सििि खेरा जाने रगा है . अफ तो फ़क्रकेटे - खेर से बी आगे जाकय फ़क्रकेटे क्तड्रोभेसी तक ऩहुॉच गमा है , जहाॉ एक दे श के सॊफॊध फ़क्रकेटे के कायण एक दस ू ये से
फनते बफगड़ते यहते हं. ऩयॊ तु फ़क्रकेटे को रेकय मे
फातं विश्व के कुछ दजिन-बय याष्ट्रं भं ही रागू है , जजनभं बायत-ऩाफ़कस्तान प्रभुख हं .
इस खेर भं शसपि हाय मा शसपि जीत ही भहत्िऩूणि होती है , खेर नहीॊ. अगय फ़कसी दे श की टेीभ हाय जाती है तो उस टेीभ के विरूद्ध उनके दे श भं धयना प्रदशिन तो होते ही हं, गाहे फगाहे धोखेफाज़ी, भ्रिाचाय औय भैच फ़िजक्सॊग के आयोऩ बी रगाए जाते हं. जाॉच की भाॊग की जाती है . टेीभ का जो सदस्म हाय का जजम्भेदाय भाना जाता है , उसका घय से ननकरना दब ू य हो जाता है , रोग उसके घय भं ऩत्थयं की फौछायं तक कयने रगते हं . भैदानं भं तो ऩत्थयफाजी आभ फात है ही. अगय टेीभ जीत जाती है तो उसे इनाभं से राद र्दमा जाता है , प्रशॊसा के ऩुर फाॉध र्दए जाते हं . ऩयॊ तु हय
दस ू ये भैच भं हाय-जीत की मह जस्थनत टेॉगर होती यहती है . मह एकभाि ऐसा खेर है , जजसके खेरने
िारं की सॊख्मा सैकड़ं भं है , राखं इसे दे खते हं औय इसके विशेर्षऻ कयोड़ं भं (मानी, रगबग हय कोई) हं. कोई बी अऩनी विशेर्षऻता ऩूणि याम दे
सकता है फ़क टेॉस का पैसरा मा ऩहरे खेरने का
पैसरा कुछ दस ू या शरमा गमा होता तो भैच का ऩरयणाभ कुछ दस ू या होता. मानी णखराड़ी की
कैऩेबफशरटेी, टेीभ की कैऩेबफशरटेी ज्मादा भामने नहीॊ यखती. फ़क्रकेटे भं भामने यखता है – टेॉस, अम्ऩामय, विकेटे, भौसभ औय सट्टा. फ़क्रकेटे के फाये भं कहा जाता है फ़क भैच की आणखयी गं द पंकी जाने तक बी भैच के बविष्म के फाये भं कुछ नहीॊ कहा जा सकता. सत्म को
क्तडिाइन कयने का इससे उथचत िाक्म हो ही नहीॊ सकता. बरे ही एक गं द फची हो औय भैच जीतने के शरए डेढ़ सौ यन फनाने हं, तफ बी कमास रगाए जाते हं, ऩूिािनुभान रगाए जाते हं औय
विश्लेर्षण फ़कमा जाता है फ़क अगय ऩानी थगय गमा मा अॉधेया हो गमा तो भैच रूक जाएगा औय मह टेीभ यन औसत के आधाय ऩय जीत सकती है . मूॊ टेीभ भं प्रत्मेक ऩऺ भं ग्मायह णखराड़ी होते हं,
ऩयॊ तु कबी कबी अम्ऩामय औय ये पयी बी फ़कसी
टेीभ की तयप से खेरने रग गए प्रतीत होते हं. फ़क्रकेटे भं कहा जाता है फ़क जजस टेीभ ने टेॉस जीत शरमा, सभझो आधा भैच जीत शरमा. ऩय अभन ू न िह फाकी का आधा भैच हाय ही जाता है .
फ़क्रकेटे एक ऐसा खेर है जजसे ऩाॉच-ऩाॉच र्दनं तक मा र्दन-र्दन बय खेरने के फजाए उसे दे खने भं ज्मादा आनॊद आता है . हाथं भं थच्स का ऩैकेटे हो औय टेीिी ऩय फ़क्रकेटे का भैच तो फ़पय काउच ऩोटेै टेो के आनॊद के क्मा कहने. ऩयॊ तु उससे बी
ज्मादा भज़ा भैच की चचाि, उस ऩय विचाय, उसके विश्लेर्षणं औय आॉकड़ं ऩय अनियत फहसं भं आता है फ़क कौन सी टेीभ कैसा खेरी, फ़कस णखराड़ी ने फ़कतने-कैसे चव्िे भाये , फ़कसने फ़कतने कैच टेऩकाए इत्मार्द – इत्मार्द. ॊ ‘. आऩके ऩास बी तो तो, मे था भेया ‗सभथथग फ़क्रकेटे की जभाऩॉज ू ी होगी इस फाये भं . तो फ़पय ॊ शीघ्र फताइए ताफ़क उन्हहं बी ‗एियीथथग
ऑफ़िशशमर अफाउटे फ़क्रकेटे‘ भं शाशभर फ़कमा जा सके. ----.
हास्म-व्मॊग्म 7 झगड़ा चैनर का **-** हो सकता है फ़क आऩके घय भं इस फात ऩय कोहयाभ भचता हो फ़क टेीिी ऩय फ़कस सभम कौन-सा प्रोग्राभ रगामा जाए. कायण, बाई जी को एभटेीिी-पैशन टेीिी दे खना होता है तो फहन जी साॊता फायफया - क्मंफ़क सास बी... जैसे कामिक्रभं की दीिानी होती हं. फच्चचे केफीसी-2, अॊताऺयी औय डाॊस-डाॊस की कोई कड़ी छोड़ना नहीॊ चाहते. आऩको हय आधे घॊटेे ऩय सभाचाय अऩडेट्स दे खना अत्मॊत जरूयी रगता है . ऊऩय से फ़क्रकेटे का शभमादी फख ु ाय तो यहता ही है . घय भं टेीिी एक, दे खने िारे कई. हय एक की अऩनी ऩसॊद. एक ही सभम भं कई-कई चैनरं भं
आने िारे कई-कई ऩसॊदीदा कामिक्रभ. सॊबि है फ़क प्राम् फ़कसी एक सभम एक चैनर ऩय अॊताऺयी
का पाइनर याउॊ ड चर यहा हो औय दस ू ये ऩय
एभटेीिी का पाइनर काउॊ टे डाउन. फ़कसी औय चैनर ऩय फ़क्रकेटे का पाइनर भैच र्दखामा जा यहा हो, तो फ़कसी अन्हम चैनर ऩय िावर्षिक व्मॊजन प्रनतमोथगता का ऩरयणाभ र्दखामा जा यहा हो. फ़पय घय भं हय एक को दस ू ये का ऩसॊदीदा
कामिक्रभ ननहामत ही घर्टेमा, उफाऊ, ननयथिक औय इसी प्रकाय न जाने क्मा क्मा रगता है . शरहाजा िे अऩने ऩसॊदीदा कामिक्रभ को ही दे खने औय दस ू यं को र्दखाने की जग ु ाड़ भं रगे हुए यहते हं. जार्हय है , ऐसी ऩरयजस्थनतमं भं आऩके घयं भं मदा कदा भहासभय बी तो होता ही होगा. ऩयन्हतु कुछ रोग भेयी तयह के बी होते हंगे,
जजन्हहं टेीिी के हय कामिक्रभ भं आनॊद आता है . अॊताऺयी बी अच्चछी रगती है औय यसोई शो बी. फ़पल्भी जक्िज भं बी भजा आता है औय
डाक्मूभंट्री भं बी. डेरी सीरयमर भं तो दै ननक
अऽफाय की तयह का एक्तडक्शन है . फ़पल्भ फेस्ड कामिक्रभ औय फ़पल्भं की तो फात ही क्मा है ! फ़क्रकेटे, काय ये शसॊग, फॉजक्सॊग के थिर का भजा टेीिी के अरािा कहीॊ नहीॊ है . अफ ऐसी जस्थनत भं
र्दभाग के बीतय भहासभय होता यहता है फ़क कौन-सा प्रोग्राभ दे खं औय कौन सा छोड़ं – क्मंफ़क सबी सारे प्राइभ टेाइभ भं ही, ऩता नहीॊ क्मं र्दखाते हं. जफ एक चैनर ऩय फ़कसी ऩसॊदीदा डेरी सीरयमर का भहत्िऩूणि एवऩसोड चर यहा होता है , उसी
सभम, पॉभर ूि ा िन काय ये शसॊग का िाइनर याउॊ ड फ़कसी दस ू ये चैनर ऩय र्दखामा जा यहा होता है .
दोनं ही कामिक्रभ अऩने को फहुत ऩसॊद हं . ऩय दोनं कामिक्रभं को एक साथ तो नहीॊ दे ख सकते. फहुत हुआ तो नई तकनीक िारी वऩऩ (वऩक्चय इन वऩक्चय) टेीिी मा डफर विजन टेीिी राई जा सकती है , ऩयॊ तु आिाज तो फ़कसी एक चैनर की ही सुननी ऩड़ेगी. फ़पय मह बी तो होता है फ़क
फ़कसी तीसये -चौथे चैनर ऩय फ़कसी सूयत न छोड़ने रामक ऩसॊदीदा कामिक्रभ चर यहा हो.
कबी ऐसा बी होता है फ़क फ़कसी चैनर ऩय अशभताब फच्चचन औय यानी भुऽजी की फ़िल्भ
ब्रैक को दे खते यह गए मा फ़क्रकेटे भैच भं पॊस कय यह गए तो ऩता चरता है फ़क ऩाॉच-सात ऩसॊदीदा कामिक्रभ विशबन्हन चैनरं भं आए, आकय
चरे बी गए औय हभ हाथ भरते यह गए. प्राइभ टेाइभ का तो औय बी योना है . प्रनतर्दन प्राइभ टेाइभ ऩय विशबन्हन चैनरं भं एक से एक अच्चछे कामिक्रभ र्दखाए जाते हं . जार्हय है , फ़कसी बी चैनर का प्राइभ टेाइभ का कोई बी कामिक्रभ फ़कसी के शरए बी छोड़ा जाने रामक नहीॊ यहता. सबी कामिक्रभं को दे खना टेीिी चैनरं-प्रोड्मूसयं के शरए तो जरूयी है ही – दशिकं के शरए बी आिश्मक हं. ऩय एक साथ इतने साये अच्चछे कामिक्रभं को कोई कैसे दे ख सकता है . इसका कोई हर तत्कार ननकारा जाना चार्हए. फ़कसी ने इस सभस्मा का हर ऐसे सझ ु ामा – दोचाय टेीिी सेटे रे आओ औय िीसीआय / िीसीडी
मा कॊ्मटे ू य की हाडि-क्तडस्क भं इन्हहं ये कॉडि कय रो. फ़पय भजे भं अऩने प्रोग्राभ फाद भं , पुयसत भं
दे खो. इससे आऩका ऩसॊदीदा कोई प्रोग्राभ छूटेे गा
नहीॊ. ऩय, तफ बाई, आणखय र्दन भं चौफीस ही तो घॊटेे होते हं ना! भेये जैसे सबी चैनरं के सबी कामिक्रभं के दीिानं के शरए तो मह आइक्तडमा बी पेर है ! ऊऩय से, हय भहीने-दो-भहीने भं एक नमा चैनर औय चरा आता है – ढे य साये नए, भजेदाय
कामिक्रभं को रेकय. जार्हय है , क्मा दे खं-क्मा न दे खं का झगड़ा तो फढ़ता ही यहे गा. आऩके घय भं बी औय भेये भन भं बी. -----
व्मॊग्म्8 *-*-*
आइए, ये स भं शाशभर हो जाएॊ… //*// अपसय अफ तक मा तो भ्रि होते थे मा ईभानदाय होते थे. आगे-ऩीछे , इधय-उधय मा फीच की कोई सीभा नहीॊ होती थी. ऩयॊ तु अफ भ्रिता की बी
सीभाएॊ फाॊधीॊ जा यही हं. उसे बी केटेे गयाइज़ फ़कमा जा यहा है . रेिर फनामा जा यहा है – कभ भ्रि, साधायण भ्रि, अथधक भ्रि औय सफसे ज्मादा भ्रि. रगता है अफ हय ऺेि भं सीभाएॊ टेूटेने औय हदं
ऩाय कयने का सभम आ गमा है . औय फ़कसी फात की कोई गायॊ टेी नहीॊ फ़क भाभरा कहाॉ तक जा सकता है . ताज़ा उदाहयण है – मू.ऩी. भं अपसयं का अऩने फीच भं से तीन सफसे ज्मादा भ्रि अपसयं का चन ु ाि फ़कमा जाना. आऩके खमार से सफसे ज्मादा भ्रि अपसय का
चन ु ाि कयने के शरए क्मा अहि ताएॊ अॊफ़कत की गई हंगी? क्मा िह सफसे ज्मादा भ्रि भाना जाएगा
जजसने सफसे ज्मादा योकड़ा भ्रि तयीके से कभामा
मा िह जजसने भ्रिाचाय के सफसे ज्मादा, सफसे नामाफ तयीके अऩनाए? मा मह ताज उसे ऩहनामा जाएगा जजसने सफसे कभ उम्र मा अऩनी सेिा के ननम्नतभ सभम भं ये कॉडि, सफसे ज्मादा भ्रिाचाय फ़कए हं? मा फ़पय सफसे ज्मादा भ्रि अपसय का दािेदाय उसे भाना जाएगा जजसने हय सॊबिअसॊबि तयीकं से भ्रिाचाय फ़कए हं? िैस,े महाॉ सॊबािनाएॉ अनॊत हं. जैस,े इस भाभरे भं कुछ अच्चछे ऩाइन्हटे उन्हहं बी दे ना क्मा उथचत नहीॊ होगा जजन्हहंने भ्रिाचाय के नए-नए तयीके ईजाद
फ़कए हंगे? इन्हहं बी भहाभ्रिं की केटेे गयी भं रेना उथचत नहीॊ होगा क्मा जजन्हहंने अऩने फाऩ औय फेटें को बी नहीॊ फक्शा ? इस भाभरे भं सॊबित् उनकी थगनती फ़पसड्क्तडमं भं होगी जो भॉडये टे होते हं औय फ़कसी काभ को फड़े यीजनेफर रेन-दे न भं ननऩटेाते हं तथा अऩनी प्राइज़ कबी फ़िक्स नहीॊ
कयते. शभरा तो ठीक, नहीॊ शभरा तो ठीक की याह ऩय चरते हं. दस ू यी ओय जो हयथगज सभझौतािादी नहीॊ होते, हय भाभरे भं अऩाय सॊबािनाएॉ ढूॊढते हं तथा अऩनी
प्राइज कबी डाउन नहीॊ कयते ऐसे अपसयं की थगनती टेॉऩ भं ही होगी औय हो सकता है फ़क थोड़े, भाभूरी, दार भं नभक के फयाफय भ्रिाचाय
कयने िारं को इस ये स भं शाशभर ही नहीॊ भाना जाए? दस ू ये शब्दं भं इस तयह उन्हहं ईभानदायी का रेफर शभर जाए?
अफ तक गयीफ गुयफे अऩनी सभस्माओॊ-शशकामतं का सभाधान ढूॊढने के शरए ईभानदाय अपसयं की ओय ताकते थे. अफ शामद मह उम्भीद सफसे कभ भ्रि अपसयं भं से खोजनी होगी. अऩनी सभस्माओॊ को रेकय ऐसे अपसयं की तराश कयनी होगी जो अपसयं के कुनफे भं सफसे कभ
भ्रि हं. जार्हय है अऩनी सभस्मा का कभ खचीरा हर कभ भ्रि अपसय के ऩास ही तो होगा. ज्मादा भ्रि अपसय के ऩास जाने से ऩयसंटेेज बी ज्मादा दे ना होगा औय काभ होने की गायॊ टेी बी कभ ही
होगी. हो सकता है भहाभ्रि िह होता हो जो ऩैसा बी खा रे औय काभ बी न कये . अफ तक अिसयं की ईभानदायी के चचे चरते थे. साभाजजक उदाहयणं भं नाभ थगनामा जाता था.
औय अफ भ्रि अपसयं के चचे चरं गे- जैस,े इस सार का सफसे भ्रि अपसय ऐसा है औय उस सार का सफसे भ्रि अपसय िैसा है . इनके फ़कस्से कहानी रोग चटेखाये रेकय सुनंगे-सुनाएॊगे, उद्धयणं भं र्दए जाएॊगे फ़क कैसे उन्हहंने फ़कसी भद का
साया ऩैसा हजभ फ़कमा औय साप फच ननकरे मा कैसे उन्हहंने अऩने-अऩनं को ढे यं िामदा ऩहुॉचामा औय कैसे िे गद ु ड़ी के रार से कयोड़ऩनत-अयफऩनत यातं यात फन गए.
जहाॉ तक भ्रि होने का सिार है , हय अपसय दस ू ये फ़कसी बी अपसय को अऩने से ज्मादा भ्रि
सभझता है . इस भाभरे भं उसे अऩनी थारी के ऩेड़-े ऩकिानं भं िह भजा र्दखाई नहीॊ दे ता औय साभने िारे की थारी की दार बी उसे काजू-कयी जैसा आबास दे ती है . औय जहाॉ तक ईभानदायी का सिार है , जस्थनत ठीक इसके विऩयीत है . अपसय चाहे जजतना भ्रि हो, अऩने आऩ को
हरयश्चॊद्र का अिताय भानता है औय मह फात, फातफात भं साबफत कयने की ऩुयजोय कोशशश कयता यहता है .
चॉ फ़ू क, हय चीज़ की सीभाएॉ टेूटे यही हं , फ़कसी र्दन,
सॊबि है , सफसे ज्मादा भ्रि होना बी स्टेे टेस शसॊफर फन जाए. तो फ़पय फात शसपि चनु नॊदा अपसयं तक ही क्मं
सीशभत यहे ? चाहे जजस ऺेि भं हभ हं , आइए, अऩन बी ये स रगाएॉ?
व्मॊग्म 9 एनीटेाइभ भनी --.-भनुष्म सुविधा बोगी होता जा यहा है . अऩनी
सुविधाओॊ के शरए िह ननयॊ तय ईजाद ऩय ईजाद
फ़कए जा यहा है . भेये फंक से भुझे ्राजस्टेक का एक काडि शभरा है जजसभं मह सुविधा दी गई है
फ़क एटेीएभ भशीन से भं फ़कसी बी सभम फ़कसी बी शहय से ऩैसा ननकार सकता हूॉ. मही नहीॊ फड़े फड़े शहयं के भल्टेी्रैक्सेस औय शॉवऩॊग भार भं एटेीएभ काडि के जरयए भं फगैय ऩैसे के बी तभाभ खयीदायी कय सकता हूॉ. मे फातं जानकय तो भं फड़ा ही प्रसन्हन हुआ. मे फात दीगय है फ़क भेयी
प्रसन्हनता उस सभम हिा हो गई जफ भझ ु े फतामा गमा फ़क ऩैसा आऩ अऩने ही खाते से ननकार
सकते हं औय उतना ही ननकार सकते हं जजतना आऩके खाते भं जभा है .
अफ तो हारात मह हं फ़क जगह-जगह चौयाहे चौयाहे ऩय एटेीएभ भशीनं रग गई हं. उनके दयिाज़े ऩय औय काॉच के ऩैनर के बीतय स्क्रीन ऩय जगभगाते यॊ गबफयॊ गे एरईडी आऩको हय ऺण रुबाते यहते है फ़क आओ बाई आओ अऩने खाते से ऩैसा ननकारो. भं ऩैसा उगरने के शरए तैमाय
फैठा हूॉ. भेया उऩमोग कयो. र्दन हो मा यात. सफ ु हसफ ु ह आऩ सैय के शरए, जया सी, भट्ठ ु ी बय ताज़ी हिा खाने के शरए ननकरे हं. यास्ते भं एटेीएभ भशीन की सदा चारू यहने िारी जगभगाती
जरती फझ ु ती राइटें आऩका स्िागत कयती हं-
सफ ु ह-सफ ु ह ऩैसे रे रो बाई. ज़रूयत नहीॊ है तो ज़रूयत ऩैदा कय रो बाई. औय खाते भं अगय
ऩैसा नहीॊ है तो उधाय रे रो, ऋण रे रो बाई. उधाय-ऋण रेने भं शयभ आती है तो कभाओ बाई. भशीन की तयह चौफीस घॊटेे काभ कयो, काभ कय कभाओ, कभा कय एटेीएभ भशीन से ऩैसा ननकारो औय खचि कयो.
धभिऩशिमं की आदतं होती हं- िैसे ऩशिमं की आदतं प्राम् एक सी ही होती हं - बरे ही िे धभि की हो मा अधभि की - आऩात कार के शरए,
अटेके-पटेके के शरए कुछ रुऩमे - कुछ हज़ाय
रुऩमे औय कुछ भाभरं भं कुछ राख रुऩमे - घय के फ़कन्हहीॊ कोने काने भं , ट्रॊ क के फ़कसी दयाय भं
औय आरभायी के फ़कसी छुऩे खॊड भं फचा-नछऩा-
जभा-कय यखती हं - कफ जाने फ़कसी यात दो फजे ज़रूयत ऩड़ जाए. भुए एटेीएभ ने उनका पॊडा
खयाफ कय के यख र्दमा है . अफ अगय यात दो फजे बी आऩको ऩैसा चार्हए तो आऩके भह ु ल्रे का
एटेीएभ आऩकी सेिा भं हाजजय है . फ़कसी खयाफ सभम के शरए ऩैसे छुऩाकय अऩने घय भं यखने
की कतई जरूयत नहीॊ. कहाॉ चोय-डाकुओॊ की थचॊता
ऩारे फैठे यहते थे घय भं ऩैसे नछऩाकय. अफ आऩके ऩैसे की थचॊता कयं फंक िारे. औय, अफ तो आऩ फ़कसी बी दस ू ये फंक के एटेीएभ से बी ऩैसा
ननकार सकते हं. है न कभार की फात. रेफ़कन भेयी भोटेी फुवद्ध भं मह सभझ नहीॊ आता फ़क जफ भं अऩना ऩास फुक रेकय दस ू यी फंक भं जाता हूॉ तो िहाॉ का फाफू ऩैसा दे ने से भना कय दे ता है .
ऩयॊ तु दस ू ये फंक का एटेीएभ धड़ाधड़ तड़ातड़ ऩैसे
क्मं पंक दे ता है - फस उसभं एटेीएभ काडि पॉसाने की दे यी होती है .
फंकं तो धड़ाधड़ सफको एटेीएभ काडि जायी फ़कमे जा यही हं. ऐसा प्रतीत होता है फ़क फंको को बी रगने रगा है फ़क उनके ऩास ऩैसा जभा यहे गा तो उनके महाॉ बी कोई चोयी डकैती हो जाएगी शरहाज़ा िे बी सफको एटेीएभ के जरयए साया ऩैसा ननकार रेने के शरए सफको काडि जायी कय यहे हं औय हय गरी भह ु ल्रे भं एटेीएभ भशीनं बफठाए जा यहे हं. भेया एक शभि जया कॊजयिेर्टेि फ़कस्भ का है . उसके ऩास बी एटेीएभ काडि है . उस शभि ने कबी अऩने एटेीएभ काडि का इस्तेभार नहीॊ फ़कमा. ऩछ ू ने ऩय फताता है फ़क ऐसा कोई आइन्हदा इयादा बी नहीॊ है . कुये दने ऩय फोरता है फ़क बई, एक तो, उसे सभझ भं नहीॊ आता फ़क फटेन को
दफाकय मा स्क्रीन को छूकय फ़कस तयह से भशीन अऩने खाते का ऩैसा अऩने आऩ दे ती होगी.
दस ू या, जफ उसका इनसानं ऩय ही बयोसा नहीॊ है
तो उसके द्वाया ईजाद की गई भशीन ऩय कैसे हो. दयअसर उसने कहीॊ सुन यखा था फ़क फ़कसी फन्हदे
ने जफ एटेीएभ काडि से ऩैसा ननकारने की कोशशश की तो उसी सभम राइटे गुर हो गई. उसका
ऩैसा भशीन के अॊदय ही यह गमा औय उस फेचाये को अऩना ऩैसा िाऩस ऩाने के शरए भहीनं फंक
के चक्कय रगाने ऩड़े औय दजिनं अपसयं को अऩना दख ु ड़ा सुनाना ऩड़ा तफ कहीॊ जाकय उसका काभ फना. ऊऩय से जफ राइटे चरी गई थी, तो
एटेीएभ का दयिाजे का इरेक्ट्राननक तारा जाभ हो गमा औय िह अॊदय पॊसा थचल्राता यहा घॊटें. ऩय कोई कुछ नहीॊ कय सका जफ तक फ़क राइटे फ़पय से घॊटें फाद नहीॊ आई. औय, हभाये इधय तो जफ चाहे तफ राइटे चरी जाती है - राइटे का कोई र्ठकाना है क्मा? भेया एक अन्हम शभि जो फ़क जया ज्मादा ही आधनु नक फ़कस्भ का है , अऩने एटेीएभ का धड़ाधड़ इस्तेभार कयता था. उसने अऩने जिान होते ऩुि को अऩना एटेीएभ काडि दे यखा था औय उसका
ऩुि ही घय खचि के शरए ऩैसे ननकारता था. िह फड़े गिि से सफको फताता फ़क उसका फेटेा इतना
एडिाॊस्ड है फ़क एटेीएभ से ऩैसे ननकार रेता है .
एक र्दन उसका एडिाॊस्ड फेटेा एटेीएभ काडि रेकय, साथ भं अऩनी दोस्त को रेकय पयाय हो गमा. उसे भारूभ जो था फ़क फाऩ के खाते भं फहुत भार है . ऩयॊ तु उस एडिाॊस्ड फेटेे को मह ऩता नहीॊ था फ़क एटेीएभ उससे बी एडिाॊस्ड है . जजस शहय
भं िह बाग कय ऩॉहुचा था, उसने ऩहरी ही दपा
एटेीएभ से ऩैसा ननकारा, ओय इधय ऩता चर गमा फ़क िह फ़कस शहय भं फ़कस स्थान से ऩैसे ननकार यहा है . आधे घॊटेे भं ऩुशरस ने उसे ऩकड़ शरमा औय सीधे घय िाऩसी के शरए गाड़ी भं बफठा
र्दमा. शरहाजा, अगय आऩके घय भं जिान होते फच्चचे हं, तो एटेीएभ आऩके शरए - इस दस ू ये तयीके से बी फड़ा पामदे भॊद है .
एक िाकमा औय भेयी जानकायी भं आमा है . औय जफ से भुझे मह ऩता चरा है , भं फगैय एटेीएभ
काडि अऩनी जेफ भं यखे कहीॊ फाहय नहीॊ जाता. एक व्मक्तक्त का र्दभाग अचानक खयाफ हो गमा औय िह अऩना होशो हिास खो फैठा. िह अऩना नाभ ऩता बूर गमा. तराशी री गई तो उसकी जेफ भं एटेीएभ काडि ननकरा. उसके मूनीक
आइडंर्टेफ़िकेशन नॊफय के जरयए उसका अता ऩता तत्कार चर गमा औय उसे उसके घय िारं के
सुऩुदि कय र्दमा गमा. धन्हम है एटेीएभ. एनी टेाइभ
भनी से बी कहीॊ ज्मादा है इसकी उऩमोथगता. अफ तो भं जजधय से ननकरता हूॉ, उधय एटेीएभ भशीन दे खकय हाथ जोड़कय नभन कयता हूॉ जैसे रोग
धभिस्थरं को दे ख नभन कयते हं . औय, मह तो आधनु नक मुग का िास्तविक धभि स्थर तो है ही – हय सभम आऩको ऩैसा रूऩी आशीिािद दे ने को हाजजय! /*/*/
*********. व्मॊग्म 10 *-*-*
सफसे सपेद ! कुछ र्दनं से भं भ्रशभत सा हो गमा हूॉ. भझ ु े सभझ भं नहीॊ आता फ़क भेयी ़भीज़ औय भेयी फीफी की साड़ी सफसे सपेद धर ु ी है मा अबी उसभं कुछ धर ु ना फाकी है ? भेयी ़भीज़ औय भेयी फीिी की साड़ी की सपेदी, क्रभश् भेये ऩड़ोसी की
़भीज़ औय ऩड़ोशसन की साड़ी से ज्मादा सपेद है मा कभ ? जजतना ज्मादा भं इस फाये भं सोचता हूॉ, उतना ज्मादा गड़फड़ होता जाता है . एक जभाना था जफ साधायण, शेय छाऩ रोकर भेड साफुन के फट्टे से मा फ़पय कऩड़े धोने के सोडे
से अऩने कऩड़े धो कय हभ उसकी सपेदी से सॊतुि हो रेते थे. मदा कदा नीर औय र्टेनोऩार का
इस्तेभार बी कय रेते थे. तफ हभं अऩनी ़भीज़ की सपेदी औय अऩने ऩड़ोसी की ़भीज़ की सपेदी भं अॊतय र्दखाई नहीॊ दे ता था. ऩयॊ तु अफ
हारात मह हं फ़क भझ ु े अऩनी धर ु ी हुई ़भीज़ की
सपेदी की तुरना कयने के शरए फ़कसी ऩड़ोसी की ़भीज़ की ओय ताकना नहीॊ ऩड़ता. फाजाय भं
ऐसा क्तडटेजंटे भौजूद है जो धर ु े कऩड़ं भं से बी
भैर ननकार दे ता है . अफ भं अऩनी धर ु ी ़भीज़ को फाय-फाय धोकय, धर ु ी ़भीज़ से फाय-फाय भैर ननकार कय भनतभ्रभ का शशकाय होते यहता हूॉ.
अफ, जफ बी भं फाजाय भं नमा, ताजा तयीन ऩेश फ़कमा गमा ‗डटेि ईटेय‘ फ़़स्भ का ऩॉियिुर क्तडटेजंटे ऩाउडय मा क्तडटेजंटे केक राकय उससे अऩनी
़भीज़ धोकय ऩहनता हूॉ, औय उसकी सपेदी ऩय गिि कयता हूॉ, दस ू ये र्दन टेीिी औय अऽफायं के द्वाया ऩता चरता है फ़क फाजाय भं उस डटेि ईटेय फ़कस्भ के ऩॉियिुर क्तडटेजंटे से बी ज्मादा
ऩाियिुर डटेि फस्टेय फ़़स्भ का क्तडटेजंटे आ गमा है जो अफ तक की सफसे सपेद धर ु ाई कयता है .
जार्हय है , जजस धर ु ी ़भीज़ की सपेदी ऩय भं गिि कय यहा होता हूॉ, उसकी सपेदी धस ू य, भटेभैरी प्रतीत होने रगती है औय उस सपेदी ऩय भुझे
शभि आने रगती है . अऩनी इस शभि को धोने के शरए भं ऩुन् फाजाय की ओय दौड़ ऩड़ता हूॉ उस नए सऩ ु य डटेि फस्टेय फ़़स्भ के ऩॉियिुर क्तडटेजंटे
को खयीदने औय खयीद कय अऩनी ़भीज़ को धोने के शरए. इस ताजातयीन सुऩय ऩॉियिुर क्तडटेजंटे की सपेदी की चभकाय कुछे क र्दन ही र्टेक ऩाती है फ़क
फाजाय भं फ़कसी औय कम्ऩनी का नमा क्तडटेजंटे फ़पय चरा आता है – ऩुयाने सबी क्तडटेजंटें के दािं की धजज्जमाॉ उड़ाता हुआ. शरहाजा भेयी ़भीज़ आज तक अऩनी सॊऩूणि सपेदी मानी एब्सल्मूटे व्हाइटेनेस को प्राप्त नहीॊ कय ऩाई है .
फात शसपि सपेदी की यहती तो हभ बी सॊति ु हो रेते अऩने एक दयू स्थ ऩड़ोसी की तयह जो अऩने
थोड़े फहुत भैरे कुचैरे कऩड़ं को क्रीभी-धस ू य मा ऑप व्हाइटे कह कय सॊति ु हो रेता है . ऩयॊ तु महाॉ तो औय बी फातं हं भ्रशभत कयने को. कबी फ़कसी क्तडटेजंटे का हया, ऩीरा, नीरा मा सपेद यॊ ग आकवर्षित कयता है , तो कबी उसकी नीॊफू, सॊतये मा गुराफ की खश ु फू. इन यॊ गं औय खश ु फुओॊ का बरे ही ़भीज़ की सिेदी औय क्तडटेजंटे ऩाउडय के
ऩॉिय से सॊफॊध न हो, तो बी फ़कसी र्दन, फ़कसी की ़भीज़ से आ यही गुराफ की मा केिड़े की खश ु फू
भुझे उस ब्राॊड का क्तडटेजंटे खयीदने को फाध्म कय
दे ती है . भुझे भ्रशभत कयने के शरए भेया ऩीछा भेयी ़भीज़ धोने िारे बी नहीॊ छोड़ते. जफ भेयी फीफी कऩड़े धोती थी, तो उसे भेयी ़भीज़ की सपेदी के फजाए अऩने कोभर हाथं की कोभरता की थचॊता ज्मादा सताती थी. नतीजतन भेयी ़भीज़ अकसय भैरी ही यह जाती थी. ऊऩय से िह क्तडटेजंटें को जी बय कोसती थी फ़क उसके प्रमोग से उसका कोभर कय कठोय होने रगा है . उसकी हभेशा ऐसी क्तडभाॊड यहती थी फ़क तुभ ऐसा क्तडटेजंटे राओ जो बरे ही सपेदी न दे , भेया हाथ तो खयाफ न
कये . इस सभस्मा से ऩीछा छुड़ाने कऩड़े धोने के
शरए एक फाई की व्मिस्था की गई. उसके शरए सभम भहत्िऩूणि था. उसे तभाभ औय घयं के कऩड़े धोने जो होते थे. शरहाजा, दो शभनटे भं
कऩड़े धर ु जाएॉ, ऐसे सुऩय-डुऩय ऩॉियपुर क्तडटेजंटे की भाॊग िह कयती यहती थी औय अकसय, उसके धर ु े कऩड़ं भं भैर तो क्मा, क्तडटेजंटे ही ठीक से धर ु नहीॊ ऩाता था.
