Chapter 5

  • May 2020
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  • Words: 10,549
  • Pages: 59
Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अजनु उवाच ।

अथ संासयोगो नाम पमोऽायः ॥

ु योगम ् च शंसिस । संासम ् कमणाम ् कृ  पनः

् ५ - १॥ ु यत ् ौेयः एतयोः एकम ् तत ् मे ॄूिह सिनितम ॥ श

संासम ्

श उार Sannyasam

English renunciation

िही

मराठी

संास की

संासाची

कमणाम ्

KarmaNaam of actions

कम के

कमाा

कृ 

Krishna

O Krishna!

हे कृ  !

हे कृ ा !

ु पनः

PunaH

again

योगम ्

िफर

ानंतर

Yogam

Yoga

कमयोग की

कमयोगाची



Cha

and

और

तसेच

शंसिस

Shamsasi

you praise

ूशंसा करते हो

ूशंसा करतोस

( इसिलये )

( णून )

यत ्

Yat

which

जो

जे

ौेयः

ShreyaH

better

काणकारक

काणकारक

एतयोः

EtayoH

of these two

इन दोन म से

या दोीप ैकी

Ekam

one

तत ्

एक

एक

Tat

that

उस को

ते

मे

Me

of me

मेरे िलये

मायासाठी

ॄूिह

Bruhi

tell

किहये

सांग

SuNishchitam

conclusively

भलीभाँित िनित

िनितपणे

एकम ्

् ु सिनितम

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

ु योगम ् च शंसिस , अजनु उवाच - हे कृ  ! कमणाम ् संासम ् , पनः ् ॄूिह ॥ ५ - १॥ ु एतयोः यत ् एकम ् ौेयः , तत ् मे सिनितम English translation:Arjuna said, “O Krishna! You praise renunciation of action (Sanyasa) and again path of action (Yoga). Please tell me conclusively, which is better (for me) between these two.”

ु :िही अनवाद

अजनु ने कहा , “ हे कृ  ! आप कम के संास की और िफर कमयोग की ूशंसा करते ह । ( इसिलये ) इन दोन म से जो एक , मेरे िलये भलीभाँित िनित काणकारक साधन हो , उसे किहये ।“ मराठी भाषार :-

ु ं ासाची व पा अजनु णाला, “ हे कृ ा, कमस कमयोगाची तू ूशंसा करतोस, तेा या दोीप ैकी जे अिधक काणकारक असेल ते मला िनितपणे सांग .” िवनोबांची गीताई :-

कृ ा संास कमाचा तसा योग िह सांगसी

दोहत ज़ बर एक सांग त मज़ िनित ॥ ५ - १॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ौी भगवान ् उवाच ।

संासः कमयोगः च िनःौेयसकरौ उभौ ।

ं ासात ् कमयोगः िविशते ॥ ५ - २॥ तयोः त ु कमस श संासः कमयोगः च िनःौेयसकरौ उभौ तयोः

श उार SannyasaH

English renunciation

िही ं ास कमस

KarmayogaH

performance कमयोग of action Cha and और NiHshreyasa- leading to परम काण Karau the highest bliss करन ेवाले ह Ubhau both दोन ( ही ) TayoH of these two उन दोन म

मराठी ं ास कमस कमयोग आिण परम काणकारी ( आहेत ) हे दोीही ा दोीप ैकी

( भी ) तु

Tu

Karmaं ासात ् कमस Sannyasaat कमयोगः

िविशते

KarmayogaH

VishiShyate

Sanyasa Yoga

indeed

परंत ु

than ं ास से कमस renunciation of action performance कमयोग of action (साधन म is superior

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परंत ु ं ासापेा कमस कमयोग ( हा साधयास अिधक

ु होन े से) सगम

ु े) सोपा असामळ

ौे है

ौे आहे

Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

ौी भगवान ् उवाच - संासः कमयोगः च उभौ िनःौेयसकरौ ; तयोः त ु ं ासात ् कमयोगः िविशते ॥ ५ - २॥ कमस

English translation:The

Blessed

Lord

said,

“Renunciation

of

action

and

performance of action, both lead to the Supreme bliss. However, of these two, performance of action is superior to renunciation of action (as it is path of least resistance and difficulties as well as easier to practise for you Arjuna).”

ु :िही अनवाद

ं ास और कमयोग ये दोन ही परम भगवान ् ौीकृ  न े कहा , “ कमस ं ास से कमयोग , साधन काण करन ेवाले ह ; पर ु उन दोन म भी , कमस ु म सगम होन े से ौे है ।“ मराठी भाषार :ं ास व कमयोग हे दोी काणकारक भगवान ौीकृ  णाले , “ कमस ु ं ासापेा कमयोग हा िवशेष आहेत ; पण ा दोीप ैकी , तयासाठी कमस ौे आहे .” िवनोबांची गीताई :-

योग संास हे दोी मो साधक सारखे

िवषेश िच परी योग संासािन मािनला ॥ ५ - २ ॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ेयः सः िनसंासी यः न ेि न काित ।

ु ु ् बात ् ूमते ॥ ५ - ३॥ िनः िह महाबाहो सखम श ेयः

श उार DnyeyaH

English should be known

िही

मराठी

समझन े योय ( है ) समजयास योय ( आहे )

सः

SaH

he

वह ( कमयोगी )

तो ( कमयोगी )

िन-

NityaSannyasi

steady ascetic

सदा संासी

सदा संासी ( च )

यः

YaH

who

ु ) जो ( पष

ु ) जो ( पष



Na

not

नही

नाही

ेि

DveShTi

hates

ेष करता है

ेष करतो



Na

not

नही

नाही

काित

Kankshati

desires

आकांा करता है

आकांा करतो

िनः

NirdvandvaH

one free from pairs of opposites

ार - ेषािद  ूेम आिण ेष इािद

संासी

( ही )

से रिहत

रिहत ( असा तो

ु ) ( पष

ु ) पष

िह

Hi

indeed

िक

कारण

महाबाहो

Mahaabaaho

हे अजनु !

हे अजनु ा !

् ु सखम

Sukham

O mighty armed! easily

ु वक  सखपू

ु े सखान

संसारबन से

संसारबंधनातून

ु हो जाता है म

ु होतो म

बात ् ु ते ूम

Bandhaat

from bondage Pramuchyate is set free

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

यः न ेि , न ( च ) काित , सः िनसंासी ेयः ; हे महाबाहो ! ु ु ् ूमते िह िनः बात ् सखम ॥ ५ - ३॥ English translation:O mighty armed! He should be known as perpetual ascetic who neither hates nor desires, who is free from the pair of opposites; (and therefore) he is indeed easily liberated from bondage (of cycle of life and death arising out of his own actions).

