(14) कुरआन अपने अनुयायियों को क्या सिखाता है तथा हम हिन्दुओं के लिए उसे जानना कितना आवश्यक है

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कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है औय हभ हहॊदओ ु ॊ के सरए इसे जानना ककतना आवश्मक है

आये ख 1 कुयआन (कुयान)

भानोज यखखत

ववषमवस्तु सॊदबभ

5

अल्राह का ऩैगाभ, ऩैगॊफय के नाभ

7

अल्राह एवॊ ऩैगफ ॊ य के यनणभम का ववयोध कयने का हक ककसी भुसरभान को नह ॊ

7

हहन्दओ ु ॊ भें आत्भग्रायन का प्रसाय न कयें

8

क्मा होगा उसका जजसने अल्राह को न स्वीकाया?

9

आऩकी खायतयदाय के सरए क्मा व्मवस्था है कुयआन भें?

10

कोई पयक नह ॊ ऩड़ता महद आऩ यनयाकाय ब्रह्म को भानते हों

11

तफ तक जफ तक भूयतभ ऩज ू ा का नाभों-यनशाॉ न सभट जामे

11

इस्राभ की सत्ता हो साय धयती ऩय हो

12

अल्राह औय ऩैगफ ॊ य की दृवि भें भूयतभ ऩज ू क

13

कोई भुसरभान काक़िय से रड़ना मा उसे भायना न चाहे तो उसका क्मा हश्र होगा?

13

रड़ो अल्राह की खायतय उनसे जो ककसी दस ू ये बगवान को ऩज ू ते हों

14

तुम्हाये आस-ऩास जो बी गैय-भुसरभान फसते हों

14

अल्राह का ऩैगाभ इॊसायनमत के नाभ

15

ताकक भुसरभानों के हदभाग भें छऩ जामे वह फात

16

जन्नत ककसका होगा औय दोजख ककसका

17

जन्नत के हूय औय अॊतह न ऐमाशी

18

आऩ के घय की दहर ज ऩाय कयें गे तो उनकी नजय सफसे ऩहरे कहाॉ जामेगी

18

अल्राह उनके साथ क्मा सरक ू कये गा जो उसे नह ॊ भानते

18

भत सोचो कक तुभने ककमा, वास्तव भें अल्राह ने ककमा, तुम्हे भाध्मभ फनाकय

19

काकपयों के प्रयत फेयहभ फनो ऩय भुसरभानों के प्रयत दमारु फनो

20

कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 2

आऩ, जो फुयाई को उसके असर रूऩ भें, दे खना नह ॊ चाहते

21

हहॊद ू को, हहॊद ू की नजय भें गगयाने वारे षड़मॊत्रकाय

22

सभस्त हहॊद ू जायत की भाताओॊ का अऩभान

22

हहॊद ू धभभ गुरुओॊ से भेय प्राथभना

23

हहॊदओ ु ॊ की फागडोय सन्माससमों के हाथ

24

महद मे सन्मासी अऩना दायमत्व यनबाने से चूकते हैं

24

दयकाय है स्वासबभानी औय साहसी सयकाय की

24

जफ कश्भीय भें सत्तय हजाय हहॊद ू ऩॊडडत कत्र ककए गए

25

अन्जान हहॊद ू ऩाठकों को हदग्रसभत ककए यखना आवश्मक जान ऩड़ा होगा 25

फड़े सभचाय ऩत्र औय उनके फड़े झठ ू

26

भुसरभान के सरए केवर मुद्ध जीतना ह का़िी नह ,ॊ कत्रेआभ बी जरूय है

27 इस्राभ कफर ू कय उसे छोड़ने की सजा

27

हद स, जो ऩैगम्फय ने ककमा, उसे भुसरभान को दोहयाते जाना होगा कमाभत तक

28

ककतना बमावह एवॊ क्रूय था वह सफ जो आज के आभ भुसरभान के सरए अनक ु यणीम फना

जया सोच कय दे खखए

28

30

गचत्र तासरका आये ख 1 कुयआन (कुयान) ....................................................................... 1 आये ख 2-मह फच्ची जो आज कुयआन ऩढ़ यह है.....................................30

भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 3

प्राथभना वक्रतुण्ड भहाकाम सूमक भ ोहट सभप्रब। यनववभघ्नॊ कुरु भें दे व शुबकामेषु सवभदा।। मा कुन्दे न्दत ु ुषायहायधवरा मा शुरवस्त्रावत ृ ा, मा वीणावयदण्डभजण्डतकया मा श्वे तऩद्मासना। मा ब्रह्माच्मुतशॊकयप्रबयृ तसबय् दे वैस्सदावजन्दता, सा भाभ ् ऩातु सयस्वती बगवती यनश्शेषजाड्माऩहा।। मा दे वी सवभबूतेषु शडिरूऩेण सॊजस्थता। नभस्तस्मै नभस्तस्मै नभस्तस्मै नभो नभ्।।

सभऩभण कामेन वाचा भनसेजन्िऐवा फुध्मात्भना वा प्रकृते स्वबावात। कयोसभ मद् मद् सकरॊ ऩयस्भै नायामणामेयत सभऩभमासभ।। भानोज यखखत [email protected] http://www.maanojrakhit.com http://www.pdfcoke.com/maanojrakhit

महद आऩ जन-जागयण का सॊकल्ऩ रेकय इस ऩुजस्तका को फॉटवाना चाहें तो यन्सॊकोच इसकी प्रयतमाॉ कयवा रें अथवा छऩवा रें ऩय मह ध्मान

अवश्म यखें कक कोई ऩरयवतभन कयना आवश्मक जान ऩड़े तो कृऩमा भेय अगिभ अनभ ु यत सरखखत रूऩ भें अवश्म रे रें ।

कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 4

सॊदबभ कुयआन को आऩ अगधकाॊशत् कुयान के नाभ से जानते हैं । भेये ऩास दो कुयान हैं औय दोनों ऩय कुयआन भजीद सरखा हुआ है । इसका अथभ हुआ सह उच्चायण कुयआन है । अत् हभ कुयआन शब्द का ह प्रमोग कयें गे , प्रचसरत कुयान शब्द का नह ॊ। इस छोट सी ऩुजस्तका भें हभ उद्धयण दें गे भुख्मत् तीन ऩुस्तकों से जजनके फाये भें आऩको थोड़ा सा ऩरयचम

दे ना

महाॉ उगचत जान ऩड़ता है क्मोंकक कुछ ऩाठक जानना चाहें गे कक भैं जो कुछ बी कह यहा हूॉ उसका आधाय क्मा है ? ऩहर कुयआन भजीद फायह सौ ऩचास ऩष्ठ ृ ों की

है एवॊ इसके प्रकाशक दरयमा गॊज , नई हदल्र के

भकतफा अर- हसनात (याभऩुय वारे) हैं तथा इसका ISBN (अॊतयाभष्ट्रीम भानक ऩुस्तक क्रभाॊक

81-86632-00-X (सॊस्कयण 2003) है । इसभें

अयफी भूर िॊथ सहहत हहॊद व अॉिेजी अनुवाद हदए हुए हैं। हहॊद अनुवाद भुहम्भद ़िारुक खाॉ के एवॊ अॉिेजी अनुवाद भु . भा. वऩक्थार के। दस ू य कुयआन भजीद है छ् सौ फायह ऩष्ठ ृ ों की। इसभें अयफी के साथ-साथ हहॊद अनुवाद बी हदए गए हैं । अनुवादक हैं नागऩुय के हजयत भौराना अब्दर ु कय भ ऩाये ख साहफ। प्रकाशक हैं रार कु

आॉ हदल्र के

Educational

Publishing House औय नागऩुय के India Religious Book Centre. इसके अरावा एक फहुत ह भहत्व ऩूणभ ऩुस्तक है

The Calcutta

Quran Petition जजसका सॊकरन एवॊ सॊऩादन ककमा है स्वगीम श्री सीता याभ गोमर ने। इस तीन सौ ऩचीस ऩष्ठ ृ ों की ऩुस्तक का प्रकाशन ककमा है नई हदल्र की Voice of India ने (ISBN है 81-85990-58-1)। जो उद्धयण भैं महाॉ प्रस्तुत करूॉगा वे होंगे

1999 के सॊशोगधत एवॊ ऩरयवगधभत

तीसये सॊस्कयण से। स्वगीम सीता याभ जी की एक ववशेषता मह थी कक वे कई बाषाओॊ के ऻाता थे एवॊ उन्हें दस ू यों के द्राया ककमे गए अनुवादों भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 5

ऩय यनबभयशीर यहने की आवश्मकता नह ॊ हुआ कयती थी। सफसे फड़ी फात उनभें मह थी कक वे हहॊदओ ु ॊ के हहतों के प्रयत

