परिचय.docx

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  • April 2020
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परिचय ऐसी क्या चीज़ है जो अभी आपको तंग कि िही है ? वो चाहे जो भी चीज़ हो मगि आपकी ये टें शन आपको जीने नहीं दे िही, आपके अपनों से दू ि कि िही है , आपकी सक्सेस औि खुशशयााँ आपसे छीन िही है . तो क्या आप शजंदगी भि टें शन में िहना चाहते है ? या शिि खुलकि अपनी शज़न्दगी जीना चाहते है ? इस शकताब में आपको ऐसे इिेक्टिव तिीके शमलेंगे जो आपको हि प्रॉब्लम से छु टकािा शदला दें गे. क्या आपकी आदत है शक आप हमेशा पुिानी बातो का पछतावा किते िहते है या शिि हमेशा फ्यूचि की शचंता में डूबे िहते है ? कभी-कभी लोग इतनी टें शन लेते है शक वे अपने प्रेजेंट को ही भूल जाते है . क्या आपको लगता है शक आप एक भिपूि शजंदगी जी िहे है ? हि शदन को भिपूि शजए क्टरंग के सुहाने शदन में एक जवान मेशडकल स्टू डें ट अपने फ्यूचि के बािे में सोच िहा था. क्या वो िाइनल एक्जाम्स पास कि पायेगा? स्कूल खत्म होने के बाद उसे कहााँ जाना चाशहए? कैसे वो अपने करियि शुरू किे गा ? वो लड़का यही सब सोच िहा था. उसके हाथ में एक शकताब थी शजसे वो उस टाइम पढ़ िहा था शक तभी उसे उसमें शलखे ऐसे 21 वडड् स शमले शजन्हें पढ़कि वो इं स्पायि हो गया. आने वाले टाइम में वो मेशडकल स्टू डें ट अपने जेनेिेशन के सबसे सक्सेसिुल डॉिस् में से एक था. उसने िेमस जॉन होपशकंस मेशडकल स्कूल को लीड शकया औि ऑक्सिोड् युशनवशस्टी का एक बहुत ही रिस्पेिेड प्रोिेसि बना. औि वो नौजवान था सि शवशलयम ओशसयि. जो 21 वडड् स सि शवशलयम ने पढ़े वे थे ” दू ि जो धुंधला शदखाई दे िहा है , उसे दे खना हमािा मेन काम नहीं है बक्टि जो क्लीयिली हमािे हाथ में है उसे दे खना है ” इसका मतलब है शक हम उन कामो या टास्क पि ज्यादा िोकस किे जो हमें अभी किने है बजाये इसके शक हम फ्यूचि के बािे में टें शन ले. सि शवशलयम ने येल युशनवशस्टी में एक स्पीच दी थी शजसमे उन्होंने स्टू डें टडस को डे -टाईट कम्पाट् मेंट में िहने के शलए एं किे ज शकया. सोचो शक आप अपने पास्ट के दिवाजे लॉक कि सकते हो. शिि आप अपने फ्यूचि के दिवाजे भी लॉक कि लेते हो तो अब आपके हाथ में जो बचेगा वो है आपका प्रेजेंट यानी आज औि अभी. डे टाईट कम्पाट् मेंट का मतलब है हि एक शदन के शहसाब से जीना. खुद को allow किे शक आप शसि् उस चीज़ के बािे में सोचे जो उस वक्त आपके सामने मौजूद है . अपने शदमाग को पास्ट या फ्यूचि में ना भटकने दे . सि शवशलयम का ये मतलब नहीं था शक आप फ्यूचि के शलए शबलकुल भी प्रीपेयि ना हो. मगि उसको लेकि शिक्र किने के बजाये अपनी सािी एनजी आज के टास्क में लागाये तो ज्यादा िायदे मंद है . जो भी किे उसे पूिे शदल से किे , अपना बेस्ट दे . बस यही आपको किना है शिि तो आपका फ्यूचि बशढ़या होगा ही होगा. “िे ट (sand) का एक दाना एक टाइम में, एक टास्क एक शदन में” हम अपने पास्ट औि फ्यूचि के बीच में खड़े िहते है . पास्ट एक लम्बी शहस्टिी है औि फ्यूचि बहुत बड़ा है . शकसी ने इसे नहीं दे खा. औि हो सकता है शक हम इतनी लंबी शजंदगी ना जी पाए. तो शिि क्या िायदा शक गुज़िे हुए औि आने वाले टाइम के बािे में सोच-सोच के पिे शान हो. हमें शिक् किनी चाशहए तो शसि् आज की.