ु :िही अनवाद

ु हे अजनु ! जो पष न िकसी से ेष करता है और न िकसी की आकांा करता है वह कमयोगी सदा संासी ही समझन े योय है िक राग - ेषािद ु सखपू ु वक ु हो जाता है ।  संसारबन से म  से रिहत पष मराठी भाषार :-

ु कोणाचाही ेष व कशााही ूाीची इा करीत नाही तो िनजो मन

ु ु , ( रागेषािद ) ंिवरिहत पष संासी समजावा ; कारण हे पराबमी अजना ु होतो . संसारबंधनातून सहज म िवनोबांची गीताई :-

तो जाण िन संासी राग - ेष नसे जया

ु बंधांतनी ु सटेु ॥ ५ - ३॥ ज़ो ंदावेगळा झाला सख Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

सांयोगौ पृथक ् बालाः ूवदि न पिडताः ।

् ५-४॥ एकम ् अिप आितः सक ् उभयोः िवते फलम ॥ श सांयोगौ

पृथक ्

श उार SaankhyaYogau

Pruthak

English िही मराठी Sankhya संासयोग और संासयोग व (knowledge) and Yoga कमयोग को कमयोग हे (performance of action) different अलग अलग वेग-वेगळे ( फल देन ेवाले )

बालाः

BalaaH

children / stupids

मूख  / अानी

मूख  / अानी

लोग

लोक

ूवदि

Pravadanti

Speak

कहते ह

णतात



Na

Not

नही

नाही

पिडताः

PanditaaH

Wise

एकम ्

ु ) ानी ( पष

ु ) ानी ( पष

Ekam

One

एक म

एका

अिप

Api

Even

भी

मेही

आितः

AasthitaH

established

सक ्

ु ) ित ( पष

ु ) ित ( पष

Samyak

truly

योय ूकार से

योय ूकारान े

उभयोः

UbhayoH

of both

दोन के

दोीचे

िवते

Vindate

obtains

परमाा को

ूा होते

फलम ्

ूा होता है Phalam

Sanyasa Yoga

fruit

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फलप

फळ

Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

अय :- सांयोगौ पृथक ् ( इित ) बालाः ूवदि , न पिडताः । एकम ् ु ) उभयोः फलम ् िवते ॥ ५ - ४ ॥ अिप सक ् आितः ( पषः English translation:Children i.e. the ignorant and not the wise ones speak of knowledge and performance of action as different paths. He, who is truly established in one out of these two paths, obtains the fruit of both.

ु :िही अनवाद

ु संासयोग ( सांयोग ) और कमयोग को मूख लोग , अलग - अलग उपय फल देन ेवाले कहते ह न िक पिडतजन ; िक दोन म से िकसी एक माग

ु म भी योय ूकार से ित पष , एक ही फल को ूा होता है अथात ् परमाा को ूा होता है । मराठी भाषार :अानी लोक सांयोग आिण कमयोग वेगळे आहेत असे णतात, पण ानी लोक तसे मानीत नाहीत ; कारण कोणाही एका मागाच े उम ूकारे पालन के ास दोी मागाच े फळ ूा होते . िवनोबांची गीताई :-

णती सां योगांत िभ मूढ न जाणते

बाणो एक िह ती िना दोहच फळ देतसे ॥ ५ - ४ ॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

यत ् सां ैः ूाते ानम ् तत ् योग ैः अिप गते ।

एकम ् सांम ् च योगम ् च यः पँयित सः पँयित ॥ ५ - ५ ॥ श

यत ्

सां ैः ूाते

श उार Yat

English that

मराठी

जो

जे

ानयोिगय ारा

ानयोयांना

ूा िकया जाता है

ूा होते

place

परमधाम

ान ( परमधाम )

that

वही

तेच

by Yogis

कमयोिगय ारा

कमयोयांना

also

भी

ु सा

is reached

ूा िकया जाता है

ूा होते

one

एक

एक

knowledge

ानयोग

ानयोग

and

और

आिण

SaankhyaiH by the Samkhyas Praapyate is reached

Sthaanam ानम ् Tat तत ् YogaiH योग ैः Api अिप Gamyate गते Ekam एकम ् Saankhyam सांम ् Cha च Yogam योगम ्

िही

performance कमयोग को of action ( फलप म ) and और who ु जो पष

कमयोग ( हे फळपान े )



Cha

यः

YaH

पँयित

Pashyati

sees

देखता है

पाहतो

सः

SaH

he

वही

तोच

पँयित

Pashyati

sees (truely)

( यथाथ  ) देखता है

( यथाथ  ) पाहतो

Sanyasa Yoga

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आिण ु जो पष

Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

यत ् ानम ् सां ैः ूाते , तत ् योग ैः अिप गते ; यः सांम ् च योगम ्

च एकम ् पँयित , सः ( एव ) पँयित ॥ ५ - ५ ॥ English translation:-

The (supreme) state reached by the knowledge seekers is also reached by the action performers. He, who understands that quest of knowledge and performance of action as one and the same, he truly understands.

ु :िही अनवाद ानयोिगय ारा जो परमधाम ूा िकया जाता है कमयोिगय ारा भी वही ु ानयोग और कमयोग को फलप ूा िकया जाता है । इसिलये जो पष म एक ही देखता है वही यथाथ  देखता है । मराठी भाषार :ं ासी सव कमस

ु ना पषां

जे मोपी

फळ

ूा

होते तेच

िनाम

ु कमयोयांनाही ूा होते ; णून जो पष ानयोग आिण िनामकमयोग फलपान े एकच पाहतो तोच दोीही मागाच े खरे प यथाथ पणे जाणतो . िवनोबांची गीताई :-

सांांस ज़ िमळे ान त योयांस िह लाभत

एक प िच हे दोी ज़ो पाहे तो िच पाहतो ॥ ५ - ५ ॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

संासः त ु महाबाहो ःखम ् आमु ् अयोगतः ।

ु मिनः ु ॄ निचरेण अिधगित ॥ ५ - ६॥ योगयः श

श उार SannyasaH

English renunciation

तु

Tu

महाबाहो

Mahabaho

ःखम ्

संासः

िही

मराठी

संास

संास

but

परंत ु

परंत ु

हे अजनु !

हे अजनु ा !

DuHkham

O mighty armed! hard

आमु ्

किठन ( है )

कठीण ( आहे )

Aaptum

to attain

ूा होना

ूा होणे

अयोगतः

AyogataH

कमयोगके िबना

कमयोगािशवाय

ु ः योगय

YogayuktaH

कमयोगी

कमयोगी

मिु नः

MuniH

without Yoga established in Yoga sage

भगवपको

भगवपाचे

मनन करन ेवाला

िचंतन करणारा

परॄ

परॄ

परमााको

परमााला

ॄ

Brahma

Brahman

निचरेण

NachireNa

quickly

शीय ही

लवकरच

अिधगित

Adhigachchhati

goes

ूा हो जाता है

ूा होतो

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ु अय :- हे महाबाहो ! अयोगतः संासः त ु ःखम ् आमु ् , योगयः ु न िचरेण ॄ अिधगित ॥ ५ - ६॥ मिनः English translation:O mighty armed, but renunciation is hard to attain without performance of action. A sage well harmonized in meditation and purified by performance of action, quickly attains Brahmapada i.e. the state of Brahman.

