Kavach Collection - श्री दुर्गा कवच, Kavach In Hindi.pdf

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  • Words: 1,200
  • Pages: 5
ऋ ष माकड़य ने पूछा जभी ! दया करके ाजी बोले तभी !! के जो गु त मं है संसार म ! ह सब श यां जसके अ धकार म !! हर इक का कर सकता जो उपकार है ! जसे जपने से बेडा ही पार है !! प व कवच गा बलशाली का ! जो हर काम पूरे करे सवाल का !! सुनो माकड़य म समझाता ँ ! म नव गा के नाम बतलाता ँ !! कवच क म सु दर चोपाई बना ! जो अ यंत ह गु त दे युं बता !! नव गा का कवच यह,, पढे जो मन चत लाये ! उस पे कसी कार का,, कभी क न आये !! (http://loverays.com) कहो जय जय जय महारानी क ! जय गा अ भवानी क !! पहली शैलपु ी कहलावे ! सरी च रणी मन भावे !! तीसरी चं घंटा शुभ नाम ! चौथी कु मांड़ा सुखधाम !! पांचवी दे वी अ कंद माता ! (http://myguru.in/myguru_app_store.php) छट का यायनी व याता !! सातवी कालरा महामाया ! आठवी महागौरी जग जाया !! नौवी स रा जग जाने ! नव गा के नाम बखाने !! महासंकट म बन म रण म ! प होई उपजे नज तन म !! महा वप म ोवहार म ! मान चाहे जो राज दरबार म !! श कवच को सुने सुनाये ! मन कामना स नर पाए !! चामुंडा है ेत पर,, वै णवी ग ड़ सवार ! बैल चढ महे री,, हाथ लए ह थयार !! कहो जय जय जय महारानी क !

जय गा अ भवानी क !! हंस सवारी वारही क ! मोर चढ गा कुमारी !! ल मी दे वी कमल असीना ! ी हंस चढ ले वीणा !! ई री सदा बैल सवारी ! भ न क करती रखवारी !! शंख च श शुला ! हल मूसल कर कमल के फ़ूला !! दै य नाश करने के कारन ! प अनेक क ह धारण !! बार बार म सीस नवाऊं ! जगद बे के गुण को गाऊँ !! क नवारण बलशाली माँ ! (http://loverays.com) संहारण महाकाली माँ !! कोट कोट माता णाम ! पूरण क जो मेरे काम !! दया करो बलशा लनी,, दास के क मटाओ ! चमन क र ा को सदा,, सह चढ माँ आओ !! कहो जय जय जय महारानी क ! जय गा अ भवानी(http://myguru.in/myguru_app_store.php) क !! अ न से अ न दे वता ! पूरब दशा म यदरी !! द ण म वाराही मेरी ! नै वधी म खडग धा रणी !! वायु से माँ मृग वा हनी ! प म म दे वी वा णी !! उ र म माँ कौमारी जी!! ईशान म शूल धा रणी !! हामानी माता अश पर ! माँ वै णवी इस फश पर !! चामुंडा दस दशा म,, हर क तुम मेरा हरो ! संसार म माता मेरी,, र ा करो र ा करो !! स मुख मेरे दे वी जया ! पाछे हो माता वजैया !!