सदा सजग यहा कयते थे।

इस कायण भैं उनकी ऩुस्तकों को फड़ा भहत्व दे ता हूॉ। हहॊद भें , कुयआन के, जो अनुवाद आजकर के सॊस्कयणों भें आ यहे हैं , वे फहुधा कठोय बाव को फखूफी छुऩा जाते हैं --

मा कपय हहॊद सरवऩ भें

कहठन उदभ ू शब्दों की इतनी बयभाय कय दे ते हैं कक , अथभ एवॊ बाव, दोनों जाने कहाॉ खो जाते हैं। मे सफ हहॊद अनुवाद इस्राभ के फन्दों के सरए नह ॊ होते। वे तो उदभ ू की सरवऩ भें अनुवाद ऩढ़ते हैं , मा कपय अयफी भूर को ऩढ़ते हैं -- उनभें क्मा सरखा होता है , वह न आऩको भारूभ ऩड़ता है, न भुझे। अत् भैं अॉिेजी भें उऩरब्ध अनु वादों को अगधक भहत्व दे ता हूॉ क्मोंकक भेये ऩास ववसबन्न रेखकों की साभिी है एवॊ वे सबी रगबग एक ह फात कहते हैं, शब्दों के थोड़े हे य-पेय के साथ। आजकर एक नई हवा चर ऩड़ी है -- फहुधा अॉिेजी सभाचाय ऩत्रों भें , मा उनके प्राॊतीम बाषाओॊ के सॊस्कयणों भें , रेखों के द्राया मह छवव आॉकने की चेिा की जाती है कक इस्राभ अभन-चैन का भजहफ है । जो कुयआन की वास्तववकता से अनसबऻ हैं वे इस फात को सच भान फैठते हैं। इस ऩुस्तक के द्राया , हभ आऩका ऩरयचम कयामेंगे , कुयआन की उन सशऺाओॊ से, जजनके फाये भें जानना , हभ हहॊदओ ु ॊ के सरए

अत्मॊत आवश्मक है ।

अॉिेजी भें उऩरब्ध उद्धयणों (quotes) को आधाय के रूऩ भें रेकय , हहॊद भें उनके शाजब्दक अथभ एवॊ बावाथभ को , भैं अऩने शब्दों भें , सहज ढॊ ग से आऩ के सभऺ प्रस्तुत करूॉगा। भेया उद्देश्म है कक आऩ ववषम को सहजता के साथ सभझें ताकक उसकी प्रासॊगगक ता को , अऩने जीवन एवॊ अऩने ऩरयवाय के सॊदबभ भें यख कय , दे ख सकें। जहाॉ भैं इन उद्धयणों को प्रस्तुत

कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 6

करूॉगा वहाॉ मह बी फताऊॉगा कक उन्हें ककस प्रकासशत ऩुस्तक से सरमा गमा है , ताकक आऩ चाहें तो स्वमॊ, इनकी ऩुवि कय सकें। बगवद्गीता भें जैसे अध्माम , श्लोक होते हैं , वैसे ह कुयआन भें सूया एवॊ आमत हुआ कयते हैं। प्रथभ उदाहयण भें सूया 4 अन-यनसा आमत 56 का अथभ होगा (हभाय ऩद्धयत से) अध्माम-4 शीषभक अन-यनसा श्लोक-56

अल्राह का ऩैगाभ, ऩैगॊफय के नाभ कुयआन सूया 4 अन-यनसा आमत 56 "वे जो अल्राह के आदे श को नह ॊ भानते हैं , हभ उन्हें आग भें झोंक दें गे औय जफ उनकी चभड़ी वऩघर जाए तो हभ उनकी जगह नई चभडड़माॉ डार दें गे ताकक उन्हें स्वाद सभरे मॊत्रणा का। अल्राह सफसे अगधक शडिभान हैं एवॊ वववेक ऩूणभ हैं " स्रोत कुयआन भजीद ऩष्ठ ृ 231 भद ना भें उतय भुहम्भद के नाभ अल्राह का ऩैगाभ। जैसे हभ हहॊद ू वेदों को अऩौरुषेम , ईश्वय म यचना भानते हैं , उसी प्रकाय भुसरभान कुयआन को अऩौरुषेम , अल्राह का ऩैगाभ , भानते हैं। उसभें जो कुछ बी सरखा है

, उसे अल्राह का आदे श

भान, उसका

अऺयश् ऩारन कयना, प्रत्मेक भुसरभान अऩना प्रभुख कतभव्म भानता है ।

अल्राह एवॊ ऩैगॊफय के यनणभम का ववयोध कयने का हक ककसी भुसरभान को नह ॊ कुयआन सूया 33 अर-अहजाफ आमत 36 "जफ अल्राह एवॊ उसके ऩैगॊफय ने यनणभम कय सरमा है , ककसी बी फात ऩय , तो ककसी भुसरभान भदभ मा औयत को मह हक नह ॊ , कक वह उस फाये भें , कुछ बी कह सके " स्रोत कुयआन भजीद ऩष्ठ ृ 752 भद ना भें उतय भुहम्भद के नाभ अल्राह का ऩैगाभ। अल्राह के आदे श को कौन नह ॊ भानता ? वह जो इस्राभ को भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 7

अऩनाने से इॊकाय कयता है । इस्राभ को अऩनाने से इॊकाय कौन कयता है ? वह जो अऩने आऩ को

हहॊद ू कहता है । उस फुतऩयस्त काक़िय का

अॊजाभ क्मा होगा? वह जो भॊ जूये खुदा होगा। औय खुदा का ऩैगाभ क्मा है ? जजॊदा झोंक दो उन्हें आग की रऩटों भें । चखने दो उन्हें स्वाद अल्राह की सत्ता को न स्वीकायने का। ककसी भुसरभान को हक नह ॊ कक वह इसका ववयोध कये । क्मा भुसरभानों ने अल्राह के इस आदे श का ऩारन ककमा ? फेशक ककमा , औय फखफ ू ी ककमा। इयतहास गवाह है । ऩय आऩको तो वह इयतहास स्कूर की ऩाठ्मऩुस्तकों भें ऩढ़ामा ह नह ॊ जाता तो आऩ उसे जानेंगे कैसे ? भैं ऩरयचम कयाऊॉगा आऩकी उस इयतहास से जजसे फड़ी खफ ू ी के साथ आऩसे छुऩा कय यखा गमा है औय आऩको उसका उल्टा ऩढ़ामा जाता यहा है ।

हहन्दओ ु ॊ भें आत्भग्रायन का प्रसाय न कयें हभ हहॊद ू तो ईसाई-अॉिेजी सशऺा के प्रबाव भें अऩने धभभ के प्रयत उदासीन हो चुके हैं , एवॊ होते जा यहे हैं , ऩय भुसरभानों ने ईसाई-अॉिेजी सशऺा को सवभदा शक की नजयों से दे खा है , इस कायण उन्होंने आज बी

अऩनी

ऩहचान फनामे यखी है । इसके सरए न तो हभें भुसरभानों की वाह- वाह कयनी चाहहए , न ह हभें हहन्दओ ु ॊ भें आत्भग्रायन का प्रसाय कयना चाहहए। हभभें से जो अऩने आऩको फड़ा ववऻ भानते हैं , ऐसी चेिा कयते हुए अक्सय ऩामे जाते हैं। उन्हें इस फात अहसास तक नह ॊ होता कक ऐसा कयके वे केवर अऩने हहॊदओ ु ॊ का

ह नुकसान कय यहे हैं। अऩने आऩको

फड़ा ववऻ भानते हुए, हहन्द ू व्मडित्व की सॊयचना को न सभझते हुए , एवॊ हहन्द ू इयतहास की फाय ककमों से अनसबऻ , मे अऩने- आऩको ऻानी औय गुणी भानने वारे , अऩने ह बाई- फन्दों के प्रयत

यतयस्काय की बावना

यखते हुए , अऩने ह अनजाने भें हहन्दओ ु ॊ के प्रयत शत्रुवत व्मवहाय कयते कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 8

हैं, औय मह भानकय चरते हैं कक वे इस प्रकाय हहन्दओ ु ॊ का बरा कय यहे हैं।

क्मा होगा उसका जजसने अल्राह को न स्वीकाया ? कुयआन सूया 69 अर-हाक्का आमत 30-33 "उसे ऩकड़ो औय उसे फाॉधो। जराओ उसको नकभ की आग भें औय उसके फाद फाॉधो

उसे एक जॊजीय

से, जो हो सत्तय क्मबु फट रॊफा , क्मोंकक उसने अल्राह को नह ॊ स्वीकाया , जो हैं सफसे ऊऩय " स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 257 अॊजाभ स्ऩि है ऩय आऩ नह ॊ भानेंगे क्मोंकक आऩकी सभझ से आज जभाना फदर चक ु ा है । क्मा सफ कुछ सचभुच फदरा है