शदन-िात शिक्र किने से बहुत से लोग बीमाि भी पड़ जाते है . ऐसे लोग नव्स ब्रेकडाउन या शिि एक्सटर ीम बॉडी पेन के शशकाि होते है . इससे तो अच्छा है शक उन कामो पि ध्यान शदया जाए जो हमें आज किने है . सुबह उठने से लेकि िात सोने तक हमें बस अपने आज में जीना चाशहए. इससे नींद भी अच्छी आएगी औि आने वाली सुबह भी फ्रेश होगी. शमशशगन की शमशसज ई.के. शील्डड स के सुसाइड किने तक की नौबत आ गयी थी शक तभी उन्होंने अपने आज में जीने की इम्पोटें स समझी. अपने पशत की मौत के बाद वो गिीबी झेल िही थी औि कािी शडप्रेस्ड हो गई थी. शमशसज शील्डड स शकताबे बेचने के अपने पुिाने धंधे पि लग गई. उसे लगा काम किने से उनका मन बहल जाएगा. मगि अकेलापन एक शबमािी की तिह होता है जो धीिे -धीिे आता है . अकेले खाना, अकेले डराइव किना, यही अकेलापन उसे अंदि ही अंदि खा िहा था. ऊपि से कोई स्कूल उसकी शकताबे खिीदने को तैयाि नहीं था. उसे कहीं भी सक्सेस नज़ि नहीं आ िही थी. जब जीने की कोई वजह ना लगे तो इं सान टू ट जाता है . शमशसज शील्डड स पूिी तिह होपलेस हो चुकी थी. तंग आकि उसने अपनी जान दे ने की ठान ली. शमशसज शील्डड स को काि पेमेंट औि रूम िें ट का भी इन्तेजाम किना था. उसे लगने लगा शक शायद उसे खाने के भी लाले पड़ जायेगे अगि शबमाग पड़ी तो डॉिि की िीस कहााँ से लाएगी? जो एक चीज़ शमशसज शील्डड स को सुसाइड किने से िोक िही थी वो ये शक अगि वो मि जाएगी तो उनकी बहन को बेहद दु ुःख होगा औि वो बेचािी फ्युनिल का खचा् नहीं उठा पाएगी. शिि एक शमशसज शील्डड स ने एक आशट् कल दे खा. इसे पढ़कि उन्हें जीने की शहम्मत शमली. उस आशट् कल में शलखा था” समझदाि आदमी के शलए हि एक शदन नया होता है ” उसने वो आशट् कल वहां टां ग शदया जहााँ िोज़ उस पि नज़ि पढ़ सके. उसने अब अपने पास्ट को भूलकि औि आने वाले कल की शिक्र छोड़कि जीना सीख शलया था. शमशसज शील्डड स िोज सुबह उठकि खुद को िीमाइं ड किाती थी” आज एक नयी शजंदगी की शुरुवात है ”. शमशसज शील्डड स अपनी गिीबी औि अकेलेपन के डि से बाहि आ पाई. उसने खुशहाल औि पोशजशटव तिीके से जीना सीख शलया था. उसका हि शदन अब बेहतिीन गुजिने लगा क्योंशक वो बस अपने आज को जीने लगी थी. बस एक बात उसने शदमाग में िखी” समझदाि आदमी के शलए हि शदन नयी शजंदगी है ” हम क्यों अपने प्रेजेंट से दू ि भागते है ? क्यों हम हमेशा फ्यूचि के सुहाने सपने दे खते है औि आज की खुशशयों को नज़िं दाज़ कि दे ते है ? जब हम बच्चे थे तो जल्दी से बड़े होना चाहते थे. औि जब बड़े हो जाते है तो शादी किने के सपने दे खते है . शिि एक शदन हमािी शादी भी हो जाती है तब हम रिटायमेंट के सपने दे खने लगते है . औि जब िाइनली रिटायमेंट का शदन आता है तो हमें महडसूस होता है शक हमने शकतना कुछ खो शदया. शजंदगी शजसे हम दे ि से समझते है दिअसल हि शदन हि पल को जीने का नाम है ”

