सफा 130 मंगल खाना न0: 12 1.
बुलंद आवाज़ , हाथी का महावत
2. मंगल 12 सुख का राजा , घर गु 3. ज म कु टया या के जंगल ,
वेश हो ।
वाह ह वह दरवेश हो ।
4. शेर गरजे , हाथी ढरके , बजली कडके , चमकती तलवार हो । 5. खुन खालस धन शाहाना , सबका माना - दमकता प रवार हो । 6. मंगल 12 गु
हो दजे ु , आसमॉ से पातालां ।
7. दो शेर से गुंजे गु बद , हाथी िछपे ह जा गारां । 8. केतू तीजे , मंगल 12 , म छ महावन दोनो तारां । 9. साल 24 म उ म हो , या ल का जब पहला हो । 10. 11. कु डली म अब राहु ब कुल ह चुप होगा और ् 12. न ह वह कोई बुरा फल दे ता होगा । बेशक कसी भी 13. घर म बैठ रहा हो ।
य क महावत अब हाथी के
14. उपर या हाथीय के तबेला म खुद हा ज़र होगा ।
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