अजीता खड़ी बाएं मेरे ! अपरा जता दाय मेरे !! नव यो तनी माँ शवांगी ! माँ उमा दे वी सर क ही !! मालाधारी ललाट क , और ुकुट क यशव थनी ! ुकुट के म य ेने ायम् घंटा दोनो ना सका !! काली कपोल क कण,, मूल क माता शंकरी ! ना सका म अंश अपना,, माँ सुगंधा तुम धरो !! संसार म माता मेरी,, र ा करो र ा करो !! ऊपर वाणी के होठ क ! माँ च क अमृत करी !! जीभा क माता सर वती ! दांत क कुमारी सती !! इस कठ क माँ चं दका ! (http://loverays.com) और च घंटा घंट क !! कामा ी माँ ढ़ोढ़ क ! माँ मंगला इस बनी क !! ीवा क भ काली माँ ! र ा करे बलशाली माँ !! दोनो भुजा क मेर,े र ा करे धनु धारनी ! दो हाथ के सब अंग क , र ा करे जग तारनी !! (http://myguru.in/myguru_app_store.php) शुले री,, कुले री,, महादे वी शोक वनाशानी ! जंघा तन और क ध क , र ा करे जग वा सनी !! दय उदार और ना भ क , कट भाग के सब अंग क ! गु हे री माँ पूतना,, जग जननी यामा रंग क !! घुटन ज घा क करे, र ा वो व यवा सनी ! टकखन व पाव क करे, र ा वो शव क दासनी !! र मांस और ह य से, जो बना शरीर ! आत और पत वात म,, भरा अ न और नीर !! बल बु अंहकार और,, ाण ओ पाप समान ! सत रज तम के गुण म,, फँसी है यह जान !! धार अनेक प ही,, र ा क रयो आन ! तेरी कृपा से ही माँ, चमन का है क याण !! आयु यश और क त धन,, स प त प रवार ! णी और ल मी,, पावती जग तार !!

व ा दे माँ सर वती,, सब सुख क मूल ! से र ा करो,, हाथ लए शूल !! भैरवी मेरी भाया क , र ा करो हमेश ! मान राज दरबार म,, दे व सदा नरेश !! या ा म ःख कोई न,, मेरे सर पर आये ! कवच तु हारा हर जगह,, मेरी करे सहाए !! है जग जननी कर दया,, इतना दो वरदान ! लखा तु हारा कवच यह,, पढे जो न य मान !! मन वां छत फल पाए वो,, मंगल मोड़ बसाए ! कवच तु हारा पढ़ते ही,, नव न ध घर मे आये !! ाजी बोले सुनो माकड़य ! यह गा कवच मने तुमको सुनाया !! रहा आज तक था गु त भेद सारा ! जगत क भलाई को मने बताया !! (http://loverays.com) सभी श यां जग क करके एक त ! है म क दे ह को इसे जो पहनाया !! चमन जसने ा से इसको पढ़ा जो ! सुना तो भी मुह माँगा वरदान पाया !! जो संसार म अपने मंगल को चाहे ! तो हरदम कवच यही गाता चला जा !! बयाबान जंगल दशा (http://myguru.in/myguru_app_store.php) दश म ! तू श क जय जय मनाता चला जा !! तू जल म तू थल म तू अ न पवन म ! कवच पहन कर मु कुराता चला जा !! नडर हो वचर मन जहाँ तेरा चाहे ! चमन पाव आगे बढ़ता चला जा !! तेरा मान धन धा य इससे बढे गा ! तू ा से गा कवच को जो गाए !! यही मं य यही तं तेरा ! यही तेरे सर से हर संकट हटाय !! यही भूत और ेत के भय का नाशक ! यही कवच ावभ बढ़ाये !! इसे नस दन ा से पढ़ कर ! जो चाहे तो मुह माँगा वरदान पाए !! इस तु त के पाठ से पहले कवच पढे !

कृपा से आधी भवानी क , बल और बु बढे !! ा से जपता रहे, जगद बे का नाम ! सुख भोगे संसार म,, अंत मु सुखधाम !! कृपा करो माते री,, बालक चमन नादाँ ! तेरे दर पर आ गरा,, करो मैया क याण !! !! जय माता द !!

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DURGA JI KI AARTI (AARTI(AARTI-अ बे-जी-- क--आरती(AMBE-JI-KI(AMBE-JI-KI-

AARTI).HTM)   GODDESS

DURGA JI KI CHALISA (CHALISA- ी-- गा--चालीसा(SHRI-DURGA(SHRI-DURGACHALISA).HTM)

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DURGA JI KE MANTRA (GODDESS-DURGA-MANTRAS.HTM)

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DURGA JI KI STUTI (STUTI(STUTI-भवा य कम्.HTM) .HTM)

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DURGA.HTM) BACK

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