एक पुिानी िोमन कहावत है ” “Carpe Diem”.शजसका मतलब है “शदन को भिपूि शजयो” आप अपनी शजंदगी के चाहे शकस मोड़ पि हो, इसे एन्जॉय किो, इसे शजयो. शजंदगी में जो भी शमला है , उसे सिाहो. ना पास्ट की शिक्र किो ना फ्यू चि की. बस उस पि िोकस किो जो आज किना है . क्योंशक पास्ट आपको बस उदास किे गा. जो भी बुिी यादे है , िीग्रेटडस है उन सबको पीछे छोड़ दो. “जो हो गया उसे भूल जाओ” औि जहााँ तक फ्यूचि की बात है तो आने वाले कल में कई बाते हो सकती है . आपके शिक्र किने से कुछ होने वाला नहीं. जो होना है वो तो होकि िहे गा. आज के बािे में सोचे आज आपके क्या टास्क है ? अभी इस वक्त आप कहााँ है ? अपने आज को अप्रेशशयेट किे . हि िोज़ एक शजंदगी शजए. जो 24 घंटे आपको शमले है शसि् उनपि िोकस किे औि ये दे खे शक इन 24 घंटो को आप कैसे बेहतिीन बना सकते है . क्या आप ये 24 घंटे शसि् टें शन में गुजािें गे ? या शिि इन्हें आप अपने करियि, अपने किीबी लोगो औि शजंदगी की खुशशयों को एशप्रशशएट किने में शबताएं गे. आप दे ख्नेगे शक कैसे हि एक शदन भिपूि जीकि आपको शजंदगी से शकतना कुछ शमल सकता है . आप हि पल का मज़ा लेंगे औि अपने हि टास्क पि िोकस कि पायेंगे. जैसा शक सि शवशलयम ने कहा है “ शजतनी भी सक्सेस मुझे शमली है उसका सािा क्रेशडट मै फ्यूचि की शिक्र छोड़कि अपने आज के टास्क को पूिा किने की पॉवि औि अपना बेहतिीन किने की कोशशश को दे ता हाँ . अपनी पत्नी को बत्न साि किता दे ख मै बेशिक्र शजंदगी जीना सीख गया महान शवशलयम वुड पेट के जानलेवा दद् से पिे शान िहते थे . उन्हें इतना दद् होता था शक वो िात में सो नहीं पाते थे. उनके शपता की स्टमक कैंसि से मौत हुई थी. महान वुड को लगता था शक उन्हें भी शायद यही शबमािी है . शवशलयम वुड अपना चेकअप किवाने हॉक्टस्पटल गए. एक स्पेशशलस्ट ने उनका एक्जाशमन शकया. डॉिि ने उन्हें बताया शक उनके स्टमक का एक्स िे एकदम क्टक्लयि है . उसने उन्हें कुछ दवाईया शलख के दी शजससे उन्हें आिाम आ जाए औि चैन से सो सके. डॉिि ने ये भी कहा उनके स्टमक पेन की वजह उनका इमोशनल स्टर े स है . महान शवशलयम वुड बहुत शबजी िहते थे. उन पि हमेशा अपने टास्क शिशनश किने की धुन िहती थी शजससे वो आिाम नहीं कि पाते थे . वे हमेशा जल्दी में िहते थे औि आं क्टियस औि टे न्स िील किते थे . एक वक्त में उनके शदमाग में हज़ाि बाते आती थी. शिि उन्होंने अपने डॉिि की एडवाइज़ िॉलो किनी शुरू कि दी उन्होंने हि शजम्मेदािी