इसका बी हर ढूॊढने की कोशशश की गई. घय भं
ॊ भशीन स्थावऩत फ़कमा कऩड़े धोने के शरए िाशशग
गमा. उसके इॊस्ट्रक्शन भैनुअर भं ही शरखा था फ़क अभुक ब्राॊड के अभुक प्रकाय के क्तडटेजंटे ही
ॊ भशीन भं फर्ढ़मा ऩरयणाभ दं गे. औय, अगय िाशशग फ़कसी दस ू ये तयह का क्तडटेजंटे इस्तेभार फ़कमा गमा तो भशीन खयाफ हो सकता है औय ऐसे भं कॊऩनी
की कोई गायॊ टेी नहीॊ होगी. इस हादसे से उफय ही यहे थे फ़क फाजाय भं एक औय नमा क्तडटेजंटे आ गमा जो हाथ से कऩड़े धोने की सराह दे ता है औय मह बी सराह दे ता है फ़क अगय आऩके ऩास ॊ भशीन है तो उसे पंक दो. िाशशग
बरा फताइए, अफ आदभी अऩने कऩड़े धोए तो धोए फ़कस तयह ? *************. *-*-*
व्मॊग्म11 */*/*
आऩका बफजनेस क्मा है? ---*--जफ दो अऩरयथचत, सभझदाय औयतं आऩस भं ऩहरी-ऩहरी फाय शभरती हं, तो एक-दस ू ये के कुतीसरिाय-साड़ी का यॊ ग, अॊगठ ू ी की क्तडज़ाइन औय नेकरेस के िज़न के फाये भं फात कयने से बी
ऩहरे िे मह जानने के शरए उतािरी यहती हं फ़क उनके ऩनतदे ि क्मा कयते हं. कुछ इधय उधय की भहत्िहीन फातं कयने के तत्कार फाद जैसे ही उन्हहं सभम शभरता है , िे सिार दाग दे ती हं‗आऩके शभस्टेय का बफजनेस क्मा है ?‘ मह सिार राख टेके का होता है फ़क फ़कसी के शभस्टेय का बफजनेस क्मा होता है . अफ अगय उन दोनं के शभस्टेयं के बफजनेस भं जभीन-आसभान जजतना ि़ि नहीॊ है तफ तो ठीक है . दस ू ये शब्दं भं , जफ एक का शभस्टेय चऩयासी
स्तय का औय दस ू ये का शभस्टेय अपसय स्तय का
नहीॊ होता है , तो फ़पय फहुत शीघ्र िे एक दस ू ये के बफजनेस मानी साड़ी औय सूटे के कऩड़ं भं , उनको
फेचने िारे दक ु ानदायं औय शसरने िारे दजजिमं भं बी र्दरचस्ऩी रेने रगती हं औय फातं का
शसरशसरा चर ननकरता है . ऐसे भं , एक दस ू ये की साड़ी के यॊ ग, अॊगूठी की क्तडज़ाइन औय नेकरेस के
िज़न इत्मार्द-इत्मार्द ऩय चचाि हो जाने के उऩयाॊत बी चचाि के विर्षम खत्भ नहीॊ होते. िे गॊबीयतभ रूऩ से, अॊतयॊ गता से, फातचीत भं बफजी हो जाती हं औय सभम चक्र के फॊधन से बी ऩये हो जाती हं. उनका दे श कार का फोध फातचीत के दौयान खत्भ हो जाता है . इसके ठीक विऩयीत अगय दोनं के शभस्टेयं के बफजनेस भं जभीन-आसभान का अॊतय होता है तफ तो भाभरा फेकाय हो जाता है . दस ू ये शब्दं भं ,
अगय एक का शभस्टेय भोहल्रे के दजी स्तय का
औय दस ू ये का शभस्टेय नाभी पैशन क्तडज़ाइनय स्तय का है तो फ़पय उनकी फातचीत शुरुआती दौय से आगे नहीॊ फढ़ती. फ़पय िे अऩनी साड़ी के यॊ ग,
अॊगूठी के क्तडज़ाइन नेकरेस के िज़न भं आऩस भं तर ु ना कयने रामक तत्ि ढूॊढ ही नहीॊ ऩातीॊ. औय,
ऐसे भं अकसय िे एक दस ू ये की ऩसॊद को भन ही भन पूहड़ कयाय दे ते हुए अऩनी फातचीत भं ब्रेक रगा रेते हं. िैसे बी हाई-क्रास के रोग रो-
क्रास के रोगं के भॉह ु रगते हं क्मा? हाई-क्रास
के रोग तो फस, यै थगॊग रेते फ़पयते हं. मह शसद्धाॊत, फदरे हारातं भं , महाॉ तक फ़क तफ बी रागू होगा जफ दनु नमा भं शसपि औय शसपि दो ही भर्हराएॉ फची हं आऩस भं फोरने फनतमाने को.
िैस,े बफजनेस के भाभरे भं ऩुरुर्षं के यॊ ग जुदा नहीॊ हं. दो अऩरयथचत ऩुरूर्ष जफ एक दस ू ये के ‗नाभ‘ से ऩरयथचत हो जाते हं तो फ़पय िे सििप्रथभ एक
दस ू ये के ‗काभ‘ मानी बफजनेस के फाये भं जाननेफूझने को फेताफ यहते हं. फेताफी के मे कायण
साभने िारे के जूते का ब्राॊड, सूटे का कऩड़ा, औय
कराई घड़ी-सेरपोन के भॉडर नहीॊ होते हं . फजल्क फहुत से अन्हम कायण होते हं. सफसे ऩहरा भहत्िऩूणि कायण तो मह होता है फ़क आदभी मह
जानना चाहता है फ़क साभने िारा भहीने-सार भं फ़कतना कभाता खाता है . कभाई के आधाय ऩय उसकी फ़कतनी ऩॉिय-ऩोज़ीशन है . िैसे बी, फ़कसी आदभी की कभाई-धभाई से उसके शरफास – उसके
जूते के ब्राॊड, सूटे का कऩड़ा औय कराई घड़ी के
भॉडर से कोई रेना दे ना नहीॊ होता. कोई धन्हना सेठ कयोड़ऩनत व्माऩायी – चभयंधे जूते, तेशरमा चीकटे धोती , भैरा फॉस्केटे औय चाबी िारी
ऩुयानी हाथ घड़ी ऩहन कय भहफ़िरं भं अऩनी ठसक चार का सम्भोहन बफखेय सकता है तो
फ़कसी ऑफ़िस फॉम को अऩने चभकदाय यीफॉक जत ू ,े अयभानी सटे ू औय ऑभेगा घड़ी ऩहनने के
फाद बी थोड़ी शभि औय णझझक भहसस ू हो सकती है – फ़क उसने औय बी भॊहगे भॉडर के जत ू े मा
औय बी रेटेेस्टे पैशन के कऩड़े क्मं नहीॊ ऩहने? दस ू या खास कायण मह होता है फ़क हय दस ू या व्मक्तक्त, ऩहरे व्मक्तक्त के फाये भं मह जान रेना
चाहता है फ़क िह कहीॊ फ़कसी ऐसी ‗ऩोजीशन‘ मा ‗ऩॉिय‘ भं तो नहीॊ जजसकी जरूयत बविष्म भं ऩड़ सकती है . फ़पय िह हय सूयत जान ऩहचान फढ़ाने भं बफज़ी हो जाता है . जैसे फ़क आज के शभरािटेप्रदर्ष ू ण मुक्त हारातं के चरते नई-नई फीभारयमाॉ ऩैदा हो यही हं औय आदभी का स्िस्थ यहना
नाभुभफ़कन सा होता जा यहा है – ऊऩय से इराज भॊहगा होता जा यहा है तो भेये जैसा हय आदभी
फ़कसी ऐसे आदभी से जान ऩहचान फढ़ाना चाहे गा जजसका बफजनेस डॉक्टेयी हो. महाॉ बी कुछ विशेर्ष सोच िारे रोगं की कभी नहीॊ होगी जो हभेशा
यसूख िारे नेताओॊ से जान ऩहचान की तराश भं यहते हं. कायण स्ऩस्टे है – अगय आऩकी फ़कसी
खाॊटेी नेता से दयू से बी जान – ऩहचान हो जाए
तो फस, फ़पय आऩको फ़कसी अन्हम के बफजनेस की थचन्हता कयने की कतई जरूयत नहीॊ. आऩके साये काभ उस नेता के नाभ से ही बफना फ़कसी फाधा के हो सकते हं. िैस,े विकल्ऩ के तौय ऩय आऩ फ़कसी भाफ़िमा ‗बाई‘ से बी जान ऩहचान कय सकते हं. इसीशरए, आयॊ शबक फातचीत के दौयान भझ ु े जैसे ही ऩता चरता है फ़क साभने िारे भं कोई दभ नहीॊ है , तो भं तुयत-पुयत कन्हनी काटे जाता हूॉ – िहाॉ
ऩय टेाइभ खयाफ कयने का क्मा िामदा. औय जफ ऩता चरता है फ़क अये , िह तो बायी-बयकभ ‗फहुत कुछ‘ है – तो उससे डाभय की तयह थचऩक जाता हूॉ.
एक सदाफहाय कायण है दस ू ये के बफजनेस के फाये
भं जानने का. जफ आऩ ये र, फस मा हिाई जहाज भं सपय कय यहे हं औय आऩका टेाइभ काटेे नहीॊ
कटे यहा हो तो फस इतना कीजजए. साभने िारे से उसका बफजनेस ऩूछ रीजजए. िह अऩने
बफजनेस के भर्हभा भॊडन भं खद ु को डुफो रेगा
औय आऩको बफजी कय दे गा. आऩका टेाइभ दे खते दे खते कटे जाएगा. अफ आऩ बी फता दीजजए फ़क आऩका बफजनेस क्मा है ? **-**
व्मॊग्म 12 दरं भं विबाजन : एक शाश्वत सत्म
*-*-* इस फात से कुछ रोग फहुत खश ु हुए हंगे औय कुछ रोग फहुत द्ु खी फ़क काॊग्रेस ऩाटेी एक फाय फ़पय विबाजजत हो गई. जनता दर फ़कतनी
असॊख्म फाय विबाजजत हुई है , फ़कसी को थगनती नहीॊ ऩता. ऩय, भेयी तयह, फहुत से ऐसे रोग बी
हंगे जजन्हहं इस फात से कोई ि़ि नहीॊ ऩड़ा होगा औय न ही उन्हहं थचॊता होगी फ़क फ़कस दर भं फ़कतनी फाय फ़कतने अॊतयार से फ़कस तयह विबाजन होता यहता है . जो रोग द्ु खी हो यहे हं
उन्हहं शामद मह भारभ ू नहीॊ है फ़क विबाजन एक
शाश्वत सत्म है – मथाथि है . मा फ़पय िे मह भानने
को तैमाय नहीॊ हं फ़क विबाजन तो एक प्राकृनतक फ़क्रमा है – प्रकृनत का स्िबाि है . हाराॊफ़क
याजनीनतक दरं भं विबाजन की मह प्रकृनत मा
प्राकृनतक फ़क्रमा कबी-कबाय ही रागू होता है औय जो विबाजन होते हं, उनके ऩीछे फड़े-फड़े औय
बायी बयकभ कायक औय कायण होते हं. औय जो रोग खश ु हो यहे हंगे, िे बी शामद मह अहसास
नहीॊ कय यहे हंगे फ़क विबाजन की ऩीड़ा से िे बी ऩहरे गज ु य चक ु े हं औय शामद बविष्म भं मह ऩीड़ा उन्हहं फ़पय बोगना ऩड़े.
प्रकृनत भं कोई करी णखरती है , कोई अॊकुयण होता है तो कोशशकाओॊ के विबाजन से. हभायी ऩथ् ृ िी
बी एक भहाविस्िोटे – बफगफंग से हुए विबाजन से फनी है . इसी प्रकाय जफ बी फ़कसी दर भं विबाजन होता है , एक नए दर का उदम होता है . फ़पय विबाजजत हुए दोनं दर मह शसद्ध कयने का बयऩूय प्रमास कयते हं फ़क उनका दर ही असरी,
ओरयजजनर दर है . कबी कबाय फ़कसी छोटेे दर भं तफ विबाजन होता है जफ कोई फड़ा औय बायी बयकभ दर अऩने गुरुत्ि फर से छोटेे दर का कुछ र्हस्सा अऩने भं सभार्हत कय रेता है .
दरं भं विबाजन को योकने के शरए कानून बी फनाए गए हं. ऩयॊ तु फ़कसी प्राकृनतक फ़क्रमा को
कबी योका जा सका है बरा? इतने कानूनं के फाद बी दरं भं सुविधानुसाय विबाजन होते यहते हं – साॊसद विधामक ऩारा फदरते यहते हं इससे मह
शसद्ध होता है फ़क प्रकृनत फ़कसी फॊधन को स्िीकाय नहीॊ कयती. औय कामदे कानन ू ं को तो कदावऩ नहीॊ.
विबाजन को योकने के शरए जो कानून रागू हुए, उसके ऩहरे विबाजन कबी बी कहीॊ बी हो जाता था, िह सभम-कार औय चक्र के फॊधन के ऩये होता था. ऩाटेी का एक सदस्म बी विबाजन कय सकता था, औय साॊसद मा विधामक यहते हुए बी अऩनी भूर ऩाटेी को ठं गा र्दखा कय नई ऩाटेी खड़ी कय सकता था. अफ उसे भज़फूयी िश अऩनी
सॊसद/विधानसबा सदस्मता भजफूयी भं , कानूनन
छोड़नी ऩड़ती है . भगय, दरं भं विबाजन फदस्तूय जायी है .
फ़कसी बी दर भं विबाजन के ऩहरे औय फाद भं फड़े र्दरचस्ऩ नजाये ऩेश होते हं . कानून की
ऩरयथध से फाहय यहने के शरए गोर्टेमाॉ बफछाई
जाती हं. विबाजन को कानून सम्भत फताने के
शरए व्मूह यचना की जाती है . याष्ट्रीमता, औय दे श
सेिा के फड़े फड़े दािे फ़कमे जाते हं . हाराफ़क जफ जफ बी कोई विबाजन होता है , फेि़ूि से फेि़ूि व्मक्तक्त को बी मह स्ऩि सभझ भं आ जाता है फ़क
ताज़ा तयीन विबाजन क्मं औय फ़कसशरए हुआ है . अऽफायं भं छऩे हे ड राइन की तयह उनका उद्देश्म स्ऩि औय जग जार्हय होता है ऩयॊ तु िे फ़पय बी
हय कोई को अऩनी अरग कहानी फताते फ़पयते हं, औय जनता की सेिा को अऩना भख् ु म उद्देश्म फताते हं.
विबाजन के कायण कर तक एक साथ शसय से शसय शभराकय यहने िारे दे खते ही दे खते जानी दश्ु भन हो जाते हं औय, फ़कसी औय दर के, कर
तक के जानी दश्ु भन, विबाजन के फाद – एक घय औय एक ऩरयिाय के आदभी हो जाते हं . कबी-
कबी विबाजन के सभम जो आकाॊऺाएॉ-इच्चछाएॉ यहती हं, िे फाद भं बी जफ ऩूयी नहीॊ हो ऩाती हं
तो उन विबाजजत दरं भं ऩुन् विरमन हो जाता है . मह विबाजन विरमन का दौय तफ ज्मादा
होता है जफ भौसभ अनक ु ू र होता है – मानी जफ
कोई चन ु ाि आसऩास होता है – मा फ़पय फ़कसी
सभम फ़कसी सयकाय की जस्थनत, फहुभत के अबाि के कायण डाॉिाॉडोर होती यहती है .
िहीॊ कई दर आॊतरयक रूऩ से विबाजजत यहते हं. मह आॊतरयक विबाजन मूॉ तो फाहय से र्दखाई नहीँ दे ता, ऩयॊ तु उसकी विबाजजत शाखाएॉ आॊतरयक रूऩ से एक दस ू ये से बीर्षण होड़ कयती यहती हं. मह
आॊतरयक विबाजन ज्मादा आभ है . इस तयह का विबाजन हय दर भं हय स्तय ऩय हय सभम भौजूद यहता है . आॊतरयक विबाजन का उद्देश्म
ऊॊची कुसी ऩय फैठे व्मक्तक्तमं को नीचे की कुसी
ऩय फैठे व्मक्तक्तमं द्वाया हटेा कय उन ऊॊची कुशसिमं ऩय कब्जा जभाना होता है .
अफ जफ मह तथ्म शसद्ध हो गमा है फ़क दरं भं विबाजन मथाथि है , इसे नकाया नहीॊ जा सकता, तो ननजश्चत ही विबाजन के उऩयाॊत फना ताज़ा, नमा
दर बी आगे विबाजजत होगा. तो, आइए कयते हं इॊतजाय उस र्दन का. -----. *-*-*
व्मॊग्म 13 कम््मटे ू य – आईटेी प्रोिेशनल्स के शरए भयिी के ननमभ: *-*-*-* • मर्द आऩका कोड ऩहरी भतिफा भं ही बफना फग के सही चरता प्रतीत होता है तो इसका भतरफ मह है फ़क आऩने कोड भं कहीॊ कुछ अनदे खा फ़कमा है .
• जफ बी आऩ कोई प्रोग्राभ कोड शरखने जाते हं, तो ऩता चरता है फ़क ऩहरे तो कुछ औय फ़कमा जाना जरूयी है .
• डाटेा खयाफ होने की दय उनके भल् ू मं के सीधे अनऩ ु ात भं होती है .
• अनप्र ु मोग नाभ जजतना आकर्षिक होगा, उतना ही फेकाय उसका उऩमोग होगा.
• आऩ फ़कसी सॉफ़्टेिेमय को तफ तक अच्चछा नहीॊ कह सकते जफ तक फ़क आऩ उसे आसानी से
अऩने कम््मूटेय ऩय सॊस्थावऩत न कय रं तथा
उसे उतनी ही आसानी से अऩने कम््मूटेय से असॊस्थावऩत न कय रं .
• गुप्त स्रोत कोड ज्मादा विश्वसनीम होते हं.
• सबी शब्द सॊसाधक जो एक जैसे काभ कयते हं , एक जैसे नहीॊ होते हं. • भस् ु कुयाएॉ... क्मंफ़क आने िारे कर को थच्स (कम््मटे ू य) सस्ते हंगे.
• मर्द आऩका प्रोग्राभ सही चर यहा है तो घफयाएॉ नहीॊ. मह प्रोग्राभ इस अिस्था से शीघ्र ही फाहय आ जाएगा. • फ़कसी बी र्दए गए हाडि क्तडस्क भं उऩरब्ध सभस्त जगहं को फेकाय के प्रोग्राभ शीघ्र ही घेय रेते हं. • जो प्रोग्राभ आऩके ऩास है , िह ननजश्चत ही ऩुयाना, अप्रचशरत है .
• जो हाडििेमय आऩके ऩास है , िह ननजश्चत ही ऩुयाना, अप्रचशरत है .
• जफ बी कोई प्रोग्राभ क्रैश होता है , तो िह सिािथधक गॊबीय नुकसान ऩहुॉचाता है .
• ऑऩये र्टेॊग शसस्टेभ का कनेर न्हमूनतभ जगह
घेयता है , ऩयॊ तु अथधकतभ सभस्मा ऩैदा कयता है .
• फ़कसी बी र्दए गए प्रोसेसय की प्रोसेशसॊग भं धीभी गनत असहनीम होती है . • जफ तक एक उऩमोक्ता फ़कसी कम््मूटेय प्रोग्राभ को सीख ऩाता है , तफ तक प्राम: िह प्रोग्राभ ऩुयाना, अप्रचशरत हो जाता है .
• जफ तक एक प्रोग्राभय फ़कसी कम््मूटेय
प्रोग्राशभॊग बार्षा को सीख ऩाता है , तफ तक प्राम: िह िह प्रोग्राशभॊग बार्षा ऩयु ानी, अप्रचशरत हो जाती है .
• फ़कसी बी सभम, जफ कोई सॉफ़्टेिेमय प्रदशशित फ़कमा जाता है तो उसके क्रैश होने की सॊबािना ऑक्तडमॊस की सॊख्मा के सीधे अनऩ ु ात भं होती है . • इससे ऩहरे फ़क आऩका ननणािमक प्रोग्राभ शभर
जाए, आऩको अऩने कम््मूटेय भं ढे य साये प्रोग्राभ सॊस्थावऩत कयने होते हं.
• फ़कसी सॉफ़्टेिेमय की भदद िाइर का आकाय उस सॉफ़्टेिेमय की जर्टेरता के सीधे अनुऩात भं होती है .
• हय नडि (कम््मूटेय गुरु) अऩने बीतय की
ख्िार्हश के भुताबफक फग भुक्त प्रोग्राभ शरख तो रेता है , ऩयॊ तु िह प्रोग्राभ नहीॊ चरता.
• प्राम: सबी प्रोग्राभ सॊस्थावऩत कयने भं आसान
होते हं फननस्फत अ-सॊस्थावऩत कयने के. • कोई फग तफ तक प्रकटे नहीॊ होता जफ तक फ़क िह प्रोग्राभ जायी नहीॊ हो जाता. • जफ आऩ फ़कसी प्रोग्राभ को अ-सॊस्थावऩत कय रेते हं तो उसकी आिश्मकता एक घॊटेे के बीतय ही भहसूस होने रगती है .
• जो प्रोग्राभ आऩके ऩास हं, मे िो नहीॊ हं जो आऩ चाहते हं. • जो प्रोग्राभ आऩके ऩास हं, मे िो नहीॊ हं जो आऩके शरए आिश्मक हं. • जो प्रोग्राभ आऩको आिश्मक हं, मे िो नहीॊ हं जजन्हहं आऩ ऩा सकते हं. • जो प्रोग्राभ आऩ प्राप्त कयना चाहते हं, उनकी ़ीभत आऩके र्हसाफ से फहुत ज्मादा है . • सिािथधक अिाॊछनीम चीज़ं ही सिािथधक ननजश्चत होती हं – भत्ृ मु, टेै क्स तथा शसस्टेभ क्रैश.
• जो हाडि क्तडस्क क्रैश होता है , उसभं ही भहत्िऩूणि डाटेा होता है . *-*-*-*
व्मॊग्म 14 *-*-*
हार्दि क फधाई! *-*-* इस फाय बी त्मौहाय ऩय आऩको इधय उधय से, इनसे-उनसे ढे यं फधाइमाॉ प्राप्त हुई हंगी औय आऩने बी ढे यं फधाइमाॉ ढे यं रोगं को दी हंगी. भगय क्मा आऩने फधाइमं के रेन-दे न के तह तक ऩहुॉचने की कबी कोशशश की है ? आऩने मह जानने की कोशशश की है फ़क आऩको फधाइमाॉ दी हं तो फ़कन रोगं ने औय क्मं दी हं, औय आऩने बी जो खर ु े र्दर से ढे यं फधाइमाॉ फाॉटेीॊ हं , फ़कन-फ़कन को, कैसे-कैसं को, फ़कस-तयह औय आणऽय क्मं दी हं? सॊबित: सफसे ऩहरे, सभम ऩय, आिश्मक औय अननिामि रूऩ से फधाई आऩको उन रोगं से शभरी हंगी जजन्हहं आऩसे कुछ रेना होगा. अफ िह चाहे दीिारी की फख्शीश हो, कोई उऩकाय हो मा आऩका ऩयु ाना उधाय. आऩको ऩहरे ऩहर जजनसे फधाई शभरी होगी, उनभं आऩके ऑफ़िस का
चाऩरूस काभचोय कभिचायी, आऩको उधाय फ़कयाना स्राई कयने िारा दक ु ानदाय इत्मार्द तो शाशभर हंगे ही, आऩके िे शभि बी शाशभर हो सकते हं
जजनसे अयसा ऩहरे आऩने कबी कुछ उधाय शरमा हुआ होगा. औय उधाय भं शाशभर हो सकते हं सबी कुछ – फ़कताफं, भतिफान से रेकय फुरिकिय
तक. औय, इनकी ऩहरे ऩहर, आऩ तक ऩहुॉचने िारी फधाइमाॉ शनतिमा आऩको उनका उधाय चक ु ाने मा फख्शीश थभाने मा अगरे सार बय तक उनकी काभचोयी को फदािश्त कयने की माद र्दराई ही हंगी. इसी तयह, अननिामित: कुछ ऩहरे ऩहर
फधाइमाॉ आऩको अऩने भातहतं से भजफयू ीिश
प्राप्त हुई हंगी जो चाहते तो हं आऩका फेड़ा गकि कयना ऩयॊ तु जुफान से तभाभ ब्रम्हाण्ड की शुबकाभनाएॉ दे ते हं.
कुछ उन रोगं ने बी इस दिा आऩको फधाई दी होगी जजन्हहंने जजन्हदगी भं इससे ऩहरे कबी
आऩको फधाई दी नहीॊ होगी औय जजनका आइन्हदा ऐसा कोई इयादा बी नहीॊ होगा. मे िो रोग हंगे जजनका काभ आऩसे हार ही भं ऩड़ा होगा मा ऩड़ने िारा होगा औय जजनका काभ आऩके कायण
ऩाय रगा होगा मा रगने िारा होगा. ऊऩय से तायीप की फात मह होगी की ऐसी फधाइमाॉ आऩको अन्हमं मा अन्हम फ़कसी बी प्रकाय की फधाई से ज्मादा आत्भीम ढॊ ग से शभरी हंगी. कुछे क फधाइमाॉ आऩको जिाफ भं इसशरए शभरी
हंगी चफ़ूॊ क आऩने ऩहरे ही उन्हहं फधाई जो दे दी है . कुछ फधाइमाॉ, आऩसे फधाइमाॉ प्राप्त कयने की प्रत्माशा भं बी आऩको शभरी हंगी औय कुछ
फधाइमाॉ अकायण आऩको शभरी हंगी – जैसे फ़क फ़कसी सभह ू भं आऩ फैठे हं तो फ़कसी अन्हम का ऩरयथचत शशिाचायिश अकायण सबी को फधाई दे ता ही है मा आऩके घय के फ़कसी सदस्म के नाभ आए फधाई काडि भं बी शशिाचायिश, अकायण, आऩका बी नाभ उसभं घसीटेा हुआ होता है . कुछ सस्ती तो कुछ भॊहगी फधाइमाॉ बी आऩको शभरी हंगी. जो आऩके खास हंगे, मा इसका
उरटेा – आऩ जजनके खास हंगे उनसे आऩको खासे भॊहगे फधाई (काडि) शभरे हंगे. खासकय उनसे जो अऩना खास-ऩना खासी भोटेी इफायत भं फताना चाहते हं. कुछ फधाइमाॉ आऩको ऐसी बी
शभरी हंगी, जो थोक के बाि भं खयीदे मा छऩाए गए फधाई काडं भं से अऩरयथचतं – ऩरयथचतं को बेज चक ु ने के फाद बी फच जाते हं औय फ़पय
आऩका नाभ बी शाशभर हो जाता है – चरो इनको बी बेज दे ते हं, काडि क्मं खयाफ हं – की तजि ऩय. कुछ एक्सक्रूशसि फ़़स्भ की फधाइमाॉ आऩको
अऩने ऩसॊदीदा टेीिी चैनरं मा ऩि-ऩबिकाओॊ से शभरी हंगी जजन्हहं आऩ दे खते-ऩढ़ते हं, क्मंफ़क मे शसपि औय शसपि अऩने ही दशिकं-ऩाठकंअशबकतािओॊ को फधाई दे ते हं . कुछ आभ भािी की तयह की आभ फधाइमाॉ आऩको नेताओॊ-
अशबनेताओॊ-भॊबिमं से शभरी हंगी जो हय सॊबि तयी़े से अऩने प्रचाय प्रसाय के शरए अऩनी आभ फधाई आऩ तक ऩहुॉचाने के शरए कर्टेफद्ध यहते हं – हय भौ़े ऩय.
मूॊ, आऩके र्हस्से की हार्दि क फधाई आऩ तक
विशबन्हन यास्तं से ऩहुॉची होगी. इॊटेयनेटे के ई-काडि से रेकय ईभेर तक तथा ऩि-ऩोस्टेकाडि से रेकय
पैक्स-पोन तक. ऩयन्हतु फधाई काडि से फधाई दे नेरेने का तयीका आजकर इतना आभ हो गमा है
फ़क फहुत सॊबि है फ़क न शसपि आऩके ऩड़ोशसमं ने फधाई काडि द्वाया आऩको फधाई दी हो, फजल्क घय
के सदस्मं ने बी मही यास्ता अऩनामा हो आऩको फधाई दे ने का. आऩको शभरने िारी फधाइमं का रेखा-जोखा तो आऩने कय शरमा, ऩयन्हतु जो हार्दि क फधाइमाॉ आऩने औयं को दी हं, उनके फाये भं क्मा ये कॉडि हं आऩके ऩास? **-** **-**
व्मॊग्म 15
आइए, अऩन बी कोई अशबमान चराएॉ
**--** फ़कसी कामि की सपरता के शरए उसे अशबमानं के रूऩ भं फदर र्दमा जाए तो उसके सपर होने की सॊबािनाएॉ फढ़े मा न फढ़े , िे अशबमान जरूय सपर हो जाते हं. फात बफरकुर साप है कामि हो मा न हो - अशबमान के रूऩ भं होने िारी
गनतविथधमाॉ ज्मादा, ऩूयी तयह सपर होती हं. क्मा आऩको नहीॊ रगता फ़क सपाई अशबमान से रेकय सिा प्रानप्त के अशबमान तक भं इस ‗अशबमान‘ शब्द के भहत्ि को अफ फ़कसी सूयत नकाया नहीॊ जा सकता.
िैसे बी अशबमानं के अबाि भं बायत भं कहीॊ
कुछ बी नहीॊ होता. मर्द होता बी है तो रोगं को ऩता ही नहीॊ चरता फ़क कुछ हो बी यहा है .
उदाहयण के शरए फंक, विद्युत भण्डर, दयू बार्ष जैसे
विबागं भं सार भं एक फाय ग्राहक सेिा सप्ताह का अशबमान चरता है . मानी सार भं शसपि एक फाय, सप्ताह बय अशबमान के तहत िे ग्राहकं की सेिा कयते हं. फाकी सभम कौन ग्राहक औय कैसी सेिा? सयकायी उऩक्रभ है , काभ कयो न कयो अऩनी नौकयी ऩक्की, भहीने के आखीय भं अऩना िेतन ऩक्का. उसी तयह ये र, नगय ननगभ इत्मार्द भं सार भं एक फाय, एक सप्ताह के शरए स्िच्चछता अशबमान चरामा जाता है . फाकी सभम सड़ते यहो गॊदगी-फदफू भं . दे श भं सारबय रोग सड़क दघ ि नाओॊ भं घामर ु टे
होते – भयते यहते हं. इसके शरए ऩरयिहन विबाग औय ऩुशरस विबाग बी सार भं एक फाय याष्ट्रीम
सड़क सुयऺा सप्ताह का अशबमान चरामा जाता है . सप्ताह बय, ऩोस्टेयं एिॊ फैनयं के द्वाया फतामा
जाता है फ़क सड़क ऩय सुयक्षऺत चरना चार्हए,
ननमभं का ऩारन कयना चार्हए. केिर सप्ताह बय मह अशबमान चरता है . फ़पय फात िहीॊ की िहीॊ. सड़कं भं गड्ढं की तयह. अशबमान खत्भ तो फात खत्भ. – गोमा सार भं फस एक सप्ताह ही सुयऺा से, ननमभं का ऩारन कयते चरो, फाकी सार बय
आॉम-फाॉम, असुयक्षऺत चरने की छूटे सफको है . शहयं भं जफ तफ अनतक्रभण वियोधी अशबमान बी चरते हं. जोय-शोय से अनतक्रभण हटेाने का अशबमान अन्हम अशबमानं की तयह ही कुछ ही र्दन चरता है . कुछ सभम फाद हटेाए गए
अनतक्रभण ऩुन् अऩने नए, विकयार स्िरूऩ भं तो
आ ही जाते हं, नए अनतक्रभण बी रूऩ रे रेते हं. इससे रोगं को अनतक्रभण के फाये भं अथधक जानकायी तो हो ही जाती है , अगरे अनतक्रभण वियोधी अशबमान की ऩुख्ता नीॊि ऩड़ जाती है . मॉू दे खा जाए तो भेये जैसे आभ आदभी को ऐसे
अशबमानं की आिश्मकता कबी नहीॊ होती. िह गॊदी ये रं भं , खड़े-खड़े मा कबी ये रं की छतं ऩय घनघोय असयु क्षऺत होते हुए बी अऩनी जरूयी मािा ऩयू ी कय रेता है . क्मंफ़क बीतय जगह नहीॊ औय दस ू या कोई विकल्ऩ बी नहीॊ. िह फंक, विद्युत
विबाग भं अऩने काभ के खानतय घॊटें राइन भं रगकय इस आशा भं प्रसन्हन होता है फ़क अफ उसका काभ हो जाएगा. फ़पय अशबमान की जरूयत ही क्मा?
अशबमानं की जरूयत दयअसर, इस दे श के नेताओॊ-अिसयं को है . इन अशबमानं के फगैय उनकी प्रशसवद्ध का ग्राप जो ऊऩय नहीॊ चढ़ता. मे रोग अशबमान चराने की नई नई मोजनाएॉ फनाने भं रगे यहते हं. कहीॊ ऋण फाॊटेने का तो कहीॊ ऋण भुक्तक्त का. कहीॊ ऩहरे से ही कॊगार हो चक ु ी
सयकायी विद्यत ु कॊऩनी के उऩबोक्ताओॊ के बफरं की
भािी का अशबमान. जजस दे श के फहुसॊख्म आदभी की ऩहचान रॊगोटे है , उसे कम््मटे ू य जननत
ऩहचान ऩि प्रदान कयने का अशबमान चरामा जाता है . िह उस ऩरयचम ऩि को अऩनी रॊगोटे भं फाॉध कय यखेगा, औय कोई सयकायी अपसय ऩूछेगा – अफे अऩनी ऩहचान फता – तो िह झटे
अऩनी रॊगोटे भं से ऩहचान ऩि ननकार कय फता दे गा, नहीॊ तो उसे बी जेर की हिा खानी ऩड़ेगी. एक तयि अॊग्रेज़ी उच्चच शशऺा, उच्चच ऩदं के शरए अऩरयहामि औय अननिामि होती जा यही है , दस ू यी
तयप र्हन्हदी फचाओ – तशभर फचाओ का अशबमान फदस्तूय जायी है . जहाॉ दे श के होनहाय, बविष्म ननभािता फच्चचं के शरए फुननमादी शशऺा का
ढाॊचागत ् अकार है , िहीॊ फड़ं-फढ़ ू ं के शरए साऺयता
औय उिय साऺयता अशबमान चरामा जा यहा है . उदाहयण कभ नहीॊ हं. जहाॉ दे खो, िहाॉ अशबमान औय अशबमान – अशबमान ही अशबमान. अफ इन अशबमानं को ऽत्भ कयने के शरए बी अशबमान चरामा जाना चार्हए ताफ़क अशबमानं की जरूयतं को नकाया जा सके. मा फ़पय, दस ू ये , बरे विचाय भं , इन अशबमानं भं गनत राने के शरए बी कोई अशबमान चरामा जाना चार्हए. क्मा खमार है आऩका. अऩन बी शुरू कयं कोई अशबमान ? -----.