ु :िही अनवाद

पर ु हे अजनु ! कमयोग के िबना संास अथात ् मन , इिय और शरीरारा होन ेवाले सूण  कम म कतापन का ाग करना किठन है और भगवप को मनन करन ेवाला कमयोगी परॄ परमाा को शीय ही ूा हो जाता है । मराठी भाषार :हे

पराबमी

ु अजना, कमयोगावाचून संास ूा कन घेण े फार कठीण

आहे . परंत ु िचनशील , िनाम कमयोगी माऽ लवकरच ॄाला ूा होतो ु होतो . णजेच म िवनोबांची गीताई :-

ु योगावांचिू न संास कध साधे िच ना सख संयमी योग ज़ोडूिन ॄ शीय िच गांठतो ॥ ५ - ६॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ु िवशदाा ु योगयः िविजताा िजतेियः ।

सवभतू ाभूताा कुवन ् अिप न िलते ॥ ५ - ७ ॥ श

ु ः योगय

श उार YogayuktaH

िवशु दाा

Vishudhdaatma

िविजताा

Vijitaatma

िजतेियः

सवभूता-

JitendriyaH

SarvaBhutaatmaBhutaatmaa

भूताा कुवन ्

Kurvan

English िही one who is कमयोगी devoted to the path of action one who has िवशु purified his mind अःकरणवाला one who has िजसका मन अपन े conquered the self वशम है one who has िजसन े अपन े subdued his senses इियको िजत

मराठी कमयोगी

ाचे अंतःकरण शु आहे

ाचे मन ाा काबूत आहे ान े आपली इंििये िजंकली

िलया है

आहेत

one who realises himself as the Self in all other beings

सूण  ूािणयका

सव ूािणमाऽांचा

आप

आा हाच

परमाा ही

ाचा आा

िजसका आा है

झाला आहे

acting

करता आ

कम करीत असताना

अिप

Api

even

भी

ही



Na

not

नह

नाही

िलते

Lipyate

tainted

िल होता

िल होतो

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता ु ु अय :- योगयः िवशदाा , िविजताा , िजतेियः , सवभतू ाभूताा , कुवन ् अिप न िलते ॥ ५ - ७ ॥ English translation:One who is fully devoted to (united with) the path of action, one who has purified his mind, one who has conquered the self, one who has subdued his senses, one who realises himself as the Self in all other beings; even while performing action, he is neither bound nor affected nor tainted.

ु :िही अनवाद

िजसका मन अपन े वश म है जो िजतेिय एवं िवशु अःकरणवाला है और सूण  ूािणय म िवराजमान परमाा ही िजसका आा है ऐसा कमयोगी कम करता आ भी िल नह होता । मराठी भाषार :-

जो कमयोगाचे आचरण करतो, ाचे अंतःकरण शु आहे, ान े तःच तःला िजंकले आहे व आपली इंििये िजंकली आहेत, सव ूािणमाऽांचा आा हाच ाचा आा झाला आहे , ( सव ूािणमाऽांशी ाचे ूेमान े व ु कम करीत असतानाही अिल असतो . ानान े ऐ झाले आहे ) असा पष िवनोबांची गीताई :-

ु अंतर धतला योगी िज़ंकूिन मन इंििय

झाला जीव िच भूतांचा किन िह अिल तो ॥ ५ - ७॥ Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ु मेत तिवत ् । न एव िकं िचत ् करोिम इित यः

पँयन ् वन ् ृशन ् िजयन ् अन ् गन ् पन ् सन ् ॥ ५ - ८॥ श

श उार Na

English not

Eva

िकं िचत ्



िही

मराठी

नह

नाही

even

िनःसेह

िनितपणे

Kinchit

anything

कुछ भी

ु काही सा

करोिम

Karomi

I do

करता ँ

मी करतो

इित

Iti

thus

ऐसा

असा

ु ः य

YuktaH

( सां ) योगी

( सां ) योगी

मेत

Manyet

Yogi (one who has united with Self) should think

मान े ( िक म )

िवचार करावा

एव

Tattvavit तिवत ् पँयन ्

वन ्

ृशन ् िजयन ् अन ्

गन ् पन ् सन ्

Pashyan

knower of truth seeing

Shrunvan

ु े) ( पषान

तको जानन ेवाला त जाणणाढया देखता आ

पाहताना

hearing

ु आ सनता

ऐकताना

Sprushan

touching

श करता आ

श करताना

Jighran

smelling

सूघ ँ ता आ

वास घेताना / ंगताना

Ashnan

eating

भोजन करता आ

खाताना

Gachchhan

going

गमन करता आ

चालताना

Swapan

sleeping

सोता आ

झोपताना

Shvasan

breathing

ास लेता आ

ासोास करताना

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

ु यः तिवत ् पँयन ् , वन ् , ृशन ् , िजयन ् , अन ् , गन ,् पन ् , सन ् ; ( अहम )् िकं िचत ् न एव करोिम इित मेत ॥ ५ - ८॥ English translation:The knower of truth, united with Self, thinks “I do nothing at all” even while seeing, hearing, touching, smelling, eating, going, sleeping, breathing.

ु :िही अनवाद

ु तको जानन ेवाला योगी देखता आ , सनता आ , श करता आ , सूघ ँ ता आ , भोजन करता आ , गमन करता आ , सोता आ , ास लेता आ ; वह िनःसंदहे कुछ भी नह कर रहा है , ऐसा मानता है । मराठी भाषार :-

ु तवेा पष ु योगय तः पाहताना , ऐकताना , श करताना , वास घेताना , खाताना , चालताना , झोपताना , ासोास

करताना मी काहीच

करीत नाही असे समजतो . िवनोबांची गीताई :-

ु न कांह मी कर ऐस योगी त ज़ाणनी

देख े ऐके िशवे ंग े खाय ज़ाय िनज़े से ॥ ५ - ८ ॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ूलपन ् िवसृजन ् गृन ् उिषन ् िनिमषन ् अिप ।

इियािण इियाथष ु वते इित धारयन ् ॥ ५ - ९ ॥ श

ूलपन ्

िवसृजन ् गृन ्

उिषन ्

िनिमषन ्

श उार Pralapan

English speaking

Visrujan

releasing

िही

मराठी

बोलता आ

बोलताना

( मलमूऽ )

( मलमूऽ )

ागता आ

िवसजन करताना

GruhNan

holding

महण करता आ घेताना

UnmiShan

opening

( आँख को )

( डोळयांा

खोलता आ

पापया ) उधडताना

Nimishan

closing ( the eyes )

आँख को मूदँ ता

( डोळयांा

आ

पापया ) िमटताना

अिप

Api

also

भी

ु सा

इियािण

IndriyaaNi

senses

सब इियाँ

सव इंििये

इियाथष ु

Indriyaartheshu

amongst sense objects

अपन े अपन े अथ आपापा

वत े

Vartante

इित

धारयन ्

म

िवषयांत

move

बरत रही ह

वहार करतात

Iti

thus

इसूकार

असे

Dhaarayan

being convinced

समझकर

समजून

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

ूलपन ् , िवसृजन ् , गृन ् , उिषन ् , िनिमषन ् अिप इियािण इियाथष ु वते इित धारयन ् ( अहम ् िकं िचत ् न एव करोिम इित मेत ) ॥ ५ - ९ ॥ English translation:…speaking, releasing, seizing, opening and closing (the eyes) – he is convinced, “The senses move amongst the sense objects”.

ु :िही अनवाद बोलता आ , ागता आ , महण करता आ , तथा आँख को खोलता और मूदँ ता आ भी सब इियाँ अपन े अपन े अथ म बरत रही ह ; इसूकार वह िनःसेह ऐसा मान े िक , म कुछ भी नह करता ँ । मराठी भाषार :बोलताना , मलमूऽ िवसजन करताना , घेताना , डोळयांा पापया उघडताना व िमटताना ( इािद िबया करीत असताना ) के वळ इंिियेच आपापा िवषयांा

ठायी

वावरत आहेत ( आिण मी काहीच

करीत नाही असे

समजतो ) . िवनोबांची गीताई :-

बोले सोडी धरी िकं वा पापणी हालवी ज़री

ु इंििय आपा अथ वागती ह िच पाहतो ॥ ५ - ९ ॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ॄिण आधाय कमािण सम ् क-् ा करोित यः ।