अपने सि लेने की आदत छोड़ दी औि अब वे हि मंडे िे स्ट किने लगे थे. एक शदन वे अपनी डे स्क साि कि िहे थे शजसमे उन्हें कुछ ऐसे नोटड स औि इम्पोटे न्ट पेपि शमले जो अब काम के नहीं थे. एक एक किके शवशलयम ने वो सािे पे पि डस्टशबन में िेंक शदए. तभी उन्हें एक आईशडया आया शक जैसे वे वेस्ट पेपि डस्टशबन में िेंक िहे है उसी तिह बीते हुए कल की हि प्रॉब्लम को तोड़-मिोड़ कि अपनी शजंदगी से बाहि िेंका जा सकता है . अपने पास्ट का बड् न लेकि चलने का कोई िायदा नहीं है . अच्छा होगा शक उसे भी शकसी िद्दी पेपि की तिह िेंक शदया जाए. एक दु सिे मौके पि शवशलयम वुड ने दे खा शक उनकी पत्नी बत् न साि किते हुए कुछ गा िही थी. उन्होंने खुद से कहा” दे ख, शबल तुम्हािी बीवी शकतनी खुश लग िही है . हमािी शादी को अठािह साल हो गए है औि वो इतने सालो से बत्न धो िही है ”

शवशलयम ने सोचा अगि उनकी बीवी को पहले ही पता होता शक शादी किने के बाद उसे इतने सालो तक बत्न धोने पड़ें गे तो वो शायद कभी उनसे शादी के शलए हााँ नहीं किती. महान शवशलयम वुड को रि् यालाइज हुआ शक उनकी बीवी को ये काम ज़िा भी बुिा नहीं लगता क्योंशक वो हि िोज़ के शहसाब से बत्न धोती है . उसके कल के गंदे होने वाले बत्नों की शिक्र आज नहीं है . औि ना ही वो उन बत्नों के बािे में सोचती है जो उसने कल साि शकये थे . उन्हें समझ आ गया शक उनकी शबमािी की वजह यही है शक वे हि काम तुिंत पूिा किने की कोशशश में लगे िहते है . वो दिअसल कोशशश कि िहे थे शक” आज के बत्न, पीछले शदन के बत् न औि आने वाले कल के बत्न जो अभी गंदे भी नहीं हुए, उन सबको वे आज ही साि कि ले, शकसी भी सूित में’. औि यही शवशलयम वुड की सबसे बड़ी गलती थी जो उन्हें रिये लाइज हुई. वे दु सिो को हमेशा सही ढं ग से जीने की नसीहत दे ते थे मगि खु द अमल किना भूल गए थे. महान शवशलयम वुड ने जब अपना रूटीन चेंज शकया तो उन्हें नींद भी बशढ़या आने लगी औि उनका स्टमक पेन भी गायब हो गया था. ये याद िखे शक हि शदन को उस शदन के शहसाब से जीये . क्योंशक जब आप बीते हुए औि आने वाले टाइम का बड् न लेकि चलेंगे तो होगा कुछ नहीं बस आपकी बॉडी सिि किे गी औि लास्ट में आपके हाथ कुछ नही लगने वाला. वक्त हि चीज़ का मिहम है लुईस मोंटेंट जूशनयि को लगता था शक उन्होंने अपनी शजंदगी के 10 साल खो शदए है . औि वो वक्त था उनकी 18 से 28 की उम्र का. लुईस को ऐसा इसशलए लगता था क्योंशक वे तब हि चीज़ की शिक्र किते थे . अपनी जॉब, परिवाि, हे ल्थ औि कई तिह की इनशसक्योरिट उन्हें थी. जबशक वे साल उनकी शजंदगी का सबसे बेस्ट टाइम हो सकता था मगि उन्होंने उसे टें शन में खो शदया. लुईस नए लोगो