व्मॊग्म 16
आऩ भोफाइर हुए मा नहीॊ? जफ टेीिी चैनरं के धआ ुॉ धाय प्रोभो दे ख-दे खकय
अॊतत् भेये भुहल्रे का धोफी औय नुक्कड़ का चाम िारा बी एक के फाद एक भोफाइर हो गए तो भेये बी ऻान चऺु कुछ खर ु े. शभिं-ऩरयथचतं-
रयश्तेदायं की नज़यं भं तो भं वऩछड़ा हो ही चरा था जो अफ तक भोफाइर नहीॊ हो ऩामा था. इस फीच हफ़्तं मह खफय छाई यही फ़क र्दसम्फयजनियी के दो भहीनं के दौयान ही कुर 45 राख
रोगं ने दे श भं भोफाइर पोन अऩनामा. अफ जफ धोफी औय चाम िारे बी भोफाइर हो गए, औय दे श की अथधसॊख्म आफादी भोफाइर होने भं जुटे
गई प्रतीत होने रगी तो भुझे बी अॊतत् शभि सी आने रगी औय भंने सोचा फ़क चरो अऩन बी भोफाइर हो ही जाएॉ... णझझकते हुए, भंने भोफाइर िोनं की एक फड़ी-सी दक ु ान भं कदभ यखा. सेल्सभेन ने प्रश्न िाचक
दृवि से भुझे दे खते हुए भेयी ओय भुसकयाहटे पंकी
– ―हाॉ सय, अऩने ऩुयाने भोफाइर को नए, ताज़ातयीन फेहतयीन तकनॉराज़ी मुक्त ब्मूटेी ऩीस से
फदरने का सही िक्त आ गमा है . आज ही एक नमा भॉडर आमा है . िह आऩको इसी दक ु ान ऩय शभरेगा – अन्हमि आऩको कहीॊ नहीॊ शभरेगा.‖
―भाप कीजजएगा, भुझे नमा भोफाइर रेना है .‖ ―ओह, तो आऩ एक अनतरयक्त भोफाइर अऩने घय मा दफ़्तय के शरए रेना चाहते हं – फहुत अच्चछे . अफ तो मह ननहामत ही जरूयी हो गमा है - एक
अनतरयक्त ऩसिनर भोफाइर िोन व्मक्तक्तगत ज़रूयतं के शरए.‖ भंने उसे फीच भं टेोका - ―नहीॊ नहीॊ – मह फात नहीॊ है , भेये ऩास भोफाइर नहीॊ है , भं अऩना ऩहरा भोफाइर पोन ही खयीदने की सोच यहा हूॉ.‖ उस सेल्सभेन के चेहये ऩय कई यॊ ग आए औय उतय गए. जैसे फ़क िह सोच यहा था – मह फ़कस धयती का जीि है जो अफ तक भोफाइर नहीॊ हो ऩामा? अफ तक तो रोग दो-चाय भोफाइर पोन खयीदकय पंक-फदर चक ु े हं औय मह अजीफ प्राणी
अऩना ऩहरा भोफाइर खयीदने आमा है . रगता तो खाते ऩीते घय का है – भगय भोफाइर होने भं इतनी कॊजूसी! सेल्सभेन के चेहये ऩय णखॊच आई प्रसन्हनता ाामफ हो चक ु ी थी.
―ओह, तो आऩ भोफाइर फ़कसशरए रेना चाहते हं?‖ सेल्सभेन ने तननक अप्रसन्हनता से ऩूछा. उसे रगा फ़क भं शामद उसका टेाइभ खयाफ कयने िारा हूॉ. भं सोचने रगा फ़क भोफाइर भं फ़कसशरए रेना चाहता हूॉ. भंने उससे ऩछ ू ा फ़क भोफाइर रोग फ़कसशरए रेते हं – क्मा पोन कयने के अरािा बी कोई कायण होता है भोफाइर रेने के शरए? सेल्सभेन को भेया प्रनतप्रश्न अनत छुद्र फ़़स्भ का
रगा, शरहाजा उसने भझ ु े एक प्रशशऺु सेल्सभेन के सुऩुदि कय र्दमा. प्रशशऺु सेल्सभेन को अऩना ऩद ऩक्का कयिाना रगता था अतएि िह अऩने
सीननमय से बी ज्मादा चौड़ी भुस्कान भेयी तयप
पंक कय भुखानतफ हुआ. उसने भुझसे फ़पय ऩूछा फ़क भोफाइर पोन का भं क्मा कयने िारा हूॉ. भंने उसे फतामा फ़क भेये भुहल्रे का धोफी औय
नक् ु कड़ का चाम िारा भोफाइर हो गमा है . जो िे
अऩने भोफाइर से कयते हं उसी तयह का कुछ भं बी करूॊगा – शामद फात-चीत जैसा कुछ. प्रशशऺु ने भुझे प्रशशक्षऺत कयना चाहा – ―दे णखए सय,
भोफाइर पोन की फेशसक पॊक्शनशरटेी तो ठीक है , एक ही है - फात कयना. ऩयॊ तु आऩ नए-आधनु नक
भोफाइर पोनं से फहुत साये काभ कय सकते हं.‖ भेये ऻान भं िवृ द्ध हो यही थी. जजऻासा िश ऩूछा, ―जैसे?‖ ―जैसे फ़क गेभ खेरना, भोफाइर पोन के अॊतननिशभित एिएभ ये क्तडमो से ये क्तडमो सुनना,
अॊतननिशभित कैभये से पोटेो खीॊचना, एभऩी3 ्रेमय पोन से सॊगीत सुनना, िीक्तडमो-भल्टेीभीक्तडमा
इनेफल्ड पोनं से भूिी फनाना ि ्रे कयना,
डफल्मूएऩी – जीऩीआयएस मा सीडीएभए इनेफल्ड पोनं से इॊटेयनेटे की सैय कयना, ई-भेर ि एसएभएस-एभएभएस सॊदेश बेजना-ऩाना इत्मार्द...‖ िह एभएभएस ऩय जया ज्मादा ही, अथिऩूणि जोय डार यहा था. आश्चमि से भेया भॉह ु खर ु ा यह गमा. ―मानी
भोफाइर पोन से इतने काभ शरए जा सकते हं?‖ ―मे तो फ़पय बी कभ हं‖ प्रशशऺु अथिऩूणि शब्दं भं सभझाने रगा – ―िीक्तडमो इनेफल्ड करय भोफाइर
पोनं से आऩ िे फ़िल्भं बी दे ख सकते हं ... औय न जाने क्मा क्मा कय सकते हं... ऊऩय से योज नई चीजं जुड़ती जा यही हं... औय, आजकर तो
हाई एण्ड के भोफाइर िोन तो स्टेे टेस शसॊफर के प्रतीक हो चरे हं- अफ आऩकी शजख्समत का अॊदाज़ा इस फात से रगामा जाने रगा है फ़क आऩके हाथ भं फ़कस फ़़स्भ का-फ़कतने का भोफाइर िोन है ...‖ भझ ु े रगा फ़क नक् ु कड़ का
चाम िारा करय िीक्तडमो िारा भोफाइर शरमा है तो जरूय िो इसी तयह की फ़िल्भ दे खने के शरए शरमा होगा, औय जो ऩड़ोस का कय्टे ऑिीसय ऩचास हजाय िारा भोफाइर रटेकाए घभ ू ता है तो िह अऩना स्टेे टेस झाड़ने के शरए ही ऐसे घूभता होगा.
भंने शभािते णझझकते हुए उससे कहा फ़क बइमा भुझे भोफाइर शसपि फात कयने के शरए चार्हए. उसने जिाफ र्दमा फ़क ऐसा कोई पोन तो अफ सेकण्ड्स भं , कोई ऩुयाना ऩीस ही कहीॊ शभर
सकता है - हो सकता है कफाड़ी फाजाय भं . जभाना अफ भल्टेीपॊक्शन क्तडिाइसं का आ गमा है . भोफाइर भं अफ फनतमाइए बी गवऩमाइए बी औय
फखत ऩड़े तो वऩक्चय बी दे णखए, गाना बी सुननए, स्टेे टेस बी फनाइए. भुझे भोफाइर होना ही था
अतएि रे दे कय फहुत हीर हुज्जत से फ़क जीएसएभ का रेना चार्हए मा सीडीएभए, यॊ गीन रेना चार्हए मा ब्रैक एण्ड व्हाइटे, कैभया मुक्त मा एभऩी3 ्रेमय मुक्त, नोफ़कमा का रेना चार्हए फ़क एरजी-सेभसॊग-भोटेोयोरा-फेनक्म-ू औय-ऩता-नहीॊक्मा-क्मा का रेना चार्हए – भंने एक भोफाइर पोन अॊतत् ऩसॊद कय ही शरमा. ―इसभं कौन सा ्रान डरिा दं सय?‖ प्रशशऺु अऩनी सपरता ऩय फ़क िह भुझ जैसे भोफाइर गॊिाय को बी एक भोफाइर फेचने भं सपर हो गमा था – गद् गद होता हुआ ऩूछ यहा था. ―्रान भाने?‖ भं फ़पय शॊफ़कत हुआ. ―सय, दो तयह के ्रान हं. एक तो ऩोस्टेऩेड दस ू या प्रीऩेड. अफ मह आऩ ऩय ननबिय कयता है फ़क आऩ कौन सा ्रान रेना चाहते हं . जैसे फ़क प्रीऩेड का फेशसक ्रान दो सौ रुऩए का जजसभं आऩको
टेाक टेाइभ आधा शभरेगा – िेशरक्तडटेी हफ़्ते र्दन की यहे गी. इसभं ऩल्स ये टे यहे गा दो रुऩए प्रनत
शभनटे. इसी का फ्रेीडभ ्रान रंगे ऩाॉच सौ रुऩए का तो इसकी िैधता एक भहीने की होगी, टेाकटेाइभ पुर शभरेगा – अऩने नेटेिकि भं फात
कयने ऩय ऩल्स ये टे ऩचास ऩैसे दस ू ये के नेटेिकि
ऩय वऩचहिय ऩैसे, रंड राइन ऩय एक रूऩमा फीस ऩैस.े ..‖ ―रुको बाई – मे प्रीऩेड गणणत भुझे सभझ नहीॊ
आमा. ऩोस्टेऩेड ्रान सभझाओ‖
―इसभं बी फेशसक ्रान दो सौ रुऩए का है जजसभं होभ नेटेिकि ऩय एक रुऩमे प्रनतशभनटे, रंडराइन पोन ऩय दो रुऩए, एसटेीडी तीन रुऩए प्रनत ऩल्स है . इसके एडिाॊस यं टेर भं आऩको प्रनतभाह छ् सौ रुऩए दे ना होगा, फदरे भं आऩको तीन सौ रुऩए का टेाकटेाइभ भुफ़्त शभरेगा, ऩल्स ये टे आधे हो जाएॊगे... अगय आऩ ज्मादा फात
कयते हं तो इसका फ्रेीडभ ्रान ठीक यहे गा औय अगय आऩ इनकशभॊग के शरए चाहते हं तो इसका राइिराॊग इनकशभॊग फ्रेी िारा ्रान...‖ भं इन ्रानं के चक्रव्मूह भं पॊस चक ु ा था औय अननणिम की जस्थनत आ चक ु ी थी. प्रशशऺु के
फखािस्त फ़कए जाने की सॊबािना के फीच डूफता उतयाता फाद भं दे खग ूॊ ा कह कय फगैय भोफाइर
शरए ही भं दक ु ान से फाहय आ गमा. भेये भोफाइर होने भं रगता है , कुछ दे यी है .
आऩ के क्मा हार हं? आऩ भोफाइर हुए फ़क नहीॊ? **-**
व्मॊग्म 17
भयिी के ्माये ननमभ • जो आऩसे जजतना ही दयू होता है िो उतना ही ्माया होता है .
• र्दभाा x सुॊदयता x उऩरब्धता = जस्थयाॊक. औय, मह जस्थयाॊक हय जस्थनत भं शून्हम होता है .
• फ़कसी का आऩके प्रनत ्माय औय आऩका उसके प्रनत ्माय का अनुऩात अकसय उरटेा होता है .
• ऩैसे से कोई ्माय नहीॊ खयीदा जा सकता, ऩयॊ तु िह आऩको शानदाय सभझौते की जस्थनत भं तो रा ही दे ता है . • सॊसाय की सभस्त अच्चछी िस्तुएॉ भुफ़्त उऩरब्ध
हं --- औय िे आऩको आऩके ऩैसे का ऩूया भूल्म चक ु ाती हं.
• प्रत्मेक बद्र फ़़स्भ की फ़क्रमा की प्रनतफ़क्रमा बद्र ही हो मह जरूयी नहीॊ.
• ्माय का अॊत ऩहरे होता है .
• उऩरब्धता सभम का एक कायक है . जजस ऩर आऩकी रुथच फ़कसी भं उत्ऩन्हन होती है , उसी ऩर िो फ़कसी औय को ढूॊढ चक ु े होते हं .
• कोई वप्रम जजतना ज्मादा ऽफ ू सूयत होगा, उसे
उतनी ही आसानी से बफना फ़कसी कठोय अनुबि के त्मागा जा सकता है .
• उम्र के साथ कोई चीज फेहतय नहीॊ होती – ्माय तो बफरकुर नहीॊ.
• चाहे कोई फ़कतनी दपा ही ्माय भं ऩड़ चक ु ा हो, इसका प्रस्ताि नहीॊ नकायता क्मंफ़क ्माय कबी एक जैसा नहीॊ होता.
• ्माय भं कोई कैरोरयमाॉ नहीॊ होतीॊ.
• ्माय सफसे कभ सभम खाता है औय सफसे ज्मादा सभस्माएॉ ऩैदा कयता है .
• ्माय नाभ की फीभायी का कोई इराज नहीॊ है शसिाम ज्मादा ्माय के.
• ्माय 50% िह है जैसा आऩ सोचते हं, औय 50% िह है जो अन्हम सोचते हं.
• एक ही ऑफ़िस भं दो रोगं से ्माय? कबी नहीॊ.
• ्माय... फपि भं चरने की तयह है ... आऩको ऩता नहीॊ होता फ़क आऩ फ़कतने गहये जा सकते हं औय फ़कतनी दे य तक चरना होगा.
• घय भं एक अदद वप्रम फाजाय के दो अदद वप्रम से ज्मादा अच्चछा है
• मर्द आऩ अऩने वप्रम को चटे ु ै मा ऩकड़ कय यखं गे तो उनके र्दर ि र्दभाग बी आऩके कब्जे भं यहं गे.
• जफ रोग अऩने वप्रम को सभझने रग जाते हं तो फ़पय उनका ऩयस्ऩय सॊिाद फन्हद हो जाता है .
• अऩने से ज्मादा ऩागर से तो कबी ्माय न कयं .
• फ़कसी नायी (ऩुरुर्ष) के जो गुण फ़कसी ऩुरुर्ष
(नायी) को अत्मॊत आकर्षिक रगते हं, कुछ िर्षं
ऩश्चात ् ऐसे गुणं भं कोई आकर्षिण नहीॊ यह जाता है .
• ्माय एक धोखा है मर्द इसे सही फ़कमा जाए.
• ्माय भं ऩड़ने का सभम हभेशा फुया ही होता है .
• अऩने वप्रम को थाभे यखने का सफसे फर्ढ़मा तयीका उसका ऩहुॉचा ऩकड़े यहना ही है
• अॊधेये भं सबी नारयमाॉ एक सभान होती हं – औय उजारे भं ऩुरुर्ष.
• ्माय अॊधा होता है - ऩयॊ तु र्दव्म दृवि के साथ.
• सेफ का िऺ ृ मा उसका पर नहीॊ, फजल्क फाीचे
भं भौजूद नय-नायी के जोड़े ने सभस्माएॉ ऩैदा कीॊ.
• अऩने खफ ू सूयत वप्रम को ढूॊढ रेने से ऩहरे आऩको कई भं ढकं को चभ ू ना होगा.
• ्माय से अच्चछी बी कोई चीज हो सकती है , औय उससे फुयी बी—ऩयॊ तु उस जैसी चीज कोई हो ही नहीॊ सकती.
• ऩड़ोशसमं से बरे ही ्माय कयं , ऩयॊ तु ऩकड़ भं आने से फचं .
• ्माय, फटेुए भं छे द का दस ू या नाभ है .
• ्माय फुवद्ध के ऊऩय कल्ऩना की जीत है . • ्माय भं ऩड़ कय नि हो जाना उिभ है फजाम इसके फ़क कबी ्माय ही न फ़कमा जाए. • आदभी फ़कसी औयत के साथ हभेशा खुश यह सकता है जफ तक फ़क िह उससे ्माय नहीॊ कयता.
• ्माय िव्िाये की तयह होता है . • ऩुनजिन्हभ के नौ कायणं भं से एक कायण ्माय होता है ... फाकी आठ तो ाैय जरूयी हं.
• इसे आऩ न कयं मर्द आऩ इसे जायी नहीॊ यख सकते.
• ्माय भं ऩड़ने के फाद फुवद्धभान तथा भूखि भं कोई अॊतय नहीॊ यह जाता.
• ्माय िह भ्रभ है जो एक नायी (ऩुरुर्ष) को दस ू यी नायी (ऩुरुर्ष) से शबन्हन फनाता है .
• जफ आऩ फ़कसी सॊगी से ऩहरे ही ्माय भं ऩड़े हुए होते हं तो सॊगी ऩाना हभेशा ही अत्मॊत आसान होता है .
• आऩको सफसे फर्ढ़मा ्माय सफसे खयाफ व्मक्तक्त से शभरता है . • आऩका ्माय आऩसे कहता है फ़क िो आऩको हभेशा ्माय कये गा. एक सच्चचा ्माय सबी से कहता है फ़क िो आऩको हभेशा ्माय कये गा – रज्जा गुणक के फािजूद.
• ्माय भं ऩड़ने से ऩहरे अऩना फैकअऩ फना रं , मह रयकियी भं हभेशा काभ आता है
• ्माय भं सभस्त उिय है . ऩयॊ तु फ़पय िासना कुछ प्रश्न रेकय आता है .
• कखग ननमभ: मर्द क, ख के प्रनत आकवर्षित है , औय आऩ ग के प्रनत आकवर्षित हं, तो क के ऩास ख के शरए फेहतय सॊबािनाएॉ हं जैसी फ़क आऩकी ग के शरए होनी चार्हएॉ... औय अकसय ख औय ग एक ही व्मक्तक्त होता है .
• अऩने वऩछिाड़े अॊगने भं कबी ्माय न कयं . ्माय अॊधा होता है , ऩयॊ तु ऩड़ोसी नहीॊ. • ्माय अॊधा होता है , शादी आॉखं खोरता है . • ्माय भं ऩड़ने के दौयान सही काभ कयना हभेशा तकरीपदे ह होता है . • जजतना ज्मादा आऩ फ़कसी नायी (ऩुरुर्ष) को
चाहं गे, उतना ही कभ िो आऩको चाहे गी (गा).
• मर्द आऩ फ़कसी ऽफ ू सूयत कन्हमा से शादी कयते
हं तो िह अऩनी अम्भी की प्रनतरूऩ फन जाती है . औय मर्द आऩ फ़कसी साधायण सी कन्हमा से शादी कयते हं तो िह अऩने डैडी की प्रनतरूऩ फन जाती है .
• ऩुरुर्ष की भाॊ मा नायी के वऩता को अगय आऩ इज़्जज़त दे ते हं तो िे हय हार भं आऩसे नियत कयं गे. • अच्चछी नायी मा अच्चछा ऩरु ु र्ष ऩाफ़कंग की जगह के अनरू ु ऩ होते हं – साये अच्चछे तो ऩहरे से ही एॊगेज यहते हं.
• कोई बी अच्चछा र्दखने िारा व्मक्तक्त ऐसे विऩयीत सेक्स िारे व्मक्तक्त के साथ ऩामा जाता है जो फ़कसी सूयत ऩाि नहीॊ होता. • ्माय कोई उिय नहीॊ है . मह तो प्रश्न है - जजसका उिय हाॉ है . • ्माय व्मक्तक्तमं को भूखत ि ा बये कामि कयिाता है .
• मर्द आऩ फ़कसी से ्माय कयते हं तो उन्हहं जाने दीजजए. मर्द िे आऩके ऩास िाऩस नहीॊ आते हं तो िे आऩके रामक नहीॊ हं. • मर्द आऩ सभझते हं फ़क कोई नायी सुॊदय है तो उसका ऩुरुर्ष शभि इस फात की ताकीद कयने के शरए हभेशा िहाॊ होगा. • स्त्री = सभम + धन सभम = धन स्त्री = धन^2 धन = √फुयाई (धन सबी फुयाई की जड़ है ) स्त्री = फुयाई • दो व्मक्तक्तमं के ्माय भं ऩड़ने ऩय फ़कसी को दोर्ष नहीॊ र्दमा जा सकता शसिाम उन दोनं के. • ्माय औय जुकाभ भं अॊतय शसपि इतना है फ़क जुकाभ के शरए िैक्सीन अफ उऩरब्ध है
• सॊसाय की सफसे ऽफ ू सूयत स्त्री सॊसाय के सफसे
फदसूयत ऩुरुर्ष से शादी कयती है . औय, प्राम् इसके उरटे बी सही होता है – मानी सॊसाय का सफसे
आकर्षिक ऩुरुर्ष सॊसाय की सफसे फदसूयत स्त्री से शादी कयता है .
• मर्द आऩ उससे ्माय कयते हं, िो आऩसे ्माय नहीॊ कयता(ती) है . • मर्द आऩ ्माय भं हं, िो नहीॊ है • मर्द आऩ ्माय चाहते हं, तो िो आऩको नहीॊ शभरता. • मर्द कोई खफ ू सूयत आकर्षिक स्त्री/ऩुरुर्ष आऩको ्माय कयता है – तो िह झठ ू ा होता है .
• मर्द आऩ दोनं फड़े प्रसन्हन हं, तो शादी होने तक का इॊतजाय कीजजए. • ्माय आऩका सफसे फेहतय दोस्त हो सकता है तो िो सफसे फड़ा दश्ु भन बी है .
• ्माय भं सबी विश्वास यखते हं – ऩयॊ तु क्मा िह कहीॊ भौजूद बी है ? -----.
व्मॊग्म 18
विश्वकऩ भैच के दौयान ऩशिमं के शरए आचाय सॊर्हता
1. विश्वकऩ भैचं के दौयान आऩको अऽफाय के खेर ऩि ृ ं को ध्मान से ऩढ़ते यहना होगा ताफ़क विश्वकऩ भं क्मा चर यहा है इसकी जानकायी आऩको यहे औय आऩ अऩने ऩनत के साथ िातािराऩ (मा आऩ चाहती हं फ़क आऩके ऩनत आऩके साथ कुछ िातािराऩ कयं तो) भं शाशभर हो सकं. मर्द आऩने इस टेीऩ को अनदे खा फ़कमा औय विश्वकऩ के फाये भं ऩमािप्त जानकारयमाॉ हाशसर न कीॊ, तो आऩके साथ फहुत फुया होगा, आऩके ऩनत आऩको अनदे खा कयं गे तफ फ़पय आऩ मह शशकामत न करयएगा फ़क आऩके ऩनत आऩसे फात ही नहीॊ कयते.
2. विश्वकऩ के दौयान, टेीिी ऩय ऩनत का ऩूणि
अथधकाय यहे गा. बफना फ़कसी अऩिाद के, साये
सभम. मर्द आऩने टेीिी के रयभोटे कॊट्रोर की तयप नजय बी डारी तो आऩ उसे खो सकती हं (अऩनी नजय). 3. मर्द आऩ खेर के दौयान टेीिी के साभने से गुजयती हं तो ध्मान यणखए फ़क आऩ झुककय मा
यं गते हुए गुजयं - मानी दे खने भं बफना फ़कसी व्मिधान डारे गुजयं . उिभ तो मह होगा फ़क आऩ फ़कसी व्मिसानमक अॊतयार का इॊतजाय कय रं मा फ़पय इस दौयान साभने से गुजयं ही नहीॊ. 4. खेरं के दौयान आऩके ऩनत अॊधे, फहये औय गॊग ू े हो जाएॉगे, जफ तक फ़क खेर के उिेजक ऺणं भं उन्हहं अचानक बख ू औय ्मास का दौया न ऩड़
जाए. ऐसे भं आऩ ननयी फेिकूप ही हंगी जो मह सोचं गी फ़क आऩके ऩनतदे ि फ़कसी के आने ऩय
दयिाजा खोर सकते हं , टेे शरपोन उठाकय जिाफ दे सकते हं मा आऩकी फ़कसी फात का जिाफ दे सकते हं.
5. मह उिभ होगा फ़क इस दौयान आऩ फ़फ्रेज को खाने-ऩीने की चीज़ं से ऩूया का ऩूया बय कय यखं . खासतौय ऩय ऐसी चीजं से जजन्हहं भैच दे खते
दे खते चफामा-चब ु रामा जा सके. औय आऩके ऩनत के दोस्तं के भैच दे खने के शरए कुसभम घय
आने ऩय कुवऩत तो कतई भत होइए. भैच दे खने का आनॊद जजतनी सॊख्मा भं शभि साथ होते हं
उतना गन ु ा फढ़ जाता है – औय, मह फात आऩको बी ऩता होना चार्हए. आऩकी इस दमारत ु ा के फदरे हो सकता है फ़क आऩके ऩनतदे ि आऩको दोऩहय भं टेीिी दे खने दे सकते हं फशते उस सभम फ़कसी छूटेे खेर का कोई ऩन ु प्रिसायण नहीॊ हो यहा हो.
6. ्रीज़, ्रीज़, ्रीज़!! मर्द आऩके ऩनत की वप्रम टेीभ हाय यही हो तो कबी बी अऩने ऩनत से मह न कहं फ़क ―कोई फात नहीॊ, खेर भं तो हाय जीत रगी ही यहती है ‖ मा ―कोई फात नहीॊ, रीग के अगरे भैच भं तो िे जीतं गे ही‖. ऐसी फातं कह कय आऩ अऩने ऩनत की नायाजी, अप्रसन्हनता औय खयाफ भड ू को फढ़ाएॊगी ही, औय इसके प्रनतपर भं
आऩके प्रनत उनके भन भं ्माय भं कभी बी हो सकती है . मह माद यणखए की िुटेफार के फाये भं आऩ उनसे ज्मादा न तो जानती हं, न कबी जान सकती हं. अत् इस तयह के साॊत्िना बये शब्द हो सकता है फ़क फाद भं तराक के ‗कायण‘ बी न फन जाएॉ.
7. ऩूये विश्वकऩ के दौयान आऩ अऩने ऩनत के साथ फैठकय कोई एक (1) भैच दे ख सकती हं. औय
अगय आऩके ऩनत की ऩसॊदीदा टेीभ जीत यही हो तो आऩ उनसे इस दौयान कुछ िातािराऩ बी कय सकती हं जैसे फ़क गोर होने ऩय हुये... िाह क्मा फर्ढ़मा गोर फ़कमा है ... िगैयह. ऩयॊ तु िह बी हािटेाइभ से ऩहरे तक.
8. आऩके ऩनत, इस दौयान हो सकता है फ़क साया सभम घय ऩय टेीिी के साथ ही यहं , भगय इसे आऩ मह बफरकुर न सभझं फ़क िे आऩके साथ
कुछ सभम बफताएॉगे. िे सशयीय आऩके फगर भं हंगे, ऩयॊ तु उनकी आत्भा पुटेफार के भैदान भं
विचय यही होगी. आऩको उनकी आत्भा औय शयीय
के फीच भं व्मिधान फनने की कतई कोशशश नहीॊ कयनी चार्हए.
9. गोर खाने ि गोर फचाने के यी्रे खेरं से बी
ज्मादा भहत्िऩूणि होते हं. बरे ही िे कई फाय, कई एॊगर से ऩहरे ही दे खे-र्दखाए जा चक ु े होते हं ,
भगय उन्हहं आऩके ऩनत हय फाय, फाय फाय, प्रत्मेक फाय दे खना चाहं गे. इस फाये भं आऩके द्वाया की गई कोई बी टेीऩ उन्हहं असहनीम होगी. 10. अऩने दोस्तं रयश्तेदायं से मह फोर फताकय यणखए फ़क इस दौयान िे कोई साभाजजक कामिक्रभ औय ऩाटेी शाटेी न यखं क्मंफ़क ऐसे फ़कसी बी कामिक्रभ भं : a) आऩके ऩनत नहीॊ जाएॊगे, b) आऩके ऩनत नहीॊ ही जाएॊगे तथा c) आऩके ऩनत फ़कसी सूयत नहीॊ जाएॊगे. 11. ऩयॊ तु मर्द आऩके ऩनत के कोई शभि उन्हहं
कोई भैच दे खने के शरए फ़कसी यवििाय अऩने घय ऩय सऩरयिाय आभॊबित कयता है तो िे आऩकी
सहभनत के बफना आऩको बी रेकय िहाॉ तुयॊत
जाएॊगे. अत् ऐसी जस्थनत के शरए ऩहरे से ही तैमाय यर्हए. 12. प्रत्मेक याबि को विश्वकऩ के सायाॊश बी उतने ही भहत्िऩूणि होते हं जजतने फ़क खेरे गए भैच.
भैच का विशेर्षऻं द्वाया विश्लेर्षण-वििेचन भैच से
बी ज्मादा आनॊददामी होता है अत् मह कबी न कहं फ़क आऩने भैच तो ऩहरे ही दे ख यखा है , अबी कोई दस ू या प्रोग्राभ दे ख रेते हं . हो सकता है फ़क टेीऩ क्रभाॊक 2 भं र्दए अनुसाय आऩके साथ कोई विकयार सभस्मा ऩैदा हो जाए.
13. औय, अॊत भं कृऩा कय मह कबी न कहं फ़क – शक्र ु है फ़क विश्वकऩ चाय सार भं एक फाय ही आता है . आऩके ऩनत ऩय इन शब्दं का कोई
असय नहीॊ होगा. क्मंफ़क आगे आने िारे र्दनं भं चंवऩमन रीग, इटेाशरमन रीग, फ़क्रकेटे विश्वकऩ इत्मार्द इत्मार्द आने िारे हं. (इॊटेयनेटे ऩय विचय यहे ईभेर िॉयिडि का र्हन्हदी तजुभ ि ा)
व्मॊग्म 19 दीिायं ऩय शरखी इफायतं -
** ―ऽतयं से नहीॊ डयं . अऩनी जिाफदे ही स्िीकायं . एॊटेीिामयसं को बफजनेस से फाहय का यास्ता र्दखाएॉ.‖
** ―आईटेी गुरुओॊ को याजनीनत भं कोई रुथच नहीॊ होती चफ़ूॊ क सयकाय अऩनी ऺभता, कुशरता औय
गनत प्रत्मेक 18 भहीनं भं दोगुना नहीॊ कयती. "
** ―सूचना क्राॊनत की रड़ाइमाॉ कभाॊड राइन ऩय रड़ी जाएॊगी.‖
** ―जीमूआई (ग्राफ़िकर मूज़य इॊटेयिेस) ने
कम््मूटेय साऺयता को कतई नहीॊ फढ़ामा है . इसने तो फस स्तय थगयामा है .‖
** ―अन्हदाज़ा रगाएॉ फ़क मह फ़कसका ननमभ है ?:
प्रत्मेक 18 भहीनं भं सॉफ़्टेिेमय की गनत आधी हो जाती है .‖
व्मॊग्म 20 कुछ विऻाऩनी नभूने:
** रयऩेमरयॊग शॉऩ ऩय : "हभ उन सबी चीजं को रयऩेमय कयते हं जजन्हहं आऩके ऩनत रयऩेमय कय चक ु े होते हं."
** एक अन्हम रयऩेमरयॊग शॉऩ ऩय: "टेऩकते ऩानी के फीच भत सोइए. हभं फुराइए."
** बफजरी के उऩकयणं के रयऩेमरयॊग शॉऩ ऩय:
"हभाये महाॉ आऩके शॉटेि सफ़किटे को ठीक कयने की ऩूयी व्मिस्था है ."
** जच्चचा फच्चचा िाडि के दयिाजे ऩय: "ऩुश. ऩुश. ऩुश."
** नेि थचफ़कत्सारम ऩय: "मर्द आऩको िह चीज र्दखाई नहीॊ दे ती है जजसे आऩ दे खना चाहते हं तो फ़पय आऩ एकदभ सही जगह ऩय आए हं ."
** एक विशार कोठी के विशार दयिाजे ऩय: "सेल्सभेनं का स्िागत है . कुिं के बोजन भॊहगे हो चरे हं."
** एक ये स्त्राॊ की णखड़की ऩय: "िहाॉ बूखे खड़े भत यर्हए. बीतय आकय ऩेटे ऩूजा कयं "
** एक कबब्रस्तान की दीिाय ऩय: "सािधानी से गाड़ी चराएॉ. हभ इॊतजाय कय रंगे‖
**21 िीॊ सदी भं भनुष्म को ईश्वय का बम नहीॊ
होता. अफ उसे अऩने शसस्टेभ के क्रैश हो जाने मा
शसस्टेभ के िामयस से सॊक्रशभत हो जाने का बम सताता है .
ॊ . **ए शरर्टेर यै भ इज़ डंजयस थथग **ऩमािप्त प्रोसेशसॊग ऩॉिय मक्त ु ऩीसी तो शामद कबी आएगा ही नहीॊ.
**क्रैश हो चक ु े तॊि कोई कहानी नहीॊ कहते.
**भं अऩने ऩीसी को दे खता हूॉ औय ऩीसी भुझे दे खता है . ईश्वय हभ दोनं को शाॊनत प्रदान कयं .
**प्रोग्राभं के नए-नए सॊस्कयण ननकार ननकार कय फेचना बी एक करा है .
**जीिन के फेहतयीन रम्हे कम््मूटेय ऩय शभरते हं.
**फीिी के फगैय कुछ सभम यह रेना अच्चछा है फजाए कम््मूटेय के फगैय एक ऺण के. (सॊकशरत)
व्मॊग्म 21 आऩका ऩीसी फेहतय है आऩके फॉम फ्रेंड से ... • भौसभ का शभजाज औय आऩका भड ू कैसा बी हो आऩ इससे थचऩके यहना ऩसॊद कयती हं।
• आऩकी भाॉ आऩको इसके साथ दे खकय अऩनी बिं टेे ढ़ी नहीॊ कयती। • मह अॊतननिशभित हे ल्ऩ पॊक्शन के साथ आता है । • मह आऩके ऩुयाने ऩीसी से जरन नहीॊ यखता
फजल्क इसका नमा सॊस्कयण औय नमा प्रनतरूऩ ज्मादा आकर्षिक औय ज्मादा उऩमोगी होता है । • आऩकी सहे शरमाॊ इसके साथ अऩना सभम गुजाय सकती हं, ऩयन्हतु फ़पय बी शसस्टेभ कॊट्रोर का रूटे ऩासिडि आऩके ऩास होता है ।
• आऩके हय अच्चछे फुये औय कर्ठन, कुसभम भं मह आऩका साथ दे ता है ।
• आऩकी हय सभस्मा औय प्रश्न का उिय बफना फ़कसी थचड़थचड़ाहटे औय गुयािहटे के दे ता है । • आऩ अऩने जेहन की गोऩनीम फातं इसके साथ बफना फ़कसी बम के शेमय कय सकती हं। • जैसा, जजस र्हसाफ से आऩ चाहती हं , उस र्हसाफ से इसे कामि कयने हे तु सेटे कय सकती हं। • सेक्सी आई-भेक से रेकय छोटेे सुॊदय ऩाभ
ऩामरटे तक भं से अऩनी ऩसॊद का भाडर आऩ चन ु सकती हं औय मर्द इनभं से बी आऩको कोई न जॊचे तो आऩ अऩना स्िज्नर, खफ ू सूयत
क्तडजाइनय भशीन स्िमॊ असंफर कय सकती हं।
व्मॊग्म 22 आऩका ऩीसी फेहतय है आऩके गरिफ्रेंड से ... • भनोयॊ जन हे तु इसे फ़कसी कैपे मा शसनेभा के कोने की सीटे ऩय नहीॊ रे जाना होता है ।
• मह तैमाय होने के शरए भेकअऩ टेाइभ नहीॊ रेता। • कायण अकायण मह न तो हॊ सते णखरणखराते यहता है न आॊसू फहाता है । • मह फातं नहीॊ कयता भगय फ़पय बी आऩ इससे साये ब्रम्हाॊड की विश्वसनीम जानकायी प्राप्त कय सकते हं। • आऩ इस फात ऩय गिि अनुबि कयते हं फ़क
दस ू ये इसे दे खं औय इस ऩय एक हाथ आजभा कय इसके खाशसमतं- भसरन शसस्टेभ स्ऩीड औय
भल्टेीभीक्तडमा कैऩेबफशरटेी इत्मार्द के गुण गाएॊ।
• इसे आसानी से प्रोग्राभ फ़कमा जा सकता है ताफ़क मह आऩकी भजी के भुताबफक प्रोग्राभं को क्तडरीिय कय सके।
• आऩ इसके साथ हय तयह के खेर फ़कसी बी ऩोजीशन भं खेर सकते हं। • जी हाॊ, आऩ अऩने आऩको इसके द्वाया शशक्षऺत कय सकते हं तथा ऩैसे बी कभा सकते हं। • इसे आऩकी सहामता की जरूयत नहीॊ होती, उल्टेे मह तो हय विर्षम भं आऩकी सहामता कय सकता है । • मह आऩके हय आदे शं का ऩारन बफना फ़कसी फहस के भानता है - हय फाय।
व्मॊग्म 23 एक नडि (कॊ्मूटेय गुरू) से शरए गए साऺात्काय से कुछ उद्धयण:
प्र.: िास्तविक आनॊद क्मा है ? उ.: क्तडफथगॊग.