, मा केवर ऊऩय तौय ऩय

हदखावे के सरए ? आऩ तो बोरे हैं , जो हदखता है उसी ऩय ववश्वास कय रेते हैं। सोचते नह ॊ कक

हदखता वो है जो हदखामा जाता

है । औय आज

की दयु नमा भें हदखामा वो जाता है जो आभ तौय ऩय स्वीकामभ होता है । औय स्वीकामभ वह होता है जजसकी हवा चर यह होती है । आज जभाना भीडडमा का है । भीडडमा जो कुछ आऩको हदखाती है ट - वी के जरयए , मा कपय ऩढ़ाती है सभाचाय ऩत्रों के द्राया , आऩकी सोच उसी साॉचे भें ढरती जाती है । भीडडमा आऩको क्मा हदखाती है मा कपय क्मा ऩढ़ाती है, मह यनबभय कयता है फागडोय ककसके हाथ भें है । फागडोय उसके हाथ भें होती है

भीडडमा की

जजसके ऩास फेशुभाय धन होता है । वह

धन चाहे ककसी बी यास्ते से कभामा गमा क्मों न हो। महद गरत यास्ते से कभामा गमा होता है तो उसकी उऩज आऩकी सोच को गरत याहों की ओय, आऩके अनजाने भें ह रे जाती हैं। आज जभाना अॉिेजी सशऺा का बी है । मह सशऺा आऩको जो बी ससखाती है आऩकी ऩाठ्म ऩुस्तकों के द्राया

भानोज यखखत (2005-2009)

, आऩकी सोच उसी साॉचे भें ढरती

ऩष्ठ ृ 9

जाती है । सशऺा आऩको क्मा ससखाती है मा कपय क्मा ऩढ़ाती है

, मह

यनबभय कयता है फागडोय ककसके हाथ भें है । सशऺा की फागडोय उसीके हाथ भें होती है जजसके ऩास सत्ता होती है । वह सत्ता चाहे ककसी बी यास्ते

से

हाससर की गई क्मों न हो। महद सत्ता गरत यास्ते से हाससर की गई होती है तो उसकी अऩनाई हुई सशऺा ऩद्धयत आऩकी सोच को गरत याहों की ओय, आऩके अनजाने भें ह रे जाती हैं।

आऩकी खायतयदाय के सरए क्मा व्मवस्था है कुयआन भें ? कुयआन सूया

22 अर-हज़्जज आमत

19-22 "आग के ऩरयधान

(वस्त्र)

फनामे गए हैं उनके सरए जो इस्राभ को नह ॊ अऩनाते। उफरता हुआ ऩानी उनके सय ऩय डारा जामेगा ताकक उनकी चभड़ी बी वऩघर जाए औय वह सफ बी वऩघर जाए जो उनके ऩेट भें है (अॉतडड़माॉ बी)। उन ऩय कोड़े - आग भें तऩते हुए रार रोहे के कोड़े - फयसामे जाएॉ" स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 266 हहॊदओ ु ॊ! क्मा आऩ दे ख यहे हैं कक आऩकी खायतयदाय की का़िी व्मवस्था है कुयआन भें । ऩय भुसरभान चुऩ हैं क्मोंकक आज हवा इस्राभ के खखरा़ि चर यह है । उनका सभम आने द जजए औय कपय खेर दे खखए। जफ से ईसाइमों की दयु नमा ऩय सीधा हभरा ककमा भुसरभा नों ने , भीडडमा का इस्तेभार कय अभय का ने फड़ी हाम-तोफा भचा यखी है । अफ तो ईसाइमों का क्रूसेड औय भुसरभानों का जजहाद चर यहा है , ऩय ईसाइमों की दयु नमा अफ फहुत चाराक हो गई है । 9/11 के तुयॊत फाद प्रेससडेंट फुश के भुॉह से यनकर गमा था क्रूसेड का ऐरान, ऩय अऩनी गरती का एहसास होते ह वे ऩहुॉच गए अभय का के भजस्जद भें , इफादत के सरए। भीडडमा के द्राया हदखा हदमा अभय का के भुसरभानों को कक वे इस्राभ की इज़्जजत कयते हैं। हाराॉकक मह हदखावे की इज़्जजत इससरमे थी , कक उन्हें अचानक खतये का एहसास हुआ , उन कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 10

भुसरभानों से जो अभय का भें उ स सभम फसे थे। फुश को सभम चाहहमे था अऩनी ऩकड़ भजफूत कयने के सरए।

कोई पयक नह ॊ ऩड़ता महद आऩ यनयाकाय ब्रह्म को भानते हों कुयआन सूया 2 अर-फकया आमत 193 "तफ तक उनसे रड़ते यहो , जफ तक भूयतभ ऩूजा बफल्कुर खत्भ न हो जामे औय अल्राह का भजहफ सफऩय याज न कये " स्रोत

ISBN 81-85990-58-1, p 255 आऩ महद

हहॊद ू हो तो आऩ उनकी नजयों भें भूयतभ ऩूजक हो। कोई पकभ

नह ॊ ऩड़ता

उन्हें , आऩ महद यनयाकाय ब्रह्म को भानते हों। उनकी तरवाय आऩकी गदभन ऩय उतनी ह तेजी से चरेगी जजतनी तेजी से एक भूयतभ ऩूजक का सय धड़ से अरग होगा। वे यनयाकाय जो

अऩने-आऩको भूयतभऩूजक

हहन्दओ ु ॊ से अरग सोच कय , स्वमॊ को सुयक्षऺ त भान फैठे हैं वे अऩने आऩको ह धोखा दे यहे हैं।

तफ तक जफ तक भूयतभ ऩूजा का नाभों-

यनशाॉ न सभट

जामे कुयआन सूया 9 अत-तौफा आमत 2-3 "अल्राह एवॊ उनके ऩैगॊफय भुि हैं , ककसी बी दायमत्व से , भूयतभ ऩूजकों के प्रयत ... उन्हें ऐसी सजा दो कक वे शोक िस्त हो जामें " स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 259 कुयआन सूया 8 अर-अऩिार आमत 39 "तफ तक उन ऩय हभरा कयते यहो जफ तक भूयतभ ऩूजा का नाभों यनशाॉ न सभट जामे औय सफ अल्राह के भजहफ के अधीन न फन जामें " स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 255 प्रद्ल महाॉ केवर भूयतभ ऩूजा का ह नह ॊ , मद्यवऩ सत्म है , भूयतभ ऩूजा के जरयए वे आऩकी ऩहचान जल्द कय सकते हैं , औय खतया आऩकी तयप तेजी के भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 11

साथ फढ़ सकता है । फौद्ध भूयतभ ऩूजा भें ववश्वास नह ॊ कयते , उस प्रकाय से जजस प्रकाय से हहॊद ू कयते हैं । कपय बी भुसरभान आए औय फौद्धों का नाभों-यनशाॉ सभटा गए , बायत की इस धयती ऩय से। कायण उन्होंने दे खा कक फौद्ध भॊहदयों भें फुद्ध की प्रयतभा है । मह कापी था उनके सरए। हाराॉकक फौद्ध , बगवान की भूयतभ तो क्मा , बगवान तक भें ववश्वास नह ॊ कयते। वे यनवाभण की फात तो अव श्म कयते हैं , ऩय उस आशम से नह ॊ , जजस दृवि से हहॊद ू भोऺ की फात ककमा कयते हैं। हाॉ

, फौद्धों भें बी कुछ

सॊप्रदाम ऐसे बी हैं , जो कुछ हहॊद ू दे वी दे वताओॊ को भानते हैं , ऩय महाॉ भैं फौद्धों की उस अवधायणा की फात कय यहा हूॉ जो गौतभ फुद्ध की ऩरयकल्ऩना भें थी।

इस्राभ की सत्ता हो साय धयती ऩय हो खैय, प्रद्ल महाॉ केवर भूयतभ ऩूजा की ह नह ॊ , फजल्क अल्राह के भजहफ इस्राभ की सत्ता साय धयती ऩय हो

, मह उनकी सफसे फड़ी भाॉग है ।

ककसी औय धभभ के व्मडि को जीने का अगधकाय इस धयती ऩय नह ,ॊ मह ससखाता है भजहफ उनका। कुयआन सूया

60 अर-भुम्तहना आमत 4

"शत्रुता एवॊ घण ृ ा ह यहे गी हभाये फीच तफ तक जफ तक तुभ केवर अल्राह के फॊदे न फन जाओ " स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 262 हहॊदओ ु ॊ, तुम्हाये सरए सॊदेश फहुत ह स्ऩि है । जभाना फदरे , मा न फदरे। तुभ सऩनों की दयु नमा भें खोमे यहो , मा न यहो। सवभ धभभ सभबाव जैसी अवधायणाओॊ के बुरावे भें ऩड़े यहो , मा न यहो। हहॊद-ू भुजस्रभ बाई- बाई कह कय उन्हें गरे रगाओ मा नह ॊ रगाओ। एक फात स्ऩि रूऩ से सभझ रो। कमाभत तक हभ तुभसे दश्ु भनी यनबामेंगे। तुभ सदा हभाये सरए घण ृ ा के ऩात्र यहोगे। प्ररम तक हभ तुम्हें भुसरभान फनाते यहें गे मा कपय तुम्हाय गदभन होगी हभाये हाथ। कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 12