से शमलने से कतिाते थे उन्हें एक तिह का इक्टियेरिटी कोम्प्लेक्स था. उनकी यही इनशसक्योरिटी उनकी शजंदगी छीन िही थी. उन्होंने तीन जगह जॉब के शलए अलाई शकया था औि तीनो जगह से वे रिजेि हुए थे क्योंशक उनमे इतना कोंिीडें स तक नहीं था शक वे अपने एम्प्लोयी को अपनी खूशबयााँ बता सके. औि तब एक शदन उनके साथ कुछ ऐसा हुआ शजसने उनकी शजंदगी को बदल कि िख शदया. वे एक ऐसे इं सान से शमले शजसकी शजंदगी में उनसे भी ज्यादा प्रोब्लेम्स थी. शिि भी वो इं सान खुश लग िहा था. उस आदमी का नाम शबल था. शबल 1929 में अपनी सािी जमापूाँजी गाँवा चूका था. शिि दु बािा 1933 में भी उसके साथ यही हुआ था. 1937 में भी वो बैंकिै प्ट हुआ था. हालां शक उसने कािी पिे शाशनया झेली थी मगि वो शिि भी नहीं टू टा. उसने शकतने ही लोगो से क़ज़् ले िखा था. कई सािे लोग उसके दु श्मन थे तब भी वो मजबूती से खड़ा था. लुईस को शबल से जलन हो िही थी शक वो उसकी तिह स्टर ोंग क्यों नहीं है . शबल ने लुईस को अपना सीक्रेट बताया. उसने कहा शक अगली बाि जब कोई बड़ी मुसीबत आये तो पेपि की एक शीट औि एक पेक्टन्सल अपने पास िखे . जो भी प्रॉब्लम उसे िेस किनी पड़े उसकी शडटे ल उस पे पि में शलखने के बाद वो उसे अपने डे स्क की शकसी डराअि में डाल दे . दो हफ्ते बाद शिि से वो पेपि पढ़े . जो तुमने उस पेपि में शलखा था अगि वो अब भी तुम्हे तंग कि िहा है तो वापस उसे शिि से दो हफ्ते के शलए डराअि में िहने दे . आपकी पिे शाशनयों वाली वो शलस्ट अभी भी डराअि के अन्दि है मगि इस बीच आपके आस-पास कािी कुछ बदल गया होगा. आपने नोशटस भी नहीं शकया होगा मगि आपकी कुछ प्रॉब्लम अपने आप ही सोल्व हो गयी होंगी.

शबल कहते है ” मैंने महसूस शकया शक अगि मै पेशेंस िखता हाँ तो मेिी सािी शचंता शिक्र ऐसे गायब हो जाती है जैसे हवा शनकलने से बलून िुस्स हो जाता है . लुईस को शबल की एडवाइस हमेशा याद िही. इससे उनको बहुत सी चीजों में मदद शमली. तो अभी आपको शकस बात की शिक्र सता िही है ? आपको एहसास होगा शक जो अभी सोल्व नहीं हो िहा, वो टाइम के साथ खुद ही सोल्व हो जायेगी. ऐसे पां च तिीके शजसे में अपनी शचंता दू ि किने के शलए यूज़ किता हाँ . प्रोिेसि शवशलयम िेल्प्स को लगता था शक उनकी आाँ खे अब नहीं िही. पां च शमनट कुछ पढ़ते ही उनकी आाँ खे दु खने लगती थी. उनसे क्टखड़की के बाहि भी नहीं दे खा जाता था. ऐसा लगता था जैसे कोई उनकी आाँ खों में सुई चुभो िहा है . प्रोिेसि शवशलयम को डि था शक कहीं उन्हें अपनी आाँ खों की वजह से टीशचंग न छोडनी पड़ जाए. एक शदन उन्हें एक स्पीच के शलए इनवाईट शकया गया.