प्र.: आऩके स्ि्न क्मा हं? उ.: एक खफ ू सूयत र्दन जफ आऩकी अऩनी शायीरयक आिश्मकताएॉ बी फेभानी हो
जाएॉ औय आऩ प्रोग्राशभॊग के अरािा कुछ नहीॊ कयं .
प्र.: जफ आऩ प्रोग्राशभॊग नहीॊ कयते हं तो क्मा कयते हं?
उ.: उन चीज़ं को कयता हूॊ जो भुझे मथासॊबि प्रोग्राशभॊग भं िाऩस रे जाते हं.
प्र.: मर्द दनु नमा भं कम््मूटेय नहीॊ होते? उ.: काल्ऩननक प्रश्नं के उिय नहीॊ होते – काल्ऩननक उिय बी नहीॊ.
प्र.: आऩने फ़कस उम्र भं प्रोग्राशभॊग प्रायॊ ब फ़कमा? उ.: काश भं औय ऩहरे प्रोग्राशभॊग प्रायॊ ब कय सकता.
प्र.: अऩने एक सम्ऩूणि र्दन की व्माख्मा कयं गे? उ.: प्रोग्राशभॊग खाना, प्रोग्राशभॊग ऩीना औय हाॊ, प्रोग्राशभॊग सोना!.
प्र.: एक अच्चछे प्रोग्राभय के क्मा सीक्रेटे हं ? उ.: हभेशा र्दर रगाकय प्रोग्राभ कयो!
प्र.: क्मा आऩको फ़कसी से ्माय हुआ है ? उ.: हाॉ, औय भं बी अऩने कम््मटे ू य से फेहद ्माय कयता हूॉ.
प्र.: मर्द आऩ कम््मूटेयं की दनु नमा भं नहीॊ होते तो फ़कस ऺेि भं होते?
उ.: ओह! मह प्रश्न हभेशा से भुझे सताता यहा है . भं इसका उिय नहीॊ दे सकॊू गा. (आॊखं डफडफा जाती हं)
प्र.: आऩके जीिन का दशिन क्मा है ? उ.: भं प्रोग्राशभॊग भं मकीन कयता हूॊ… हभेशा.
प्र.: अऩने खारी सभम भं आऩ क्मा कयते हं ? उ.: प्रोग्राभ शरखता हूॉ. दस ू यं के प्रोग्राभ ऩढ़ता हूॊ.
प्र.: आऩकी प्रेयणा कौन है ? उ.: फग्स. औय िे हभेशा भझ ु े औय ज्मादा
सॊजीदगी से प्रोग्राभ शरखने को प्रेरयत कयते हं.
प्र.: प्रोग्राशभॊग की ऩरयबार्षा दं गे? उ.: प्रोग्राशभॊग तो आऩके र्दर की आॊतरयक अशबव्मक्तक्त का सशक्त भाध्मभ है जजसे आऩ शसॊटेेक्स, फूशरए, रूऩ, ऩाइॊटेय औय ऐसे ही अन्हमं के द्वाया सभस्त विश्व को प्रस्तुत कयते हं.
प्र.: आऩके कामि की विशेर्षताएॉ क्मा हं?
उ.: भं फग भुक्त प्रोग्राभ शरखना चाहता हूॊ. िास्तविक भनुष्मं के शरए िास्तविक प्रोग्राभ.
प्र.: आऩ फ़कसे ऩसॊद कयं गे – फुवद्ध मा धन? उ.: फ़कसी को बी नहीॊ. भं कम््मूटेयं को ऩसॊद
कयता हूॉ. मर्द फ़पय बी आऩ जोय दं गे तो भं धनी होना ऩसॊद करूॊगा चफ़ूॊ क फ़पय भं फड़े ऩॉियपुर औय ताजातयीन कम््मूटेय खयीद सकॊू गा. औय प्रोग्राभयं को हामय कय सकॊू गा.
प्र.: आऩके विचाय भं ्माय का फोध क्मा हो सकता है ?
उ.: ्माय तो भन की एक अिस्था है जजसभं हय िस्तु – अच्चछी हो मा फयु ी अत्मॊत वप्रम रगती है . उदाहयण के शरए, जफ आऩ प्रोग्राभ शरखते हं तो प्रोग्राभ के प्रथभ कुछ ऩॊक्तक्तमं भं ही जो फग
ननकर आता है – आऩको िह अच्चछा रगता है .
भुझे तो रगता है फ़क हय फ़कसी को अऩने कम््मूटेय से ्माय कयना चार्हए.
प्र.: छीॊटेे औय फौछायं के फाये भं आऩके विचाय? उ.: शानदाय. जफ प्रोग्राशभॊग के फीच कबी कोई ब्रेक भं रे रेता हूॉ तो महाॉ चटे ु कुरे ऩढ़ता हूॉ.
-----.
व्मॊग्म 24
भयिी के घये रू ननमभ • फ़कसी फच्चचे द्वाया घये रू कामि भं र्दए जाने िारे
सहमोग हे तु उसकी उत्सुकता उसकी उस कामि को कयने की ऺभता के व्मुत्क्रभानुऩाती होती है .
• उऩरब्ध फतिनं भं यख रेने के फाद बी एक अनतरयक्त फतिन रामक फासी बोजन फच यहता है . • नई नई साप की गई णखड़की गॊदी णखड़की से दो-गन ु ा ज्मादा गनत से धर ू ऩकड़ती है . • घय ऩय फार ्िाइॊटे ऩेन की उऩरब्धता उसकी अत्मॊत आिश्मकता के व्मुत्क्रभानुऩाती होती है . • जो कफाड़ा आऩका एक गैयाज बय सकता है , उतना ही कफाड़ा आऩके दो गैयाज को बया हुआ होता है .
• तीन फच्चचे + दो बफजस्कटे = रड़ाई • सॊकटे की सॊबािना, उऩरब्ध टेीिी रयभोटे कॊट्रोर बाजजत दशिकं की सॊख्मा के व्मुत्क्रभानुऩाती होती है .
• आऩके घय के खर ु े हुए दयिाजे-णखड़फ़कमं की सॊख्मा फाहयी ताऩक्रभ के उरटेे अनुऩात भं होती है .
• फ़कसी बी िाटेय हीटेय की ऺभता डेढ़ फच्चचे के नहा रेने रामक बय होती है . • जो ऊऩय जाता है , िह नीचे आता ही है शसिाम फफर गभ तथा अध खाए बोजन के. .
.व्मॊग्म 25
भयिी के कॊ्मूटेयी ननमभ • कोई बी चरता हुआ प्रोग्राभ अप्रचशरत (ऑब्सरीटे) होता है . • र्दमा गमा कोई बी प्रोग्राभ जफ बी चरामा जाता है तो प्रत्मेक फाय वऩछरे फाय से ज्मादा सभम ि रुऩमा खाता है . • मर्द कोई प्रोग्राभ उऩमोगी होता है तो फ़पय अॊतत् उसे फदरा ही जाता है . • मर्द कोई प्रोग्राभ अनऩ ु मोगी होता है तो उसे दस्तािेज़ीकृत फ़कमा जाना आिश्मक होता है .
• कोई बी र्दमा गमा प्रोग्राभ उऩरब्ध भेभोयी को ऩूयी तयह घेय रेता है .
• फ़कसी प्रोग्राभ का भूल्म उसके आउटेऩुटे के बाय के व्मुत्क्रभानुऩाती होता है .
• फ़कसी प्रोग्राभ की ऩेचीदगी उसको भं टेेन कयने िारे प्रोग्राभय की ऺभता से आगे तक फढ़ती जाती है . • हय भहत्िऩूणि प्रोग्राभ भं कभ से कभ एक फग तो होता ही है .
उऩप्रभेम 1 - फ़कसी प्रोग्राभ की तच्च ु छता के शरए
ऩमािप्त शति मह होती है फ़क उसभं कोई फग नहीॊ होता है . उऩप्रभेम 2 - जफ प्रोग्राभ का रेखक सॊस्था को छोड़ता है तो प्रोग्राभ भं कभ से कभ एक फग तो र्दखाई दे ही जाता है . • फ़कसी प्रोग्राभ के एक र्हस्से भं फग अिश्म र्दखाई दे ता है जफ उस प्रोग्राभ के असॊफद्ध र्हस्से भं कुछ ऩरयिधिन फ़कमा जाता है .
सूक्ष्भ फग विशार ऺनत कयते हं ि फड़ी सभस्माएॉ ऩैदा कयते हं.
• कोई ‗क्तडफग्ड' प्रोग्राभ जो फ़क क्रैश हो जाता है , बॊडाय उऩकयणं से स्रोत िाइरं को बी तफ शभटेा दे ता है जफ फैकअऩ उऩरब्ध नहीॊ होता है . • हामििेमय की असपरता तॊि सॉफ़्टेिेमय को क्रैश कयती है औय सेिा-प्रदाता इॊजीननमय सॉफ़्टेिेमय प्रोग्राभय को दोर्ष दे ता है . • तॊि सॉफ़्टेिेमय क्रैश से हाडििेमय पेर होने ऩय प्रोग्राभय सेिा-प्रदाता इॊजीननमय को दोर्ष दे ते हं . • ढूॊढी नहीॊ जा सकी िर्ु टेमाॉ असॊख्म फ़कस्भ की होती हं, जफफ़क ढूॊढी जा चक ु ी िर्ु टेमाॉ ,
ऩरयबार्षानुसाय सीशभत भािा भं होती हं. • ऩहरे से ही विरॊबफत हो चक ु े फ़कसी सॉफ़्टेिेमय
ऩरयमोजना भं अनतरयक्त प्रोग्राभयं को शाशभर कयने ऩय ऩरयमोजना भं औय बी विरॊफ होता है . • मर्द आऩ मह सॊबि फना दं फ़क प्रोग्राभय र्हन्हदी भं प्रोग्राशभॊग कय सकं, तो आऩ ऩाएॊगे फ़क प्रोग्राभय र्हन्हदी नहीॊ शरख सकते.
• भानक सॉफ़्टेिेमय भॉड्मूरं के दस्तािेज़ीकृत
इॊटेयिेसेस भं अ-दस्तािेज़ीकृत विशशिताएॉ होती हं.
• हाडििेमय असपरता की सॊबािना ग्राहक सेिा इॊजीननमय के उऩरब्ध स्थान की दयू ी के सीधे अनुऩात भं होती है .
उऩप्रभेम- हाडििेमय असपरता के स्िमभेि ठीक हो जाने की सॊबािना ग्राहक सेिा इॊजीननमय के उऩरब्ध स्थान की दयू ी के व्मुत्क्रभानुऩाती होती है .
• कामिशीर प्रोग्राभ िे होते हं जजनभं तफ तक ढूॊढे नहीॊ जा सके फग होते हं.
• र्दए गए सभम भं आऩके ऩास चाहे जजतने बी कॊ्मूटेय रयसोसेस होते हं, आऩके शरए िे कबी बी ऩमािप्त नहीॊ होते हं.
• फ़कसी बी फर्ढ़मा प्रोग्राभ के शरए आऩके ऩास उऩरब्ध भेभोयी से ज्मादा आिश्मक होता है .
• अॊतत् जफ आऩ अऩने कम््मूटेय के शरए ऩमािप्त
भेभोयी खयीद रेते हं तो ऩाते हं फ़क आऩके क्तडस्क भं ऩमािप्त जगह नहीॊ है . • क्तडस्क तो हभेशा ही ऩूये बये होते हं. औय
अथधक क्तडस्क जगह के शरए प्रमास कयना तो ननयथिक ही होता है . डाटेा की फ़पतयत है फ़क िह फ़कसी बी खारी जगह को बयने के शरए पैर ही जाता है . • मर्द कोई प्रोग्राभ भेभोयी भं िास्तविक रूऩ भं फ़पटे हो जाता है तथा क्तडस्क भं सभा जाता है तो फ़पय इस फात की गायॊ टेी हो जाती है फ़क िह प्रोग्राभ क्रैश होगा ही. • मर्द ऐसा कोई प्रोग्राभ क्रैश नहीॊ हुआ है , तो मह भानकय चशरए फ़क िह क्रैश कयने के शरए फ़कसी फर्ढ़मा सभम के इॊतजाय भं है . • चाहे आऩ जजतनी बी फर्ढ़मा खयीदायी कय रं , जफ आऩ कोई कम््मूटेय साभग्री खयीदते हं तो ऩाते हं फ़क ठीक उसके फाद ही बािं भं बायी कभी हो गई.
• आऩके कॊ्मूटेय के सबी अिमि अप्रचशरत (ऑब्सरीटे) हं.
• जजस गनत से कॊ्मूटेयं के अिमि अप्रचशरत
होते हं िह गनत उस अिमि की कीभत के सीधे अनुऩात भं होती है . • सॉफ़्टेिेमय फगं को उऩमोक्ता के अरािा अन्हम फ़कसी के द्वाया खोजा जाना आभतौय ऩय सॊबि नहीॊ होता. • ग्राहक सेिा इॊजीननमय के द्वाया आऩके जैसा विथचि उऩमोक्ता मा आऩके ऩास उऩरब्ध विथचि तॊि ऩहरे कबी दे खा नहीॊ गमा होता है . • मह स्िमॊशसद्ध है फ़क जो कर-ऩज ु े आिश्मक होते हं िे स्टेाक भं नहीॊ होते तथा उनका उत्ऩादन फन्हद कय र्दमा गमा होता है . • कोई बी िीक्तडमो क्तडस््रे मूननटे, चाहे िह फ़कतना
ही कीभती क्मं न हो, स्िमॊ जरकय ऩचास ऩैसे के फ़्मूज एशरभं टे को खयाफ होने से फचा रेता है .
• फ़कसी उऩकयण भं मर्द गायॊ टेी भं अथििामय का जजक्र होगा तो उऩकयण के ऩािय केफर भं शसपि दो वऩन हंगे. • मर्द फ़कसी सफ़किटे (सुधायने मा फनाने) भं n
अिमिं की आिश्मकता होगी तो स्थानीम स्टेॉक भं n-1 अिमि ही उऩरब्ध होते हं . • कोई उऩकयण तफ तक असपर नहीॊ होता जफ तक फ़क िह पाइनर इॊसऩेक्शन ऩास नहीॊ कय रेता. • कोड जनये टेय प्रोग्राभ ऐसे कोड जनये टे कयता है जजसभं प्रोग्राभ से ज्मादा फग होते हं . • फ़कसी िकिफेन्हच से कोई ऩयु जा उसके भहत्ि के सभानऩ ु ाती, ऩहुॊच से दयू जाकय थगयता है .
• आऩ चाहे जजतना बी ईभानदाय, श्रभसाध्म काभ कय रं , आऩका फॉस तबी प्रकटे होता है जफ आऩ इॊटेनये टे ऩय चैटे कय यहे होते हं . • हाडि ड्राइि तबी क्रैश होते हं जफ आऩ उसभं से जरूयी जानकायी फैकअऩ नहीॊ फ़कए हुए होते हं .
• कॊ्मूटेय िर्ु टेमाॉ ऩैदा नहीॊ फ़कमा कयते - उन्हहं ऐसा कयने के शरए प्रोग्राभ फ़कमा जाता है .
-----.
व्मॊग्म 26
बायतीम घये रू भर्हरा के शरए भयिी के कुछ ननमभ
1. जजस हसीन शाभ को आऩ अऩने ऩनत के शरए नाश्ता ि चाम ऩहरे से तैमाय कय यखती हं, उस र्दन िे फेसाख्ता दे यी से आते हं. उऩप्रभेम 1 : जजस हसीन शाभ को आऩ नाश्ता तैमाय नहीॊ कय ऩाती हं, उस र्दन आऩके ऩनत जल्दी घय आ धभकते हं औय इतने बूखे होते हं फ़क ऩूया का ऩूया डाइननॊग टेे फर भम पनीचय ि भतिफान खा जाने को तत्ऩय होते हं.
उऩप्रभेम 2 : जजस हसीन शाभ के शरए आऩके ऩनतदे ि आऩसे िादा कय यखते हं फ़क िे जल्दी घय रौटेकय आऩको फाजाय रेकय चरंगे, उस र्दन आऩ ऐसी कोई तैमायी भत यणखए. चफ़ूॊ क िे फेसाख्ता दे यी से आने िारे होते हं.
2. जफ आऩ खाना खाने फैठती हं, आऩका दो िर्षि का फच्चचा तबी सूसू मा ऩॉटेी कयने के शरए
अजीफ चेहये फनाता है , मा दध ू िारा जल्दी (मा दे यी से) आकय आिाज रगाता है मा कोई
अजनफी दयिाजा खटेखटेा कय फ़कसी चीज की भाकेर्टेॊग कयने का असपर प्रमास कयता है मा कोई िह ऩता ऩछ ू ता है जो फ़क आऩकी कॉरोनी का नहीॊ होता है .
3. जफ आऩ अऩनी फ़कसी भहत्िऩूणि सहे री के
पोन कार का इॊतजाय कयते फैठी होती हं, तो ऩता चरता है फ़क आऩके काडिरेस िोन की फैटेयी ऩूयी तयह क्तडसचाजि हो गई है मा रंडराइन िोन के
केफर भं खयाफी आ गई है मा भोफाइर िोन की फैटेयी को आऩका नन्हहा उस ऩय गेभ खेरकय खत्भ कय चक ु ा है . उऩप्रभेम 1: मर्द पोन कार फ़कसी टेे शरभाकेर्टेॊग कॊऩनी से आमा होता है तो आऩका फॊद िोन अचानक फर्ढ़मा काभ कयने रगता है .
4. जजस र्दन आऩ जस्िशभॊग ऩूर जाने का ्रान
फनाती हं, उसी र्दन आऩका फच्चचा तेज सदी-फुखाय से ग्रस्त हो जाता है .
उऩप्रभेम: जजस र्दन आऩ जस्िशभॊग ऩूर जाने का विचाय कयती हं, औय आऩका फच्चचा बी स्िस्थ
यहता है , तो फ़पय उस र्दन फारयश हो जाती है . 5. आऩका कचया उठाने िारा, आऩके गैस ऩय यखे दध ू के उफरने के ठीक 10 सेकण्ड ऩहरे आता है .
आऩ दध ू को उफरते तक रुक नहीॊ सकतीॊ क्मंफ़क तफ तक कचया उठाने िारा अगरी सड़क नाऩ
चक ु ा होता है . आऩ गैस फन्हद कय कचया डारने
जाती हं, तफ बी ऩाती हं फ़क अॊतत् दध ू गैस की फची गभी से ही उफर कय बफखय गमा. . . 6. जजस र्दन आऩ सोचती हं फ़क आऩ आज हय हार भं याबि दस फजे से ऩहरे सफ काभ खत्भ कय आयाभ पयभाएॉगी, औय आऩ ऐसा कय बी
रेती हं - तो ऩाती हं फ़क उस र्दन यात बय बफजरी गुर यही. 7. जजस र्दन आऩकी काभ िारी फाई काभ ऩय नहीॊ आती है , उसी र्दन आऩके घय भं भेहभानं का ताॊता रगता है . 8. जफ आऩ ढे य साये कऩड़े ऩानी भं शबगो दे ती हं , तफ आऩकी काभ िारी फाई का सॊदेश शभरता है फ़क िह आज छुट्टी ऩय यहे गी. 9. जफ घय भं आरू-्माज खत्भ हो जाता है , औय
उसकी फहुत जरूयत होती है तो गरी-गरी सब्जी फेचने िारा हॉकय नहीॊ आता औय फ़पय जफ आऩ फाजाय जाकय मे सफ रे आती हं तो ऩता चरता है फ़क िह हॉकय तभाभ भुहल्रे भं फाय-फाय हाॊक रगा यहा है .
10. जजस र्दन आऩ अऩने ऩनत की गॊदी-पटेीफदफूदाय जीन्हस धोकय फाहय धऩ ू भं सूखने डारती हं, तो भौसभ के अनुभान के विऩयीत फयसात हो जाती है औय जीन्हस भं पॊगस रगकय िह औय गॊदा-फदफूदाय हो जाता है .
उऩप्रभेम: आऩके ऩनत को उस जीन्हस के अरािा कुछ औय ऩहनना बाता ही नहीॊ. 11. फ़कसी आिश्मक खयीदायी के शरए आऩ अऩने ऩनतदे ि को फाजाय बेजती हं तो ऩाती हं फ़क आऩके ऩनतदे ि तभाभ दस ू ये कामि ननऩटेा आते हं औय िही आिश्मक खयीदायी बूर आते हं. औय
अॊतत् िह आिश्मक खयीदायी आऩको ही कयनी होती है . उऩप्रभेम: मर्द आऩके ऩनत आिश्मक खयीदायी कय आते हं तो मा तो साभान खयाफ होता है मा बाि उथचत नहीॊ होता शरहाजा आऩको स्िमॊ जाकय िह साभान िाऩस कय सही साभान उथचत बाि भं राना होता है . साबाय - रक्ष्भी का थचट्ठा http://www.arunn.net/personalblog/2006/08/27/m urphys-laws-for-the-home-maker/
व्मॊग्म 27
नन्हहं भुन्हने फच्चचं के शरए भयिी के ननमभ
• जफ आऩ अऩने फच्चचे को गोद भं उठाकय चरना चाहते हं तो िे हय हार भं खद ु अऩने ऩैयं ऩय चरना चाहते हं.
• जफ आऩ चाहते हं फ़क आऩका फच्चचा खद ु अऩने ऩैयं से चरकय जाए तो िे फ़कसी सयू त आऩकी गोद नहीॊ छोड़ते हं.
• जफ आऩ फच्चचा-गाड़ी राते हं, तो िह उसऩय फैठकय नहीॊ, उसे धकेर कय चरना चाहते हं . • जफ आऩ फच्चचा-गाड़ी राना बूर जाते हं तो िो फच्चचा-गाड़ी भं जाने की जजद कयते हं.
• फ़कसी बोजन भं जजतना ज्मादा, गहया औय स्थाई धब्फा फनाने की ऺभता होती है , उस बोजन भं फ़कसी फच्चचे के द्वाया कऩड़ं भं पैराए जाने की
उतनी ही ज्मादा सॊबािना होती है . • उऩ-प्रभेम - फ़कसी बोजन भं स्थाई धब्फा रगाने की जजतनी ज्मादा ऺभता होती है , उस बोजन के फ़कसी फच्चचे के द्वाया उतने ही भॊहगे कऩड़े ि पनीचय ऩय पैराए जाने की उतनी ही अथधक सॊबािना होती है . • फ़कसी फच्चचे को आज जो ऩसॊद है िह कबी बी कर ऩसॊद नहीॊ होगा (विशेर्ष रुऩ से बोजन). • फ़कसी फच्चचे के द्वाया गरती (मा शैतानी) कयने ऩय उसके अशबबािकं की झल्राहटे आसऩास भौजूद व्मक्तक्तमं की सॊख्मा के सीधे अनुऩात भं होती है .
• भेया णखरौना ननमभ : मर्द मह भेया है , तो मह शसपि भेया है , मर्द मह तुम्हाया है , तो बी मह भेया है , मर्द मह भुझे ऩसॊद है , तो मह भेया है,
मर्द इसे भं आऩसे रे सकता हूॉ, तो मह भेया है , मर्द भं फ़कन्हही चीजं से खेर यहा हूॉ, तो िे सफकुछ भेये हं,
मर्द भं सोचता हूॊ फ़क मह भेया है , तो फ़पय मह भेया है ,
मर्द भंने इसे ऩहरे दे खा है तो फ़पय मह भेया है , मर्द भंने इसे रेकय कहीॊ छोड़ कय यख र्दमा है , तफ बी मह भेया है , मर्द आऩने इसे शरमा हुआ है , तफ बी मह भेया है , मर्द भंने मा फ़कसी ने इसे छुऩामा हुआ है , तफ बी मह भेया है , मर्द मह उसके जैसा र्दखता है जैसा फ़क भेये घय भं है , तो मह भेया है , • मर्द मह टेूटे गमा है , तो मह तम् ु हाया है .
• मर्द भं ऩसाया पैराता हूॉ तो साप तुम्हं कयना होगा.
• मर्द भं इसे तोड़ता हूॉ, तो मह भेयी नहीॊ तुम्हायी गरती है . . . • एक अशबबािक जजतना जोय से थचल्राकय, जजतना ज्मादा दे य तक औय फायॊ फाय सभझाने की
कोशशश कये गा फ़कसी फच्चचे के द्वाया उसे सभझे ि अऩनाए जाने की सॊबािना उतनी ही कभ होगी. • फ़कसी बोजन को फनने भं जजतना ज्मादा ऊजाि, साभग्री ि सभम रगता है , फ़कसी फच्चचे के द्वाया उसे खाए जाने की सॊबािना उतनी ही कभ होती है . • काय (मा फस) जैसे ही चरने को होती है , उसभं सिाय फच्चचं को सूसू कयने की तीव्र आिश्मकता भहसूस होती है .
• जो कऩड़े/जूते आऩ इस हफ़्ते खयीद राए हं, िे अगरे हफ़्ते मा तो फच्चचे को फ़पटे नहीॊ हंगे मा फ़पय िे फच्चचे को ऩसॊद नहीँ आएॊगे. • फ़कसी दस ू ये कभये से आती हुई आिाज के उरटेे अनुऩात भं िहाॉ भौजूद फच्चचे द्वाया की जा यही शैताननमाॉ होती हं.
• अऩने काय की सीटे किय के शरए आऩ जजतना ज्मादा यकभ खचि कयते हं , आऩका फच्चचा उसे उतना ही कभ ऩसॊद कयता है . • जफ बी आऩ जल्दी भं होते हं, आऩका फच्चचा बफरा िजह दे यी कयता है . • आऩका िोन कॉर जजतना ज्मादा भहत्िऩूणि
होगा, आऩका नन्हहा उतना ज्मादा ही जोय से योएगा मा कभये के दस ू ये कोने भं उतना ही ज्मादा उत्ऩात भचाएगा.
• झूराघय की सुरबता ि उऩरब्धता आऩकी आिश्मकता के उरटेे अनुऩात भं होती है .
• आऩका नन्हहा हभेशा इस फात का इॊतजाय कयता है फ़क कफ आऩ काभ ऩय जाने के शरए तैमाय हं, तफ फ़पय िह आऩके कऩड़ं को अऩना बोजन पैराकय मा फ़कसी अन्हम तयीके से खयाफ कये . • जफ आऩ चाहते हं फ़क आऩका नन्हहा सोए, िह आॉखं पाड़कय जागता है , धभार भचाता है . औय जफ आऩ चाहते हं फ़क िह जागे, फेहोशी भं सोता यहता है .
----.
व्मॊग्म 28 ...
हे ! बगिान, भुझे बी हय जन्हभ भं इसी ऩािन बूशभ भं ऩैदा कयना.
टेाइम्स ऑि इॊक्तडमा तथा टेाइम्स न्हमूज सवििस
द्वाया फ़कमे गए एक साझा सिेऺण भं मह फात उबय कय साभने आई है फ़क आभ औसत बायतीमं भं से 89 प्रनतशत की मह काभना है फ़क अगरे जन्हभ भं बी िे ऩविि बायत बूशभ भं जन्हभ रं.
आऩकी क्मा याम है? चशरए, जो बी हो, उन कायणं को थगना सकते हं आऩ?
भेयी बी याम आभ जनं की याम से शभरती जुरती है . भं बी अगरे जन्हभ भं बायत बूशभ भं ही जन्हभ रेना चाहूॉगा. भं अगरे तो क्मा हय जन्हभ भं , जन्हभ-जन्हभाॊतय भं बायत बूशभ भं जन्हभ रेना
चाहूॉगा, फशतं जो हारात आज हं, िही फयकयाय यहं . औय, अगय फ़कसी स्थावऩत नेता के घय जन्हभ शभरे तो सोने भं सह ु ागा! फात बायत दे श भं ही ऩुनजिन्हभ रेने के कायणं
की हो यही थी. आऩके बायत भं ऩुनजिन्हभ रेने मा नहीॊ रेने के, अऩने कायण हो सकते हं औय हो सकता है फ़क िे, भेये कायणं से जुदा हं. भं
आऩके उन कायणं को जानना चाहूॉगा. फहयहार, क्मा आऩ भेये कायणं को नहीॊ जानना चाहं गे? तो रीजजए, आगे ऩर्ढ़ए . .
बायत दे श भं भेये ऩुन् ऩुन् जन्हभ
रेने की इच्चछा के ऩीछे कुछ ऩुख्ता कायण:
1 भं महाॉ ऩय अऩनी ऩेट्रोर िारी गाड़ी भं फ़कटे रगिा कय सस्ते केयोसीन मा सफसीडी िारी यसोई गैस से आसानी से, बफना फ़कसी सभस्मा से चराते यह सकता हूॉ. ऩमािियण की तो ऐसी की ....कबीकबी, मदा-कदा, नाभ की कोई चेफ़कॊग होती है तो भं सौ रुऩए दे कय आयाभ से फच ननकर सकता हूॉ. मही हार राइसंस ि गाक्तड़मं के इॊश्मोयं स के शरए बी है .
2 भं बायत दे श की गड्ढं मक्त ु सड़कं ऩय ऑटेो ि टेै म्ऩो के फीच अटे-कटे भायते हुए कहीॊ से बी दाएॉ-फाएॉ ननकर रेता हूॉ. चायं ओय ट्रै फ़िक ही
ट्रै फ़िक होता है - फ़पय संस कहाॉ से आएगा औय ऐसे भं संस की जरूयत ही नहीॊ है . संस-रेस
ड्राइविॊग का फ़कतना भजा होता है . बायत की हय गरी औय सड़क ऩय मह भजा शभरता है . 3 भुझे कहीॊ अचानक अकस्भात ये र मािा कयनी होती है तो बीड़ बये डब्फं का बम भुझे नहीॊ
सताता. टेीटेी भहोदम को नए हये नोटे दे कय बफना र्टेकटे के ही रयजिेशन औय एसी भं सपय कय सकता हूॉ. ऊऩय से र्टेकटे की याशश के आधे से ही भेया सपय ऩयू ा हो सकता है . िह तो उड़ानं भं प्राइिेटे ऩार्टेि माॉ घस ु आईं, नहीॊ तो िहाॊ बी भौज यहती. उम्भीद है इस भाभरे भं सयकाय कुछ कये गी.
4 भं आसानी से अऩना कोई बी अिैध काभ कय सकता हूॉ. जेशसका रार जैसा साििजननक
हत्माकाॊड कय भं आसानी से फयी हो सकता हूॉ,
अफू सरेभ जैसा आतॊकिादी फनकय हीयो के रूऩ
भं यह सकता हूॉ - साथ ही चन ु ाि रड़कय दे श का
नेता बी फन सकता हूॉ. सयकायी दफ़्तयं भं बी भं
अऩना कोई बी - जी हाॉ, एक फाय फ़पय से, कोई बी अिैध काभ आसानी से कयिा सकता हूॉ. फस, िहाॉ जभे अिसयं-फाफुओॊ को थोड़ी सी रयश्वत दे ने की दयकाय होती है .
5 दे स की ऩाशरिमाभं टे ऩय हभरा कय भं अऩनी सजा भाि कयिाने के शरए तभाभ ऩार्टेि मं को एकजुटे कय सकता हूॉ - जैसे फ़क अबी अिजर भाभरे भं हो यहा है - िोटे फंक की खानतय! भं महाॉ आसानी से, बफना फ़कसी सज़ा के बम के हय कहीॊ साििजननक रूऩ से साििजननक स्थरं ऩय
थक ू -भूत सकता हूॉ. दे श भं साििजननक शौचारम जनसॊख्मा के र्हसाफ से हं नहीॊ. रगता है फ़क ऩयू े दे श को अघोवर्षत रूऩ से साििजननक शौचारम
भान शरमा गमा है . औय, मह फ़कतना अच्चछा है ! 6 ..... ऐसे औय बी कायण हं जो सैकड़ं ऩि ृ ं भं सभा
सकते हं - इतना फ़क भं फता-फता कय थक जाऊॉ औय आऩ ऩढ़कय इतना फोय हो जाएॉ फ़क दोफाया इस थचट्ठे की ओय रुख ही न कयं . इसीशरए आइए, अफ आऩके कायणं के फाये भं फात कयते हं . क्मा आऩ नहीॊ थगनाना चाहं गे आऩके अऩने कायणं को?...
----.
व्मॊग्म 29 भयिी के िाणणज्म-व्माऩाय के ननमभ • फ़कसी बी ऩरयमोजना के प्रथभ 90% चयण ऩूये
होने भं उसका 90% सभम रगता है तथा फाकी के 10% भं अनतरयक्त 90% सभम रगता है . • मर्द आऩ अऩना काभ 24 घॊटें भं बी नहीॊ कय ऩाते हं तो यात भं बी काभ कयं . • ऩीठ ऩय शाफासी की थऩकी औय कूल्हे ऩय रात ऩड़ने भं शसपि कुछ इॊच का ही अॊतय होता है . • अऩनी जस्थनत को विकल्ऩ हीन न फनने दं .
क्मंफ़क जफ आऩका कोई विकल्ऩ नहीॊ होगा तो आऩकी ऩदोन्हननत बी नहीॊ होगी. • इससे कोई पकि नहीॊ ऩड़ता फ़क आऩ क्मा कयते हं. पकि इससे ऩड़ता है फ़क आऩ कहते फ़पयते हं फ़क आऩने क्मा-क्मा फ़कमा है औय क्मा-क्मा कयने िारे हं. • फ़कसी बी िेतन िवृ द्ध के उऩयाॊत, भहीने के
आणखय भं आऩके ऩास ऩहरे की अऩेऺा ऩैसे कभ ही फच यह ऩाते हं. • जजतनी ज्मादा अशशिता आऩ र्दखाएॉगे उतनी ज्मादा अशशिता आऩको शभरेगी. • अऩने आऩको गॊबीय फना कय औय हाथं भं िाइर ऩकड़ कय शान से आऩ कहीॊ बी जा सकते हं. • सुफह-सुफह एक जीवित केकड़े को सभूचा ननगर
रीजजए. फ़पय मकीन भाननए, ऩूये र्दन आऩके साथ इससे फुया कुछ हो ही नहीॊ सकता.
• अऩने व्माऩारयक ऩि भं कबी बी दो प्रश्न एक साथ नहीॊ ऩूछं. जिाफ उस प्रश्न का आएगा जजसके फगैय आऩका काभ चर सकता होता है , औय दस ू ये भहत्िऩूणि प्रश्न के फाये भं कोई फात नहीॊ कही गई होती है .