अल्राह औय ऩैगॊफय की दृवि भें भयू तभ ऩज ू क कुयआन सूया 9 अत-तौफा आमत 7 "अल्राह औय उनके ऩैगॊफय भूयतभ ऩूजकों को ववश्वास की दृवि से नह ॊ दे खते " स्रोत ISBN 81-85990-581, p 262 जफ वे आऩ ऩय ववश्वास ह नह ॊ कयते तो आऩका उन ऩय ववश्वास क्मा भामने यखता है ? आऩ चाहें भानते यहें एक- तयपा ववश्वास को, एक-तयपा प्रेभ को, ऩय वास्तववक दयु नमा भें इसका कोई भूल्म नह ॊ। हाॉ, महद आऩ दस ू ये हहॊदओ ु ॊ की नजयों भें

फड़ा फनना चाहते हैं, जैसा कक

कई टे सरववजन-गुरुओॊ के उद्गायों से जाहहय होता है , तो मह अरग फात है । महद आऩने यनणभम कय ह सरमा है कक आऩ अऩने फड़े रृदम की ऩहचान दें गे, फाकी हहॊदओ ु ॊ को एक काल्ऩयनक दयु नमा भें रे जाकय , तो ठीक है , मह आऩका व्मवसाम है , कयते यहहए। आऩके ऩाॉव ऩड़ने वारों की कताय इस फात ऩय यनबभय कयती है कक ककतने फड़े

भहान आत्भा आऩ हदखते

हैं। आऩके बिगण सदा आऩकी कृऩा दृवि की आस रगामे आऩकी सभस्त सुख सुववधाओॊ की व्मवस्था भें जुटे यहते हैं। आऩ मह सफ बोगें ऩय कृऩमा हहॊदओ ु ॊ को औय धोखे भें न यखें।

कोई भुसरभान काक़िय से रड़ना

मा उसे भायना न चाहे

तो उसका क्मा हश्र होगा ? कुयआन सूया 9 अत-तौफा आमत 39 "ऐ भुसरभानों, अगय तुभ मुद्ध न कयो तो अल्राह तुम्हें कड़ी सजा दे गा औय तुम्हाय जगह ऩय दस ू ये आदभी को रामेगा " स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 257 महाॉ धभकी का प्रावधान बी है । रड़ोगे नह ॊ तो तुम्हाय जगह

दस ू या कोई रे रेगा।

औय मह ॊ फात खत्भ न होगी। तुम्हें बी कड़ी सजा सभरेगी। अल्राह ने इसकी व्मवस्था बी कय यखी है । कुयआन सूया 2 अर-फकया आमत 216 भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 13

"रड़ना तुम्हाय भजफूय है , चाहे तुभ ककतना बी नाऩसॊद कयो इसे " स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 255 ऐ भुसरभानों , अल्राह का ऩैगाभ है मह, चाहो मा न चाहो , रड़ना तो तुम्हें ऩड़ेगा ह । कोई बी चाया नह ॊ तुम्हाये ऩास, इसके ससवा।

रड़ो अल्राह की खायतय उनसे जो ककसी दस ू ये बगवान को ऩूजते हों कुयआन सूया 9 अत-तौफा आमत 41 "चाहे तुम्हाये ऩास हगथमाय हों मा न हो , चर ऩड़ो , औय रड़ो अल्राह की खायत य, अऩने धन औय अऩने शय य के साथ " स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 255 ऐ भुसरभानों , तुम्हें रड़ना है खुदा के वास्ते क्मोंकक अल्राह चाहते हैं कक तुभ रड़ो

,

चाहे हगथमाय हों , मा न हों तुम्हाये ऩास। अऩना साया धन रगा दो औय अऩना सफ कुछ दे कय रड़ो। महद मह ऩुकाय अऩनी यऺा तो ककतना अच्छा होता। महद मह ऩुकाय अऩने धभभ

के सरए होती

, अऩनी सॊस्कृयत ,

अऩनी ऩहचान , अऩनी भाॉ- फहनों, फहू-फेहटमों की इज़्जजत फचाने के सरए होती तो ककतना अच्छा होता। ऩय इस रड़ाई की ऩुकाय इन सफके सरए नह ॊ थी। मह ऩुकाय थी

अल्राह की ख्वाहहश

को ऩूया कयने की।

वह

ख्वाहहश क्मा थी? काट डारो उन्हें जो भेये ससवा ककसी दस ू ये बगवान को ऩूजते हों। सभटा दो उनका नाभों- यनशान, उनका धभभ , उनकी सॊस्कृयत , उनकी ऩहचान।

तुम्हाये आस-ऩास जो बी गैय-भुसरभान फसते हों कुयआन सूया 9 अत-तौफा आमत 123 "भुसरभानों, तुम्हाये आस-ऩास जो बी गैय-भुसरभान फसते हैं, हभरा फोर दो उन ऩय, उन्हें जताओ कक तुभ ककतने कठोय हो " स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 255 ध्मान द जजए कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 14

इन शब्दों ऩय "तुम्हाये आस-ऩास जो बी गैय- भुसरभान फसते हैं "। आऩ का सभम बी आने वारा है । मह सत्म है कक खतया अबी आऩकी दहर ज तक नह ॊ ऩहुॉचा। का यण वे अबी बी उस सॊख्मा तक नह ॊ ऩहुॉचे , जजसकी उन्हें जरूयत है , आऩ ऩय धावा फोरने के सरए। ऩय इन खमारों भें न यहहए कक वह हदन दयू है । वे पैर यहे हैं

आऩके इदभ- गगदभ। आऩ

उनके घयों भें झाॉक कय नह ॊ दे खते कक ककतनी तेजी से फढ़ यह है उनकी सॊख्मा। उन्हें ऩचास प्रयतश त की आवश्मकता नह ॊ होगी। ऩचीस फहुत होगा उनके सरए। उनके साथ उनका अल्राह होगा। उनके भनों- भजस्तष्क ऩय जुनून सवाय होगा। आऩ दे खते यह जामेंगे

, वे आऩकी चौखट राॉघ

कय आऩकी फहू-फेहटमों तक ऩहुॉच जामेंगे।

अल्राह का ऩैगाभ इॊसायनमत के नाभ कुयआन सूया 9 अत-तौफा आमत 73 "ओ ऩैगॊफय! जो भुझभें ववश्वास नह ॊ कयते, उनसे मुद्ध छे ड़ो। उन ऩय कठोय फनो। उनका अॊयतभ हठकाना नयक है , एक दब ु ाभग्म ऩूणभ मात्रा का अॊयतभ चयण" स्रोत ISBN 81-85990-581, p 255 मह है अल्राह का ऩैगाभ अऩने ऩैगॊफय के नाभ। ओ ऩैगॊफय ! जो भुझ अल्राह को अऩना खुदा नह ॊ भा नते, उन ऩय हभरा कय दो। उनके साथ कठोयता का व्मवहाय कयो। उन्हें नकभ ऩहुॉचाओ। अये हहॊदओ ु ॊ , तुभ कहाॉ छुऩोगे अल्राह की नजयों से फचकय ? तुभ भें से जो मह कहते कपयते हैं कक अल्राह तो इन्सायनमत का ऩैगाभ दे ता है

, मे तो आदभी

है जो उसके ऩैगाभ को नह ॊ भानता , वे एक फाय अऩने आऩ से ऩूछ कय दे खें कक मह उनका अऻान फोर यहा था, मा कपय उनकी भूखत भ ा मा कपय उनकी धूतभता? उन्हें अऩने आऩ से एक औय प्रद्ल ऩूछना है कक वे अऻानी ह फने यहना चाहें गे एवॊ अऩने उस

अऻान का सशकाय दस ू यों को

बी

फनाते यहें गे, मा कपय अऩने आऩसे एवॊ दस ू यों से फेईभानी कयना फॊद कय भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 15

दें गे? ध्मान दें कक ऩैसों की फेईभानी तो थोड़ा नक ु सान कयती है औय उसका असय बी स्थामी नह ॊ होता। ऩय ऻान फाॉटने भें जफ फेईभानी कयते हैं तो वह सॊस्कृयतमों को उजाड़ कय यख दे ता है । अत् मह ऩुस्तक उनके सरए बी है जो ऻान फाॉटते हैं , अऩने अधयू े ऻान का डॊका फजाते हुए।