िलते न सः पापेन पपऽम ् इव असा ॥ ५ - १० ॥ श

श उार BrahmaNi

English in Brahman

िही

मराठी

परमाा म

परमाामे

आधाय

Aadhaaya

कमािण

KarmaaNi

having placed actions

अप ण कर

अप ण कन

सब कम को

सव कम

Sangam

attachment

आसि को

आसीचा

क-् ा

tyaktva

ाग कर

ाग कन

Karoti

having abandoned acts

करोित

करता है

( कम ) करतो

यः

YaH

who

ु ) जो ( पष

ु ) जो ( पष

िलते

Lipyate

tainted

िल होता

िल होतो



Na

not

नह

नाही

सः

SaH

he

ु ) वह ( पष

ु ) तो ( पष

पापेन

Papen

by sin

पाप से

पापान े

lotus leaf

कमल के पे की

कमळाचे पान

like

भाँित

( कमळाा पाना )

ॄिण

सम ्

Padmaपपऽम ् patram Eva इव

ूमाणे असा

Ambhasaa

Sanyasa Yoga

by water

जल से

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पायान े

Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

यः सम ् क-् ा कमािण , ॄिण आधाय करोित ; सः पपऽम ् इव ,

असा पापेन न िलते ॥ ५ - १० ॥ English translation:-

He, who dedicating his actions to Brahman acts abandoning attachment, is not tainted by sin just like a lotus leaf is not tainted by water.

ु :िही अनवाद

ु सब कम को परमाा म अप ण कर और आसि को ाग कर जो पष ु जल से कमल के पे की भाँित पाप से िल नह कम करता है ; वह पष होता । मराठी भाषार :जो फलासी सोडून कम ॄाप ण करतो तो , जसे कमळाचे पान पायात रानही िभजत नाही , तसा पापान े िल होत नाही . िवनोबांची गीताई :-

ॄ ठे विू नयां कम संग सोडुिन ज़ो करी

पाप न िल तो होय प पऽ ज़स जळ ॥ ५ - १० ॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

कायेन मनसा बदु -् ा के वलैः इिय ैः अिप ।

ु ॥ ५ - ११॥ योिगनः कम कुवि  सम ् क-् ा आशदये श

श उार Kaayen

English by body

मनसा

Manasaa

बदु ्-ा

कायेन

िही

मराठी

शरीर ारा

शरीरारा

by mind

मन

मनान े

Bud-dhya

by intellect

ु बि

ु े बीन

के वलैः

KevalaiH

only

के वल

के वळ

इिय ैः

IndriyaiH

by senses

इिय

इंिियांनी

अिप

Api

also

भी

(यांाारा) ही

योिगनः

YoginaH

Yogis

कमयोगी

िनाम कमयोगी

कम

Karma

action

कम

सव कम

कुवि

Kurvanti

perform

करते ह

करतात

Sangam

attachment

क-् ा

आसि ( को )

आसी ( चा )

Tyaktva

ागकर

ाग कन

आशु दये

Aatmashudhdaye

having abandoned for self purification

अःकरण की

अंतःकरणाा

सम ्

(ममबिु रिहत)

Sanyasa Yoga

शिु  के िलये

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शु ीसाठी

Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

ु योिगनः आशदये कायेन , मनसा , बदु -् ा , के वलैः इिय ैः अिप

सम ् क-् ा कम कुवि  ॥ ५ - ११॥ English translation:-

After having abandoned attachment (to the favourable outcome i.e. fruit of action), the Yogis merely perform action by the sense organs, physical body, mind and intellect only for selfpurification.

ु :िही अनवाद

ु ु और शरीर ारा आसि को योगी ममबिरिहत के वल इिय , मन , बि ु के िलये कम करते ह । ागकर िच की शि मराठी भाषार :-

ु े आिण ु िनामकमयोगी आ ( िच ) शीकरता शरीरान े , मनान े , बीन इंिियांनी के वळ आसी सोडून कम करीत असतात . िवनोबांची गीताई :-

ु देहा मनान बीन इंिियांनी िह के वळ

ु ु  िनःसंग योगी कम अनिती आ - शथ ॥ ५ - ११॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ु कमफलम ् क-् ा शािम ् आोित न ैिकीम ।् यः

ु कामकारेण फले सः िनबते ॥ ५ - १२ ॥ अयः श ु ः य कमफलम ् क-् ा शािम ् आोित

न ैिकीम ्

श उार YuktaH

English the united one / the well poised Karmaphalam fruit of action Tyaktvaa having abandoned Shaantim peace Aapnoti

attains

NaiShthikeem final

िही कमयोगी

मराठी कमयोगी

कम के फल का कमफळाचा ाग कर

ाग कन

शाि को

शांती

ूा होता है

ूा कन घेतो

भगवािप

परमशांतीला (मोाला)

ु ः अय

AyuktaH

कामकारेण

KaamakaareNa

the nonunited impelled by desire

ु सकाम पष

ु सकाम पष

कामना की

े ा ूेरणेन े कामन

फल म

फळामे

आस होकर

आस होऊन

बँधता है

बंधनात पडतो

फले

Phale

सः

SaktaH

in fruit of action attached

िनबते

Nibadhyate

is bound

Sanyasa Yoga

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ूेरणा से

Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

ु ु यः कमफलम ् क-् ा न ैिकीम ् शािम ् आोित । अयः कामकारेण

फले सः िनबते ॥ ५ - १२ ॥ English translation:-

The Yukta (the well poised Yogi) having abandoned the fruit of action attains eternal peace, the Ayukta (the non-united) impelled by desire and attached to fruit of action is bound in the cycle of life and death.

ु :िही अनवाद योगी िनाम कम के फलका ाग कर भगवािप शाि को ूा होता

ु है और सकाम कम करन े वाला पष कामना की ूेरणा से फल म आस होकर बँधता है । मराठी भाषार :िनाम कमयोगी

कमफळाचा ाग कन परमशांतीला ( मोाला ) ूा

होतात , पण जे कमयोगाचे आचरण करीत नाहीत ते कामनावश झाान े फळात आस होऊन ( ज-मृ ु चबात ) ब होतात. िवनोबांची गीताई :-

ु तो फळ सोडूनी शांित िनळ पावतो य

ु ैर वृीन फळ आस बांिधला ॥ ५ - १२॥ अय

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ु ् वशी । सवकमािण मनसा सं आे सखम

नवारे परेु देही न एव कुवन ् न कारयन ् ॥ ५ - १३ ॥ श

श उार Sarvaसवकमािण karmaaNi

English all actions

िही

मराठी

सब कम को

सव कमाचा

मनसा

Manasaa

by mind

मन से

मनान े

सं

Sannyasya

ाग कर

ाग कन

आे

Aaste

having renounced rests

ित रहता है

राहतो

Sukham

happily

 आनपूवक

ु े सखान

् ु सखम

(सिदानघन परमाा के प म)

वशी

Vashee

the selfcontrolled

अःकरण िजस के

मन व इंिियांवर

वश म है

ताबा असणारा ानी

ु पष

Navadvaare in ninegated Pure in city

नवारवाले

नऊ दारे असणाढया

घर म

घरात

देही

Dehee

embodied

शरीरप

शरीरप



Na

not



( काहीही ) नाही

एव

Eva

even

कुवन ्

और



Kurvan

acting

करता आ

करणारा



Na

not

नही

( काहीही ) नाही

Kaarayan

causing to act

करवाता आ

करिवणारा

नवारे परेु

कारयन ्

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :- वशी

देही

सवकमािण

मनसा सं , नवारे परेु , न एव

ु ् आे ॥ ५ - १३ ॥ कुवन ् , न कारयन ् सखम

English translation:Having mentally renounced all actions, the self-controlled, the embodied one rests happily in the city of nine gates neither even acting himself nor causing others to act.