• जफ आऩका फॉस उत्ऩादकता के फाये भं फात कयता है तो िह अऩने स्िमॊ के फाये भं कतई नहीॊ फोर यहा होता है . • मर्द आऩ ऩहरी दपा भं सपर नहीॊ होते हं तो कभ से कभ एक फाय फ़पय कोशशश करयए, फ़पय बरे ही छोड़ दीजजए. भूखि फने यहने भं कोई तुक
नहीॊ. • जफ कबी बी आऩका फॉस ऑफ़पस से घय छोड़ दे ने के शरए कहता है , तो प्राम् हय हभेशा आऩके काय भं फीमय की फोतरं रुढ़की ऩड़ी हुई होती हं. • फॉस हभेशा सही होता है . तफ बी, जफ िह खद ु जानता होता है फ़क िह सही नहीॊ है .
• भाॊ हभेशा कहती थी फ़क ऐसे कर्ठन र्दन तो जीिन भं आएॊगे ही. ऩयॊ तु उन्हहंने मह नहीॊ फतामा था फ़क इतने साये आएॊगे.
• फॉस के आगे औय गधे के ऩीछे न चरं . • विविध (शभसरेननमस) खाते भं तो साये ब्रह्माॊड का आॊकड़ा घुसामा जा सकता है .
• फ़कसी बी भीॊर्टेग के सभाऩन भं तथा चाम-ऩानी के सभम भं कबी बी दे यी नहीॊ कयं . • गरनतमाॉ भनुष्म से होती ही हं, ऺभा कॊऩनी के ननमभं भं नहीॊ होता.
• कोई बी व्मक्तक्त फ़कतना ही साया काभ कय सकता है फशते िह कामि उसे आफॊर्टेत न फ़कमा गमा हो. • भहत्िऩूणि ऩि जजनभं कोई िर्ु टेमाॉ नहीॊ होती हं, उनभं डाक भं हस्ताॊतयण के दौयान िर्ु टेमाॉ
उत्ऩन्हन हो जाती हं. • िह अॊनतभ व्मक्तक्त जजसने नौकयी छोड़ी मा जजसे ननकार र्दमा गमा िही हय गरत चीज के शरए जजम्भेदाय भाना जाता यहता है - जफ तक फ़क आगे कोई नौकयी न छोड़ दे मा नौकयी से न ननकार र्दमा जाए. . . • ऩहरी दपा काभ कयने के शरए कबी बी ऩमािप्त सभम नहीॊ होता, ऩयॊ तु उसे दफ ु ाया कयने के शरए हभेशा ऩमािप्त से अथधक सभम यहता है .
• उऩ-प्रभेम - फ़कसी बी र्दए गए काभ को कयने के शरए कामिकताि के ऩास कबी बी ऩमािप्त सभम नहीॊ होता, जफफ़क ऩमििेऺक के ऩास ऩमािप्त से अथधक सभम होता है . • फ़कसी व्मािसानमक प्रनतिान का नाभ जजतना ज्मादा भहात्िाकाॊऺी प्रतीत होगा, उत्ऩादकता भं िह उतना ही छोटेा होगा.
• मर्द आऩ अच्चछे कामिकताि हं तो आऩको साये
काभ दे र्दए जाएॊगे. मर्द आऩ सचभुच अच्चछे हं तो आऩ स्िमॊ ही िहाॊ से फाहय चरे जाएॊगे.
• जफ बी आऩका फॉस आऩके डेस्क ऩय आता है , तो हभेशा ही आऩ कोई फेकाय सा कामि कय यहे होते हं. • मर्द कोई मह कहता है फ़क िह ‗बफरा-नागा' उस काभ को अिश्म ही कय दे गा तो फ़पय तो िह नहीॊ ही कये गा. • कॉन्हफ्रेंसं भं िही रोग जाते हं जजन्हहं असर भं िहाॉ जाना नहीॊ चार्हए होता है . • बूतकार भं हभेशा फ़कसी काभ के शरए ऩमािप्त फर भौजूद यहता है .
• उसी गरती को रोग दफ ु ाया नहीॊ दोहयाते, िे फायफाय दोहयाते हं.
• मर्द फ़कसी कामि का अॊनतभ सभम (रास्टे शभनटे मा डेड राइन) नहीॊ होता है तो िह कामि कबी बी ऩूया नहीॊ होता है .
• फ़कसी ऑफ़िस भं फ़कसी अिसय का अथधकाय उसके द्वाया यखे जाने िारे ऩेनं की सॊख्मा के व्मुत्क्रभानुऩाती होती है .
• मर्द आऩको सभझ नहीॊ आ यहा है फ़क क्मा
कयना चार्हए, मा आज कयने को कोई काभ नहीॊ है तो जल्दी-जल्दी चरं औय व्मस्त र्दखं . • आऩके सिािथधक अरुथचकय कामि के शरए आऩको सिािथधक प्रशॊसा शभरती है . • सप्ताहाॊत भं कोई फीभाय नहीॊ होता. • फ़कसी कामि को ऩूया कय रेने के शरए ननमभं ऩय न चरना कोई फहाना नहीॊ है .
• उऩ-प्रभेम - ननमभं ऩय चरकय कबी बी कोई काभ ऩूया नहीॊ फ़कमा जा सकता.
• जफ आऩ फ़कसी कर्ठन सभस्मा भं उरझ जाते हं तो आऩ उसे आसान फना सकते हं - मह प्रश्न ऩूछ कय - आऩका प्रनतद्वॊ द्वी इसे कैसे कयता? • आऩ चाहे जैसे औय जजतना काभ कय रं , सॊगठन के शरए आऩका काभ कबी बी ऩमािप्त नहीॊ होता. • ऩदनाभ जजतना रॊफा औय आकर्षिक होगा उतना ही भहत्िहीन कामि होगा. • भशीनं जो चरते चरते खयाफ हो जाती हं , भेकेननक के आने ऩय स्िमभेि ठीक हो जाती हं . • प्रगनत तो हय दस ू ये भॊगरिाय को ही शभर
सकती है , औय िह भॊगरिाय ितिभान िारा कबी नहीॊ होता.
• जफ फ़कसी काभ भं गरती हो जाती है तो उसे ठीक कयने भं रगाए गए प्रमास उसे औय ज्मादा गरत कय दे ते हं. • हय तयह की छुट्टी औय अिकाश स्िमॊ को
छोड़कय फाकी सफके शरए तभाभ सभस्माएॉ ऩैदा कयता है . • सपरता बाग्म ऩय ही ननबिय है , फ़कसी बी असपर से ऩछ ू रं .
• फ़कसी बी कामि का भल् ू म उसके शरए तम फ़कए गए सभम सीभा (डेडराइन) की अिथध के व्मत्ु क्रभानऩ ु ाती होता है .
----.
व्मॊग्म 30 इॊटेयनेटे फुयाइमं की जड़ है! भं अऩने ऩुयाने र्दनं को माद नहीॊ कयना चाहता। तफ इॊटेयनेटे नहीॊ था, ईभेर नहीॊ था (औय न ही
ऩॉनि साइटें थीॊ)। आज के शोध छािं के विऩयीत, भुझे अऩनी ऩरयमोजना िाइरं को ऩूया कयने के
शरए विद्यारम के ग्रॊथारम तक ननत्म दौड़ रगानी होती थी, सैकड़ं बायी बयकभ ऩुस्तकं को
उठाऩटेक कय हजायं ऩि ृ ं भं से भसारा खोजना होता था, टेीऩ शरख-शरख कय यखना होता था, अऩने प्रोिेसय के साथ घॊटें फैठकय र्दभाग खऩाकय प्रत्मेक भहत्िऩूणि फात को दफ ु ाया-नतफाया ढूॊढ ढाॊढ कय शरखना होता था।
तफ अगय आज की तयह भेये ऩास इॊटेयनेटे होता तो भुझे कहीॊ जाने की जरूयत ही नहीॊ होती। भं
अऩने शोध विर्षम के कुछ शब्दं को रेकय गूगर
ऩय कुछ खोजफीन कयता औय कम््मूटेय तॊि की सफसे फर्ढ़मा ईजाद - ‗ऩर कय थचऩका कय‘ मानी फ़क कॉऩी/ऩेस्टे के जरयए दे खते ही दे खते भेया फेहतयीन, तथ्मऩयक, भौशरक शोध ग्रॊथ तैमाय हो जाता। फ़कसी तयह की कोई झॊझटे नहीॊ होती। आज के शोधाथथिमं को तो आधनु नक मुग का
आशीिािद शभरा हुआ है । आज उनके ऩास इॊटेयनेटे है । गग ू र है । आज के शोधाथथिमं को तो आधनु नक मुग का
आशीिािद शभरा हुआ है । आज उनके ऩास गूगर है । भं फ़कसी सयू त अऩने ऩयु ाने र्दनं को माद नहीॊ
कयना चाहता। ऩयु ाने र्दनं भं थचर्ट्ठमं को फड़े ही सोचविचाय कय शरखना होता था, दो चाय फाय तो
उन्हहं ऩढ़ना होता था औय फ़पय आिश्मक फदराि कय, डाकर्टेकटे थचऩकाकय उन्हहं ऩोस्टे कयना होता था। क्मा ऩता फ़कसी थचट्ठी भं गरत बार्षा मा कुछ गरत शरख शरखा गमा हो औय साभने िारे को सभस्मा हो जाए? डाक के डब्फे के भॉह ु ऩय
डारते सभम बी अगय भुझे कुछ माद आता था
तो िह ऩि पाड़ कय नए शसये से फ़पय से अच्चछी
बार्षा भं अच्चछी फात शरख कय थचट्ठी बेजता था। कई ऽतं से इि की खश ु फु आती थीॊ जो साभने िारे अऩना अशबन्हन सभझ कय ऩि भं खश ु फू
रगाकय भुझे बेजते थे, ऩयॊ तु उन्हहं मह नहीॊ ऩता
होता था फ़क भुझे हय फ़कस्भ के इि से एरजी है । भं ऩिं के जरयए पैरने िारे एॊिेक्स फ़कस्भ के
िामयस जन्हम फीभारयमं तथा फढ़ते आतॊकिाद के चरते ऩासिर फभ के पोबफमे से बी ग्रशसत था। धन्हम है इॊटेयनेटे। इसने भेयी सायी सभस्मा का सभाधान कय र्दमा है ।
अफ तो भुझे अऩना ऩि शरखने औय ऩि का
प्रत्मुिय दे ने के शरए शरिािे औय डाकर्टेकटे तो क्मा, सोचने की जरूयत ही नहीॊ होती। अफ भं अऩने कम््मूटेय के ईभेर क्राएॊटे ऩय ‗जिाफ
बेजं‘ फटेन को जक्रक कयता हूॉ, एसएभएस जैसी सॊक्षऺप्त फ़कस्भ की नई, व्माकयण-ितिनी यर्हत, स्भाइरी सॊकेतं मुक्त बार्षा भं सॊदेशं को शरखता
हूॉ, औय ‗बेजं‘ फटेन को जक्रक कय दे ता हूॉ। भेया ईऩि दन्हन से साभने िारे के कम््मूटेय ऩय हाजजय हो जाता है ।
िैसे बी, स्ऩैभं की भाय से भय चक ु े ‗फेचाये ‘ साभने िारे के ऩास आऩके ईऩि की बार्षा औय ितिनी
के फाये भं सोचने का िक्त ही कहाॉ होता है ! िह आऩके ईऩि को ऩढ़ रे मही आऩके शरए फहुत है । ऩहरे भं ऩि शरखने भं कोताही कयता था। तभाभ झॊझटें थीॊ। ऩि शरखो, सुधायो, शरिािे भं डारो,
थचऩकाओ, र्टेकटे थचऩकाओ, रार क्तडब्फे भं डारो। अफ ईऩि तो भफ़् ु त भं उऩरब्ध है बफना झॊझटे। शरहाजा हय सॊबि ईऩि को अऩने सबी जानने
िारं को अग्रेवर्षत कयता यहता हूॉ। भेये इस काभ भं कुछ िामयस बी भेया हाथ फटेाते हं जो भेये नाभ से कई ऩरयथचतं-अऩरयथचतं को अऩनी ही प्रनतकृनत मक्त ु ईऩि बेजते यहते हं।
अहा! इॊटेयनेटे। जीिन आज से ऩहरे इतना आसान कबी नहीॊ था। ऩहरे भुझे अऩने दोस्तं
रयश्तेदायं के महाॉ उनसे शभरने - जुरने - फोरने
- फताने - खेरने - गवऩमाने हे तु आिश्मक रूऩ से जाना होता था। फ़कतना किप्रद होता था बीड़-
धर ू -गड्ढे बयी सड़कं ऩय से गुजय कय अऩने
अनन्हम के ऩास जाना। उन तक ऩहुॉचते-ऩहुॉचते साया उत्साह ठॊ डा हो जाता था औय भन भं अऩयाध फोध-सा आ जाता था फ़क ऐ अनन्हम शभि हभने तेयी खानतय फ़कतने कि सहे ! ऩयॊ तु अफ तो भुझे शसपि इॊटेयनेटे से जुड़ा एक अदद कम््मूटेय औय एक िेफकैभ चार्हमे फस। अफ भं अऩने ही कमबू फकर से ही विश्व के फ़कसी बी कोने से
फ़कसी बी व्मक्तक्त से रूफरू फात कय सकता हूॉ, उसके साथ रूफरू शतयॊ ज खेर सकता हूॉ औय
अगय साभने िारा दोस्त याज़ी हो तो कुछ दोस्ती
मायी औय ्माय योभाॊस की बी फातं कय सकता हूॉ - औय मह साया कुछ अऩने कम््मूटेय के कॊु जीऩटे से! भं एक साथ, चैटे औय भैसंजय के जरयए
दजिनं रोगं से, दजिन बय अरग अरग विर्षम ऩय, जो दजिन बय अरग अरग जगह से होते हं , एक ही सभम भं एक साथ फात कय सकता हूॉ।
औय दे श-कार-बार्षा-सॊस्कृनत औय सभम की सीभा से ऩये फातं कयते यह सकता हूॉ।
भं तो अऩने ऩड़ोसी से बी इॊटेयनेटे चैटे के जरयए फात कयना ऩसॊद कयता हूॉ। महाॉ तक फ़क भं तो अऩने ऩड़ोसी से बी इॊटेयनेटे चैटे के जरयए फात कयना ऩसॊद कयता हूॉ। जफ भं अऩनी कुसी ऩय फैठकय आयाभ से चाम के घूॉटे
सुड़कता हुआ चैटे के जरयए रोगं से फातं कय सकता हूॉ तो फ़पय इसके शरए उनके ऩास जाकय
फात कयने की आिश्मकता ही क्मा है? इसी तयह से अफ जफ भं अऩने घय से इॊटेयनेटे के जरयए वऩज्जा हटे से घय ऩय ही वऩज्जा भॊगिा सकता हूॉ - तो क्मा भं फेिकूप हूॊ जो इसे खयीदने के शरए चाय भोहल्रा ऩाय कय बीड़-धर ू -गड्ढे बयी सड़क ऩाय कय वऩज्जा खयीदने वऩज्जा हटे जाऊॉ? हटे! इॊटेयनेटे उऩमोक्ता के रूऩ भं भं अऩने आऩको एरीटे श्रेणी मानी फ़क - उस श्रेिी िगि भं थगनता हूॉ - जो इॊटेयनेटे का इस्तेभार कयते हं। विश्व भं अफ दो ही फ़कस्भ के रोग हं - एक जो इॊटेयनेटे
का इस्तेभार कयते हं औय दस ू ये जो इॊटेयनेटे का इस्तेभार नहीॊ कयते हं। प्रगनतशीर, सभद्ध ृ , श्रेिी
िगि इॊटेयनेटे का इस्तेभार कयता है । गयीफ िूहड़ इॊटेयनेटे इस्तेभार नहीॊ कयता है । इॊटेयनेटे के
जरयए भेये कम््मूटेय स्क्रीन ऩय तभाभ विश्व की
ताज़ा जानकारयमाॉ उऩरब्ध होती हं औय विश्व के ताज़ा सभाचाय भेयी उॊ गशरमं ऩय यहते हं। अऩने कॊु जीऩटे के कुछ कॊु जजमं को दफाने की दे य होती है फस। धन्हमिाद इॊटेयनेटे।
इॊटेयनेटे के जरयए जफ आऩ सही भं िैजश्वक हो जाते हं, तो फ़पय आऩको मे छोटेे भोटेे फेकाय के घये रू मा आसऩड़ोस की घटेनाओॊ से क्मा रेना दे ना। इज़याइर की गाज़ा ऩट्टी ऩय ताज़ा हभरे
औय ओसाभा के नए िक्तव्म के सभाचाय ज्मादा भहत्िऩूणि हं फजाए इस सभाचाय के फ़क ऩड़ोस के सूने भकान भं वऩछरी दे य यात तफ चोयी हो गई जफ भं चैटे भं व्मस्त था। िैसे, कुछ खटेऩटे की
आिाजं भंने बी सुनी थीॊ, ऩयॊ तु उससे भुझे क्मा -
बई, मह तो स्थानीम ऩुशरस का काभ है खोजफीन कये औय चोयं को ऩकड़े। औय, िैसे बी, भुझे तो
अऩने ऩसॊदीदा थचट्ठं को ऩढ़ना था, ढे यं ईऩिं का जिाफ दे ना था औय कुछ थचट्ठं ऩय र्टे्ऩणणमाॉ
कयनी थीॊ - कुछ थचट्ठाकाय र्टे्ऩणणमाॉ नहीॊ कयने से नायाज से चर यहे दीखते हं।
इॊटेयनेटे ने राखं रोगं को राखं तयीकं से योजगाय र्दमा हुआ है । अगय इॊटेयनेटे नहीॊ होता तो सैकड़ं फ़िशसि, स्ऩैभसि, िामयस रेखक तो बूखे ही भय जाते। है कयं औय क्रैकयं का क्मा होता।
ऩॉनि इॊडस्ट्री कहाॊ जाती? इॊटेयनेटे - तेया बरा हो, तूने आधी दनु नमा को बूखे भयने से फचा शरमा। अगय है कसि औय क्रैकसि नहीॊ होते तो दनु नमा भं ऩामये सी कहाॉ होती औय ऩामये सी नहीॊ होती तो
दनु नमा भं कम््मटे ू य औय इॊटेयनेटे का नाभरेिा बी नहीॊ होता - मह भाि अशबजात्म िगि की यखैर भाफ़िक फन यहती। धन्हमिाद इॊटेयनेटे। तभाभ तयह के कीज़ेन ि क्रेक के जरयए भेये कम््मटे ू य
भं राखं रुऩमं के सॉफ़्टेिेमय सॊस्थावऩत हं - बरे ही उनकी आिश्मकता भझ ु े हो मा न हो - भं औय भेया कम््मूटेय सॉफ़्टेिेमय के भाभरे भं
अभीय तो हं ही! अगय इॊटेयनेटे नहीॊ होता तो भं विश्व के फहुत से भहान सॉफ़्टेिेमय जजनभं ऑक्तडमो िीक्तडमो सीडी ऩर कयने के औजाय ि कम््मूटेय खेर इत्मार्द बी सजम्भशरत हं , का इस्तेभार ही नहीॊ कय ऩाता।
इॊटेयनेटे तो भहान सभाजिादी है । मह सफको सभान रूऩ से न शसपि दे खता है , फजल्क सफको सभान फनने फनाने का अिसय दे ता है । इॊटेयनेटे ने दनु नमा को भनोयॊ जन मुक्त जानकारयमं का नमा, नामाफ भाध्मभ र्दमा है । हजायं राखं ऩॉनि साइटें के जरयए आऩ चीन औय थचरी की
सभ्मता के प्रेभ-्माय के आचाय-व्मिहाय-फतािि का फर्ढ़मा औय फायीकी से अध्ममन कय सकते हं। इॊटेयनेटे तो भहान सभाजिादी है । मह सफको सभान रूऩ से न शसपि दे खता है , फजल्क सफको सभान फनने फनाने का अिसय दे ता है । आऩ इॊटेयनेटे से हय चीज भुफ़्त भं ऩा सकते हं एभऩी3
से रेकय िीक्तडमो तक। औय मर्द कोई
चीज भुफ़्त नहीॊ शभर यही हो तो उसे भुफ़्त कयने का क्रैक चटे ु फ़कमं भं ऩा सकते हं। इॊटेयनेटे इज़ अ ग्रेटे रेिरय।
रे दे कय अबी तीन-चाय सार ही हुए हं भुझे इॊटेयनेटे का इस्तेभार कयते हुए औय भं तो इसके ऩीछे ऩागर हो यहा हूॉ। भं बोजन के फगैय कुछ
र्दनं तक जी रूॊगा, ऩानी के फगैय कुछ घॊटें जी रूॊगा, शामद हिा के बफना बी कुछ शभनटे र्टेक
जाउॊ । ऩयॊ तु इॊटेयनेटे के फगैय, एक ऩर बी नहीॊ! इॊटेयनेटे तो अफ भेयी भूरबूत आिश्मकता भं
शाशभर हो गमा है । बोजन, ऩानी औय हिा की सूची भं ऩहरे ऩहर अफ इॊटेयनेटे का नाभ आता है ।
औय आऩ चाहते हं फ़क भं कहूॉ - इॊटेयनेटे फुयाइमं की जड़ है ? भाि कीजजएगा भहोदम, भेये विचाय
आऩसे भेर नहीॊ खाते। बफरकुर भेर नहीॊ खाते!
-----.
व्मॊग्म 31 कुछ प्रोग्राशभॊग गीत भूर पॊटेूश से अनुिार्दत: # रोकर िेरयएफर भं ऩर दो ऩर का शामय हूॊ ऩर दो ऩर भेयी कहानी है ऩर दो ऩर भेयी हस्ती है ऩर दो ऩर भेयी जिानी है ... # ग्रोफर िेरयएफर भं हय इक ऩर का शामय हूॉ हय इक ऩर भेयी कहानी है हय इक ऩर भेयी हस्ती है
हय इक ऩर भेयी जिानी है ... # नर ऩाइॊटेय भेया जीिन कोया कााज़ कोया ही यह गमा # डंगशरॊग ऩाइॊटेसि भौत बी आती नहीॊ जान बी जाती नहीॊ # गोटेू अजीफ दास्तान है मे कहाॉ शरू ु कहाॉ खतभ मे भॊजजरं हं कौन सी
ना िो सभझ सके न हभ # दो यीकशसिि पॊक्शन जो एक दस ू ये को कार कय यहे हं
भुझे कुछ कहना है भुझे बी कुछ कहना है ऩहरे तुभ ऩहरे तुभ # क्तडफगय जफ कोई फात बफगड़ जाए जफ कोई भजु श्कर ऩड़ जाए तुभ दे ना साथ भेये हभ निाज़ # सी++ से िीफी मे हसीॊ िार्दमाॉ मे खर ु ा आसभाॊ
आ गए हभ कहाॉ # फग जजसे ढूॊढा नहीॊ जा सका ऐ अजनफी तू बी कहीॊ आिाज दे कहीॊ से # अप्रत्माशशत फग (विशेर्षकय ग्राहक को प्रेजेन्हटेे शन दे ते सभम) मे क्मा हुआ कैसे हुआ कफ हुआ क्मं हुआ # फ़पय, तफ ग्राहक -
जफ हुआ तफ हुआ ओ छोड़ो मे ना सोचो... # रोड फैरंशसॊग साथी हाथ फढ़ाना एक अकेरा थक जाएगा शभर कय फोझ उठाना # भॉडभ - कनेक्शन बफजी शभरने ऩय सुनो कहो कहा सुना कुछ हुआ क्मा अबी तो नहीॊ... # विॊडोज के ओऩनसोसि होने की फातं
ऩयदे भं यहने दो ऩदाि ना उठाओ ऩदाि जो उठ गमा तो बेद खर ु जाएगा अल्रा भेयी तौफा अल्रा भेयी तौफा कुछ कम््मूटेयी फ़िल्भं ************* # ESC : नौ दो ग्मायह # F1 : गाइड # अनडू : आ अफ रौटे चरं
# एभएसडॉस : फुड्ढा शभर गमा
# सॉफ़्टेिेमय हाडििेमय : एक दज ू े के शरए #कॊट्रोर+ऑल्टे+क्तडरीटे : आणखयी यास्ता
# हाडि क्तडस्क सीडी यॉभ : घय िारी फाहय िारी # यॎभ : कोया कााज़ # सी++ & सी : फड़े शभमाॉ छोटेे शभमाॉ # ऩॉमथन : नाथगन
# रूफी : नगीना **-**
व्मॊग्म 32
भयिी के तकनॉराज़ी ननमभ बफजरी से चरने िारे फ़कसी बी उऩकयण को मह कबी बी न ऩता चरने दं फ़क आऩ फहुत जल्दी भं हं.
(भयिी के कुछ अन्हम, भज़ेदाय ननमभ महाॉ ऩढ़ं )
गरत ननष्कर्षि ऩय ऩयू े विश्वास के साथ
ऩहुॉचने की व्मिजस्थत विथध का नाभ ही ‗तकि' है .
जफ फ़कसी शसस्टेभ को ऩूयी तयह से
ऩारयबावर्षत कय शरमा जाता है तबी कोई भूखि आरोचक उसभं कुछ ऐसा खोज
ननकारता है जजसके कायण िह शसस्टेभ मा तो ऩूया फेकाय हो जाता है मा इतना
विस्तत ृ हो जाता है फ़क उसकी ऩहचान ही फदर जाती है .
तकनॉराज़ी ऩय उन प्रफॊधकं का अथधकाय है जो इसे सभझते नहीॊ.
मर्द बफजल्डॊग फनाने िारे, प्रोग्राभ शरखने िारे प्रोग्राभयं की तयह कामि कयते होते तो विश्व के ऩहरे बफल्डय का ऩहरा ही काभ सॊऩण ू ि सभाज को नेस्तनाफद ू कय चक ु ा होता.
फ़कसी सॊस्थान के फ्रेॊटे ऑफ़िस की सजािटे उसकी सॊऩन्हनता के व्मत्ु क्रभानऩ ु ाती होती है .
फ़कसी कम््मूटेय के कामि का विस्ताय उसके बफजरी के ताय के विस्ताय जजतनी ही होती है .
विशेर्षऻ िो होता है जो ऺुद्र से ऺुद्र चीजं के फाये भं अथधक से अथधक जानकायी
यखता है . सही विशेर्षऻ िह होता है जो कुछनहीॊ के फाये भं सफकुछ जानता है .
फ़कसी आदभी को फताओ फ़क ब्रह्माण्ड भं 300 खयफ ताये हं तो िो आऩकी फात ऩय विश्वास कय रेगा. उसे फताओ फ़क फ़कसी
कुसी ऩय अबी अबी ऩं टे रगामा गमा है
औय िह गीरा है तो िह इसकी तसदीक के शरए छूकय अिश्म दे खेगा.
विश्व की भहानतभ खोजं के ऩीछे भानिीम बूरं का ही हाथ यहा है .
कोई बी चीज ननमत कामिक्रभ मा ननजश्चत फजटे भं नहीॊ फन सकती.
भीर्टेॊग भं शभनट्स को यखा जाता है औय घॊटें को गॊिामा जाता है .
प्रफॊधन का ऩहरा शभथक है - फ़क उसका का अजस्तत्ि है .
कोई मनू नटे तफ तक असपर नहीॊ होती
जफ तक फ़क उसका अॊनतभ ननयीऺण नहीॊ कय शरमा जाता.
नए शसस्टेभ नई सभस्माएॉ ऩैदा कयते हं.
गरनतमाॉ कयना भनुष्म का स्िबाि है , ऩयॊ तु ढे यं, सुधायी नहीॊ जा सकने िारी गरनतमं
के शरए कम््मूटेय की आिश्मकता होती है .
कोई बी उन्हनत तकनीक जाद ू सदृश्म ही होती है जफ तक फ़क िह सभझ न री जाए.
एक कम््मूटेय भाि दो सेकॊड भं उतनी
सायी गरनतमाॉ कय सकता है जजतना 20 आदभी शभरकय 20 िर्षं भं कयते हं.
फ़कसी व्मक्तक्त को कोई बी फात इससे ज्मादा प्रोत्सार्हत नहीॊ कय सकती - फ़क उसके फॉस ने फ़कसी र्दन घॊटेा बय ईभानदायी से काभ फ़कमा.
कुछ व्मक्तक्त ननमभफद्ध होते हं - बरे ही
उन्हहं मह नहीॊ ऩता होता फ़क ननमभ क्मा हं ि फ़कसने शरखे हं.
पेबब्रकेटेय के शरए भजु श्करं फढ़ाना तथा सवििस इॊजीननमय के काभ को असॊबि
फनाना ही क्तडज़ाइन इॊजीननमय का ऩहरा काभ होता है .
बीड़ भं से विशेर्षऻ का ऩता रगाना भुजश्कर नहीॊ. िह फ़कसी कामि को ऩूया
होने भं सिािथधक सभम ि ऩैसा रगने की बविष्मिाणी कयता र्दखाई दे ता है .
कहने बय से कोई काभ तो हो जाता है , भगय फ़पय उसके फाद औय फहुत सा कहा जाता है जो होता नहीॊ
फ़कसी बी निीनतभ सफ़किटे क्तडजाइन भं एक बाग िो होता है जो कारातीत हो चक ु ा होता है , दो बाग फाजाय भं उऩरब्ध नहीॊ होता तथा तीन बाग विकास के चयणं भं होते हं.
कोई जर्टेर शसस्टेभ अॊतत् जफ काभ कयने रगता है तो ऩता चरता है फ़क इसे तो एक कामिशीर सयर शसस्टेभ से ही फनामा गमा है .
कम््मटे ू य अविश्वसनीम हं, ऩयॊ तु भनष्ु म औय ज्मादा अविश्वसनीम हं. जो शसस्टेभ
भनष्ु म की विश्वसनीमता ऩय ननबिय है , िह अविश्वसनीम ही होगा.
मर्द आऩ कुछ सभझ नहीॊ ऩाते हं तो िह आऩकी अॊतफवुि द्ध से प्रकटे हो जाता है .
खयीदाय सॊस्था का सथचि मर्द आऩसे जया ज्मादा ही सरृदमता से ऩेश आता है तो मह सभझं फ़क खयीद आदे श आऩके
प्रनतद्वॊ द्वी कॊऩनी ने ऩहरे ही हड़ऩ शरमा है .
फ़कसी कॊस्ट्रक्शन को क्तडजाइन कयते सभम, शननिाय 4.30 फजे के फाद उसके आमाभं का सही मोग नहीॊ ननकारा जा सकता.
सही मोग सोभिाय सुफह 9 फजे स्ित् सुस्ऩि हो जाता है .
जो खारी है उसे ही बयं . जो बया है उसे ही खारी कयं . औय जहाॉ खज ु री है , िहीॊ ऩय ही खज ु ाएॉ.
दनु नमा भं सफ सॊबि है , रयिॉजल्िॊग दयिाजे से होकय स्कीइॊग को छोड़कय.
कर्ठन ऩरयश्रभ से नहीॊ, फजल्क चतयु ाई से काभ कयं तथा आऩनी ितिनन के प्रनत सिधान यहे .
मर्द मह गग ू र भं नहीॊ शभरता, तो फ़पय इसका अजस्तत्ि ही नहीॊ है .
मर्द कोई प्रमोग सपर हो जाता है तो फ़पय कहीॊ कुछ गरत अिश्म है .
मर्द सफकुछ असपर हो जाता है तो फ़पय ननदे श ऩढ़ं .
जो बी ऊऩय जाता है , िह नीचे आता ही है - फ़पय बरे ही िह संसेक्स क्मं न हो. उऩ प्रभेमय : ऩयॊ तु हभेशा नहीॊ.
हाथं से छूटेा औजाय हभेशा कोने भं िहाॊ
जा ऩहुॉचता है जहाॉ आसानी से नहीॊ ऩहुॉचा जा सकता.
फ़कसी बी सयर शसद्धान्हत की व्माख्मा अत्मॊत कर्ठन तयीके से ही सॊबि है .
जफ कोई शसस्टेभ इतना सयर फनामा जाता है फ़क कोई भूखि बी उसका
इस्तेभार कय सके, तो फ़पय उसका इस्तेभार शसपि भूखि ही कयते हं .
तकनीकी दऺता का स्तय, प्रफॊधन के स्तय के उरटेे अनऩ ु ात भं होता है .
एक अत्मॊत भजु श्कर कामि ऩण ू ि होने के
ठीक ऩहरे, एक अनत भहत्िहीन छोटेे से विियण की अनऩ ु रब्धता के कायण रुक जाता है .
कोई बी काभ बरे ही ऩूया हो जाता हो,
ऩयॊ तु उसे सही ढॊ ग से ऩूया कयने के शरए कबी बी सभम नहीॊ होता.
जैस-े जैसे अॊनतभ सभम सीभा कयीफ आती है , िैसे-िैसे फचे हुए काभ की भािा फढ़ती जाती है .
मर्द कोई उऩकयण खयाफ हो जाता है औय उसकी िजह से काभ अटेकने रगता है , तो िह उऩकयण तफ ठीक होता है जफ,
1. उसकी आिश्मकता अफ नहीॊ होती है
कोई दस ू या आिश्मक कामि फ़कमा जा यहा होता है तफ.
बफजरी से चरने िारे फ़कसी बी उऩकयण को मह कबी बी न ऩता चरने दं फ़क आऩ फहुत जल्दी भं हं.
मर्द कोई उऩकयण खयाफ नहीॊ हुआ है तो उसभं औय सध ु ाय न कयं . आऩ उसे ऐसा खयाफ कय दं गे जो फ़पय कबी सध ु ाया नहीॊ जा सकेगा.
ऩटेयी को दे खकय आऩ मह अॊदाजा नहीॊ रगा सकते फ़क ट्रे न फ़कस तयप से आएगी मर्द आऩ ऩूयी तयह से भ्रशभत (कनफ़्मूजन भं ) नहीॊ हुए हं तो इसका भतरफ है फ़क आऩको ऩूयी फात भारूभ ही नहीॊ है .
भानक ऩुयजे नहीॊ होते हं
हाथं से छूटेा औजाय फ़कसी चरते उऩकयण के ऊऩय ही थगयता है .
निीनतभ तकनॉराज़ी ऩय कबी बयोसा न कयं . बयोसा तबी कयं जफ िह ऩुयानी हो जाए.
फोल्टे जो अत्मॊत अऩहुॉच स्थान ऩय होता
है , िही सफसे ज्मादा कसा हुआ शभरता है . तकनॉराज़ी औय विऻान भं सफसे ज्मादा फोरा जाने िारा िाक्माॊश है - "उि ओह!"
तकनीशशमन के भॉह ु से दस ू या सफसे फेकाय शब्द आऩ सन ु ते हं - "ओि!". ऩहरा
सफसे फेकाय शब्द होता है "ओि! शश..टे"
फ़कसी बी र्दए गए सॉफ़्टेिेमय को जफ आऩ इस्तेभार कयने भं दऺता हाशसर कय रेते हं तो ऩता चरता है फ़क उसका नमा सॊस्कयण जायी हो गमा है .
उऩ प्रभेम 1 - नए सॊस्कयण भं जो सुविधा
आऩको चार्हए होती है िह अबी बी नहीॊ होती
उऩ प्रभेम 2 - नए सॊस्कयण भं जजस सुविधा का इस्तेभार आऩ फायॊ फाय कयते
यहे होते हं उसे मा तो ननकार र्दमा जाता
है मा उसभं ऐसा सुधाय कय र्दमा जाता है जो आऩके फ़कसी काभ का नहीॊ होता.