वहां लाइट इतनी ब्राइट थी थी शक प्रोिेसि को बाि-बाि अपनी नज़िे फ्लोि की तिि किनी पड़ िही थी. मगि जब उन्होंने स्टू डें टडस को एड्ड्रेस किने के शलए उनकी तिि दे खना शुरू शकया तो उन्हें आाँ खों में पेन महसू स ही नहीं हुआ. वे पूिे 30 शमनट तक इसी तिह स्पीच दे ते िहे . प्रोिेसि शवशलयम को लगा शक अपने टीशचंग के पैसन की वजह से उन्होंने अपने दद् को जीत शलया था. जब उनका शदमाग कोई बेहद ज़रूिी काम में लगा होता है तो उन्हें अच्छा महसूस होता है . टीशचंग के लव ने प्रोिेसि शवशलयम को शजंदगी जीना औि इसे एन्जॉय किना शसखा शदया था. वो अपना हि शदन ऐसे जीते थे जैसे शक वो उनका पहला औि लास्ट डे हो. जब वे सुबह उठते थे तो अपने स्टू डें टडस से शमलने का वेट किते थे . ये उनक एन्थूयाज्म ही था जो उन्हें सािे दु ुःख दद् से शनजात शदलाता था. औि अपने पेन औि दु ुःख से छु टकािा पाने का ये पहला मेथड है . औि दू सिा मेथड जो प्रोिेसि शवशलयम ने अपनाया वो था की कोई अच्छी सी शकताब पढके टें शन से दू ि िहे . जब आप कोई बुक पढ़ते है तो आपका शदमाग उसमे इतना डूब जाता है शक आपको औि कुछ याद ही नहीं िहता. तीसिा मेथड है शिशजकल एक्टिशवटी. एक बाि प्रोिेसि शवशलयम शडप्रेस्ड हो गए थे उन्होंने क्या शकया शक खुद को कई तिह की शिशजकल एक्टिशवटी में लगा शलया. वे हि सुबह टे शनस खेलने लगे. शिि नहाने के बाद वे अपना लंच लेते थे दोपहि में वो गोल्फ खेलने चले जाते . औि कभीकभी िात में घंटो तक डां स किते िहते . उन्होंने महसूस शकया शक जब उनकी बॉडी पसीना बहाती है तो शदमाग से ऑटोमेशटकली सािी पिे शाशनया गायब हो जाती है . चौथा मेथड है खुद को शकसी भी तिह के प्रेशि औि जल्दबाजी से दू ि िखे . प्रोिेसि शवशलयम को कनेिीकट के िोम्ि गवन्ि शवल्बुि क्रॉस से एक एडवाइस शमली. शमस्टि क्रॉस ने उन्हें बताया “ कई बाि मुझे एक ही साथ में कई सािे काम किने होते है शजससे मै प्रेशि में आ जाता हाँ तब उस वक्त में क्या किता हाँ शक िीलेक्स बैठकि बस अपना पाइप पीता िहता हाँ औि कुछ नहीं’ टें शन भगाने का प्रोिेसि शवशलयम का पां चवा औि लास्ट मेथड है ये याद िखना शक टाइम औि पेशेंस हि प्रॉब्लम को सोल्व कि दे ता है . कोई भी मुक्टिल आये वे उसे एक अलग सोच के साथ दे खते है . प्रोिेसि शवशलयम खुद से कहते है ” दो महीने हो जाने दो शिि मैं इसकी पिवाह नहीं करू ाँ गा तो अभी क्यों करू? . एक बाि में एक काम, भले आदमी एक बाि पेशनशसल्वेशनया के एक हं शटं ग क्लब में एक बूढा तोता था. उसका शपंजिा दिवाजे के साथ लटका िखता था. जब भी कोई वहां आता तो तोता ये बोलता था“ एक बाि में एक काम किो भले आदमी.’ वो बूढा तोता बस यही िटता िहता था क्योंशक उसे यही शसखाया गया था.