ु :िही अनवाद अःकरण िजस के वश म है ऐसा सांयोग का आचरण करन ेवाला

ु न करता आ और न करवाता आ ही नवारवाले शरीर पी िनवास पष / माम / नगर म ; सब कम को

 मन से ाग कर आनपूवक

सिदानघन परमाा के प म ित रहता है । मराठी भाषार :-

ु िजतििय , ानी पष सव कमाचा मनान े संास कन ( ईराप ण ु ु ु , मऽार ु कन ) , ( दोन डोळे , दोन कान , दोन नाकपा , मख व गदार )

ु े नऊ ारांा देहपी नगरात काहीही न करता व काहीही न करिवता सखान राहातो . िवनोबांची गीताई :-

ु मनान सगळ कम सोडुनी संयमी सख

ु राहे करी ना करवी िह ना ॥ ५ - १३॥ नव – ार - पर

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

् न कमािण लोक सृजित ूभःु ।  न कतृम

न कमफलसंयोगम ् भावः त ु ूवतते ॥ ५ - १४ ॥ श

श उार Na

English not

 म् कतृ

Kartutvam



Na



िही

मराठी

न / नही ( तो )

न / नाही

agency

कतापनकी

कतपण

not

( और ) न /

न / नाही

नही कमािण

KarmaaNi

actions

कमकी

कम

लोक

Lokasya

of world

ु मनके

ु चे मनां

सृजित

Srujati

creates

रचना करते ह

िनमाण करतो

ूभःु

PrabhuH

Lord

परमेर

परमेर



Na

not

न / नही

न / नाही

कमफल-

Karmaphala- union with Sanyogam fruit of action

कमफलके

कमफळाशी

संयोगकी

संयोग

भावः

SvabhaavaH

nature

भाव ( ही )

ूकृ ती ( च )

तु

Tu

but

िक ु

परंत ु

ूवतत े

Pravartate

manifests

बत रहा है

सव काही िनमाण

संयोगम ्

करते

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

् न कमािण न कमफलसंयोगम ् सृजित । भावः  ूभःु लोक न कतृम त ु ूवतते ॥ ५ - १४ ॥

English translation:The Lord creates neither agency (doer-ship) nor actions nor the union with fruit of action for the world, but the nature manifests itself.

ु :िही अनवाद

ु के न तो कतापन की , न कम की और न कमफल के संयोग परमेर मन की ही रचना करते ह ; िक ु भाव ही बरत रहा है , अथात ् ूकृ ती माँ ही ु से सब कुछ करवाती है । अपन े गण मराठी भाषार : , कमूवृि तसेच कमफळाशी संयोगही िनमाण ईर ूािणमाऽांामे कतृ करीत नाही . परंत ु भाव णजेच ूकृ तीच ा सव गोी िनमाण करते . िवनोबांची गीताई :-

न कतपण लोकांच े न कम िनिमतो ूभ ु

न कम फल - संयोग भाव सव होतसे ॥ ५ - १४ ॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

न आदे किचत ् पापम ् न च एव सकृु तम ् िवभःु ।

ु अान ेन आवृतम ् ानम ् तेन मि जवः ॥ ५ - १५ ॥ श न आदे

श उार Na

English not

Aadatte

Kasyachit किचत ् Paapam पापम ् Na न

िही

मराठी

न / नही

न / नाही

takes

महण करता है

ीकार करतो

of anyone

िकसी के

कुणाचे

sin

पापकम को

पापकम

not

न / नही

न / नाही

( िकसी के ) च

Cha

and

और

आिण

एव

Eva

even

सकृु तम ्

ही

ु सा

Sukrutam

virtue

शभु कम को

शभु कम

िवभःु

VibhuH

अानने

Adnyaanen

Omnipresent सवापी परमेर (the Lord) भी by ignorance अान के ारा enveloped ढका आ है knowledge ान by this उसी से are deluded मोिहत हो रहे ह beings ( सब अानी )

आवृतम ्

Aavrutam

ानम ्

Dnyaanam

तेन

Ten

ु ि म

Muhyanti

जवः

JantavaH

Sanyasa Yoga

ु मन

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सवापी परमेर अानान े आािदत ान ु े ामळ मोिहत होतात ( सव अानी ) माणसे

Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

िवभःु न किचत ् पापम ् , न च एव सकृु तम ् आदे । अान ेन ु ॥ ५ - १५ ॥ आवृतम ् , तेन जवः मि

ानम ्

English translation:The Lord accepts neither the sin nor even the virtue of anyone; knowledge is veiled by ignorance, thereby beings are deluded.

ु :िही अनवाद

ु सवापी परमेर न िकसी के पापकम को और न िकसी के शभकम को ही महण करता है ; िक ु अान के ारा ान ढका आ है , उसी से सब ु मोिहत हो रहे ह । अानी मन मराठी भाषार :-

ु ीकार करीत नाही . सवापी परमेर कोणाही ूािणमाऽाचे पाप वा पय ु ते मोिहत होतात . लोकांच े ान अानान े आािदत झाामळे िवनोबांची गीताई :-

ु िह तो िवभ ु न घे पाप िह कोणाच न वा पय

ु जीव मोिहत ॥ ५ - १५॥ अान झांिकल ान ामळ

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ान ेन त ु तत ् अानम ् येषाम ् नािशतम ् आनः ।

तेषाम ् आिदवत ् ानम ् ूकाशयित तत ् परम ् ॥ ५ - १६ ॥ श ान ेन तु

तत ्

अानम ् येषाम ्

नािशतम ् आनः तेषाम ्

श उार Dnyaanen

English

िही

मराठी

by knowledge (wisdom)

( त ) ान

Tu

but

पर ु

परंत ु

Tat

that

वह

ते

Adnyaanam

ignorance

अान

अान

Yeshaam

of whom

िजस का

ांच े

Naashitam

is destroyed

न कर िदया

नाहीसे झालेले

गया है

असते

परमाा के

परमाा

AatmanaH

of self

( त ) ानान े

ारा

िवषयीचे TheShaam

of them

उनका ( वह )

ांच े

Aadityavat

like the Sun

ानम ्

सूय  के सश

सूयाूमाणे

Dnyaanam

knowledge

ान

ान

ूकाशयित

Prakaashayati reveals /shines forth

ूकािशत कर

ूकािशत करते

Tat

that

उस

ा

Param

Supreme (the highest)

सिदानघन

सिदानंदघन

परमाा को

परमााला

आिदवत ्

तत ्

परम ्

Sanyasa Yoga

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देता है

Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

येषाम ् त ु तत ्

अानम ् आनः

ान ेन

आिदवत ् तत ् परम ् ूकाशयित ॥ ५ - १६ ॥

नािशतम ् , तेषाम ् ानम ्

English translation:But in whom ignorance is destroyed by Self knowledge, in them knowledge reveals the Supreme like the Sun.