आज के इनिॉभेशन ओियरोड के जभाने भं सफसे आिश्मक तकनीकी दऺता मह है फ़क हभ जो सीखते हं उससे ज्मादा बूरने रगं .
जर्टेर चीजं को सयरता से फनामा जा सकता है , सयर चीजं फनने भं जर्टेर होती हं
फन्हदय के हाथ भं आई-ऩॉड कोई काभ का नहीॊ होता.
सयु ऺा का ननमभ: मर्द आऩ फ़कसी राख
रुऩए के उऩकयण को फचाने के शरए ऩाॉच रुऩए का फ़्मूज रगाते हं तो आऩके ऩाॉच रुऩए के फ़्मूज को जरने से फचाने के
शरए आऩका ऩाॉच राख का उऩकयण ऩहरे जर जाता है .
हय एक के फॉस के शरए हय कहीॊ रागू
होने िारा ननमभ: फहते हुए गॊदे नारे भं
कचये के ढे य का सफसे फड़ा र्हस्सा ही सफसे ऊऩय आता है .
फ़कसी सभुद्री मािा भं जहाज के ऩोयफॊदय को छोड़ने के फाद ही कोई भहत्िऩूणि
ऩुयजा खयाफ होता है , जो बॊडाय भं नहीॊ होता है .
यखयखाि विबाग उऩबोक्ता की शशकामतं को तफ तक नजय अॊदाज कयते यहते हं जफ तक फ़क उऩबोक्ता कोई नमा खयीद आदे श न दे दे .
ननयीऺण की प्रत्माशा के भहत्ि के अनस ु ाय ही फ़कसी भशीन के खयाफ हो जाने की सॊबािना होती है .
मर्द कोई नमा शसस्टेभ शसद्धान्हत भं काभ कये गा तो अभ्मास भं नहीॊ औय अभ्मास भं काभ कयता है तो शसद्धान्हत भं नहीॊ.
आऩकी खोज चाहे जजतनी बी ऩूणि ि फुवद्धभानी बयी हो, कहीॊ न कहीॊ कोई
भौजूद होता है जो आऩसे ज्मादा जानता है .
आसानी से सुधायी जा सकने िारी चीज़ं कबी खयाफ ही नहीॊ होतीॊ.
काटेा गमा कोई बी ताय आिश्मक रॊफाई भं छोटेा ही ननकरता है .
जफ आऩ अॊतत: नई तकनॉराज़ी को अऩना रेते हं, तफ ऩता चरता है फ़क हय कहीॊ उसका सऩोटेि ि इस्तेभार फॊद हो चक ु ा है .
फ़कसी ऩरयमोजना का प्रस्तावित आकाय, उस ऩरयमोजना के अॊनतभ रुऩ भं ऩण ू ि होने के आकाय के व्मत्ु क्रभानऩ ु ाती होता है .
कोई विचाय जजतना ही फवु द्धभानी बया
होगा, उतने ही कभ उसे स्िीकायने िारे शभरंगे.
जजतना ज्मादा ऻान आऩ प्राप्त कयते जाएॊगे, आऩ उतना ही कभ सुननजश्चत होते जाएॊगे.
मर्द आऩ सोचते हं फ़क आऩ विऻान (मा कम््मूटेय मा औयत) को सभझते हं , तो ननजश्चत रूऩ से आऩ विशेर्षऻ नहीॊ हं.
शसपि तकनीशशमन ही ऐसे हं जो तकनॉराज़ी ऩय फ़कसी सूयत बयोसा नहीॊ कयते.
सबी असॊबि असपरताएॉ जाॉच स्थर ऩय ही होती हं.
उऩ प्रभेम - सबी असॊबि असपरताएॉ ग्राहक महाॉ होती हं.
फ़कसी को आऩ जजतना फेभद्द ु त चाहते हं फ़क िह इॊस्टेंटे भैसंजय भं उऩरब्ध हो, उसके ऑि राइन होने की सॊबािना उतनी ही ज्मादा होती है .
फ़कसी उऩकयण (मा तकनीशशमन) का उऩमोग औय कामिकुशरता उसे र्दए गए गाशरमं के सीधे अनुऩात भं होती है .
कोई फर्ढ़मा, खयाफ न होने िारा ऩुजाि
असुयक्षऺत सभझा जाकय कीभती, फायॊ फाय
सवििस की आिश्मकता िारे ऩुज़े से हभेशा फदर र्दमा जाता है .
खयाफ हो चक ु ा ऩाॉच रुऩए कीभत का ऩुजाि फदरा नहीॊ जा सकता, ऩयॊ तु उसे फ़कसी
सफ-एसेम्फरी से फर्ढ़मा, कामि-कुशर तयीके
से फदरा जा सकता है जजसकी कीभत भूर उऩकयण से ज्मादा होती है .
फ़कसी खयाफ ऩुयज़े की कीभत ि उऩरब्धता सम्ऩूणि शसस्टेभ की कीभत के
व्मुत्क्रभानुऩाती होती है . ऩाॉच रुऩए का
ऩयु ज़ा ऩाॉच राख की भशीन को अनऩ ु मोगी फना दे ता है .
ऩाॉच राख की भशीन का ऩाॉच रुऩए कीभत का खयाफ ऩयु ज़ा फाजाय भं मा तो उऩरब्ध नहीॊ होता, उसका ननभािण फयसं ऩहरे से फन्हद हो चक ु ा होता है औय अॊतत: अऩने कई गुने कीभत से भेड टेू आडिय से
फनिामा जाता है तो ऩता चरता है फ़क उस भशीन की जगह नई भशीन ने रे री है .
सबी भेकेननकर / इरेजक्ट्रकर उऩकयण अऩनी गायॊ टेी अिथध अच्चछी तयह से जानते हं - िे इस अिथध के फाद ही पेर होते हं.
तकनीशशमन ने ऩहरे कबी बी आऩके जैसा भशीन नहीॊ दे खा हुआ होता है .
तकनीशशमन आऩके भशीन को उसके जाने के तुयॊत फाद मा फ़पय फहुत हुआ तो, अगरे र्दन खयाफ होने के शरए ही ठीक कयता है .
-----.
व्मॊग्म 33 कौन फोर रयमा है ? बायत के गाॊि गाॊि भं भोफाइर ऩहुॉच यहा है .
नुक्कड़ की चाम की दक ु ान ऩय काभ कयने िारा छोया औय भुहल्रे का धोफी औय खेत भं काभ
कयने िारा ननयऺय भजदयू सफके हाथ भं भोफाइर र्दखने रगा है . भोफाइर ऩय अशबजात्म िगि का अथधकाय नहीॊ यहा. भोफाइर ऩय कार कयना खचीरा बी नहीॊ यहा. आऩके भोफाइर भं कार टेाइभ नहीॊ है , कोई फात नहीॊ. साभने िारे को दोतीन शभस कार दे भारयमे, िह भजफूयन कार फैक कय आऩसे ऩूछेगा - बइमे, क्मा फात है ?
भोफाइर ऩय कबी आऩ कोई भहत्िऩूणि फात कय यहे होते हं तबी ऩता चरता है फ़क उसकी फैटेयी
खत्भ हो गई, औय आस-ऩास फैटेयी चाजि कयने का कोई साधन नहीॊ होता. कबी फ़कसी शभि को स्थानीम भोफाइर का नॊफय रगाते हं तो ऩता
चरता है फ़क िह नॊफय तो आज दो हजाय फ़करोभीटेय दयू है - औय आऩको एसटेीडी चाजि
रग गमा औय आऩके शभि को योशभॊग चाजि (मा इसके उरटे बी हो सकता है ). औय आऩकी शभिता इस एसटेीडी-योशभॊग चाजि के चक्कय भं खतये भं ऩड़ती दीखती है . कबी फ़कसी शभि को भोफाइर रगाते हं तो उधय से शभि के फजाए बाबी जी का स्िय सन ु ाई दे ता है - "हाॉ, बाई
साहफ, आज मे भोफाइर भेये ऩास है - फाजाय भं कुछ काभ था ना..." आऩका कोई ऩुयाना शभि, जजसके दशिन भहीनं से नहीॊ हुए होते हं, अचानक-अकायण आऩसे फे-िक्त शभरने आ ऩहुॉचता है . मूॉ ही आऩके दशिन कयने.
उसके हाथ भं नमा, चभचभाता हुआ, रेटेेस्टे िजिन का भोफाइर िोन होता है . आऩको दे य से ही सही, सभझ भं आ जाता है फ़क दयअसर, आऩके शभि को नहीॊ, आऩके शभि के नए, कीभती, नए-िीचय मुक्त भोफाइर को आऩसे शभरने की आिश्मकता थी.
आऩके हाथ भं नमा भोफाइर दे ख कय आऩका शभि ऩूछता है - िाह! क्मा नमा भॉडर है . एभऩी3
है क्मा? फ़पय भॉडर के िीचसि दे खने के फहाने आऩके एसएभएस औय एभएभएस सॊदेशं को ऩढ़ने रग जाता है . फ़पय कहता है - िाह! गुरू! क्मा फर्ढ़मा भसारा बया है . एक दो हभको बी
बेज दे ना. आऩ शभािते-सकुचाते से हं हं हं कयने रगते हं.
आज यवििाय को सुफह-सुफह भोफाइर फजा.
ननगोड़े भोफाइर ने यवििाय की सुफह फयफाद कय दी. एक मही तो र्दन शभरता है जहाॉ आऩ दे य
तक अरसाए से सो सकते हं . ऩयॊ तु भोफाइर को ऩता ऩड़ गमा फ़क आऩ अरसा यहे हं. िह जाने कहीॊ से कनेक्शन शभरा रामा. उसकी फैटेयी बी डाउन नहीॊ थी. क्तडस््रे ऩय जो नॊफय आ यहा था िह भेभोयी भं नहीॊ था. भुझे रगा फ़क भेये थचट्ठे के फ़कसी ऩाठक
ने जाने कहीॊ से भेया भोफाइर नॊफय हथथमा शरमा होगा औय भुझे फधाई, शुबकाभनाएॉ दे ने के शरए यवििाय सुफह का मह उथचत सभम चन ु ा होगा.
"है रो?" भेये स्िय भं आश्चमि शभथश्रत उत्सुकता थी. "कौन फोर रयमा है " उधय से आिाज आई.
भेया भाथा ठनका. मे तो कोई याॊग नॊफय िारा भाभरा रगता है . आिाज मूॉ प्रतीत हो यही थी जैसे फ़क साभने से गब्फय शसॊह फोर यहा हो. भेये अॊदय का िीरू जाग गमा. "आऩने क्मा नॊफय रगामा है? आऩको फ़कससे फात कयनी है ?" भंने प्रत्मुिय र्दमा. भेये रहज़े भं िीरू का जिाफी िामय था.
"साभजी बाई से फात कयाओ" उधय से िही गब्फरयमा आदे श आमा. "अये माय आऩने याॊग नॊफय रगामा है - मे नॊफय फ़कसी साभजी बाई का नहीॊ है " भेये बीतय का िीरू गयज यहा था. साभान्हम टेे शरिोन भं मह सवु िधा तो होती है फ़क आऩ
रयसीिय ऩटेक कय अऩना गस् ु सा कभ कय सकते
हं. भोफाइर ऩटेकने से तो अऩना खद ु का नुकसान ज्मादा हो सकता है . भंने भोफाइर के कार एण्ड
फटेन को जोय से दफामा औय दे य तक बुनबुनाता यहा.
भेये बीतय के िीरू का गुस्सा ऩूयी तयह ठॊ डा होता
इससे ऩहरे ही भोफाइर फ़पय से फजा. उसे फजना ही था. िही ऩहरे िारा नॊफय क्तडस््रे ऩय था. "है रो, माय आऩने गरत नॊफय रगामा है, आऩको जजससे फात कयनी है उसका नॊफय मह नहीॊ है ..." साभने िारे के फोरने से ऩहरे ही भं भोफाइर ऩय बड़का.
"कौन फोर रयमा है - अऩना नाभ तो फताओ?" साभने से िही गब्फरयमा आिाज आई. प्रकटेत् िह सुननजश्चत नहीॊ कय ऩा यहा था फ़क जो नॊफय िह रगा यहा था गरत कैसे रग यहा था.
"अये माय तुम्हं भेये नाभ से क्मा भतरफ? मे तुभने याॊग नॊफय रगामा है . जजससे तुम्हं फात कयनी है
उसका भोफाइर पोन मे नहीॊ है " भोफाइर ऩय भं जोय से थचल्रामा औय भंने कार फ़पय से काटे र्दमा. "कैसे फेहूदे गॊिाय रोग होते हं.... भोफाइर तो रे
रेते हं ऩयॊ तु भैनसि ही नहीॊ है . एक तो याॊग नॊफय
रगाते हं फ़पय बंक कय फातं कयते हं..." भं जया जोय से बन ु बन ु ामा.
ये खा फड़ी दे य से भेयी प्रनतफ़क्रमा दे ख यही थी. "अये बई, साभने िारा गॊिाय है तो तुभ क्मं उससे उसी बार्षा भं ऩेश आ यहे हो? कभ से कभ तुभ तो
शाॊनत से, प्रेभ से फता सकते हो!" अॊतत: उससे यहा नहीॊ गमा. िह सही कह यही थी. आह! अचानक भुझे
अहसास हुआ, फ़क भं बी तो उससे उसी गॊिरयमा रहजे भं फात कयने रग गमा था. भेये भोफाइर भैनसि की बी तो िाटे रग गई थी. रगता है ऩहरे भुझे अऩने भोफाइर भैनसि को ठीक कयना ऩड़ेगा. मे सारी भोफाइर कॊऩननमं भोफाइरं तो फेचती हं भगय मूजसि भैनुअर भं दो ऩन्हने
भोफाइर भैनसि के शरए नहीॊ यखतीॊ! भं फ़पय बुनबुनामा. **-**
व्मॊग्म 34
भयिी के फस अड्डे के ननमभ
मर्द ऩानी थगय यहा है मा कोहया छामा है मा दोनं ही एक साथ हो यहा है मा दोनं एक साथ नहीॊ हो यहा है - कॊडीशन कोई बी हो - फस दे य से ही आएगी.
मर्द आऩको दे य हो यही होती है तफ फस औय बी दे यी से चरती है , औय हय सॊबावित-असॊबावित स्टेॉऩ ऩय रुकती है .
मर्द आऩ सोचते हं फ़क आऩको अऩनी फस ऩकड़ने भं फहुत सभम फचा है तो मा तो आऩने कोई गरत सभम सारयणी दे ख री हुई होती है मा फ़पय िह सारयणी ऩुयानी ऩड़ चक ु ी होती है .
मर्द आऩ सभम से जल्दी ऩहुॉच जाते हं तो फस रेटे हो जाती है औय मर्द आऩ
रेटे होते हं तो फस सभम से ऩहरे छूटे चक ु ी होती है .
फस स्टेॉऩ ऩय इॊतजाय भं बफताए गए उस प्रत्मेक ऩर भं फस के ऩहुॉचने की सॊबािना नगण्म ही होती है .
मर्द फ़कसी र्दन आऩके ऩास थचल्रय नहीॊ होता है तो उस र्दन कॊडक्टेय के ऩास बी थचल्रय नहीॊ होता है .
फस का कॊडक्टेय फ़कसी बी मािी को बफना कोई सपाई र्दए फ़कसी बी सभम कहीॊ ऩय बी उताय सकता है .
फस स्टेॉऩ ऩय इॊतजाय कयते सभम एक ही स्थान के शरए दो फस एक साथ ही आ जाती हं ऩयॊ तु आऩको जाना कहीॊ औय होता है .
फस के साभने छऩा हुआ गॊतव्म स्थर शसपि फस की सजािटे के शरए होता है फस का गॊतव्म नहीॊ.
फस के शरए बफतामा गमा इॊतजाय का सभम फस भं की जाने िारी मािा के कुर सभम से फड़ा होता है .
जजस फस को आऩ ऩकड़ना चाहते हं िह हभेशा ही आऩके ऩहुॉचने के ऩाॉच शभनटे ऩहरे छूटे चक ु ी होती है औय जो फस आऩ अॊतत् ऩकड़ ऩाते हं िह ऩहरे ही दस शभनटे की दे यी से चर यही होती है .
अगय धर ू बयी आॊधी चर यही होगी तो
फस भं आऩकी सीटे की णखड़की का शीशा
टेूटेा हुआ ही शभरेगा. मर्द आऩको अऩने रूटे की अॊनतभ फस ऩकड़नी होती है तो िह फस आऩके ऩहुॉचने
के ठीक ऩॊद्रह सेकण्ड ऩहरे छूटे चक ु ी होती है .
जजतनी दिा आऩ कॊडक्टेय से मह ऩूछंगे
फ़क आऩके गॊतव्म ऩय फस कफ ऩहुॊचग े ी, कॊडक्टेय द्वाया न फताने की सॊबािना उतनी ही ज्मादा होगी.
इॊतजाय कयते कयते जफ आऩ थक हाय कय शसगये टे सुरगाते हं मा ऩास के ठे रे से
चाम रेकय ऩहरा घॉटे ू बयते हं फ़क फस आ जाती है .
मर्द आऩ मह सोचकय फ़क फस जल्दी आएगी - शसगये टे सुरगाते हं मा चाम का आडिय दे ते हं तो फस दे यी से ही आती है .
फस स्टेॉऩ ऩय जफ आऩ फ़कसी खफ ू सूयत
स्त्री (मा स्भाटेि ऩुरूर्ष) से जैसे ही फनतमाना प्रायॊ ब कयते हं, नाभारूभ कहाॉ से फस आ जाती है .
भनष्ु म की अफ तक की सफसे उत्कृि, उज्जिर, चभकीरी सजिना जो उसकी
काल्ऩननकता की असीशभतता को फऽफ ू ी दशािती है - फस की सभम सारयणी है .
मर्द आऩको फ़कसी र्दन भजफयू ी भं फस
भं जाना होता है तो आऩकी फस योड जाभ की िजह से सफसे रॊफे रूटे ऩय चरती है .
सभम औय रूटे से ऩये , शसटेी फसं हभेशा ही ऩहरे से ज्मादा बयी हुई शभरती हं.
फस का अॊनतभ मािी हभेशा ही फस के आणखयी स्टेॉऩ ऩय उतयता है .
जफ आऩ रेटे हो यहे होते हं तो रुटे ऩय शभरने िारे सबी ट्रै फ़िक शसगनर रार ही शभरते हं.
कॊडक्टेय हो मा मािी - फस भं कबी बी फ़कसी के ऩास बी उथचत थचल्रय नहीॊ होता है .
खफ ू सयू त स्त्री (मा स्भाटेि ऩरू ु र्ष) अगरे ही स्टेॉऩ ऩय उतय जाती(ता) है औय जो फगर का फेिकूप आऩको िोकटे की
कहानी सन ु ाता होता है फस से उतयता ही नहीॊ.
जफ आऩ फस स्टेॉऩ की ओय जा यहे होते हं औय फस के यास्ते की ओय दे खते हुए जाते हं फ़क फस आ यही है मा नहीॊ तो फस नहीॊ आती है औय जफ आऩ नहीॊ दे खते हं तो फस आकय साभने से ननकर जाती है .
जफ आऩ इॊतजाय कयके थक हाय कय फस स्टेॉऩ से जाने रगते हं तबी फस आती है औय आऩके ऩास दौड़ कय फस ऩकड़ने का अिसय नहीॊ होता.
फस भं आऩके फगर की सीटे भं चाहे कोई बी आ जाए - िह अऩने भोफाइर पोन से अऩने हय सॊबि ऩरयथचतं से फनतमाने रगता है .
----.
व्मॊग्म 35
हभ बायतीम हुनयभॊद हू है ड आर काइॊड्स ऑि फेटेय जस्कल्स? नन्सॊदेह हभ बायतीमं के ऩास. एक ठो ऩेऩय भं ई फतामा गमा है फ़क हभ बायतीमं के ऩास फेहतय बार्षाई हुनय होता है . ई का भजाक है बाई? हभ क्मा शसपि बार्षाई हुनय भं फेहतय हं? अये ! नहीॊ! हभ बायतीम तो हय काभ भं फेहतय-से-फेहतय हुनयभॊद हं - शसपि बार्षाई नहीॊ फजल्क हय काभ भं . जदी आऩको इन फातं भं इिेिाक नहीॊ है , तो आइए, हभ आऩको फताएॊ फ़क क्मं! अफ बार्षाई हुनय का क्मा है . िो तो फेहतय होना ही है - हय बायतीम भं फेहतय होना ही है. कोई
बी बायतीम ऩारक इॊटेीरयमय गाॊिे भं बी यहे गा अऊ द ू आना ज्मादा कभा रेगा तो अऩने फच्चचे को ऩास के कान्हिंटे भं डार दे गा जहाॉ तीन सौ रुऩल्री भाशसक के ऩगाय ऩय स्रीभं ट्री भं रे दे कय ऩास हुई टेीचय जी अॊग्रेज़ी ऩढ़ाती हं . अफ ऩारक बी कये तो का कये . सयकायी र्हन्हदी स्कूर
की दद ु ि शा उससे दे खी नहीॊ जाती. ऩास के कान्हिंटे
भं कभ से कभ उसके फच्चचे को ऩढ़ते सभम फैठने को ढॊ ग का कभया तो शभर जाता है . नहीॊ तो सयकायी स्कूर भं न तो छत होती है न जभीन. औय सयकायी स्कूर भं ऩाॉच कऺा के शरए
औसतन दो गरू ु जी रोग ऩदस्थ होते हं जजनभं से
आधे तो आते नहीॊ, जो आते हं िे भध्माह्न बोजन की व्मिस्था औय जानकायी-सिे कयने के काभ भं रगे होते हं. कुर शभराकय एक बायतीम फच्चचा केजी िन से चारू हो जाता है अऩना रंग्िेज
जस्कर फढ़ाने के चक्कय भं . िो ए िॉय ए्ऩर बी ऩढ़ता है औय गदहे का ग बी ऩढ़ता है . िन टेू
बी ऩढ़ता है औय एक दो तीन बी ऩढ़ता है . ऊऩय से, घय भोहल्रे भं बायतीम फच्चचा अऩनी स्थानीम फोरी फोरता है , जो स्कूर भं नहीॊ चरता है .
स्कूर भं शुद्ध बार्षा शरखना सीखता है जजसका
इस्तेभार िह फोरचार भं तो कबी बी फ़कसी सूयत नहीॊ कय सकता, शसपि शरखने औय ऩढ़ने भं ही कयता है - औय शरखने भं तो भजफूयी भं
कयना ऩड़ता है नहीॊ तो रोगफाग उसकी बासा को शोचनीम औय शौचनीम न जाने क्मा क्मा फना डारते हं. औय िइसे बी इस फेचाये बायतीम होनहाय को बविष्म भं अऩना शसक्का जभाने के शरए उसके ऩास अॊग्रेज़ी फोरने के शसिा कोई विकल्ऩ कहीॊ नहीॊ होता. अफ एक बायतीम का रंग्िेज जस्कर फेहतय नहीॊ होगा तो फ़कसका होगा? फ़कसी अॉग्रेज़ का? का फात कयते हो जी आऩ बी! एक ठो अऊ जस्कर होता है - सड़क ऩय िाहन चराने का. बीड़ बयी, गड्ढं अउय उससे ज्मादा स्ऩीड ब्रेकय मक्त ु सड़कं भं जहाॉ साइकर-
भोटेयसाइकर-ऑटेो-टेे म्ऩो-काय-फस के साथ साथ गाम-गरू से रेकय फकयी कुकुय तक सफ साझा रूऩ से चरते हं, िहाॊ बायतीमं के िाहन चारन
जस्कर को दे खना काबफरे गौय होता है . सड़कं की बीड़ भं से, जाभ भं से, गाम-गरू भं से कैसे फच फचा कय ननकरना है औय टेाइभ ऩय अऩने भुकाभ ऩय ऩहुॉचना है मह फ़कसी बायतीम के फस की ही
फात है . बफर जक्रॊटेन फंगरोय आए थे तो उन्हहं खास बायतीम अॊदाज भं फगैय फ़कसी ऩयीऺण के इॊटेयनेटेिा के जरयए िाहन चारन राइसंस फनाकय दे र्दमा गमा था. बायत की सड़कं ऩय िाहन चराने के शरए फ़कसी ऩयीऺण की तो जरूयते नहीॊ है . भुआ बायतीम ननत्म ऩयीऺणं - ननत्म नए नए
ऩयीऺणं से औय कबी िाहनं से ननकरते केयोसीन के धए ु ॊ से तो कबी घये रू गैस की फदफू से जझ ू ता
जो यहता है औय अऩना िाहन चारन हुनय बाॊजता यहता है . अफ िो होगा फ़क नहीॊ तभाभ विश्व का फेहतयीन, हुनय भॊद िाहन चारक? बायतीमं के ऩाचन जस्कर के फाये भं क्मा खमार है ? सन ु ीता नायामण ऩे्सी औय कोकाकोरा के ऩीछे शबड़ गईं तो हल्रा हो गमा फ़क उसभं
ऩेस्टेीसाइड है . अऊ तभाभ जनता ऩीने के ऩानी भं उही ऩेस्टेीसाइड ऩी यहा औय ऩचाए जा यहा तो कौनो हल्रा नहीॊ. शसॊथेर्टेक दध ू औय नकरी घी खा खाकय बायतीम र्दनं र्दन भजफूते होते जा
यहा है तो उसे कोई दे खता नहीॊ. ऑक्सीटेोशसन के इॊजेक्शन दे दे कय जफरयमा ननकारे जा यहे दध ू
को ऩी ऩीकय बायतीम का ऩाचन जस्कर उच्चचतभ
स्केर ऩय ऩहुॉच गमा है इसे कऊन दे खेगा? अऊ भ्रिाचाय के रुवऩमा ऩइसा खा के डकयने िारी फात तो अरग ही है . हय फाय सिे भं बायतीमं का नाभ अव्िर ही आता है - मे फात फ़पय से फताने की जरूयते नहीॊ है . कुर शभराकय, सुनो, हभ फता यहे हं ना - बायतीमं का ऩाचन जस्कर उच्चचतभ स्तय ऩय है बाई! दमा धयभ के भाभरे भं बी हभ बायतीम फड़े ही हुनय भॊद हं. कोई फ़कसी धयभ का पोटेू फना दे गा तो उसका ऩत ु रा जरा दं गे दॊ गा पसाद कय दं गे. कोई फ़कसी धयभ का फाना ऩहन रेकय भसखयी
कये गा तो उस ऩय हॉसने औय उस ऩय भजे रेने के फजाए तरिायं ननकार रंगे. ‗बायतीम' तो एक आदभी का नाभ है , ऩयॊ तु उसके ऩास फीशसमं
धयभ है . फ़कसको भाने औय फ़कसको नकाये . कौन अच्चछा है औय कौन फुया? क्मा भानूॊ क्मा नहीॊ?
इसी चक्कय भं िह उरझता यहता है औय अऩने दमा धयभ को जफ दे खो तफ चभकाते-दभकाते यहता है . तफ होगा फ़क नहीॊ िो इस भाभरे भं ाज़फ का हुनय भॊद?
िइसे तो बइमा, हभ बायतीमं के हुनय की औयो हजायं राखं फातं हं. इफ का फताएॊ अऊ का नहीॊ इसी भं उरझ थगए हं. आऩ बी तो बायतीम हो आऩको ज्मादा क्मा फताना? थोड़ा शरखा ज्मादा सभझना. आऩे खद ु ै सभझदाय हो - हुनय भॊद हो. -----. व्मॊग्म 36
भयिी के नए सार के नए निेरे ननमभ
· नमा सार नई सभस्माएॉ रेकय आता है .
· नमा सार सििथा निीन, नूतन सभस्माएॉ रेकय आता है .
· नमा सार ऩुयाने सॊकल्ऩं को ही रेकय आता है . . नए सार के सॊकल्ऩ जजस गॊबीयता से शरए जाते हं िे उससे ज्मादा गॊबीयता से ननबाए नहीॊ जाते. · नए सार भं ऩुयाने सॊकल्ऩ ज्मादा गॊबीयता से
शरए जाते हं औय िे उसी गॊबीयता से ननबाए नहीॊ जाते. · नए सार के नए सॊकल्ऩं का बी आभतौय ऩय िही हश्र होते हं जो आऩके वऩछरे सॊकल्ऩं के हुए थे. · नए सार के नए सॊकल्ऩ रेने भं आसान ऩयॊ तु ननबाने भं असॊबि होते हं.
· नए सार की ऩहरी सुफह हभेशा हंगओिय रेकय आती है .
· नमा सार बी ऩुयाने सार की तयह गुजयता है .
· नमा सार ऩुयानी चीजं को ही रेकय आता है . · नए सार भं बी आऩके विचाय कोई जाद ू नहीॊ कयं गे.
· नमा सार आता फहुत दे य से औय गुजयता फहुत जल्दी से है . · नए सार भं प्रगनत ननजश्चत है – टेै क्सेशन भं , प्रदर्ष ू ण भं , भहॊ गाई भं , िामयस भं , स्ऩैभ भं ... · नए सार भं नए विचाय आएॊगे जो ऩहरे के विचायं की तयह ही, काभ नहीॊ कयं गे. · नए सार के फीतने का अनुबि बी ऩुयाने सार जैसा ही यहे गा.
· भस् ु कुयाएॉ. नमा सार क्रूय होता है . · फ़कसी बी र्दए गए व्मक्तक्त के अच्चछे -अच्चछे नए सार तो ऩहरे ही फीत चक ु े होते हं. · सभम गुजयता जाता है , (नए) सार एकबित होते जाते हं.
· नए सार की र्दशा ऩुयानी जैसी ही होती है औय उसे जजतना फदरने की कोशशश की जाती है िो उतनी ही तीव्रता से ऩुयानी र्दशा ऩय चरती है. · नए सार भं बी खशु शमाॉ नहीॊ खयीदी जा सकंगी. · नए सार भं आऩ नए नहीॊ हो जाते. · नमा सार प्राम् हय एक के शरए अनुकूर होता है ऩयॊ तु िो अगरे के अगरे सार आता है .
· शक्र ु भनाएॉ फ़क फयु ा सार गज ु य गमा. फहुत फयु े सार नए सारं भं ही आते हं. · नए सार भं सुअिसय नहीॊ आता. िो हभेशा
वऩछरे सार आकय चरा जा चक ु ा होता है मा
फ़पय िो अगरे के अगरे सार भं आने िारा होता है . · नमा सार नई गरनतमं के शरए ढे यं सुअिसय रेकय आता है .
· इनतहास हभेशा अऩने को दोहयाता है . नए सार भं बी ऐसा ही होगा.
· नमा सार हभेशा नई सॊबािनाओॊ को रेकय आता है . नमा सार ऩुयाने सार की तयह कैसे गुजये इस तयह की नई सॊबािनाएॉ.
· नमा सार कुछ बी शसद्ध नहीॊ कयता. · नए सार ऩय भनाए जाने िारे ऩाटेी का आकाय ि तीव्रता ऩुयाने सार के खयाफ गुजयने के सभानऩ ु ाती होता है .
· हय नमा सार नई आशाएॉ अऩेऺाएॊ रेकय आता है औय आने िारे नए सार के शरए िैसा ही छोड़ जाता है . · फ़कसी बी र्दए गए नए सार के साभने उसके ठीक ऩहरे का गज ु या हुआ सार कर्ठन प्रतीत होता है . · नए सार भं कुछ बी नहीॊ फदरता. आऩ बी नहीॊ.
· मह सफसे फड़ा अॊधविश्वास है फ़क नमा सार होता है . -----.
व्मॊग्म 37
उरटेी तयप चरना तो भेये जीन भं है…
फहुत-फहुत धन्हमिाद इस शोध का. आबाय, इस नए अध्ममन ननष्कर्षि का. अफ भं अऩनी असपरता का ठीकया अऩने जीन के शसय ऩय पोड़ सकता हूॉ.
फ़कसी बी असपर काभ के शरए, अफ भं अऩने जीन को जजम्भेदाय ठहया सकता हूॉ. िैसे बी, जफ फ़कसी शशशु का जन्हभ होता है , रोग निजात को दे खते ही फोरते हं – मह अऩनी
भाॊ/वऩता ऩय गमा/गई है . कबी-कबी दादा-दादी मा नाना-नानी की प्रनतकृनत बी र्दखाई दे ने रगती है , औय कबी फ़कसी र्टे्ऩणी से मे बी आबास हो
सकता है फ़क जैसे जेनेर्टेक गुण ऩड़-ऩड़दादा से बी ट्राॊसपय हो के चरे आ यहे हं.
तो, अफ भं ऩयू ी तयह रयरेक्स हो गमा हूॉ. अऩनी असपरताओॊ के ऩीछे अफ तक भझ ु े फड़ा टें शन होता था. अऩने आऩको भं कोसता यहता था. अऩनी अरारी, अऩनी अकभिण्मता, अऩनी कूऩभण्डूकता औय न जाने क्मा क्मा के शरए भं
शशभंदा यहता था औय सोचता फ़क अफ भं आगे से औय अथधक भेहनत करूॊगा, अऩने आरस्म को छोड़कय सपरता के ऩीछे हाथ धोकय ऩीछे ऩड़ जाऊॊगा. भगय इससे होता क्मा. िही होता जो भॊजूये जीन होता. औय जो होता आमा है, औय जो भझ ु े अफ
ऩता चरा है – भेये अफ तक के सपरताओॊअसपरताओॊ, आचाय-व्मिहाय-विचाय के शरए ननगोड़ा भेया मे जीन जजम्भेदाय है . अफ जफफ़क भुझे ऩता चर गमा है फ़क भेये ऩसोना से रेकय भेये उठने फैठने के अॊदाज औय शसय के झड़ते फारं से रेकय साििजननक जीिन भं सपरअसपर होने तक भं भेये जीन का हाथ है , तो फ़पय फ़कस फात का टें शन. अफ भंने अऩना टें शन खत्भ कय र्दमा है . भुझे
भारूभ हो गमा है फ़क अफ तक जो होता आमा है
औय आगे जो होता यहे गा उसके शरए भं नहीॊ, भेया जीन जजम्भेदाय है . औय, जीन को तो भं फदर नहीॊ सकता – जफ तक फ़क ऐसे िैऻाननक आविष्काय न हो जाएॉ फ़क आदभी अऩना जीन फदरने रगे – (तफ फ़पय भं सिािथधक सपर फनने िारे ब्रेड वऩटे, टेॉभ हंक्स मा अॊफानीज़-शभिल्ज़ के से जीन, अऩने भं डरिा रूॊगा,) तफ तक तो रयरेक्स. पुर रयरेक्स. ----
व्मॊग्म 38
ईभेर उईभेर ऊईईई...भेर
आह! िो बी क्मा र्दन थे! ईभेर के बफना जजॊदगी फ़कतनी आसान थी. जो बी भेर (ईभेर का स्नेर, सऩि रूऩी सॊस्कयण) आता था िो डाफ़कमा दे जाता था – र्दन भं एक फाय. सुफह सुफह. िो डाक कबी
बी इस भािा भं नहीॊ ऩहुॊची फ़क उन्हहं ऩढ़ा नहीॊ जा सके मा उनका जिाफ नहीॊ र्दमा जा सके.
अफ तो आभतौय ऩय हभ सफ ने एकानेक ईभेर खाता फनामा हुआ है . औय हभाये प्रत्मेक खाता के ईभेर फक्से बमानक रूऩ से हय हभेशा बये हुए यहते हं. एकाध र्दन की छुट्टी आऩने नेटे से री
नहीॊ फ़क भाभरा औय बफगड़ जाता है . िामग्रा औय इॊटेयनेटे राटेयी जैसे स्ऩैभ ईभेरं की थगनती तो खैय अरग ही फात है जो स्ऩैभ िोल्डयं से बी तभाभ नतकड़भं से फच ननकर कय आऩके इनफॉक्स भं आए र्दन ननत्म घस ु े चरे आते हं.
