वरात्रि के त्रिन ों पूजन प्रय ग में सरस्वती, महाकाली, महालक्ष्मी, लक्ष्मी या िु गाा जी के त्रिियोंि-प्रत्रतमा का प्रय ग त्रकया जा सकता है । प्रस्तुत है नवरात्रि के 8 सटीक प्रय ग मनिाही कामना के त्रलए :
(1) ज्ञान वैराग्य के लिए- 'ॐ ऐों नम:' स्फत्रटक माला से सरस्वतीजी का त्रिि श्वेत वस्त्र पर स्थात्रपत कर 11 माला त्रनत्य करें । यथासोंभव घी की आहुत्रत िें । मोंि के आगे 'स्वाहा' का प्रय ग करें ।
(2) ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए - 'ॐ ह्ीों नम:' लाल िोंिन की मा ला, रक्त वर्ा वस्त्र आसनात्रि पुष्प लेकर 11 माला त्रनत्य करें । घृ त-मधु -शकारा त्रमश्रर् कर आहुत्रत िें । रुद्राक्ष की माला भी ले सकते हैं।
(3) शत्रु बाधा दू र करने हेतु- 'ॐ क्ीों नम:' काले हकीक की माला या रुद्राक्ष माला, रक्त वर्ा पुष्प, आसन, वस्त्रात्रि तथा महाकाली के त्रिि क सथात्रपत कर 11 माला त्रनत्य करें । अोंत में घृ त की आहुत्रत िें ।
(4) धन प्राप्ति हेतु- 'ॐ श्रीों नम:' तथा कमल पर बैठी लक्ष्मी का त्रिि, गुलाबी आसन, वस्त्र, कमल गट्टे की माला, गुलाब-कमल के पुष्प से अिान कर घृ त-मधु -शकारा से अोंत में यथाशक्तक्त आहुत्रत िें ।
(5) शत्रु शाांलत- कर्यमुप्ति इत्यालद के लिए- श्री िु गाा जी के त्रिि क रक्तवर्ा आसन, वस्त्र, पुष्पात्रि से पूजन कर 'ॐ िु गेरत्रक्षत्रर्-रत्रक्षत्रर्' स्वाहा की 9 माला रुद्राक्ष माला से त्रनत्य करें तथा गौघृ त-मधु -शकारा से आहुत्रत िें ।
(6) र्मीन-र्ार्दाद, मकान इत्यालद की प्राप्ति के लिए -'ॐ लों ॐ' का जप करें । 11 माला त्रनत्य करें ।
(7) वशीकरण करने के लिए - 'ॐ क्ीों ॐ' की 11 माला त्रनत्य करें तथा घृ त-मधु -शकारा की आहुत्रत िें । त्रवशेष आहु त्रत कटु तेल, लाल िोंिन, राई, मधु और अश क पुष्प की िें ।
(8) पुत्र प्राप्ति के लिए- 'ॐ क्ीों नम:' की 11 माला त्रनत्य कर गौघृ त की आहुत्रत िें ।