ु :िही अनवाद

पर ु िजसका वह अान परमााके तानारा न कर िदया गया है , उनका वह ान सूय के सश उस सिदानघन परमााको ूकािशत कर देता है । मराठी भाषार :ांच े आािवषयीचे अान , आानान े नाहीसे झालेले असते , ांच े ते आान सूयाूमाणे , ा परौे ताला ूकािशत करते . िवनोबांची गीताई :-

गेले अान त ांच आ - ान तयां मग

पर ॄ िदसे  ज़णूं सूय  ूकािशल ॥ ५ - १६॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ु तद-् बदयः तदाानः तिाः तरायणाः ।

ु  ॥ ५ – १७ ॥ गि अपनरावृ िम ् ानिनधूतकषाः श ु तद ्-बदयः तदाानः तिाः

श उार TadBudhdayaH

English intellect absorbed in that

िही

TadaatmaanaH

their self (mind) being that

TanniShthaaH

established सिदानघन in that परमाा म ही

ु िजन की बि तिूप हो रही है

िजन का मन

तिूप हो रहा है

िजन की िनरर

मराठी ु तिूप ांची बी झालेली असते

ांच े मन तिूप झालेले असते

ावरच ांची िना िर झालेली असते

एकीभाव से िित है तरायणाः

TatparaayaNaaH

with that as the Supreme goal

ु तरायण पष

ातच ांच े िच एकाम झालेले असते

गि

Gachchhanti

they go

ूा होते ह

ूा होतात

अ-

A-Punaraavruttim

not again returning

ु अपनरावृ ि को

परत न येणाढया

ु पनरावृ िम ् ानिनधूत कषाः

DnyaanNirdhootaKalmaShaaH

Sanyasa Yoga

whose sins have been dispelled by knowledge

अथात ् परमगित

णजेच

को

परमगतीला

ान के ारा

ांच े पाप ानान े

पापरिहत होकर

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ु पार धतले गेलेले आहे

Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता ु  अय :- तद-् बदयः , तदाानः , तिाः , तरायणाः ानिनधूतकषाः ु अपनरावृ िम ् गि ॥ ५ – १७ ॥ English translation:With mind and intellect established in That (realisation of the Supreme Self) as the Supreme goal, they, whose sins have been dispelled by knowledge, reach a state of no return (from the cycle of life and death).

ु :- िजन का मन तिूप हो रहा है , िजन की बि ु तिूप हो रही िही अनवाद

है और सिदानघन परमाा म ही िजन की िनरर एकीभाव से िित है , ऐसे तरायण

ु ु पष ान के ारा पापरिहत होकर अपनरावृ ि को

अथात ् परमगित को ूा होते ह । मराठी भाषार :-

ु रममाण झालेली असतात , ा परॄाा िठकाणी ांच े मन व बी ावरच ांची िना िर झालेली असते , ातच ांच े िच एकाम झालेले ु ु ज-मरणाा े े आहे , ते पनः असते व ांच े पाप ानान े पार धतले गेलल ु होतात ) . भोवढयात सापडत नाहीत ( म िवनोबांची गीताई :-

ु िनय जीवन रंगले ांत ओतूिन बि

ु ु येती न माघारे ान पाप धऊिनयां पां ॥ ५ - १७ ॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

िवािवनयसंपे ॄाणे गिव हििन ।

ु च एव पाके च पिडताः समदिशनः ॥ ५ - १८ ॥ शिन श

श उार Vidyaिवािवनयसंपे VinayaSampanne

English endowed with learning and knowledge in a brahmana in a cow

िही

मराठी

िवा और

िवा व िवनय

ॄाण म

ॄाणात

गौ

गाईत

हाथी

हीमे

कुे

कुात

ु िवनय य

ु यांनी य

ॄाणे

BrahmaNe

गिव

Gavi

हििन

Hastini

शिु न

Shuni

in an elephant in a dog



Cha

and

और

ु सा

एव

Eva

even

ही होते ह

तसेच

पाके

Shvapake

चाडाल म भी चांडाळाा ठायी



Cha

in a pariah (dog-eater) / in an outcast and

पिडताः

PaNDitaaH

समदिशनः

SamadarshinaH

sages (the wise) seeing equality

ु सा

तथा

आिण

ानीजन

ानी माणसे

समदश

सवाा िठकाणी सारखी ी असणारे

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

ु च पाके च एव पिडताः िवािवनयसंपे ॄाणे , गिव , हििन , शिन समदिशनः ( सि ) ॥ ५ - १८ ॥ English translation:The sages view equally a brahmana endowed with learning and humility, a cow, an elephant, a dog and even an outcast.

ु :िही अनवाद

ु ॄाण म तथा गौ , हाथी , कु े और वे ानीजन िवा और िवनयय

चाडाल म भी समदश ही होते ह , अथात ् वे सब म परमाा के दशन पाते ह । मराठी भाषार :-

ु ॄाण तसेच गाय , ही , कुऽा आिण ानी लोक , िवा व िवनय यांनी य चांडाळ या सवाकडे समभावान े पाहतात . िवनोबांची गीताई :-

िवा िवनय संप िज गाय तसा गज

ान चांडाळ हे सारे त- सम पाहती ॥ ५ - १८॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

इह एव त ैः िजतः सगः येषाम ् साे ितम ् मनः ।

िनदषम ् िह समम ् ॄ तात ् ॄिण ते िताः ॥ ५ - १९ ॥ श

श उार Eha

English here

िही

मराठी

इस जीिवत अवा म

येथ े ( िजवंतपणीच )

एव

Eva

even

ही



त ैः

TaiH

by them

उन के ारा

ांनी

िजतः

JitaH

conquered

जीत िलया ( गया है )

िजंकलेला आहे

सगः

SargaH

सूण  संसार

ज

येषाम ्

YeShaam

birth (creation) of whom

िजन का

ांा

साे

Saamye

समभाव म

समभावान े

ितम ्

Sthitam

in evenness fixed

ित ( है )

िर असतो

मनः

ManaH

mind

मन

मन

इह

िनदषम ्

Nirdosham spotless

िनदष

िनदष

िह

Hi

indeed

समम ्

िक

कारण

Samam

equal

सम ( है )

सम

ॄ

Brahma

Brahmana

तात ्

सिदानन परमाा ॄ

Tasmaat

therefore

इस से

ॄिण

Brahmani

in Brahmana

सिदानन परमाा सिदानन म

परमाामे

णून

ते

Te

they

वे

ते

िताः

SthitaaH

established

ित ( ह )

ित असतात

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

येषाम ् मनः साे

ितम ् , त ैः इह एव सगः िजतः , ॄ

समम ् िनदषम ् , तात ् ते ॄिण िताः ॥ ५ - १९ ॥

िह

English translation:Even here birth is overcome by those whose mind rests in evenness; Brahman is indeed spotless and equal, therefore they are established in Brahman.

ु :िही अनवाद िजनका मन समभाव म ित है उन के ारा इस जीिवत अवा म ही सूण  संसार जीत िलया गया है ; िक सिदानघन परमाा िनदष और सम है , इससे वे सिदानन परमाा म ही ित ह । मराठी भाषार :ांा मनामे समभाव सतत असतो , ांनी येथ ेच ( िजवंतपणीच ) संसार िजंकलेला आहे ; कारण ॄ हे िनदष व सम आहे णून ते ॄाा ठायी ु ॄमय होतात . िर झालेले असतात , णजेच असे समदश पष िवनोबांची गीताई :-

इथ िच िजंकला ज सम मन रोवनु ी

िनदष सम ज ॄ झाले तेथ िच ते िर ॥ ५ - १९॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