ताकक भस ु रभानों के हदभाग भें छऩ जामे वह फात कुयआन सूया 66 अत-तहय भ आमत 9 "ओ ऩैगॊफय ! जो भुझभें ववश्वास नह ॊ कयते , उन ऩय हभरा कयो औय उनके साथ कठोयता से ऩेश आओ। नकभउनका यनवास होगा , दब ु ाभग्म ऩूणभ उनका

बाग्म होगा " स्रोत ISBN

81-85990-58-1, p 255 एक ह ऩैगाभ , सबन्न-सबन्न ढॊ ग से , सबन्नसबन्न स्थरों ऩय , सभरेगा कुयआन भें । अध्माम 9 भें बी वह फात औय कपय अध्माम 66 भें बी। उद्देश्म स्ऩि है । भुसरभान कबी बूरे से बी , न बूरे। चाहे वह कुयआन शुरुआत से ऩढ़ यहा हो, मा भध्म से , मा अॊत भें , उसे वह सफ सभरे फाय-

फाय, रगाताय। जफ एक ह तयह की फातें

दोहयामी जाती हैं तो उनका असय ऩढ़ने वारों के

हदभाग ऩय गहया होता

है । जैसे कुयआन के ऩन्नों ऩय छऩी होती है , वैसे ह भुसरभान के हदरोहदभाग ऩय वह फात छऩ जाती है ।

आऩका वास्ता दो-चाय अॉिेजी- दाॉ

भुसरभानों से ऩड़ता होगा , जो 0.00001 प्रयतशत होंगे , औय आऩ उन्हें ह फाकी

99.99999 प्रयतशत का प्रयतयनगध भान फैठते हैं। आऩको

अहसास तक नह ॊ होता कक फाकी के हदरो- हदभाग ऩय क्मा छामा हुआ है क्मोंकक वह आऩको हदखता नह ॊ। औय आऩको

वह हदखता नह ॊ क्मों कक

आऩ उनकी सोहफत (सॊगत) भें नह ॊ यहते।

कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 16

जन्नत ककसका होगा औय दोजख ककसका कुयआन सूया 47 भुहम्भद आमत 4 से 15 तक - जफ तुम्हाया साभना हो गैय-भुसरभानों से, मुद्धबूसभ ऩय, उनके सय काट डारो। जफ तुभ उन्हें कुचर डारो तो कस कय फाॉधो। उनसे धन वसूर कयो। उनके हगथमाय डरवा दो। तुभ ऐसा ह कयोगे। महद अल्राह ने चाहा होता तो वह स्वमॊ उन्हें नि कय दे ता, तुम्हाय सहामता के बफना। ऩय उसने मह आदे श हदमा है , ताकक वह तुम्हाय ऩय ऺा रे सके। औय वे जो अल्राह के सरए रड़ते हुए कट भयें गे , अल्राह उनके काभ को व्मथभ न जाने दे गा। वह उन्हें जन्नत भें फुरा रेगा। अल्राह का मह वचन है । ...भुसरभानों, महद तुभ अल्राह की सहामता कयते हो , तो अल्राह तुम्हाय सहामता कये गा , औय तुम्हें भजफूत फनामेगा। ऩय जो अल्राह का न होगा वह अनन्त कार तक नयक भें सड़ेगा। अल्राह केवर भुसरभानों की ह यऺा कये गा। गैयभुसरभानों का कोई बी यखवारा नह ॊ। जो सच्चे धभभ

(इस्राभ) को

अऩनामेंगे उन्हें अल्राह जन्नत भें दाखखर कये गा। जो भुसरभान नह ॊ फनेंगे, वे वह खामेंगे जो जानवय खाते हैं , नकभ उनका घय होगा... वे वहाॉ अनन्त कार तक यहें गे , औय खौरता हुआ ऩानी वऩमेंगे जो उनकी अॉतडड़मों को चीय दे गा" स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 256 ईसाइमों का कहना तो आऩने सुना होगा कक जो अऩनी सहामता स्वमॊ कयता है , गॉड बी उसकी सहामता कयता है । महाॉ ऩय कुयआन की सोच जया अरग है । तुभ अऩनी नह ॊ , फजल्क अल्राह की सहामता कयोगे , तबी अल्राह तुम्हाय सहामता कये गा। अल्राह चाहते तो खुद ह सभटा दे ते उन्हें , जो अल्राह के फॊदे न फने। ऩय वह तो तुम्हाय ऩय ऺा रेना चाहता है ताकक तुम्हें जन्नत दे सके।

भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 17

जन्नत के हूय औय अॊतह न ऐमाशी "सहदमों से भुसरभानों को , इस्राभ की जजस फात ने आकवषभत ककमा है , वह फात कुछ औय ह है । जन्नत की खूफसूयत

कुभारयमों का झुॊड।

कुभारयमाॉ जजनकी उम्र कबी नह ॊ फढ़ती औय जजनका आकषभण कबी नह ॊ घटता। जो कबी नह ॊ थकते नए- नए भजे दे ने भें औय ढे य साये भजे दे ने भें । मह सफ सभरता है केवर उनको जो इस्राभ के सरए जीए औय इस्राभ की खायतय भये । जन्नत के फाये भें काभुकता बये औय चट

कीरे

वववयणों से बया ऩड़ा है इस्राभ के ऻान का ऩूया साहहत्म , कुयआन औय हद स से आयॊ ब कय " स्रोत ISBN 81-85990-58-1, प्राक्कथन ऩष्ठ ृ XV, सीता याभ गोमर ।

आऩ के घय की दहर ज ऩाय कयें गे तो उनकी नजय सफसे ऩहरे कहाॉ जामेगी सोच कय दे खखए, जफ उनके कदभ आऩके घय की दहर ज को ऩाय कयें गे तो उनकी नजय सफसे ऩहरे कहाॉ जामेगी

? आऩकी फहू- फेहटमाॉ ककतनी

सुयक्षऺत यहें गी? मा कपय, ऩीछे भुड़ कय दे खखए, आऩकी फहू-फेहटमाॉ ककतनी सुयक्षऺत यह ॊ थीॊ , जफ मह हहन्दओ ु ॊ का दे श भुसरभानों के कब्जे भें यहा था। मा कपय, आज को ह दे खखए, भुजस्रभ फहुर फाॊग्रादे श भें हहन्द ू घयों की फहू-फेहटमाॉ ककस हार भें यह ॊ (ऩढ़ें Seed 7)।

अल्राह उनके साथ क्मा सरक ू कये गा जो उसे नह ॊ भानते कुयआन सूया 8 अर-अऩिार आमत 12 "जो भेये अनम ु ामी नह ॊ हैं , भैं उनके हदरों भें दहशत बय दॉ ग ू ा। उनके सय धड़ से अरग कय दो , उनके कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 18

हाथ औय ऩाॉ व को इस कदय जखभी कय दो कक वे ककसी बी काभ के रामक न यह जामें " स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 256 अल्राह ने तो भुसरभानों को ऩक्की हहदामत दे ह यखी है कक उन्हें क्मा कयना है हहॊदओ ु ॊ के साथ। महद प्रतीऺा है ककसी फात की तो वह है उनकी ताकत (जनसॊख्मा) थोड़ी औय फढ़ने की।

भत सोचो कक तुभने ककमा , वास्तव भें अल्राह ने ककमा , तुम्हे भाध्मभ फनाकय कुयआन सूया 8 अर-अऩिार आमत 15 से 18 तक "वो तुभ नह ॊ , फजल्क अल्राह था , जजसने उन्हें हहॊसाऩूणभ ढॊ ग से उन्हें भाय डारा। वह तुभ नह ॊ थे जजसने उन ऩय दृढ़ता ऩूवभक प्रहाय ककमा। अल्राह ने उन ऩय दृढ़ता ऩूवभक प्रहाय ककमा ताकक वह तुभ जैसे अनुमामी को बयऩूय ऩुयस्काय दे सके " स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 257 गाजय सदा नजयों के साभने, ऩुयस्काय का वादा

बी। अगय तुभ भुसरभान नह ॊ फनते तो

अल्राह तुम्हाये हदरों भे इतना खौप

(डय) बय दे गा कक तुभ भजफूयन

भुसरभान फनने के सरए तैमाय हो जाओगे। मह सॊदेश है गैय- भुसरभानों के सरए, औय साथ ह , सॊकेत है भुसरभानों के सरए कक उन्हें कैसे ऩेश आना चाहहए गैय- भुसरभानों के साथ। औय महद उनके भन भें जया बी शॊका उऩजे कक मह सफ उगचत नह ॊ , उनका जभीय उन्हें कचोटे कक मह इॊसायनमत न होगी, तो इसकी बी व्मवस्था है कुयआन भें । कुयआन उन्हें फताता है कक मह हहॊसा तुम्हाया ककमा- कयामा नह ॊ है , मह तो खद ु ा का कहय है जो फयसा उन ऩय, जजन्होंने खु दा का फॊदा फनने से इॊकाय ककमा। भत सोचो , खुदा के फॊदों , कक मह सफ तुभने ककमा। नह ॊ , तुभने नह ॊ , अल्राह ने ककमा, तुम्हे अऩना जरयमा फना कय।

भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 19

काकपयों के प्रयत फेयहभ फनो

ऩय भस ु रभानों के प्रयत

दमारु फनो कुयआन सूया 48 अर-़ित्ह आमत 29 "भुहम्भद अल्राह के ऩैगॊफय हैं। जो उनका अनुसयण कयते हैं वे गैय-भुसरभानों के प्रयत फेयहभ होते हैं ऩय एक दस ू ये (भुसरभानों) के प्रयत दमारु होते हैं " स्रोत ISBN 81-8599058-1, p 258 इस सॊदबभ भें एक घटना सुयनए। भुम्फई से एक अॉिेजी दै यनक सभाचायऩत्र यनकरता है सम्ऩादकीम ऩष्ठ ृ ऩय

Asian Age के नाभ से। उसके

29 जनवय 2003 को भरेसशमा के प्रधान भॊत्री

डॉक्टय भहागथय बफन भुहभद का एक ऩत्र छऩा। उन्होंने सरखा कक

(1)

कुयआन कहता है साये भुसरभान बाई- बाई हैं (2) इस्राभ शाजन्त की वकारत कयता है (3) बाई-बाई को आऩस भें रड़ना नह ॊ चाहहए (4) एक ह ऩरयवाय से होने के कायण बाइमों को आऩस भें प्रेभ यखना चाहहए औय एक-जुट होना चाहहए। प्रत्मऺ रूऩ से वह सबी भुसरभानों को एकजुट होने को कह यहे थे। ऩयोऺ रूऩ से वह कह यहे थे कक फस एक फाय तुभ एक-जट ु हो जाओ, कपय वैसा ह कयना जैसा कुयआन कहता है । वह जानते थे कक सभझदाय के सरए ईशाया ह कापी होता है । इससरए उन्होंने मह अनकहा छोड़ हदमा कक कुयआन तुम्हें हहदामत दे ता है कक फेयहभ फनो काक़ियों के प्रयत औय उन्हें तफाह कय डारो। वे जानते थे कक हय सच्चा भुसरभान जानता है कक वि आने ऩय उसे काकपयों के साथ क्मा सरूक कयना चाहहए। वह मह बी जा नते थे कक काकपयों को तफाह कयना तबी सम्बव होगा जफ दयु नमा बय के सबी भुसरभान आऩसी गगरे-सशकवे बूर कय एक-जट ु होंगे। कुछ रोग अऩने हहॊद ू नाभ के सहाये हहॊदओ ु ॊ की फुयाई कयने भे अऩना फड़प्ऩन भानते हैं। मे कहते कपयते हैं कक हहॊद ू फॉटा हुआ है जफ

कक दे खो

भुसरभानों भें ककतनी एकता

कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

है ।

ऩष्ठ ृ 20

भुसरभानों की एकता का गण ु गान कयने वारों को भरेसशमा के प्रधानभॊत्री से मह ऩूछना चाहहए कक उन्होंने भुसरभानों को एक जुट होने की सराह क्मों द ?

आऩ, जो फुयाई को उसके असर रूऩ भें, दे खना नह ॊ चाहते वैसे आऩ रोगों भें से अनेक

ऐसे हैं जो फुयाई को उसके असर रूऩ भें

दे खना नह ॊ चाहते। उनकी फस एक ह ख्वाइश होती है कक

हय फुयाई भें

फस अच्छाई को ढूॊढो औय फुयाई को नजय अॊदाज कयो। ऐसे रोग भहागथय बफन भुहभद की ऩैयवी कयने सफसे ऩहरे आमेंगे। वे भुझसे कहें गे कक आऩ तो फात का फतॊगड़ फना यहे हैं । उस बरे- भानुस ने तो एक अच्छी फात कह थी - भुसरभानों को प्रेभ औय एकता की फात सभझामी थी। तो कपय आऩ , जाने क्मों , उसका क्मा- क्मा, अनाऩ-शनाऩ अथभ यनकार रेते हैं। ऐसे रोग आॉख भूॉदे यहें गे औय उनकी अकर ऩय से ऩयदा तफ उठे गा जफ मे दरयॊदे

उनके अऩने घय भें घुस आमेंगे

फेहटमों की इज़्जजत, उनकी ह आॉखों के साभने

औय उनकी फहू-

रूटेंगे , तफ उनके हदभाग

से इस बराई का बूत उतये गा। महद उन्हें मह सफ फड़ी दयू की फात रगती है तो

Seed 7 ऩढ़ कय हार की सच्ची घटनाओॊ के फाये भें

अऩनी जानकाय फढ़ाएॉ। ऐसे रोगों को अऩने-

आऩसे ऩूछना चाहहए कक

डॉक्टय भहागथय बफन भुहभद ने झठ ू क्मों फोरा ? वह झठ ू मह था कक "इस्राभ शाजन्त की वकारत कयता है "। भैं फताता हूॉ उसने झूठ क्मों फोरा। वह जानता है कक इस दयु नमा भें

आऩ जैसे रोगों की बयभाय है

जो अऩनों की फात तो नह ॊ सुनेंगे ऩय दस ू यों की फात ऩय फड़ी जल्द

भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 21

बयोसा कय रें गे। उसने सये - आभ मह झठ ू इससरए फोरा ताकक वह आऩ जैसे भूखों को, भूखभ ह फनामे यख सके।

हहॊद ू को , हहॊद ू की नजय भें गगयाने वारे षड़मॊत्रकाय उस Asian Age का भासरक , एक इस्राभ का फॊदा कोई अकफय जैसे नाभ का है , जजसकी फड़ी साख है हभाये फुवद्धजीववमों भें । उसने को ई एक अच्छीसी ट वी सीरयमर बी फनाई थी जजसभें हहन्द ू सन्मासी को फड़े गॊदे रूऩ भें हदखामा था। आज भीडडमा ऐसे ह रोगों के कब्जे भें है जो हहॊद ू को हहॊद ू की नजय भें गगयाने के षड़मॊत्र भें कबी ऩीछे नह ॊ यहते।

सभस्त हहॊद ू जायत की भाताओॊ का अऩभान मे भीडडमा वारे भक फूर क़िदा हुसैन ऩय फड़े क़िदा हैं। हुसैन जफ हहॊद ू दे वी-दे वताओॊ की नॊगी तस्वीयें फनाता है , औय दयु नमा बय भें राखों /कयोड़ों के बाव फेचता है , तफ वे उसकी ताय ़ि भें ऩुर फाॉध दे ते हैं गजफ की करा है । मह अस्सी वषभ का फूढ़ा

, कक क्मा

, जजसके हदभाग भें इतनी

गॊदगी बय है कक उसे आज इस उभय भें बी , मौन-सरप्सा के ससवा कुछ बी नह ॊ सूझता औय वह हहॊद ू दे वी-

दे वताओॊ को ऩशुओॊ के साथ भैथुन

कयते हुए हदखाता है । जफ उसने बायतभाता को नग्न रूऩ भें ऩें ट ककमा तो कुछ गगने- चुने हहॊद ू सॊस्थाओॊ ने उसे कोटभ भें घसीटा। अफ फाय थी इन जनभसरस्टों एवॊ तथाकगथत फुवद्धजीववमों की , अऩनी याम जताने का , क्मोंकक वे भानते हैं कक जनतॊत्र उन्हें वह हय छूट दे ता है , जो वे कहना चाहें । फड़े- फड़े रेख छऩे , फड़े-फड़े अखफायों भें , कक हहॊदओ ु ॊ का आऩवत्त कयना सयासय गरत है , क्मोंकक ऐसा कयके वे करा का गरा घोंट यहे हैं। करा का कोई भजहफ नह ॊ होता , कराकाय उन सफसे ऊऩय होता है । उनभें से ककसी ने मह नह ॊ ऩूछा कक हुसैन ने अऩनी भाॉ की नॊगी तस्वीय कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 22

क्मों नह ॊ फनाई , आखखय वह बी तो एक फड़ी अनोखी कराकृयत होती

,

उसका बी दयु नमा बय भें फड़ा आदय होता , वह बी राखों /कयोड़ों के बाव बफकती। एभ ए़ि हुसैन हहॊद ू दे वी-

दे वताओॊ की नॊगी तस्वीय फनाकय

वस्तुत् सभस्त हहॊद ू जायत की भाताओॊ का अऩभान कयता है औय हहॊदओ ु ॊ को हक नह ॊ कक वे अऩना योष जाहहय कय सकें। दे खो, आज हहॊद की इस धयती ऩय फसने वारे भुट्ठी बय भुसरभानों ने सभस्त हहॊदओ ु ॊ को