कहने का मतलब है शक आप पि चाहे शजतनी भी रिसपोंसेशबशलटी हो शिि भी काल्म औि कम्पोजड िहने की कोशशश किे . एक एक किके ही अपनी हि िीस्पोंसेशबशलटी पूिी किे . कैसे जॉन डी. िॉकिेल्लि पैन्ताशलस सालो तक उधाि की शजंदगी जीते िहे 33 की उम्र में जॉन डी. िॉकिेलि.,सि शमलेशनयि बन गए. जब वे 43 के हुए उस वक्त तक उनकी कंपनी स्टैं डिोड् आयल लाजेस्ट मोनोपली कंपनी बन चुकी थी. मगि 53 साल के होते होते उनकी शबजनेस धीमा पड़ने लगा था. जॉन डी. अपने जीवन की उं चाईयों को छू लेते मगि उनकी हे ल्थ शगिने लगी थी. डॉिि के शहसाब से ऐसा उनकी लाइिस्टाइल की वजह से हुआ था. जॉन डी. अपने शबजनेस की शदन-िात शिक्र शकया किते थे. उनके बाल शगिने लगे थे वे टकले हो गए थे . कभी वे एक स्टर ोंग इं सान हुआ किते थे मगि अब कािी कमज़ोि हो गए थे . उनकी क्टस्कन भी अब क्टस्कन पीली पड़ गयी थी. जॉन डी. के पास ज़िा भी िुस्त नही होती थी. शकसी भी शौक या आिाम के शलए उनके पास वक्त ही नहीं था. बस पैसा कमाना ही उनका मकसद बन गया था. शजसकी वजह से हि टाइम प्रे शि औि टें शन में िहते थे. जॉन डी हमेशा खुद को ये िीमाइं ड किाते थे शक शायद उनकी सक्सेस टे म्पििी थी. उनके शबजनेस पाट् नि जोज् गाड् नि उन्हें सेशलंग के शलए इनवाईट किते मगि जॉन डी. कभी नहीं जाते थे . उनका वीकेंड भी ऑशिस में ही गुज़िता था. वो हं सना भूल गए थे , सबको उनसे डिते थे . जॉन डी. शकसी की भी अच्छाई नहीं दे खते थे. औि एक शदन वो भी आया जब उनकी मोनोपोली िेल हो गयी. उनके िाइवल्स पूिी पॉवि से वापस आ गए थे. उनकी आयल कंपनी ने शजन लोगो को अब्यूज शकया था वे सब अब चेंज की शडमां ड कि िहे थे . जॉन. डी की हे ल्थ शगिती चली गयी. उनकी िातो की नींद उड़ गयी थी वे ढं ग से खा नहीं पाते थे . उनके डॉिस् ने उन्हें उनकी सही हालत से वाशकि किा शदया था. या तो वे कंपनी चुने या शिि अपनी हे ल्थ. अगि वे रिटायि नही हुए तो 53 की उम्र में मि सकते थे . औि उनकी मौत का कािण होगा उनका डि, लालच औि टें शन. तो आक्टखि जॉन डी. को अपनी कंपनी छोडनी ही पड़ी. उनके डॉिस् ने उन्हें िॉलो किने के शलए 3 हे ल्थ रूल्स बताये . पहला तो ये शक कभी टें शन ना ले. जॉन डी. को हि हाल में टें शन दे ने वाली बातो से दू ि िहना था. दू सिा शक उन्हें पूिा िे स्ट किना है . िे स्ट के साथ-साथ शकसी भी तिह की एक्सिसाइज़ किनी ज़रूिी है . उन्हें आउट डोि एक्टिशवटी अपने रूटीन में शाशमल किना चाशहए. औि तीसिी ख़ास बात शक अपने डाईट को हमेशा मोशनटि किना है . जो भी खाना है सही अमाउं ट में खाना है . जब जॉन डी. ने ये सािे रूल्स िोलो किने शुरू शदए तब जाकि उनकी जान बच पायी. वो 53 की उम्र में मिने वाले थे मगि वे अगले 45 सालो तक शजए. उन्होंने गोल्फ खेलना शुरू कि शदया था औि अपने कई सािे नेबस् से दोस्ती भी कि ली थी. थोड़ी बहुत गाड् शनंग भी शुि कि दी थी. यही नहीं अब वे गाने भी लगे थे. मगि सबसे बड़ा चेंज जो जॉन डी. की शजंदगी में आया वो ये शक वे अब दु सिो की पिवाह किना सीख गए थे. जब वे रिटायि हुए तो उनके पास कािी वक्त था सोचने के शलए. जॉन डी. ने महसूस शकया शक शजतना पैसा उनके पास था उससे वे ना जाने शकतने ही लोगो की शजंदगी में खुशशयााँ ला सकते थे . अब उन्होंने पैसे कमाने के बािे में सोचना छोड़कि लोगो की हे ल्प किने लगे थे .

