सफा 129 मंगल खाना न0: 11 1.
िस धूर , लाल (ह रा) ।
2.
यारव मंगल है रखता , शहद के बतन भरे ।
3. शहद उ दाह उस का होगा , फूल (बुध) हो जस के खरे । 4. फूल छोड म खी (शिनचर) ह , जब नेक और उ दाह िमले । 5. दम म ह ले आएं गी वह , शहद के बतन भरे । 6. 7. मंगल गो अब चीता होगा । मगर अपने गु
(बृ सपित) के
8. हाथ म हवाई ज़ंजीर म जक ◌ा हआ होगा । भाई ु 9. ब धुओं का कोई खास फायदाह न होगा । और न ह वह 10. इन को कोई सु खया दे ख रहा होगा । यह सब राहु के 11. ज़माना तक (42 हद 45) ह होगा । इस म दे 12. अहद म गो उस का अपना केतू (ल का) न होगा । मगर दिनयावी ु 13. केतू (कु ा वगैराह) म
ार होगा ।
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