ज्ञानी जो कहे सो औषध

  • Uploaded by: Rajesh Kumar Duggal
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  • June 2020
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  • Words: 174
  • Pages: 1
जजजजजज जज जजज जज जजज मेरे लड़के को हृदय रोग हो गया था मैंने पी.जी.आई. हॉिस्पटल, लखनऊ में डॉक्टर को िदखाया तो उन्होंने कहा िक हृदय का ऑपरेशन होगा िजसमें लगभग अस्सी हजार रुपये लगेंगे। मैंने उत्तर पर्देश सरकार से ऑपरेशन हेतु अस्सी हजार रुपये का अनुदान भी बचचे के नाम पापत िकया जो असपताल मे जमा हो गया, परन्तु ऑपरेशन के िलए जाने पर डॉक्टरों ने कहा िक हृदय की एक नली बनी ही नहीं है अतः ऑपरेशन संभव नहीं है। हम हताश होकर लौट आये। िदनांक 27 अपैल 2000 को लखनऊ में बापू जी का कायर्कर्म था। मैं बच्चेको पूज्यबापूजीकेपासलेगयाऔरपर्ाथर्नाकी िक बच्चाजीिवतरहे।बापूजीनेपुदीनाऔरलहसुनकी चटनी िखलाने को कहा और कहा बचचा ठीक हो जायेगा। तब से वही चटनी िखला रहा हूँ। बचचा सवसथ है और ठीक हो गया है, उसके हृदय की नली भी बन गयी है। यह सब गुरदेव की कृपा ही जो पुदीने और लहसुन की चटनी से हृदय की नली बन गयी है। रमेश चन्दर् कसौधन, गर्ा. पोस्ट-कादीपुर, िजला सुलतानपुर(उतर पदेश) ऋिष पर्साद, िसतमबर 2001, पृष्ठ संख्या 29, अंक 105 ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

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