जॉन डी. ने लेक शमशशगन के एक छोटे से कॉलेज की मदद भी की. उन्होंने शमशलयंस इन्वेस्ट किके इसे बंद होने से बचा शलया था. वो छोटा कॉलेज बाद में शशकागो युशनवेशस्टी बना. जॉन डी. ने माइनोरिटीज़ के स्कूल जैसे तस्कीगी कॉलेज को भी कािी पैसा डोनेट शकया. एक बाि साउथ यू.एस. में हुकवम् की बीमािी िैल गयी थी. जो भी इस बीमािी से इिेि होता था उसके इलाज़ में 50 सेंट लगते थे . जॉन डी. ने इस शबमािी से लोगो को बचाने के शलए एक ही बाि में शमशलयंस डोनेट कि शदए ताशक इस बीमािी को से एक बाि में ही हमेंशा के शलए छु टकािा पाया जा सके. औि यही से िॉकिेलि िाउं डेशन की शुरुवात हुई. आज िॉकिेलि वक वल्ड् वाइड ओगेनाईजेशन बन गया है शजसका ऐम है शबमािीयों औि जानकािी के अभाव से लड़ना. िॉकिेलि ने कई रिसच् के शलए िंशडं ग भी की है . जॉन डी. की हे ल्प की वजह से ही साइं शटस्ट शमिकल डरग पेशनशसशलन बनाने में कामयाब हो पाए. हुमेशनटी को इन््युएन्जा, मलेरिया औि ट्युबिकुलोशसस जैसे बीमारियों से बचाकि उसकी प्रोग्रेस में िॉकिेलि िाउं डेशन ने कािी मदद की है . जॉन डी. ने अपना सािा पैसा डोनेट कि शदया. उनकी कंपनी स्टैं डिोड् आयल कंपनी कौट् केसेस हाि गयी थी शजसकी वजह से उन्हें कई शमशलयंस का नुकसान भी हुआ. मगि जैसा कई लोगो को लगा शक वे टू ट कि शबकाि जायेंगे मगि ऐसा नहीं हुआ.. जॉन डी. अब अपनी शजंदगी से खुश थे . जॉन डी. ने अब बेवजह शिक्र किना छोड़ शदया था. इन्होने अब जीना सीख शलया था औि वे पूिे 98 सालो तक शजए. कन्क्यूलेजन ये समिी आपको बताएगी शक शकस तिह एक वक्त में ही काम किे शजस पे आप पू िा ध्यान लगा पाए. अपना सािा एिोट् डाल पाए; बस अपने पास्ट को भूल जाए शसि् प्रेजेंट पि सािा ध्यान दे . जो सामने है बस उसी पि िोकस किे शक आज आपको क्या काम किने है , आपके टास्क क्या है ? खूब मेहनत किे . अगि आप अपना बेस्ट एिोट् दें गे तो फ्यूचि अपना ध्यान खुद ही िख लेगा. आपने इस शकताब से बेशिक्र जीने के कई तिीके सीखे है . तो जो आपके शलए बेस्ट है आप वो चूज़ कि सकते है . जो कुछ भी आपने आज सीखा उसे अलाई किके शदखाए |

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