इतना

फेफस फना कय

, तो

यख हदमा है । कर जफ उनकी तादाद औय फढ़े गी

हहॊदओ ु ॊ का क्मा हश्र होगा ? आऩ अऩने- आऩको इस कदय राचाय ऩाते हैं आज, तो कर क्मा कयें गे , जफ जस्थयत आऩके हाथों से ऩूय तयह यनकर चक ु ी होगी। कयें , शौक से इॊतजाय कयें , तफ तक, जफ तक, खतया आऩके अऩने घय की दहर ज ऩय नह ॊ आ जाता। आऩको तफ वह सीख सभरेगी जफ वे आऩकी ऩत्नी को, आऩकी फेट को, आऩके घय से फाहय घसीट कय सड़क ऩय सफके साभने उसका फरात्काय कयें गे। आऩ इसी मोग्म हैं। जफ आऩ अऩनी भाॉ सभान दे वी के भान की यऺा नह ॊ कय सकते तो आऩ अऩनी ऩत्नी औय फेट के भान की क्मा यऺा कयें गे

? आऩकी नऩुॊसकता

आऩको भुफायक।

हहॊद ू धभभ गुरुओॊ से भेय प्राथभना भेय प्राथभना है हहॊद ू धभभ गुरुओॊ से कक चेतामें अऩने अनुमायममों को , कक आज सभम अऩने भोऺ की गचॊता कयने का नह ॊ है फजल्क सनातन धभभ के ऊऩय होने वारे हय प्रहाय का

सभुगचत उत्तय दे ने का है । धभभ गरु ु ओॊ

का मह ऩावन कतभव्म है आज , कक जगामें अऩने अनुमायममों को, औय उन्हे कभय कस कय एक

अबेद्य द वाय की बाॉयत खड़ा

कयें जजसे तोड़ने

का द्ु साहस कोई बी न कय सके।

भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 23

हहॊदओ ु ॊ की फागडोय सन्माससमों के हाथ आज हहॊदओ ु ॊ की फागडोय सन्माससमों के हाथ भें है । जफ

उन्होंने हभाये

सभाज भें , मह भहत्वऩूणभ स्थान , स्वेच्छा से िहण ककमा है , तो उनका कतभव्म फनता है , कक वे सभाज को

आज की आवश्मकता

भागभदशभन कयें । महद वे अऩने अनुमायममों को

के अनस ु ाय

अऩने ह जैसा सन्मासी

फनामेंगे तो हहॊद ू सभाज के प्रयत फहुत फड़ा अन्माम कयें ग।े

महद मे सन्मासी अऩना दायमत्व यनबाने से चूकते हैं महद मे सन्मासी अऩना दायमत्व यनबाने से चूकते हैं तो वह हदन दयू नह ॊ जफ इस धयातर ऩय एक

नेतत्ृ व का उदम

होगा जो सफसे ऩहरे इन

सन्माससमों को अऩने ऩद से भुि कये गा औय तफ जनताफागडोय अऩने हाथों भें

रेगा। उस हदन एक

जनादभन की

नमे भहाबायत की नीॊव

ऩड़ेगी। सभम-सभम ऩय दे वी का आववबाभव होता है , भहहसासुय-भहदभनी के हाथों भें बत्रशूर होता है, जफ असुयों का सॊहाय आवश्मक हो जाता है ।

दयकाय है स्वासबभानी औय साहसी सयकाय की अफ चरें वाऩस डॉक्टय भहागथय बफन भुहभद की ओय। उनकी भ रेसशमा भें, हार ह भें

(सन 2006), हहॊदओ ु ॊ का एक भहत्वऩूणभ भजन्दय तुड़वा

हदमा गमा , उस सभम जफ दे वी की ऩूजा चर यह थी। हहन्दओ ु ॊ ने सभन्नतें की , कक ऩूजा तो कभ से कभ खत्भ हो जाने द जजए

, ऩय मह

उन्हें भॊजूय न था। आऩने सभाचाय ऩत्रों भें वववयण तो ऩढ़ा ह होगा। सोच कय दे खखए--महद बायत सयकाय मह चेतावनी दे ती कक "एक भजन्दय, भरेसशमा की धयती ऩय , भरेसशमा की सयकाय तोड़ेगी , तो उतनी ह कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 24

भहत्वऩूण,भ एक भजस्जद , बायत बूसभ ऩय , बायत सयकाय तोड़ेगी "--तफ दे खते, हभ बी, भरेसशमा की भुसरभान सयकाय भें ककतना दभ है । हभें आज महद आवश्मकता है तो ऐसी एक स्वासबभानी औय साहसी सयकाय की। आज के इन हहॊजड़ों से कुछ बी न फन ऩड़ेगा।

जफ कश्भीय भें सत्तय हजाय हहॊद ू ऩॊडडत कत्र ककए गए खैय, अफ आगे फढ़ें । भहागथय बफन भुहभद ने इस एक-जुट होने का ऐरान ककस सॊदबभ भें ककमा था , आइए इस ऩय एक नजय डारें । उन हदनों अभय का ने फड़ी हाम-तोफा भचा यखी थी। उनके दो टावय क्मा गगय गए उन्होंने साय दयु नमा को सय ऩय उठा सरमा। हाराॊकक जफ कश्भीय भें हजायों की तादात भें हहन्द ू कत्र ककमे जाते यहे , उनके कानों ऩय जॉू तक न यें गी। ईसाई याष्ट्रों का मह दोगराऩन कोई नई फात नह ॊ है ।

अन्जान हहॊद ू ऩाठकों को हदग्रसभत ककए यखना आवश्मक जान ऩड़ा होगा भहागथय बफन भुहभद की ऩये शानी मह थी कक उन हदनों अभय का ने अऩने शडिशार इरेक्रॉयनक भीडडमा का सहाया रेकय भुसरभानों को दयु नमा भें फड़ा फदनाभ कय यखा था।

Asian Age को ऩढ़ने वारे फहुत

हहन्द ू ऩाठक हैं जजन्होंने कुयआन ऩढ़ नह ॊ । उन्हें हदग्रसभत ककए यखना फड़ा आवश्मक जान ऩड़ा होगा। इससरए भहागथय बफन भुहभद ने झठ ू का सहाया सरमा। हहन्द ू ऩाठकों को फतामा कक इस्राभ शाजन्त की वकारत कयता है । साथ ह भुसरभान ऩाठकों को फतामा कक उन्हें एक- जुट होना है महद वे इस्राभ के असर ऩैगाभ को सच फनाकय हदखाना चाहते हैं। भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 25

फड़े सभचाय ऩत्र औय उनके फड़े झठ ू मह जानते हुए कक

Asian

Age

एक जाने- भाने भुसरभान का

सभाचायऩत्र है जजसने धभभ यनयऩेऺता का चोगा ऩहन यखा है , भैनें उन्हें एक चन ु ौती बया ऩत्र सरखा, कक महद तुभभे सत्साहस हो तो इस ऩत्र को छाऩो, जजसभें भैं कुयआन से उद्धयण दे यहा हूॉ

, सॊदबभ सहहत , ताकक

तुम्हाये ऩाठक जानें , कक इस्राभ वाकई शाजन्त की वकारत कयता है , मा नह ॊ। उसने उस ऩत्र को छाऩा नह ॊ। इसी प्रकाय की रेखों की एक शॊख ृ रा रगाताय छऩ यह थी The Free Press Journal भें । मह उन हदनों की फात है जफ फीजेऩी सयकाय केन्ि भें थी। रेखक कोई कायतभक खाण्डवारा थे। वह कुयआन से उद्धयण हदमा कयते थे , ऩाठकों को मह ववश्वास हदराने के सरए कक इस्राभ वाकई भें अभन- चैन का ऩैगाभ दे ता है । ऩय उनभें एक ववशेषता थी-- वे कबी सॊदबभ नह ॊ दे ते

थे। उन्हें डय था कक कोई

कुयआन भें झाॉ क कय दे खेगा , तो मह ऩामेगा , कक उस उद्धयण को ऩूया ऩढ़ा जामे तो भामने उरट जाते हैं । वे फड़ी चराकी से उद्धयण का उतना हहस्सा ऩाठकों के साभने ऩेश कयते थे जजससे उनके झूठे प्रचाय को फर सभर सके। नाभ बी दे खो उसने अऩना कैसा चुना था-- कायतभक--एक हहन्द ू दे वता का नाभ-- वह दे वता जो दे व- सेना का सेना नामक था औय जजसने असुयों का सॊहाय ककमा था। आज के असुय बी हहॊद ू दे वता के नाभ का चोगा ऩहनते हैं ताकक हहॊदओ ु ॊ को धोखे भें यख सकें। वऩछरे कुछ सभम से (2006) भैं दे ख यहा हूॉ कक Hindustan Times भें औसतन हय हफ्ते एक रेख Inner Voice के अन्तगभत छऩता है जो हहन्द ू ऩाठकों को मह फताता है कक