जफ तक आऩ फ़कसी एक ईभेर को खोर कय ऩढ़ यहे होते हं औय उसका भमािदा ऩयक जिाफ शरखने की सोच यहे होते हं इतने भं आऩके ईभेरडाफ़कमा का डेस्कटेॉऩ कामिऩट्टी प्रतीक झकझकाने रगता है औय फताता है फ़क आऩके आईडाक-फक्से भं इस दौयान कोई ऩाॉच ईभेर औय आ चक ु े हं.
अऩने आयएसएस िीडं, ओयकुटे, पेसफुक, आईएभ सॊदेशं औय ट्विटेय इत्मार्द के सॊदेशं को शभरा रं तो भाभरा औय अकल्ऩनीम हो जाता है .
वऩछरे र्दनं भेये एक ऩरयथचत ने भझ ु से शशकामत की फ़क भंने उनके ऩहरे के चाय ईभेर का जिाफ
ही नहीॊ र्दमा, जफफ़क बफऩाशा फसु के हॉटे थचि के
फाये भं फताते उसके ऩाॊचिे ईभेर, जजसभं उसने जान-फूझ कय गरत कड़ी रगा दी थी, का जिाफ
पटे से दे कय ऩूछा था फ़क बई िो कड़ी काभ नहीॊ कय यही है सही कड़ी तो फताओ. अफ भं उस ऩरयथचत को फ़कस भुॊह से फताता फ़क बई,
प्राथशभकता नाभ की बी कोई चीज होती है . जफ आऩके ऩास घॊटेे के सौ ईभेर आ यहे हं तो सफको तो जिाफ नहीॊ र्दमा जा सकता ना. औय, जिाफ तो दयू की फात है , इस जीिन भं सफको तो ऩढ़ा
बी नहीॊ जा सकता ना – आणखय आदभी की औय बी अन्हम आिश्मकताएॊ बी तो होती हं! रोगफाग अकसय स्ऩैभ को गरयमाते हं. स्ऩैभ भेर से उन्हहं तकरीि होती है . भगय भुझे कई भतिफा
स्ऩैभ ने गॊबीय अिस्था से फाहय ननकारा है . कोई जरूयी ईभेर का जिाफ जानफूझकय नहीॊ दे ना हो,
मा अऩनी बुरक्कड़ी आदत से राचाय, ऩाॉच शभनटे
भं मू-ट्मूफ ऩय कोई जरूयी िीक्तडमो दे खकय शरखता हूॉ की तजि ऩय बूरे गए ईभेर के स्भयण-ईभेर के प्रत्मि ु य भं साप तौय ऩय, आसानी से, गरे उतयने िारा फहाना शरखा जा सकता है – भाि
कीजजएगा, आऩका ईभेर शभरा नहीॊ था – शामद
स्ऩैभ हो गमा होगा. इतनी फर्ढ़मा सुविधा को
गरयमाना ठीक नहीॊ है . भेये विचाय भं स्ऩैभ जैसे खफ ू सूयत, अत्मॊत काभ की तकनीक का ईजाद शामद इसीशरए ही हुआ होगा.
भेर फाक्स के अकल्ऩनीम रूऩ से बयने का भाभरा तफ औय गॊबीय हो जाता है जफ कोई तीज त्मौहाय आता है . नमा सार, फ़क्रसभस, होरीदीिारी-दशहया-ईद आता है . एक दस ू ये को
शुबकाभनाएॊ दे ने-रेने का धर ू से सस्ता ( डटेि चीऩ ) साधन ईभेर के अरािा औय कोई हो सकता है बरा? औय इसी िजह से आऩका इनफॉक्स इन खास र्दनं भं कई गुनी यफ़्ताय से बयने रगता है . ऐसे सॊदेशं भं फ़कसी को कोई खास जिाफ बी नहीॊ शरखना होता है – औय फ़कसी अच्चछे सॊदेश को आगे िॉििडि कयने भं कोई ज्मादा भेहनत बी नहीॊ रगती. नजीतन, प्रत्मुियं औय ईभेर िॉििडं के कायण आऩका ईभेर
इनफक्सा औय ज्मादा, औय ज्मादा बयने रगता है . इतना फ़क फ़पय आऩको सोचना ऩड़ता है फ़क क्तडरीटे आर फटेन दफाकय अऩना ईभेर-दीिारा ही
ननकार दं ताफ़क फ़पय न यहे गी फाॊस न फजेगी फाॊसुयी. भगय असरी सभस्मा तफ आती है जफ आऩ कोई भहत्िऩूणि सॊदेश फ़कसी को बेजते हं औय उम्भीद
कयते हं फ़क िो ऑनराइन होगा औय अगरा दन्हन से जिाफ दे गा(गी). ऩय जिाफ आता नहीॊ. चाय घॊटेे ननकरते हं तो सोचते हं फ़क िो भीर्टेॊग मा कामि भं व्मस्त होगा, उससे पारयग होते ही आऩको जिाफ शरखेगा. फायह घॊटेे बफना जिाफ के ननकर जाते हं तो आऩ सोचते हं फ़क िो कहीॊ फाहय मािा इत्मार्द ऩय होगा. चौफीस घॊटेे ननकरते हं तो कमास रगाते हं फ़क शामद आऩका सॊदेश उसके स्ऩैभ भं चरा गमा होगा. आऩ उसको पोन कयने की सोच नहीॊ सकते क्मंफ़क आजकर पोन कयना ऩुयानी तकनॉराजी औय फैकिडि तो भाना ही जाता है , चाय रोगं के फीच कोई अऩने भोफाइर भं फात कयता है तो पूहड़ बी भाना जाता है . औय जार्हय है आऩ साभने िारे को ऐसी पूहड़ शसचए ु शन भं डारना नहीॊ चाहते. आऩ दोफाया स्भयण ईभेर
बेजते हं. जिाफ नहीॊ आना होता है, नहीॊ आता. फ़कसी कामिशारा भं हाऊ टेू हंडर एक्स्ट्रीभ ईभेल्ज
नाभ के अऩने प्रस्तुनतकयण भं एक फॊदे ने ऐसी
अिस्था भं एक अनुबूत प्रमोग कयने की सराह दी थी - ईभेर के शीर्षिक को बड़काऊ, उकसाऊ यखं . अॊदय साभग्री बरे ही दस ू यी हो, शीर्षिक र्दरचस्ऩ फना दं . हॉटे बफऩाशा के शीर्षिक मुक्त ईभेर को
साभने िारा फॊदा अऩने स्ऩैभ िोल्डय भं जाकय, ढूॊढ कय न शसपि शनतिमा ऩढ़ रेगा फजल्क जिाफ बी दे गा.
मूॉ, हभाये जैसं के विऩयीत ध्रि ु ं भं यहने िारे जीि बी इस धयती ऩय हं. भुझे वऩछरे र्दनं फ़कसी
खास व्मक्तक्त ने अऩना बफजनेस काडि र्दमा था. उस ऩय उनका ईभेर ऩता दजि था. कुछ माद आने ऩय भंने उन्हहं ईभेर कय र्दमा. जिाफ नदायद. स्भयण बेजा. जिाफ फ़पय बी नदायद. रगा फ़क भेया साया जेन्हमुइन ईभेर साभने िारे का स्ऩैभ िोल्डय खा
यहा होगा. अऩने तभाभ फैकिडिनेस को आगे कयते हुए, काडि भं र्दए गए भोफाइर ऩय कार फ़कमा. ऩूछा तो उिय शभरा फ़क िे तो हफ़्तं भहीनं ईभेर ही चेक नहीॊ कयते हं. कोई ईभेर बेजता है तो पोन ऩय सच ू ना दे ता है तफ दे खते हं. ईभेर ि
होभ-साइटे का ऩता बफजनेस काडि ऩय दे ना पैशन
है ना, इसशरए र्दमा हुआ है . रोग वऩछड़ा न सभझने रगं . ऩय, ऐसे विऩयीत ध्रि ु ं भं यहने िारे रोग ही आज के जभाने भं सुखी हं. क्मं सही कहा ना भंने? -----.
व्मॊग्म 39
सफसे फड़ा फेिकूि कौन? भं!
सफसे फड़ा फेिकूि कौन? एक अऽफाय का सिे
फता यहा है फ़क सॊसाय का सफसे फड़ा फेिकूि फुश है . ऩय िो तो अभयीका का है . उससे हभ
बायतीमं का क्मा रेना दे ना. तो चशरए दस ू ये
स्थान के विजेता ऩय नज़य भायते हं . अये , िहाॊ तो आऩ वियाजभान हं! आभ आदभी का झॊडा रेकय ऩगुयाए फैठे हं. ऩहरे रगा फ़क मे सिे फकिास है – ऐसा कैसे कोई सिे आऩके मा भेये जैसे ‘आभ आदभी’ को सफसे फड़ा फेिकूि कह सकता है
बरा? इससे ऩहरे फ़क भं सिेमयं औय उस अऽफाय को गरयमाता औय उन्हहं रानतं भराभतं बेजने के शरए कॊु जीऩटे टेकटेकाता, भेये ऻान चऺु कुछ खर ु े
औय भझ ु े भेयी फेिकूफ़िमाॉ एक-एक कय नज़य आने रगीॊ.
कर ही की तो फात है . चौयाहे से स्टेे शन तक का ऑटेो फ़कमा. ऑटेो िारे ने फड़े ही शयापत से भीटेय डाउन फ़कमा औय बफना कोई भोर तोर फ़कए रे चरा. स्टेे शन ऩय ऩहुॉचा तो दे खा फ़क भीटेय ऩय फ़कयामा साभान्हम से डेढ़ गुना फता यहा था. भं शयापत से फेिकूि फन चक ु ा था. जार्हय है , ऑटेो
का भीटेय टेै म्ऩय फ़कमा हुआ था, औय यीक्तडॊग ज्मादा फता यहा था.
रौटेते भं जाने कैसे माद आ गमा फ़क घय ऩय भूॊग खत्भ हो गमा है . ियना जेफ भं ऩयची डारकय
खयीदायी को ननकरता हूॉ तो बी बूर जाता हूॊ फ़क जेफ भं कोई ऩयची बी है . फ़कयाने की एक दक ु ान ऩय रुका औय ऩूछा – बाई साहफ फर्ढ़मा क्िाशरटेी का भूॊग है क्मा? फड़ा दाने का, हया. दक ु ानदाय
भस् ु कयामा औय फोरा हाॊ, है ना साहफ. उसने संऩर
र्दखामा. फोरा, अॊकुरयत भॊग ू सेहत के शरए अच्चछा यहता है . फड़े फड़े दाने एकदभ चभक यहे थे. यॊ ग ऽफ ू हया था. भंने रे शरए. फाद भं घय आकय
ऩानी भं शबगोमा तो ऩामा फ़क भॊग ू का ऩयू ा हया
यॊ ग ऩानी भं आ गमा है . आह! तो चभचभाते हये यॊ ग के भूॊग को हये यॊ ग से यॊ गीन चभचभाता
फनामा गमा था – कृबिभ तयीके से. मे ऩता बी
नहीॊ था फ़क यॊ ग खाने िारा था मा कऩड़ा यॊ गने िारा. भंने िो भूॊग पंक र्दमा – फ़कसी जानिय के खाने रामक बी नहीॊ रगा था. जार्हय है , भं
फेिकूि फन गमा था. अफ भुझे उस दक ु ानदाय की भुस्कुयाहटे का याज ऩता चरा. िो भुझे, एक आभ आदभी को, फेिकूि फनाकय व्मॊग्मात्भक भुस्कान पंक यहा था.
सयकायी तॊि तो भुझ जैसे आभ आदभी को जफ
तफ फेिकूि फनाते ही यहते हं. उदाहयण के शरए,
भेये घय ऩय नगयननगभ का जरप्रदाम कनेक्शन है . जरप्रदाम की चाक-चौफॊद व्मिस्था मूॊ है फ़क
भानसून भं जफ ऊऩय से फारयश हो यही होती है ,
औय सििि ऩानी ही ऩानी नजय आता है तफ नर बी बफरानागा, ऩयू े पोसि से ऩानी उगरता यहता है . जहाॉ अप्रैर का खतयनाक भहीना आता है ,
िाताियण भं सििि सख ू ा हो जाता है तो इसका बी िोसि डाउन हो जाता है . भई जन ू की बमॊकय
गभी भं मह सख ू सा जाता है . ऊऩय से ऐसे सभम अड़ोस-ऩड़ोस के रोग नर भं डामये क्टे ऩम्ऩ
रगाकय ऩानी खीॊचने की कोशशश भं एक दस ू ये को औय नगयननगभ के जरप्रदाम व्मिस्था को
फेिकूि फनाने की नाकाभ कोशशशं कयते यहते हं. ऐसे भं बफजरी विबाग बी अॊडयफ़फ्रेक्िंसी के नाभ ऩय अघोवर्षत विद्युत कटेौती कय जफ तफ भुझ
आभ आदभी को औय ज्मादा फेिकूि फनाता यहता है . धयती भैमा को बी अऩने सऩूतं की कायस्तानी ऩय गुस्सा आने रगा है शरहाजा, िो बी भेयी
फेिकूफ़िमं ऩय हॊ सते हुए अऩना जरस्तय भई जून भं औय ज्मादा नीचे कय रेती है .
नेता रोगन की तो फात ही छोड़ दीजजए. जफ दस हजाय कयोड़ के कजि भािी की घोर्षणा सुनी तो
भेये शभि का फधाई सॊदेश आमा. अफ तो फर्ढ़मा चर यहा होगा फॊध.ु तुम्हाये साये कजि भाप कयने की घोर्षणा हो चक ु ी है . भं ऩरटे कय शबन्हनामा.
क्मा माय, तुभ बी क्मा फात कयते हो. इससे हभाये गाॊि के ऩटेे र का ही पामदा हुआ है जो फंकं से न जाने फ़कस फ़कस स्कीभ से राखं का कजि
उठामा है . हभ गयीफ फ़कसान ऩय तो साहूकाय का कजि है . िो भाप कयने के फजाए ब्माज दय फढ़ा यहा है . हभको तो यात फेयात ऩैसे की दयकाय होती है . साहूकाय से ऩैसा रेना ही ऩड़ता है ... रारू ने शान से कहा ट्रे न का फ़कयामा घटेामा है ,
फढ़ामा नहीॊ. फहुत र्दन से कहीॊ जाना था जो टेार यहा था. फ़कयामा घटेाने की फात सन ु कय भन प्रसन्हन हो गमा औय िहाॊ जाने का भन फनामा.
जाने आने का र्टेकटे शरमा. सीटे खारी नहीॊ था. तत्कार कोटेा भं खारी था सो भजफूयी भं उसी
का र्टेकटे शरमा. फ़कयामा तत्कार प्रबाय के नाभ ऩय 200 रुऩमे ज्मादा था. िाऩसी का र्टेकटे दस रूऩमे औय ज्मादा का. ऩछ ू ा क्मा िाऩसी भं ट्रे न
का फ़करोभीटेय फढ़ जाता है ? र्टेकटे फाफू हॊ स र्दमा – सोचा अजीफ फेिकूि है . सभझता नहीॊ.
अफ छोक्तड़ए, क्मा क्मा फेिकूफ़िमाॉ थगनाऊॉ. शसद्ध तो ऽैय, हो ही गमा है ! ------.
व्मॊग्म 40
कहीॊ आऩ बी एजंटे तो नहीॊ...
ऩुयाने र्दनं को रोगफाग माद कयते हं तो क्मा
फुया कयते हं. हय गुजया हुआ ऩुयाना र्दन भीठी माद शरए हुए होता है औय िो शनतिमा ितिभान औय आने िारे र्दनं से ज्मादा अच्चछा होता है .
अफ, फीभा के भाभरं को ही रे रं . ज्मादा नहीॊ,
अबी चाय-ऩाॉच सार ऩुयानी फात ही रे रं . क्मा खश ु नुभा र्दन थे िो बी. रे दे कय इक्का दक् ु का
सयकायी फीभा कॊऩननमाॊ होती थीॊ बायत भं औय उसके ऩूणक ि ाशरक-अॊशकाशरक एजंटे होते थे जो आभतौय ऩय िर्षि के आणखयी भहीनं भं टेै क्स
्राननॊग औय इॊश्मोयं स औय कबी कबी फचत के नाभ ऩय इॊश्मोयं स हे तु आग्रह कयते र्दखाई ऩड़ते थे.
भगय, फेड़ा गकि हो इन भनभोहनी औय थचदॊ फयभी आथथिक सुधायं का फ़क दजिनं फीभा कॊऩननमाॉ
दे खते ही दे खते चरी आई हं औय कई चरी आने की किामद भं हं. गरी भुहल्रं भं इनके रकदक
औय चकाचक कयते ऑफ़िस ऩे ऑफ़िस खर ु ते चरे आ यहे हं.
फात इन फेर्हसाफ कॊऩननमं औय गरी भह ु ल्रे भं खर ु ते फीभा कॊऩननमं के ऑफ़िसं तक सीशभत नहीॊ है . सभस्मा मे नहीॊ हं. सभस्मा की जड़
दस ू यी है . ऩुयाने र्दनं की भीठी मादं को औय
भीठी कयती ितिभान की सभस्माएॉ कुछ औय ही हं.
आऩ फ़कसी ऩाटेी भं गए हुए होते हं . िहाॊ कोई ऩरयथचत सा रगने िारा चेहया नाभारूभ कहाॊ से नभूदाय होता है औय तऩाक से हाथ शभराता है . फड़ी ही आत्भीमता से हार चार ऩूछता है . घय-
ऩरयिाय स्िास्थ्म नौकयी व्मिसाम इत्मार्द. आऩ कमास रगाते यह जाते हं फ़क फॊदे को कहाॊ दे खा था. फ़पय िो असरी फात ऩय आ जाता है – भंने परॉ नई फीभा कॊऩनी की एजंसी री है . इसभं मे मे स्कीभं हं औय फहुत िामदे भॊद हं. सयकायी एरआईसी तो रटे ू ता है . परॉ मे दस ू यी कॊऩनी का रयटेनि ठीक नहीॊ है , उसभं ननिेश उथचत नहीॊ है . फोशरए, कफ आऊॉ? आऩ कहीॊ ट्रे न मा फस भं जा यहे होते हं, मा फ़्राइटे के ऩकड़ने के शरए इॊतजाय कय यहे होते हं, तफ बी इसी फ़कस्भ की दघ ि ना आऩके साथ ु टे
होती है . आऩ फंक भं फ़कसी काभ से गए होते हं, फुक शॉऩ भं फ़कताफ खयीद यहे होते हं, मा फ़पय
चौयाहे ऩय कड़क भीठी चाम सुड़क यहे होते हं मा
फ़पय शसनेभा मा स्टेे शन के साििजननक भूिारम भं आऩ होते हं, औय आऩके साथ मे दघ ि ना घटे ु टे जाती है .
हारात मे हं फ़क आऩका दयू के रयश्तं भं चाचा,
फाफा, काका, पूपा, पूपी औय न जाने कौन रोगं को बी इन नए इॊश्मोयं स कॊऩननमं ने रगता है
जफयन एजंसी ऩकड़ा दी है . यवििाय की दोऩहयी को आऩ आयाभ कय यहे होते हं औय मा तो डोयफेर फजता है मा टेे शरपोन की घॊटेी. फ़पय उधय से प्रेभ-्माय औय भनह ु ाय से हार चार ऩछ ू े जाते
हं फ़पय अॊत भं असरी भद्द ु े ऩय आने भं ज्मादा दे य बी नहीॊ रगती – परॉ फीभा कॊऩनी अबी अबी
जॉइन की है . टेायगेटे ऩयू ा कयना है . आऩकी कृऩा हो जाए तो... रयश्तेदायी है , बई ननबानी ऩड़ती है . आऩको बी ननबानी ऩड़ेगी ही. आऩके ऩास कुछ ऩैसा आ जाता है . आऩ सोचते हं कुछ फर्ढ़मा जगह ननिेश फ़कमा जाए. चौयाहे ऩय
रगा पटेा, ऩयॊ तु विशार ऩोस्टेय माद र्दराता है – फजाज एराएॊज का फीभा ननिेश – सफसे फेहतय.
अऽफाय के ऩहरे ऩि ृ ऩय अिीिा का दािा चभक यहा होता है – सफसे पॉयिडि थथफ़ॊ कॊग ननिेशक – अिीिा ननिेशक. जफफ़क आईसीआईसीआई के एजंटे, जो जार्हय है , आऩके दयू के ऩरयथचत यहे हं, आऩको सभझा गए होते हं फ़क उनका ही प्रॉडक्टे
सफसे फेहतय है . उधय टेीिी ऩय अरग याग अराऩा जा यहा है – जो फीिी से कये ्माय िो कैसे कये रयरामॊस इॊश्मोयं स से इॊकाय. एचडीएपसी कहता है शसय उठा के जजओ. मानी अफ तक आऩ शसय झुका के जी यहे थे. िैसे, बायत भं शसय उठा कय जीने का फर्ढ़मा सऩना फेचा जा यहा है . औय, फ़कसी फीभा कॊऩनी का एक नहीॊ कोई दजिनं प्रॉडक्टे होते हं औय उनभं से हय एक सफसे फेहतय होता है . आऩ ऩैसा जजसभं रगाएॊ, िो ही सफसे फेहतय प्रॉडक्टे होता है . अॊतत् आऩके साथ हारात मे हो जाते हं फ़क आऩ रोगं से भॉह ु चयु ाने रग जाते हं. जफ साभने िारा हय व्मक्तक्त आज आऩको इॊश्मोयं स एजंटे नजय आने रगा है तफ कयं बी तो क्मा? ठीक आऩकी ही तयह की सभस्मा से जझ ू ते
जूझते अचानक भेये र्दभाग भं एक र्दन बफजरी सी कंधी औय एक फर्ढ़मा सा हर जेहन भं
आमा. दस ू ये र्दन भं एक इॊश्मोयं स दफ़्तय भं गमा औय तुयत पुयत एक एजंसी रे री. घय ऩय नाभ
ऩर्ट्टका भं फड़े अऺयं भं शरखिामा - फीभा एजंसी.
तफ से ऩता नहीॊ क्मं, ऩरयथचतं, रयश्तेदायं के पोन आने फॊद हो गए. घय ऩय बी ऩरयथचतं, रयश्तेदायं का आना जाना कभ हो गमा (अफ ब्रॉग रेखनऩठन ऩय ज्मादा ध्मान र्दमा जा सकेगा,). अफ सये याह कोई ऩरयथचत चेहया आत्भीमता र्दखाता नहीॊ दीखता. फजल्क कई तो कतयाते हुए ननकर जाते हं. मर्द कोई अऻानी-ऩरयथचत शभर बी जाता है , औय आत्भीमता र्दखाते हुए फीभा की फात ननकारने की कोशशश कयता बी है तो उससे ऩहरे भं ही फीभा के शरए आग्रह कय दे ता हूॊ. आणखय, फीभा आग्रह की विर्षम िस्तु है . भेयी तो सराह मे है फ़क आऩ अऩनी न सही, अऩने ब्रॉग का फीभा अिश्म कयिाएॊ. कौन जाने कफ, कैसी भुसीफत आन ऩड़े. कफ िामयस औय ट्रोजनं से आऩका ब्रॉग सॊक्रशभत हो जाए औय इस
इॊटेयनेटेी आबासी दनु नमा से ाामफ हो जाए. तो, दे य फ़कस फात की? हय थचट्ठाकाय के शरए, हय थचट्ठाकाय के जेफ के अनुसाय, शानदाय, फेहतयीन ऑपय. न्हमूनतभ प्रीशभमभ फ़कश्तं ि अथधकतभ रयटेनि के शरए भुझसे आज ही सॊऩकि कयं .
फीभा, आग्रह की विर्षमिस्तु है ... --------------.
व्मॊग्म 41
इन्हिोशसस भं एक साऺात्काय मह साऺात्काय इतना प्रशसद्ध है फ़क अॊग्रेज़ी भं इसकी कोई दस कक्तड़माॉ (1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10) कॉऩीस्केऩ के जरयए हाशसर हो चक ु ी हं . िैसे, भूर रेखक (कौन हं?) को साधि ु ाद सर्हत इसका र्हन्हदी तजुभ ि ा प्रस्तुत है :
इन्हिोशसस भं एक साऺात्काय ऩयीऺक : अऩने फाये भं कुछ फताएॊ.
ऩयीऺाथी: भेया नाभ कोनदे श कुरकणी है . भंने
फफनयाि ढोरे-ऩार्टेर इॊस्टेीट्मूटे ऑि टेे क्नॉराजी से टेे रीकम्मूननकेशन इॊजीननमरयॊग भं फीई फ़कमा है .
ऩयीऺक: फफनयाि ढोरे-ऩार्टेर इॊस्टेीट्मटे ू ऑि
टेे क्नॉराजी? आज से ऩहरे इसका नाभ भंने नहीॊ सुना था!
ऩयीऺाथी: फर्ढ़मा! भंने बी इसका नाभ तफ तक नहीॊ सुना था जफ तक भंने इसभं दाणखरा नहीॊ
शरमा था. हुआ मे था फ़क फ़क्रकेटे भैचं के कायण भेयी 12िीॊ का ग्रेड बफगड़ गमा औय इॊजीननमरयॊग एॊट्रंस सड़ गमा. भझ ु े अच्चछे कॉरेज भं ऩेड सीटे
शभर यही थी. ऩयॊ तु भेये वऩताश्री -भं उन्हहं ‗फाऩ‘
कहना ज्मादा ऩसॊद कयता हूॊ- ने कहा ―भेये ऩास इतना ज्मादा ऩैसा तम् ु हायी ऩढ़ाई भं रगाने के
शरए नहीॊ है ‖. दयअसर िे सही भं मे कहना चाह यहे थे औय भं जानता था – ―भं कबी बी इतना साया ऩैसा तुभ ऩय रगा नहीॊ सकता‖. तो भेये
ऩास इस कॉरेज भं दाणखरा रेने के अरािा दस ू या विकल्ऩ नहीॊ था. िैसे, फफनयाि ढोरे ऩार्टेर को आऩ शेतकयी भहाविद्यारम सभझ सकते हं... ऩयीऺक: ठीक है , ठीक है . ऩय आऩने अऩनी इॊजीननमरयॊग की ऩढ़ाई छ् सार भं ऩूयी की है ... ऩयीऺाथी : भं तो सचभुच भं चाहता था फ़क भेयी
ऩढ़ाई 4 सार भं ऩूयी हो जाए, औय भंने अऩनी ऩूयी ता़त रगा दी थी, ताफ़क ऩढ़ाई की फोरयमत का
सभम कभ से कभ यहे . ऩयॊ तु आऩको ऩता ही है ... ऐन ऩयीऺाओॊ के सभम फ़क्रकेटे टेूनािभंटे,
िुटेफार विश्वकऩ, विम्फरडन औय मूएस ओऩन टेे ननस... इन सफके फीच ऩढ़ाई भं ध्मान फ़कसी
अभानि का ही रग सकता होगा. जार्हय है , भं दस ू ये औय तीसये सार भं रुक गमा. औय कुर शभराकय 4 + 2 = 7 सार रग गए. ऩयीऺक: ऩयॊ तु 4+2 तो 6 होता है .
ऩयीऺाथी: ओह, क्मा सचभुच? अफ भेया गणणत
थोड़ा सा कभजोय है . ऩयॊ तु भं अफ ध्मान यखग ूॊ ा.
4+2 होते हं 6. ठीक है , अफ माद यहे गा. धन्हमिाद. फ़क्रकेटे के खेर ने ऩयीऺाओॊ भं सचभुच गहया
असय डारा है . भुझे तो रगता है फ़क इस ऩय प्रनतफॊध रगा दे ना चार्हए.
ऩयीऺक : मह जानकय अच्चछा रगा फ़क आऩ चाहते हं फ़क फ़क्रकेटे भैचं भं प्रनतफॊध रगा र्दमा जाए.
ऩयीऺाथी: नहीॊ नहीॊ, भं तो ऩयीऺाओॊ की फात कय यहा था. ऩढ़ाई भं ऩयीऺाएॊ क्मा जरूयी हं? ऩयीऺक: ठीक है . अच्चछा मे फताइए, जीिन भं अफ तक की आऩकी सफसे फड़ी उऩरजब्ध क्मा यही है ?
ऩयीऺाथी: जार्हय है , भेयी इॊजीननमरयॊग की क्तडग्री. भेयी भाताश्री को कबी बयोसा ही नहीॊ यहा था फ़क इस जन्हभ भं मह कामि भं ऩूया कय बी ऩाऊॊगा. जफ भं तीसये िर्षि पेर हो गमा था तो उन्हहंने
अऩने रयश्तेदाय के जरयए भेये शरए एक रड़की औय जॉफ दोनं ही ढूॊढ शरमा था... िो तो उस
रड़की का प्रोिाइर था जो भेयी क्तडग्री प्राप्त कयने की याह भं भददगाय हो गमा ियना... ऩयीऺक: क्मा आऩके बविष्म के कोई ्रान हं आगे की उच्चच शशऺा के शरए? ऩयीऺाथी: हे हे हे ... आऩ क्मा भजाक कयते हं... ननम्न शशऺा ऩूया कयना ही इतना ददीरा था..!! ऩयीऺक: चशरए, कुछ तकनीकी फातं कयते हं. आऩ फ़कस ्रेटेिॉभि ऩय कामि कयते हं ?
ऩयीऺाथी: भंने ्रेटेिॉभि ऩय कामि तो नहीॊ फ़कमा है , ऩयॊ तु भेया घय अॊधेयी ्रेटेिॉभि के कयीफ है .
औय िाशी के ऩास भं भेया दोस्त यहता है . हभ अकसय एक दस ू ये के महाॉ जाते यहते हं तो हभं
विशबन्हन ्रेटेिॉभि का ऩूया आइक्तडमा है . हभ फ़कसी भं बी काभ कय सकते हं
ऩयीऺक: ओह, हाॉ. अच्चछा आऩने फ़कस रंगुएज भं भहायत हाशसर की है ?
ऩयीऺाथी: भयाठी, र्हन्हदी, अॊग्रेजी. िैसे, भं जभिनी, फ्रेाॊसीसी, रूसी औय ऐसी ही अन्हम अनेक बार्षाओॊ भं भौन यहकय अऩनी फात फऽफ ू ी कह सकता हूॊ. ऩयीऺक: मे फताइए, िीसी (VC), िीफी(VB) से फेहतय क्मं है? ऩयीऺाथी: अफ हभाये ऩास क्मा इिा काभन संस नहीॊ यहे गा. सी तो फी के फाद ही आता है ना. तो िीसी िीफी से फड़ा हुआ ना. कोई फता यहा था फ़क नई बार्षा िीडी बी आ यहा है ! ऩयीऺक : असंफरी रंगए ु ज के फाये भं कुछ फताइए?
ऩयीऺाथी : झठ ू क्मं फोरॊू, भंने इसके फाये भं कुछ सन ु ा नहीॊ है . हाॊ, ऩयॊ तु भेया विचाय है फ़क मे नेता औय भॊिी रोग जो असॊसदीम बार्षा असंफरी भं फोरते हं, शामद उससे कुछ रयश्ता होगा.
ऩयीऺक: आऩकी ऩरयमोजनाओॊ के फाये भं साभान्हम अनुबि क्मा यहे हं?
ऩयीऺाथी: भेये साभान्हम अनुबि तो मे यहे हं फ़क
ऩरयमोजनाएॉ अथधकाॊश सभम ऩाइऩराइन भं यहती हं! ऩयीऺक: क्मा आऩ फता सकते हं फ़क अबी आऩ ितिभान भं क्मा कय यहे हं? ऩयीऺाथी: जी हाॉ, जरूय. भं अबी फाटेा इन्हिोटेे क भं काभ कय यहा हूॊ. जफसे भंने फाटेा इन्हिोटेे क भं काभ कयना शरू ु फ़कमा है , तफ से भं फंच ऩय हूॉ.
फीआईएर भं काभ कयने से ऩहरे रोग जफ फोरते थे फ़क िे फंच ऩय हं , तो भुझे रगता था फ़क इतने रोग फंच ऩय हं तो मह विॊडोज से बी फड़ा सॉफ़्टेिेमय होगा जो फनामा जा यहा है .. ऩयीऺक: क्मा आऩके ऩास फ़कसी तयह का ऩरयमोजना प्रफॊधन का अनब ु ि है ?
ऩयीऺाथी: नहीॊ, ऩयॊ तु मह इतना कर्ठन बी नहीॊ होना चार्हए. भझ ु े िडि औय एक्सेर ऩता है . भं
फातं फहुत कय सकता हूॊ. भुझे ऩता है फ़क कैसे कम््मूटेयं से इॊटेयनेशनर कार फ़कमा जा सकता
है औय भुझे ऩीसी स्ऩीकय का प्रमोग बी आता है . औय, जरूयी फात मे फ़क भुझे फहुत से अॊग्रेजी के तकनीकी शब्द जैसे फ़क 'शोस्टेाऩसि', 'हॉटेफ़िक्सेस', 'सीएभएभ', 'क्िाशरटेी',
'िजिन कॊट्रोर', 'डेडराइन्हस', 'कस्टेभय सेर्टेस्पैक्शन' इत्मार्द आते हं. तथा भं अऩनी गरनतमं के शरए दस ू यं ऩय आयोऩ रगा कय उसे शसद्ध कय सकता हूॊ!
ऩयीऺक: आऩको हभायी कॊऩनी से क्मा आशाएॊ है ? ऩयीऺाथी: ज्मादा तो नहीॊ, ऩय .. 1. भेये हाथ भं कभ से कभ भहीने के 40,000 तो आना ही चार्हए. 2. भं फ़कसी जीिॊत ऩरयमोजना भं काभ कयना चाहूॊगा. ऩयॊ तु इसभं कोई डेडराइन होना नहीॊ चार्हए. भेया भानना है फ़क डेडराइन से व्मक्तक्त के प्राकृनतक फुवद्धभिा औय कौशर ऩय आघात ऩहुॊचता है . 3. भं फ्रैक्सी टेाइशभॊग ऩय विश्वास कयता हूॊ. मानी कोई तम कामि घॊटेे नहीॊ. 4. भूर बूत अथधकायं के विरूद्ध है ड्रेस कोड.
फयभूडा औय गभछा भं बी, भूड के र्हसाफ से कामि स्थर ऩय आने की इजाजत होनी चार्हए.
5. ऩाॉच कामि र्दिस का सप्ताह हो. शनन, यवि की छुट्टी हो. फुध की छुट्टी बी हो तो औय अच्चछा.
इससे र्दभाग फ्रेेश यहे गा औय आउटेऩटे ु ज्मादा
शभरेगा. 6. भं सार भं 3 फाय विदे श जाना चाहूॊगा – असाइनभं टे हो मा न हो. भं मूएस, ऑस्ट्रे शरमा,
मूयोऩ ऩसॊद कयता हूॊ, ऩयॊ तु मर्द फ़क्रकेटे का सीजन हो तो िेस्टेइॊडीज औय अफ्रेीका बी जाना चाहूॊगा. तो आऩने दे खा है फ़क भेयी ज्मादा प्रत्माशाएॊ नहीॊ है आऩकी कॊऩनी से. तो क्मा भं अऩने आऩ को चमननत सभझॊू? ऩयीऺक: हे हे हे हा हा हा... हभाये सॊगठन भं आने का शुफ़क्रमा. दयअसर आज से ज्मादा
भनोयॊ जन हभाया कबी बी नहीॊ हुआ था. हभ आऩके साथ अिश्म काभ कयना चाहं गे. इन्हिोशसस भं आऩका स्िागत है .:-) ------------.