न ूेत ् िूयम ् ूा न उिजेत ् ूा च अिूयम ् ।

ु िरबिदः असंमढू ः ॄिवत ् ॄिण ितः ॥ ५ - २० ॥ श न

श उार Na

ूेत ्

Prahrushyet

िूयम ्

Priyam

ूा

Praapya



Na

उिजेत ्

Udvijet

ूा

Praapya



Cha

अिूयम ्

Apriyam

िर-

SthirbudhdiH

असंमढू ः

ASammudhaH Brahmavit

ु बिदः ॄिवत ् ॄिण

Brahmani

English neither

िही

मराठी

नह

नाही

should rejoice the pleasant

हिषत हो

आनंिदत होत

िूय को

िूय गो

having obtained nor

ूा होकर

ूा झाावर

नह

नाही

should grieve having obtained and

उि हो

उि होत

ूा होकर

ूा झाावर

और

आिण

the unpleasant one with steady intellect

अिूय को

अिूय गो

िरबिु 

ु िरबी

undeluded

संशयरिहत

संशयरिहत

knower of Brahman in Brahman

ु ॄवेा पष

ु ॄवेा पष

सिदानघन

ॄपामे

परॄ परमाा म ( एकीभावसे िन ) ितः

SthitaH

Sanyasa Yoga

established

ित ( है )

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िन िर राहातो Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

िूयम ् ूा

न ूेत ् , अिूयम ् ूा च न उिजेत ् , ( एवम ् )

ु िरबिदः , असंमढू ः ॄिवत ् ॄिण ितः ॥ ५ - २० ॥ English translation:-

With steady intellect, established in Brahman, the undeluded knower of Brahman neither rejoices on obtaining what is pleasant nor grieves on obtaining what is unpleasant.

ु :िही अनवाद

ु जो पष िूय को ूा होकर हिष त नह हो और अिूय को ूा होकर

ु संशयरिहत ॄवेा पष ु उि न हो ; वह िरबि सिदानघन परॄ परमाा म एकीभाव से िन ित है । मराठी भाषार :-

ू ा ूाीन े आनंिदत होत नाही आिण अिूय व ू ूा झाली जो िूय व

ु असता उि होत नाही , तो िर बीचा आिण कधीही मोहात न गतं ु णारा ु , ॄपामे िन िर असतो . ॄानी पष िवनोबांची गीताई :-

िूय लाभ नको हष  नको उेग अिूय

ु िनळ िनमह ॄ ानी िरावला ॥ ५ - २०॥ बि

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ु ्। बाशष ु असाा िवित आिन यत ् सखम

ु ु ् अयम ् अतेु ॥ ५ - २१ ॥ सः ॄयोगयाा सखम श

श उार English Baahyain external बाशष ु Sparsheshu contacts असाा

Asaktaaatmaa

िही बाहरके िवषयम

मराठी बाशािद िवषयभोगात

whose आसि रिहत mind is unattached अःकरणवाला

आसिरिहत ( अःकरणाचा )

साधक

साधक

िवित

Vindanti

finds

ूा होता है

ूा कन घेतो

आिन

Aatmani

in Self

आा म ित

आामे ित

Yat

which

जो ( ानजिनत

जो

यत ्

सािक )

् ु सखम

Sukham

happiness

आन है

आन

सः

SaH

he

वह

तो

ॄयोग-

one who is Brahmaunited to YogaYuktaatmaa Brahman by Yoga

सिदानघन

ु पष ु ॄयोगय

ु ाा य

परॄ परमाा के ानप योग म अिभभाव से

् ु सखम

ु ित पष Sukham

bliss

अयम ्

आन का

आनंदाचा

Akshayam

eternal

अय

अय

अतेु

Ashnute

attains

ु करता है अनभव

ु घेतो अनभव

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

ु ् िवित , ( तत )् ( यः ) बाशष ु असाा ( सः ) आिन यत ् सखम ु ु ् सः ॄयोगयाा अतेु ॥ ५ - २१ ॥ अयम ् सखम English translation:Unattached to external contacts he finds the happiness that is in the Self, uniting oneself to Brahman by Yoga, he attains eternal bliss.

ु :िही अनवाद बाहर के िवषय म आसिरिहत अःकरणवाला साधक आा म ित जो ानजिनत सािक आन है , उस को ूा होता है , तदनर वह ु सिदानघन परॄ परमाा के ानप योग म अिभभाव से ित पष ु करता है । अय आन का अनभव मराठी भाषार :-

ु िमळते . जो बाशािद िवषयभोगात आस होत नाही ालाच आसख ु पष ु िचरंतन , शात सखाला ु तोच ॄयोगय ूा होतो . िवनोबांची गीताई :-

ु काय त िवटला िवषय ज़ाणे अंतर सख

ु अय ॥ ५ - २१॥ ॄी िमसळला तेां भोगी त सख

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ये िह संशजाः भोगाः ःखयोनयः एव ते ।

ु ॥ ५ - २२॥ आवः कौेय न तेष ु रमते बधः श ये

श उार Ye

English which (those)

िही ( जो ) ये

मराठी हे ( िजतके )

( इिय तथा )

िह

Hi

for / verily

िनःसेह

िनितपणे

संशजाः

SamSparshajaaH

born of contacts

िवषय के संयोग

इंिियांा व

से उ

िवषयांा शापासून

होन ेवाले

िमळणारे

( सब ) भोग

ु ( आहेत ) सख

भोगाः

BhogaaH

enjoyments

( ह ) ःखयोनयः एव ते आवः कौेय न तेष ु रमते ु बधः

wombs / ःख के हेत ु ( ह ) ःखाचे कारण generators of sorrow ( आहेत ) Eva only ही फ Te those वे ते सव Aadyanta having आिद अवाले ांना उी व नाश -VantaH beginning and end ु े - अिन अथात ् अिन असामळ Kaunteya O Arjuna! हे अजनु ! हे अजनु ा ! Na not नह नाही Teshu in them उन म ात Ramate rejoices रमता रममाण होतात BudhaH the wise one ् पष ु ु ु बिमान ानी / िववेकी पष DuHkhaYonayaH

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :- हे कौेय ! ये िह संशजाः भोगाः ते ःखयोनयः आवः ु न रमते ॥ ५ - २२॥ एव , तेष ु बधः English translation:O son of Kunti, for the enjoyments / delights that are born of contacts are only generators (wombs) of sorrow; they have a beginning and a definite end (and therefore being non-lasting / impermanent), the wise one does not rejoice in them.

ु :िही अनवाद जो ये इिय तथा िवषय के संयोग से उ होन ेवाले सब भोग ह , यिप ु ु िवषयी पष को सखप भासते ह तो भी िनःसेह ःख के ही हेत ु ह और ् िववेकी ु आिद अवाले अथात ् अिन ह । इसिलये हे अजनु ! बिमान ु उन म नह रमता है । पष मराठी भाषार :-

ु ु , इंिियांा व िवषयांा शापासून िमळणारे जे सख हे कं ु तीपऽु अजना

ु ( ते आहे ते ःखाचे कारण आहे ; ांना उी आिण नाश असामळे ु ात रममाण होत नाही . शात आनंद देणारे नाहीत ) णून ानी पष िवनोबांची गीताई :-

िवषयांतील ज़े भोग ते ःखास िच कारण

येत ज़से तसे ज़ाती िववेकी न रमे ितथ ॥ ५ - २२॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

शोित इह एव यः सोढम ु ् ूाक ् शरीरिवमोणात ् ।

ु सः सखी ु नरः ॥ ५ - २३ ॥ कामबोधोवम ् वेगम ् सः यः श शोित

श उार Shaknoti

English is able

िही

मराठी

समथ  हो जाता क शकतो है

इह

Iha

here

ु इस ( मन-

या ( जगात िजवंत

शरीर म )

असताना )

एव

Eva

even

ही

ु सा

यः

YaH

he

जो ( साधक )

जो ( साधक )

Sodhum

to withstand

ूाक ्

सहन करन े म

सहन करयास

Praak

before

पहले - पहले

होयापूव

शरीर-

Shareer-VimokshaNaat

liberation from the physical body born of desire and anger

शरीर का नाश

शरीराचा नाश

( होन े से )

( होयापूवच )

काम - बोध से

काम-बोधांपासून

सोढम ु ्

िवमोणात ्

Kamakrodhaबोधोवम ् Udbhavam Vegam वेगम ् SaH सः YuktaH ु ः य SaH सः Sukhee ु सखी काम-

नरः

NaraH

Sanyasa Yoga

उ होन ेवाले उ झालेला

force

वेग को

आवेग

he

वही

तो ( च )

Yogi

योगी ( है )

योगी

he

वही

तो ( च )

happy

ु ( है ) सखी

ु सखी

man

ु पष

ु पष

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

इह एव शरीरिवमोणात ् ूाक ् , यः कामबोधोवम ् वेगम ् सोढम ु ् शोित , सः ु सः सखी ु ( भवित ) ॥ ५ - २३ ॥ नरः यः English translation:He who is able to resist the impulses of desire and anger even here in this world before he finally quits / abandons the physical body; he is a Yogi and a happy man.