इस्राभ ककतने प्रेभ का धभभ

है । हहन्द ू बफचाया इतना

अन्जान है कक वह इन ऩैंतयों की कराफाजी भें ह भात खा जाता है।

कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 26

भुसरभान के सरए केवर मुद्ध जीतना ह का़िी नह ,ॊ कत्रेआभ बी जरूय है कुयआन सूया 8 अर-अऩिार आमत 12 "ऩैगॊफय, मद्ध ु फॊद तफ तक न फनामेगा, जफ तक वह, उस जभीन ऩय कत्रेआभ न कय रे'' स्रोत ISBN 81-85990-58-1, p 259 मह ऩमाभद्ऱ नह ॊ कक महद गैय-

भुसरभान

हगथमाय डार दें तो उन्हें फन्द फना सरमा जामे। नह ॊ , फॊद तफ तक न फनामे जामेंगे जफ तक ढे य साये रोगों को कत्र न कय हदमा जामे। खून की प्मास इतनी गहय

कक जीत ह कापी नह ॊ , फजल्क उनका कत्र

कयना जरूय है , जजनके हाथ भें हगथमाय तक नह ॊ। आऩको कुयआन का मह कराभ माद यखना चाहहए क्मोंकक

आऩ इस बुरावे भें जीमेंगे

कक

आऩ हगथमाय नह ॊ उठामेंगे तो फच जामेंगे।

इस्राभ कफूर कय उसे छोड़ने की सजा कुयआन सूया 4 अन-यनसा आमत 91 "वे जो ऩीठ भोड़ रें , उन्हें ऩकड़ो जहाॉ बी उन्हें ऩाओ, औय उनका हहॊसा ऩूवभक कत्र कय डारो" स्रोत Arun Shourie, Eminent Historians-Their Technology, Their Line, Their Fraud, p 93, ISBN 81-900199-8-8 "मह आमत उन रोगों के सॊदबभ भें है , जो इस्राभ कफूर कयने के फाद , उसे छोड़ कय अऩने ऩुयाने धभभ की ओय वाऩस चरे जाते हैं " अत् अल्राह तक आऩका यास्ता केवर एक तयपा है । आऩ आगे तो जा सकते हैं, ऩय ऩीछे भुड़ कय वाऩस नह ॊ आ सकते। आऩ केवर जान से ह हाथ नह ॊ धोएॊगे , फजल्क तकर प के साथ ह जान गवाॉमग ें े। इससरए जो एक फाय भुसरभान हो गमा , वह सभझ रो सदा के सरए भुसरभान हो गमा। क्मा मे फातें ससपभ कुयआन

भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 27

तक ह सीसभत यह हैं , मा उन्हें अॊजाभ तक बी ऩहुॉचामा गमा है ? आइए दे खें।

हद स, जो ऩैगम्फय ने ककमा, उसे भस ु रभान को दोहयाते जाना होगा कमाभत तक इस्राभ के दो अॊग हैं। एक कुयआन औय दस ू या हद स। कुयआन है अल्राह का ऩैगाभ हय भुसरभान के नाभ।

हद स है अल्राह के द्राया

ककए गए काभ , ऩैगॊफय भुहम्भद के जरयए । कुयआन महद अल्राह की आवाज है तो हद स अल्राह के कायनाभों का जीता-

जागता नभूना ।

ऩैगॊफय ने क्मा ककमा, कफ ककमा, कहाॉ ककमा, कैसे ककमा, ककसको ककमा, क्मों ककमा , मह सफ फड़ी ह ईभानदाय

, एवॊ फड़े ह गवभ , के साथ

सरवऩफद्ध ककमा गमा है , हद स भें । जो सरखा है हद स भें वह सुन्ना फन गमा औय हय भुसरभान का पजभ फन गमा कक कमाभत तक उनका अनुकयण कये ।

ककतना बमावह एवॊ क्रूय था वह सफ

जो आज के आभ

भुसरभान के सरए अनुकयणीम फना साह ह फुखाय

82.794-7 एवॊ साह ह भुजस्रभ 4130-7 "ऩैगॊफय ने उन्हें

ऩकड़वामा। उसके फाद उन्होंने आदे श हदमा कक उनके हाथ औय ऩाॉव काट हदए जामें , उनकी आॉखों भें गभभ रोहे के ससरए घुसेड़ हदए जामें। उन्होंने आदे श हदमा कक हाथ-ऩाॉव के जख्भों को खर ु ा छोड़ हदमा जामे ताकक खन ू रयसता यहे उनके भयते दभ तक। औय जफ उन्होंने ऩानी भाॉगा , तो उन्हें ऩानी नह ॊ हदमा गमा (हटप्ऩणी - मह सजा द गई थी, उक्र जनजायत के कुछ रोगों को, जो इस्राभ कफूर कयने के फाद, इस्राभ छोड़ गए)" स्रोत कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 28

ISBN 81-900199-8-8, p 94 साह ह फुखाय 84.057 "जो बी इस्राभ को छोड़ दस ू या धभभ अऩनामे , उसका कत्र कय डारो " स्रोत ISBN 81900199-8-8, pp 93-94

भानोज यखखत (2005-2009)

ऩष्ठ ृ 29

जया सोच कय दे खखए

आये ख 2-मह फच्ची जो आज कुयआन ऩढ़ यह है

³en ye®®eer Deepe kegÀjDeeve Heæ{ jner nw~ keÀue yeæ[er nesieer, ceeB yevesieer~ leye DeHeves ye®®eeW keÀes ke̳ee efmeKee³esieer? Jener pees Gmeves Kego meerKee nw~ peye GmekesÀ ye®®es yeæ[s neWies leye Jes eEnogDeeW kesÀ meeLe ke̳ee meuetkeÀ keÀjWies? Jener pees kegÀjDeeves GvnW efmeKeelee Dee³ee nw~ ke̳ee eEnogDeeW kesÀ efueS ³en DeeJeM³ekeÀ veneR efkeÀ Jes peeveW efkeÀ kegÀjDeeve ves cegmeueceeveeW keÀes ke̳ee efmeKee³ee nw? ke̳ee eEnogDeeW keÀes ³en DeefOekeÀej veneR efkeÀ Jes DeHeves efnleeW keÀer j#ee kesÀ efueS keÀce-mes-keÀce Flevee peeves efkeÀ cegmeueceeve peyelekeÀ DeHeves-DeeHekeÀes keÀcepeesj Heelee nw leyelekeÀ DeHeves efoue keÀer ienjeF³eeW ceW ke̳ee ígHeekeÀj jKelee nw, Deewj peye DeHeves -DeeHekeÀes MeeqkeÌleMeeueer cenmetme keÀjlee nw lees kegÀjDeeve keÀer efkeÀve efMe#eeDeeW keÀes Debpeece oslee nw? Fefleneme ceW PeeBkeÀkeÀj osKeWies lees DeeHe Hee³eWies efkeÀ cegmeueceeve meJe&oe kegÀjDeeve keÀer Gvner efMe#eeDeeW Hej Deceue keÀjlee Dee³ee nw~ ³en Deueie yeele nw efkeÀ DeepekeÀer Heæer{erkeÀes peeveyetPekeÀj iegcejen efkeÀ³ee pee jne nw Gve cegùerYej ceekeÌme&efmemì Fefleneme%eeW kesÀ Üeje efpevneWves meÊee keÀer mene³elee mes DeeF-meer-S®e-Deej SJeb Sve-meer-Deej-ìer Hej keÀypee pecee jKee nw Deewj Fefleneme keÀer HeeþîeHegmlekeÀeW keÀes Petþ keÀe HegeEueoe yeveekeÀj jKe efo³ee nw~ meefo³eeW Henues efueKes ieS Fmueece kesÀ FeflenemekeÀejeW keÀer peyeeveer peevevee ®eenW lees cesjer Dev³e HegmlekeÀeW keÀes Heefæ{S SJeb JeneB mes meboYeeX keÀes ueskeÀj Deeies Keespeyeerve keÀerefpeS~ DeeHekeÀe oeef³elJe nw efkeÀ DeHeves Deeves Jeeueer Heerefæ{³eeW keÀs meeceves me®®eeF& keÀes ueeSBöGvnW Petþ kesÀ ceenewue ceW peerves mes ye®eeSB~ DeeHe DeHevee keÀce& keÀjW, ’mece³e'' DeHevee keÀece keÀjsiee~ कुयआन अऩने अनम ु ायममों को क्मा ससखाता है

ऩष्ठ ृ 30

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