व्मॊग्म 42 भयिी के वऩताओॊ के ननमभ
आऩ चाहं फ़कतने फड़े हो जाएॉ, आऩ अऩने वऩता के शरए हभेशा िही नाक सुड़कते
हुए फच्चचे ही होते हं. जफ आऩके वऩता आऩसे कहते हं ‗नहीॊ‘, तो इसका अथि होता है – अऩनी भम्भी से जाकय ऩछ ू ो.
वऩता जो कहते हं, िही ननमभ होता है , ऩयॊ तु शसपि फच्चचं के िोटे दे ने रामक उम्र होने तक.
वऩता ऩरयऩण ू ि होते हं, सभस्माएॉ फच्चचं के साथ होती हं.
िैसे तो फहुत से विकल्ऩ होते हं, ऩयॊ तु वऩता का कहा ही अॊनतभ होता है .
मर्द आऩके वऩता खाभोश यहते हं – तो
इसका अथि है फ़क िे कोई ्रान कय यहे होते हं. मर्द िे खयािटेे बय यहे होते हं तो सभझं िह ्रान काभमाफ हो गमा है .
अऩने वऩता से हभेशा सहभत यहं . फ़पय दे खं िे मह कैसे कहते हं – भंने तुम्हं ऩहरे ही कहा था!
मर्द आऩको अऩने वऩता की ऩूणि सहभनत
हाशसर हो गई है तो इसका भतरफ है फ़क
िे फहुत फड़ी गरती कय यहे हं. आऩ अऩनी भाता को उल्रू फनाने की
कोशशश कय सकते हं, ऩयॊ तु वऩता को नहीॊ – िो तो ऐसे स्टेॊ टे दशसमं फाय ऩहरे ही आजभा कय पेर हो चक ु े होते हं .
फहस भं जीत वऩताओॊ की ही होती है – दस ू ये तयीके से बी तकि उनके ही होते हं.
वऩताओॊ द्वाया तम फ़कए गए ननमभ-कानूनं के कुछ अऩिाद बी होते हं , ऩयॊ तु िे बी वऩताओॊ द्वाया फनाए गए होते हं.
आऩ अऩने वऩता से ज्मादा अनुबिी कबी बी नहीॊ हो सकते हं.
आऩके वऩता आऩकी गरनतमं को भाप कय सकते हं ऩयॊ तु इसका मे भतरफ नहीॊ फ़क आऩ उन्हहं दोहयाएॊ.
वऩता ऐसे न्हमामाधीश हं जो बफना सफूत के सज़ा सुना सकते हं.
आऩ बरे ही अऩने वऩता के र्दशा-ननदे शं के फगैय चरने रामक फड़े हो गए हं, ऩयॊ तु मह फात उन्हहं बूरे से बी न फताएॊ.
अऩने वऩता को आऩ फ़कसी बी सभम क्तडस्टेफि कय सकते हं – ऩयॊ तु मह सॊतुवि
कय रं फ़क कहीॊ फ़क्रकेटे भैच तो नहीॊ चर यहा.
घय ऩय टेीिी सफ दे ख सकते हं , ऩयॊ तु
उसके रयभोटे ऩय अथधकाय वऩता का होता है .
आऩ कुछ रोगं को हभेशा के शरए उल्रू फना सकते हं, कुछ रोगं को कुछ सभम के शरए, ऩयॊ तु अऩने वऩता को कबी नहीॊ. िे इस तयह की सपर-असपर कोशशशं
अऩने जभाने भं कय ऩरयऩक्ि हो चक ु े होते हं.
आऩ अऩने वऩता से कबी मे न कहं फ़क कयने के शरए कुछ नहीॊ है . िे कुछ न
कुछ नमा काभ आऩको ऩकड़ा ही दं गे.
उऩरजब्ध हभेशा आऩके वऩता के सौजन्हम से हाशसर होती है , असपरता भं आऩका औय शसपि आऩका मोगदान होता है .
वऩता द्वाया सुझामा तयीका ही सििश्रेि होता
है . मर्द आऩको विश्वास नहीॊ होता तो जया उन्हहं ऩूछ दे खं.
जैसे जैसे आऩकी उम्र फढ़ती है , िैसे िैसे आऩ अऩने आऩको अऩने वऩता का ज्मादा ्माया, दर ु ाया फच्चचा सभझने रगते हं .
मर्द आऩ सभझते हं फ़क आऩ अऩने वऩता से कुछ छुऩा सकते हं, तो माद कीजजए,
फ़कसने आऩके ऩोतड़े फदरने भं भदद की है .
आऩ चाहे जो बी कयं उसे आऩके वऩता की आरोचना शभर सकती है – कुछ बी नहीॊ कयने ऩय बी.
वऩता की िे सराहं जो आऩने अनदे खा की हुई होती हं, िे हभेशा ही सिोिभ सराहं होती हं.
----
व्मॊग्म 43
भयिी के कुछ चौऩर्हमा ननमभ
अॊतत् जफ आऩ अऩनी नई काय खयीदने रामक ऩैसा फचा रेते हं, तबी आऩकी जभी जभाई नौकयी छूटे जाती है .
कोई बी काय तबी खयाफ होती है जफ फहुत जरूयी भं कहीॊ जाना होता है औय दस ू या कोई विकल्ऩ नहीॊ होता. औय प्राम् िह भाभूरी सी खयाफी होती है , जजसको
ठीक कयने के शरए इॊजजन फाहय ननकारना जरूयी होता है .
बरे ही आऩ अऩनी काय को फ़कतने ही अच्चछे तयीके से भं टेेन कय यखते हं, ऩं दे से तेर तो तफ बी टेऩकेगा.
काय से आ यही अजीफ सी आिाजं से थचॊनतत होकय जफ आऩ अऩनी काय को भेकेननक के ऩास र्दखाने रे जाते हं तो िह आिाज आश्चमि जनक रूऩ से उस िक्त गामफ हो जाती है औय आऩके ऩास उस आिाज को, उस खयाफी को िणिन कयने के शरए शब्द नहीॊ यहते.
हय फाय, जफ आऩ साििजननक िाहन से
जाते हं तो काय ऩाफ़कंग खारी यहता है ऩयॊ तु जफ आऩ काय रेकय जाते हं तो ऩाफ़कंग भं जगह नहीॊ यहती.
मर्द आऩ काय के हुड के नीचे कुछ काभ कय यहे होते हं तो कुछ न कुछ ऐसा उसभं थगय ही जाता है जो ऩहुॉच से फाहय हो जाता है .
काय ढॊ कने के शरए प्रमोग भं आने िारे विनाइर शीटे का ताऩक्रभ आऩके हाथं के ताऩक्रभ के व्मत्ु क्रभानऩ ु ाती होता है तथा उसभं धर ू अॊदय-फाहय दोनं तयप फयाफय यहता है .
आऩकी काय का विॊड स्क्रीन जजतना ज्मादा साप होता है , िह उतना ही ज्मादा कीटें को आकवर्षित कयता है .
आऩकी काय भं कोई डंटे ि डैश तबी ऩड़ती है जफ फीभे की अिथध खतभ हो जाती है .
आऩकी ऩसॊदीदा - हय फ़कस्भ की काय के शरए - बरे ही आऩ उसे अिोडि नहीॊ कय ऩाएॉ, हय काय विक्रेता के ऩास ‗फर्ढ़मा
भाशसक बुगतान ऋण ्रान' होता ही है .
आऩके काय की कॊु जी हभेशा उसी जेफ भं यहती है जो सफसे ज्मादा बयी हुई होती
है . औय अकसय जेफ भं सफसे नीचे यहती है .
गॊतव्म ऩय ऩहुॉचने के ठीक ऩाॉच शभनटे ऩहरे आऩके फच्चचे काय भं ही सो जाते हं.
काय की टेामयं भं ऩॊचय यात के सभम, खारी योड ऩय ही होता है . औय योड साइड के टेामयं भं होता है .
जफ आऩको दे यी हो यही होती है तबी हय चौयाहे ऩय रार फिी ही शभरती है .
जजतनी शशद्दत से आऩ कहीॊ जाना नहीॊ चाहते औय भजफूयी भं जा यहे होते हं तो उतनी ही शशद्दत से ट्रै फ़िक आऩको िहाॉ
शीघ्र ऩहुॉचाने भं साथ दे ता है . फ़कसी र्दन आऩ ट्रै फ़िक जाभ भं पॊसते हं औय पास्टे रेन भं चरे जाते हं तो िह रेन बी ट्रै फ़िक जाभ भं पॊस जाता है .
काय भं ऩॊचय तबी होता है जफ आऩके ऩास औजाय नहीॊ होता है . औय खासकय तफ तो होता ही है जफ आऩके साथी ने औजाय नहीॊ बर ू ने के शरए आऩको ऩहरे ही कह यखा होता है .
जफ तक आऩकी काय भं स्टेे ऩनी होता है काय भं ऩॊचय नहीॊ होता.
जफ बी आऩ अचानक अऩनी काय योकना चाहते हं तो हय हभेशा ऩीछे से कोई न कोई िाहन तेज गनत से आता ही होता है .
जफ आऩ तेजी से औय शीघ्रता से कहीॊ जाना चाहते हं तो आऩकी काय के साभने चर यहा िाहन कछुए की चार से चरता यहता है औय ओियटेे क कयने की कोई सॊबािना नहीॊ यहती.
मर्द आऩ रेटे हो गए हं तो सॊकयी सड़क ऩय आऩकी काय के साभने एक फस चर यही होती है जो फ़क हय स्टेाऩ ऩय रुकती है .
मर्द आऩ ज्मादा रेटे हो गए हं तो सॊकयी सड़क ऩय आऩकी काय के साभने एक स्कूर फस चर यही होती है जो फ़क हय
स्टेाऩ ऩय औय अचानक रुकती चरती है .
भयिी का सॊकयी ऩुशरमा का ननमभ: मर्द फ़कसी रम्फे सड़क ऩय कहीॊ ऩय एक रेन की सॊकयी ऩुशरमा होती है औय मर्द उस
सड़क ऩय भाि दो कायं ही चर यही होती हं तो- 1) दोनं कायं विऩयीत र्दशा भं चरती होती हं औय, 2) िे ठीक ऩुशरमा ऩय ही एक दस ू ये को क्रास कयती हं .
आऩकी काय का डेवप्रशसएशन आऩके ऩड़ोसी की नई चभचभाती काय की कीभत के सीधे अनऩ ु ात भं , औय एक्सऩोनंशशमरी होता है .
ऩेट्रोर ऩॊऩ ऩय आऩ चाहे जजधय से बी अऩनी काय रे जाएॉ, ऩेट्रोर टेॊ की का ढक्कन ऩॊऩ के दस ू ये तयप ही होता है .
फयसात भं जफ आऩको अऩनी काय तक जाना होता है , घनघोय फारयश रुकने का नाभ ही नहीॊ रेती. जैसे ही आऩ काय के बीतय जैसे तैसे तयफतय घुसते हं, फादर
छॊ टे जाते हं, थचक्तड़मा चहचहाने रगती हं, औय आसभान भं इन्हद्रधनुर्ष ननकर आता है .
फ़कसी रम्फे र्ट्रऩ भं आऩकी काय भं ऩेट्रोर तबी खतभ होता है जफ ऩेट्रोर ऩम्ऩ कभ से कभ ऩचास फ़करोभीटेय दयू होता है .
अऩनी काय भं अनतरयक्त अिमिं को रगाकय तथा खचीरे ऩरयितिन कय आऩ अऩनी काय के तथा अन्हम विशार िस्तुओॊ के फीच गुरूत्ि फर भं इजािा कयते हं.
मर्द आऩ अऩनी काय को ये शसॊग काय की तयह इस्तेभार कयं गे तो इसभं सभस्माएॉ बी उसी गनत से आएॊगीॊ.
बरे ही आऩ जेटे की गनत से ड्राइि कय यहे हं, आऩके ऩीछे आ यहा कोई न कोई िाहन आऩसे बी जल्दी भं होगा.
बरे ही आऩ जेटे की गनत से जा सकते हं, आऩके आगे चर यहा कोई न कोई िाहन आऩकी दे यी का कायण फन ही जाता है .
फ़कसी शाॊत चौयाहे भं तफ तक कोई ट्रै फ़िक नहीॊ होता जफ तक फ़क आऩको उसे क्रास नहीॊ कयना होता है .
फ़कसी बी नारे भं आऩ अऩनी काय उताय सकते हं ऩयॊ तु जरूयी नहीॊ फ़क उसे ऩाय कय ही रं .
फ़कसी बी चौयाहे ऩय रार फिी हभेशा ही हयी फिी से ज्मादा दे य तक जरती यहती है .
आऩकी काय का हानि जजतना ज्मादा तेज आिाज कये गा उतना ज्मादा ही सॊबािना इस फात की होगी फ़क िह आऩके शसिाम अन्हम फ़कसी को सन ु ाई नहीॊ दे .
मर्द फ़कसी सड़क भं कोई ट्रै फ़िक नहीॊ है
तो िह भयम्भत के शरए खद ु ा हुआ होगा.
ऩानी का डफया हभेशा ही अनुभान से ज्मादा गहया होता है .
फारयश भं कीचड़ िहाॉ-िहाॉ जाती है जहाॉजहाॉ आऩकी काय जाती है .
काय जजतनी बायी, जजतनी भॊहगी होगी कीचड़ भं िह उतनी ही गहयी धॊसेगी.
जहाॉ कीचड़ भं आऩकी काय धॊसती है िहाॉ आसऩास उसे ननकारने का कोई साधन, महाॉ तक फ़क कोई एक ऩेड़ बी नहीॊ होता.
टेामय जजतना फड़ा होता है ट्रै क उतना ही गहया होता है .
जजतना र्दखाई दे ता है ऩानी उससे ज्मादा गहया होता है .
मर्द आऩ िोय व्हीर ड्राइि काय भं जा यहे होते हं तो आते जाते सड़क सूखी शभरती
है औय जफ आऩ टेू व्हीर ड्राइि भं जा यहे होते हं तो िाऩसी भं फारयश आ जाती है .
आऩ अऩनी काय को चाहे जैसे फर्ढ़मा तयीके से यखते हं, आश्चमिजनक औय नाभारभ ू तयीके से दाग-धब्फे औय डंटे तो रग ही जाते हं - औय मे आऩके काय की कीभत के िगि के सीधे अनऩ ु ात भं होते हं.
----.
व्मॊग्म 44 (शशऺक र्दिस ऩय सभवऩित - भयिी के ननमभ को सत्म कयता हुआ - दो र्दन फाद!)
भयिी के कुछ विद्याथीम - शशऺकीम ननमभ...
• कऺा भं रगी घड़ी हभेशा गरत सभम फताती है . • स्कूर रगने का घॊटेा जल्दी फजता है , छुट्टी की घॊटेी दे य से फजती है .
• स्कूर की घॊटेी दोऩहय के खाने की छुट्टी के सभम तीव्र गनत से चरने रगती है .
• जफ विद्याथी कभये भं होते हं तबी भहाविऩदा आती है • शशऺकं के शरए हय भजेदाय विर्षम विद्याथथिमं के शरए उफाऊ होता है . • विद्याथथिमं द्वाया फ़कसी विर्षम को सभझे जाने की
सॊबािना उस विर्षम की व्माख्मा के शरए शशऺक द्वाया शरए गए सभम ि फ़कए गए श्रभ के उरटेे अनुऩात भं होती है .
• कऺा की रॊफाई (सभम), उफाऊ शशऺक ि उफाऊ विर्षम के सीधे अनुऩात भं होती है .
• विद्याथी अच्चछे ऩरयणाभ राते हं तो उन्हहं प्रशॊसा ि ऩयु स्काय शभरते हं. विद्याथी जफ पेर होते हं तो उन्हहं उनके शशऺक घर्टेमा ऩढ़ाते हं .
• स्कूर का सफसे शयायती फच्चचा स्कूर के प्राचामि का फेटेा होता है .
• जजस र्दन शशऺक के स्कूर ऩहुॉचने भं दे यी हो जाती है , उसकी भर ु ाकात गेटे ऩय प्राचामि से अिश्म होती है .
उऩप्रभेम - जजस र्दन विद्याथी दे य से स्कूर
ऩहुॉचता है , उस र्दन उऩजस्थनत ऩहरे दजि कय री जाती है .
• मर्द शशऺक स्कूर सभम ऩय ऩहुॉच जाता है औय प्राचामि से उसकी भुराकात नहीॊ होती है तो फ़पय उसे सॊकाम सशभनत की भीर्टेॊग भं दे य हो जाती है . • फ़कसी स्कूर भं नए विद्याथी उन स्कूरं से आते
हं जहाॉ ऩढ़ाई नहीॊ होती. • अच्चछे विद्याथी दस ू ये स्कूरं भं चरे जाते हं .
• अच्चछे विद्याथी/अध्माऩक दस ू ये स्कूरं के होते हं . • जाॉच ऩयीऺा के र्दन ऩॊद्रह प्रनतशत विद्याथी अनत आिश्मक कायणं से अनुऩजस्थत होते हं.
• मर्द शशऺक करा विर्षम ऩढ़ाता है तो प्राचामि
फ़िजजकर ट्रे ननॊग सॊकाम का होता है औय िह करा विर्षम से घोय नपयत कयता है . औय मर्द शशऺक फ़िजजकर ट्रे ननॊग सॊकाम का होता है तो प्राचामि बी उसी सॊकाम का होता है औय उसके जभाने भं िह अऩने विद्याथथिमं को कई याष्ट्रीम-अॊतयािष्ट्रीम भैच जजतिा चक ु ा होता है .
• कोई ऩयीऺक जफ कोई कॉऩी जाॉचना प्रायॊ ब कयता है तो भयिी के तभाभ ननमभ प्रबािशीर हो जाते है . • ऩुस्तकारम के शरए िेइनय का ननमभ - महाॉ कोई सभाधान नहीॊ शभरता है शसिाम क्रॉस ये ियं स के! • मर्द आऩ फ़कसी कऺा भं फ़कसी विर्षम भं प्रिेश
ऩाना चाहते हं तो अगय उसभं "क" विद्याथथिमं के रामक सीटे होती है तो प्रिेश सूची भं आऩका क्रभाॊक "क+1" होता है .
• कऺा के सभम की रूऩये खा इस तयह फनाई जाती है फ़क उससे प्रत्मेक विद्याथी का अथधकतभ सभम फयफाद होता है . • उऩ-प्रभेम - दो कऺा के सभम की रूऩये खा अगय फर्ढ़मा फन ऩड़ती है तो िे कऺाएॉ ऩरयसय के विऩयीत कोने भं एक के फाद एक रगाताय रगती हं. • िाॊनछत कोसि के शरए प्राथशभक आिश्मकता िारा कोसि िाॊनछत कोसि के ऩयू ा होने के फाद के सेभेस्टेय भं ऩढ़ामा जाता है .
• जफ आऩ ऩयीऺा के ठीक ऩहरे अऩने नोट्स ऩय एक ननगाह भायते हं तो जो अॊश सिािथधक भहत्िऩूणि होते हं, उनकी शरखािटें सभझ भं नहीॊ आतीॊ.
• फ़कसी ऩयीऺा के शरए आऩ जजतना ज्मादा ऩढ़ते हं, आऩको उतना ही सन्हदे ह होता है फ़क उिय कौन सा, फ़कस तयह शरखना है . • भुख्म (पाइनर) ऩयीऺा भं ऩूछे जाने िारे प्रश्नं
भं से अस्सी प्रनतशत उस ऩुस्तक से आते हं जजन्हहं आऩने नहीॊ ऩढ़ा तथा जजनके रैक्चय आऩसे छूटे चक ु े होते हं.
• अॊग्रेज़ी के अधििावर्षिक ऩयीऺा के एक र्दन ऩहरे शयीयविऻान का शशऺक आऩको ऩचास ऩि ृ ं का
एक प्रोजेक्टे यातं यात कय राने का गह ृ कामि दे ता है .
• उऩ-प्रभेम- प्रत्मेक शशऺक मह सोचता है फ़क विद्याथी के ऩास उसके द्वाया र्दए गए गह ृ कामि को कयने के अरािा अन्हम कोई कामि नहीॊ होता है . . . • मर्द आऩको ऩुस्तक खोरकय ऩयीऺा दे ने को
कहा जाता है तो आऩ ऩुस्तक राना बूर जाते हं. • उऩ-प्रभेम - मर्द आऩको जाॊच ऩयीऺा कामि घय से ऩूया कय राने को कहा जाता है तो आऩ मह बूर जाते हं फ़क आऩ कहाॉ यहते हं.
• सेभेस्टेय के अॊत भं आऩको ऩता चरता है फ़क
आऩने फ़कसी ऐसे कोसि के शरए दाणखरा शरमा था जजसकी एक बी कऺा भं आऩने हाजजयी नहीॊ दी
मा नहीॊ रगी मा रगी तो शशऺक छुट्टी ऩय यहे . • भुख्म ऩयीऺा का प्रथभ ननमभ : गणणत के
भुख्म ऩयीऺा के दौयान ही आऩके साइॊर्टेफ़िक कैल्कुरेटेय की फैटेयी खयाफ हो जाती है .
उऩ-प्रभेम - मर्द आऩके ऩास अनतरयक्त फैटेयी होते हं तो िे खयाफ ननकरते हं. • अत्मॊत भहत्िऩूणि ऩयीऺा भं आऩका सफसे ्माया दोस्त दस ू ये कभये भं ऩयीऺा दे ता है तथा आऩकी
फगर की कुसी ऩय िह विद्याथी फैठता है जजससे आऩको सफसे ज्मादा थचढ़ होती है .
• सीगय का ननमभ - जो कुछ बी कोिकं भं र्दमा गमा होता है उसे अनदे खा फ़कमा जा सकता है .
• नतारी का कैल्कुरस का ननमभ : कोई बी ऩाठ, ऩयीऺा के फाद ही सभझ भं आता है .
• सेइत का उच्चच शशऺा का ननमभ : उऩाथध प्राप्त कयने के शरए जो ऩयीऺा आऩ ऩास कयना चाहते हं, िह आऩको अगरे सेभेस्टेय से ऩहरे नहीॊ शभरती. • टेभि ऩेऩय का ननमभ - आऩके प्रोजेक्टे मा टेभि ऩेऩय के शरए अनत आिश्मक ऩुस्तक / ऩबिका /
जनिर के ऩि ृ राइब्रेयी से अिश्म गामफ शभरते हं.
• उऩ-प्रभेम - मर्द उऩरब्ध बी होते हं , तो िे कटेे पटेे मा अऩठनीम होते हं. • डुग्गन का शोघ का ननमभ : - अत्मॊत
भहत्िऩूणि उद्धयण का स्रोत ऩता नहीॊ ऩड़ता.
• विद्याथथिमं के शरए योशभॊगय का ननमभ- फ़कसी ऩाठ्मक्रभ का शीर्षिक जजतना ही साधायण सा होगा, आऩ उससे उतना ही साधायण सीख ऩाएॊगे. • फ़कसी ऩाठ्मक्रभ का शीर्षिक जजतना ज्मादा विशशि होगा, उसभं दाणखरा रेने के शरए मोग्मता विद्याथथिमं भं उतनी ही कभ होती है . • है नसेन का राइब्रेयी का ननमभ - आऩके ऩड़ोस की राइब्रेयी भं काभ रामक कोई बी फ़कताफ कबी बी नहीॊ शभरती. • रॊदन का राइब्रेयी का ननमभ - इस फात से कोई पकि नहीॊ ऩड़ता फ़क आऩको कौन सी फ़कताफ चार्हए. िह हभेशा ही आरभायी के अ-ऩहुॉचमोग्म सफसे ननचरे खॊड भं होता है . • योशभॊगय का शशऺकं के शरए ननमभ - फ़कसी ऩयीऺा भं फैठने के शरए मर्द कऺा भं विद्याथथिमं की उऩजस्थनत अननिामि कय दी जाती है तो
अनुऩजस्थतं की सॊख्मा भं इजािा हो जाता है . मर्द फ़कसी ऩयीऺा भं फैठने के शरए कऺा भं
उऩजस्थनत िैकजल्ऩक होती है तो सायी कऺा साये सभम भौजूद यहती है .
• गणणत की कऺा ऩय ऩं जा का ननमभ - फ़कसी ऩाठ के अनत भहत्िऩूणि चयण ऩय दयिाजे ऩय कोई न कोई दस्तक दे दे ता है .
----.
व्मॊग्म 45 जुराई का भहीना //**// जुराई का भहीना सदै ि डयाता आमा है औय
रगता है हभेशा डयाता आएगा। भं जफ फच्चचा था, औय स्कूर भं ऩढ़ता था, तफ इस जर ु ाई के भहीने से बायी डयता था। भई औय जन ू की ऩयू ी दो
भहीनं की घनघोय छुर्ट्टमाॉ जफ खत्भ होने को
आती थीॊ, तफ जर ु ाई का भहीना बमॊकय रूऩ से डयाता चरा आता था। माद आने रगती थीॊ
फ़कताफं, कावऩमाॉ औय होभ िकि। माद आने रगते थे गरू ु जनं की छक्तड़माॉ, उनके डाॊटे पटेकाय औय
उनके द्वाया र्दए जाने िारे दण्ड। मे सायी चीजं बमॊकय रूऩ से डयाती थीॊ, औय भं बगिान से प्राथिना कयता था – भनौनतमाॉ भानता था फ़क हे ! ईश्वय, जुराई के भहीने को रेकय भत आ। मा
फ़पय कुछ दो-चाय र्दनं की भोहरत औय दे दे ।
ऩयॊ तु डयाता-धभकाता औय अऩने असय से सयाफोय कयता चरा जाता अऩने ऩीछे बुगतने को अगस्त, शसतॊफय इत्मार्द को छोड़ता हुआ।
आज भं फुजुगि औय फड़ा हो गमा हूॉ, तो बी जुराई
के भहीने से डयता हूॉ। औय, आश्चमि की फात मह है फ़क भं अबी बी स्कूर औय कॉरेजं से ही डयता
हूॉ। तफ बी, अफ जफ भं ऩढ़ता नहीॊ हूॉ। जफ भं फच्चचा था, तफ भं सोचा कयता था फ़क भं औय भेये जैसे भेये सहऩाठी ही हं जो जुराई के भहीने से डयते हं। ऩय उस िक्त की भेयी सोच फ़कतनी
सॊकीणि थी, इसका अॊदाजा आज भुझे हो यहा है । उस िक्त हभं कल्ऩना ही नहीॊ हो ऩाती थी फ़क
हभाये ऩारक बी जुराई के भहीने से डयते घफयाते हंगे।
भेये जैसा हय ऩारक जर ु ाई के भहीने से डयता
घफयाता होगा। भई-जून की शानदाय छुर्ट्टमाॉ फीतने
के फाद जफ जुराई का भहीना आता है तो ऩारकं का र्दर धक-धक कयने रगता है । छोटेे का पराॊ स्कूर भं एडभीशन कयाना है - उसके शरए एप्रोच
जुगाड़नी है । फड़े को भेक्तडकर भं बेजना है उसके शरए तगड़ा डोनेशन दे ना है । फ़पय स्कूर ड्रेस,
फ़कताफं, कॉवऩमाॉ, स्कूर फस्ते, ट्मूशन, फच्चचं के
स्कूर आने जाने की व्मिस्था इत्मार्द... इत्मार्द... चीजं साया सभम डयाने का काभ कयती यहती हं। जैस-े जैसे सभम गुजयता जा यहा है , िैसे-िैसे
‗जुराई के भहीने के डयाने िारे िैक्टेय‘ के स्टेंडडि बी फढ़ते जा यहे हं। ऩहरे स्कूरं कॉरेजं भं
एडभीशन साभान्हम सी चीज़ हुआ कयती थी, औय कहीॊ कोई भाया भायी नहीॊ थी। अफ स्कूरं-कॉरेजं भं एडभीशन हे तु प्री-टेे स्टे होते हं। भेरयटे शरस्टे
फनती है । रोग तीन-तीन, चाय-चाय स्कूरं कॉरेजं
भं एडभीशन िॉभि बयते हं। डयते यहते हं फ़क कहीॊ फ़कसी बी जगह एडभीशन न शभरा तो िे क्मा कयं गे। कहीॊ फ़कसी घर्टेमा कॉरेज भं बी एडभीशन शभर गमा तो अऩना अहोबाग्म सभझते हं। डयाने िारे ‗ऩयसंटेेज‘ बी र्दनं र्दन फढ़ते जा यहे हं। अऩने जभाने भं , भेये वऩताश्री – जैसा फ़क िे
फताते यहे – ऩयीऺा भं र्द्वतीम श्रेणी आ ऩाएगी मा नहीॊ इस बम से िे िर्षि बय ग्रस्त यहते थे, औय जार्हय है , मह बम जुराई भं चढ़ता था औय
अप्रैर-भई भं नतीजं के आने तक फयकयाय यहता था। भं ऩयीऺा भं प्रथभ श्रेणी प्राप्त कयने के शरए
अऩने विद्याथी जीिन के सभम भं बम ग्रस्त यहता था। अफ भेया बम जुराई के भहीने से इसशरए
चारू हो जाता है फ़क भेया परॉ ऩुि जो परॉ कऺा भं ऩढ़ता है – ऩयीऺा भं नब्फे प्रनतशत रा ऩाएगा
मा नहीॊ। नहीॊ तो उसके अॊधकाय भम बविष्म की कल्ऩना कयना ही बमािह है । कऺा, ऩयीऺा औय फ़कताफ-कावऩमाॉ, स्कूर ड्रेस के
अरािा बी कई ‗िैक्टेय‘ हं जुराई भहीने भं डयने
के। सयकायी तॊि भं काभ कयने िारं के शरए मह भहीना अकसय ट्राॊसपय रूऩी तरिाय रेकय आता है । कईमं के शरए जभा-जभामा खेर बफगाड़ता है जुराई का भहीना। इस ट्राॊसपय रूऩी तरिाय का िाय खत्भ कयने के शरए, इसकी धाय कभजोय
कयने के शरए मा इसका रूख फदरने के शरए
रोग जी तोड़ भेहनत कयते हं। फड़े से फड़ा, फैफ़कॊग िारा अिसय बी जुराई के भहीने भं डयता घफयाता यहता है फ़क कहीॊ इस दपा उसका
ट्राॊसपय हो जाए तो नई जगह ऩय नई सेर्टेॊग फनाने भं फहुत खचाि हो जाएगा – औय ऩुयाना तो अबी िसूर ही नहीॊ हो ऩामा है । बायतीम फ़कसान तो ऽैय सर्दमं से जुराई के
भहीने से डयता घफयाता आमा है । बगिान बरा कये उन तथाकथथत ऩमािियण िार्दमं, प्रगनतिार्दमं औय अऩने-अऩने स्तय ऩय भ्रि अिसयं-याजनीनतऻं का जजसके कायण आज बी बायतीम फ़कसान ऊऩय िारे के यहभोकयभ ऩय, ऊऩय िारे की जुराई भहीने की फयसात ऩय ननबिय है । इसीशरए िह सार-दय-सार जर ु ाई के भहीने से डयता आमा है । कहीॊ अिर्षाि, कहीॊ अनत िर्षाि,
कहीॊ सख ू ा, कहीॊ फाढ़ मानी डयने के तभाभ कायण। िैस,े अगय फ़कसानं को अऩिाद भान रं , तो फाकी सफ रोगं के बम का ये डीभेड इराज अफ भाकेटे भं शभरने रगा है । फस योकड़ा खचिना होगा।
भसरन – एडभीशन के शरए डोनेशन, अच्चछे नॊफयं के शरए ट्मूशन मा ऩचाि आउटे, ट्राॊसपय-ऩोजस्टेॊ ग के शरए याजधानी की मािा िगैयह-िगैयह। भगय, तफ ऽारी जेफ का बम बी तो सताएगा। दआ ु
कयता हूॉ फ़क भेये साथ साथ आऩ सबी के शरए अफकी मह जुराई भहीने का सभम जया जल्दी कटे जाए।
***********.
रघुकथा उऩहाय --―दल् ु हन र्दखने भं कैसी थी?‖ अजीज शभि, प्रतीक
के वििाह ऩाटेी से दे य यात भेये रौटेने ऩय ऩिी ने भुझसे ऩूछा. िह अस्िस्थता की िजह से साथ
नहीॊ जा ऩाई थी औय ऩाटेी के फाये भं जानने को उत्सुक प्रतीत हो यही थी.
―सुन्हदय ही यही होगी‖ भंने उफासी रेते हुए कहा. ―यही होगी – भतरफ?‖ ―माय हभ रोग अऩने नए प्रोजेक्टे की चचाि कय यहे थे, सो ध्मान नहीॊ र्दमा‖ ―तभ ु बी कभार कयते हो. शादी की ऩाटेी भं
जाकय दल् ू हा दल् ु हन को दे खने के फजाए प्रोजेक्टे क्तडस्कस कय आते हो.‖ उसने भेया कोटे हाथ भं रेते हुए थोड़ी नायाजगी से कहा.
―िो तो हयीश शभर गमा था, उसे हय हार भं प्रोजेक्टे ऩयसं तक क्तडरीिय कयना है . ऩये शान हो यहा था फेचाया‖ ―अये तुभने तो थगफ़्टे का मे शरिािा बं टे फ़कमा ही नहीॊ‖ उसने कोटे की जेफ भं से शुबकाभना
िारा शरिािा ननकारा जजसभं शगुन के रुऩए यखे थे.
―नहीॊ तो, भंने तो फाकामदा शादी की फधाई के साथ शरिािा दल् ू हे के हाथ भं थभामा था‖ भं
सोच भं ऩड़ गमा फ़क भंने शरिािा थभामा बी था मा नहीॊ. ―तो फ़पय िह कोई औय शरिािा होगा. माद कयो अऩने दोस्त को तभ ु क्मा बं टे कय आए‖
―ओह भाई गॉड, रगता है भंने डैडी की थचट्ठी िारा शरिािा थभा र्दमा जो आज सफ ु ह ही आमा था‖ भेये डैडी जो कम््मटे ू य औय कीफोडि को
अविश्वसनीम नज़यं से दयू से ही दे खते हं, अबी बी ननमशभत रूऩ से अऩने रॊफे ऩि शरिािं भं बेजते हं, जजनभं जीिन के िरसिे शरखे होते हं . ―तुभ बी माय हद कयते हो. जया दे ख तो रेते फ़क क्मा दे यहे हो.‖
―चरो, अफ क्मा कयं . सुफह जाकय भािी भाॊग कय मे शरिािा दे आऊॉगा.‖
अगरे र्दन प्रतीक के ऩास गमा, उससे भािी भाॊगी औय सही शरिािा उसके नजय फ़कमा. उसने शरिािा रेने से इनकाय कय र्दमा, औय साथ ही भेयी थचट्ठी रौटेाने से बी.
उसने कहा- ―जानते हो, भेयी शादी का सफसे ़ीभती तोहिा क्मा है ? तुम्हाये डैडी की मह
थचट्ठी.‖ */*/* *एक सत्म घटेना ऩय आधारयत. जार्हय है , नाभ ि ऩाि फदर र्दए गए हं . ----