ु :िही अनवाद

ु जो साधक इस मनशरीर म शरीर का नाश होन े से पहले ही काम और ु बोध से उ होन ेवाले वेग को सहन करन े म समथ  हो जाता है ; वही पष ु है । योगी है और वही सखी मराठी भाषार :जो या जगात िजवंत असताना काम-बोधांपासून उ झालेला आवेग सहन ु पष ु होय . क शकतो तोच योगी आिण सखी िवनोबांची गीताई :-

ूय मरणापूव ा देह िजरवूं शके

ु ॥ ५ - २३॥ काम - बोधांतले वेग तो योगी तो खरा सखी

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ु अरारामः तथा अितः एव यः । यः अःसखः

सः योगी ॄिनवाणम ् ॄभूतः अिधगित ॥ ५ - २४ ॥ श

श उार

English

िही

मराठी

यः

YaH

who

ु ) जो ( पष

ु ) जो ( पष

ु अःसखः

AntaHSukhaH

one whose happiness is within

अराा म ही

आपा (तःाच )

ु सखवाला

ु ूा अंतरंगामे सख

करणारा AntaraaRaamaH

one who rejoices within

तथा

Tatha

अितः

अरारामः

एव

आा म ही रमण

पामे रममाण

करनवे ाला है

होणारा

also

तथा

तसेच

AntarJyotiH

one who is illuminated within

जो आा म ही

आप हाच

ानवाला है

ाचा ूकाश आहे

Eva

even / alone

िनःय कर

( ॄाा िशवाय काहीही नाही असा ) िनय कन

यः

YaH

who

ु ) जो ( पष

ु ) जो ( पष

सः

SaH

that

वह

तो

योगी

Yogi

Yogi

( सां ) योगी

ु योगी पष

bliss of Brahman / absolute freedom becoming Brahman

शा ॄ को

ॄपाला

सिदानघन

ॄपाशी एकप

परॄ परमाा के

होऊन

Brahaॄिनवाणम ् Nirvanam Brahmaॄभूतः BhootaH

साथ एकीभावको ूा अिधगित

Adhigachchhati

Sanyasa Yoga

attains

ूा होता है

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ूा करतो

Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

ु , अरारामः , तथा यः अितः एव , सः योगी यः अःसखः ॄभूतः ॄिनवाणम ् अिधगित ॥ ५ - २४ ॥ English translation:He whose happiness is within (himself), whose delight is within, whose illumination is within; only that Yogi becomes Brahman and gains the bliss of Brahman.

ु :िही अनवाद

ु ु जो पष िनःय कर अराा म ही सखवाला है , आा म ही रमण करन ेवाला है तथा जो आा म ही ानवाला है ; वह सिदानघन परॄ परमाा के साथ एकीभाव को ूा योगी , शा ॄ को ूा होता है । मराठी भाषार :-

ु ु ूा करतो , पामे जो पष आपा तःाच अंतरंगामे सख रममाण होतो तसेच ाामे आप हाच ूकाश आहे , तो योगी ु ॄपाशी एकप होऊन ॄपाला ूा करतो . पष िवनोबांची गीताई :-

ूकाश िरता सौ अंतरी लाभल जया

ॄ होऊिन तो योगी ॄ िनवाण मेळवी ॥ ५ - २४॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

लभे ॄिनवाणम ् ऋषयः ीणकषाः ।

िछैधाः यताानः सवभतू िहते रताः ॥ ५ - २५ ॥ श लभे

श उार Labhante

Brahmaॄिनवाणम ् NirvaNam Rhushaऋषयः yaH KsheeNaीणकषाः KalmaShaaH

English attain bliss of Brahman sages those whose sins are destroyed

िही

मराठी

ूा होते ह

िमळिवतात

शा ॄको

ॄिनवाणप मो

ु ॄवेा पष

( ते ) तवे े ऋषी

िजनके सब पाप

ांची सव पापे

न हो गये ह

नाहीशी झालेली आहेत

िछैधाः

ChhinnaDvaidhaaH

those whose dualities are destroyed

िजनके सब

ांची िधा

संशय ानके

मनोवृी नाहीशी

ारा िनवृ हो

झालेली आहे

गये ह यताानः

YatAatmaanaH

those who are self controlled

और िजनका

ांनी आसंयमन

जीता आ मन

के लेले आहे

िनलभावसे परमााम ित है सवभतू िहते रताः

SarvaBhootaHite RataaH

in welfare of सूण  ूािणयके all beings िहतम revel रत ह

सव ूािणमाऽांा िहतासाठी ( जे ) रममाण झालेले आहेत

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :- ीणकषाः , िछैधाः , यताानः , सवभतू िहते रताः ऋषयः

ॄिनवाणम ् लभे ॥ ५ - २५ ॥ English translation:-

Sages whose sins have been destroyed, whose dualities are destroyed, who are self-controlled and who revel in the welfare of all beings attain the Bliss of Brahman.

ु :िही अनवाद िजनके सब पाप न हो गये ह , िजनके सब संशय ान के ारा िनवृ हो गये ह ,जो सूण  ूािणय के िहत म रत ह और िजनका जीता आ मन ु िनलभाव से परमाा म ित है , वे ॄवेा पष शा ॄ को ूा होते ह । मराठी भाषार :ांची सव पापे नाहीशी झालेली आहेत , ांची िधा मनोवृी नाहीशी झालेली आहे , ांनी आसंयमन के लेले आहे व सव ूािणमाऽांा िहतात जे रममाण झालेले आहेत , ते तवे े ऋषी ॄिनवाणप मो िमळिवतात. िवनोबांची गीताई :-

ु िफटले दोष शंका िह मठत धिरल मन

पावले ॄ - िनवाण ानी िव - िहत रत ॥ ५ - २५ ॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

् यतीनाम ् यत - चेतसाम ् । ु कामबोधिवयानाम

अिभतः ॄिनवाणम ् वतते िविदत - आनाम ् ॥ ५ - २६ ॥ श कामबोध-

ु ानाम ् िवय यतीनाम ्

श उार English Kamakrodha- who are Viyuktaanaam freed from desire and anger Yatinaam of the self controlled ascetics

Yat-Chetsaam who have यत - चेतसाम ् controlled their mind

िही

मराठी

काम - बोध से

कामबोधांचा

रिहत

ाग के लेले

ु के ानी पष

आसंयमी

िलये

ु ना पषां

जीते ए

ांनी आसंयम

िचवाले

के लेला आहे

AbhitaH

completely

सब ओर से

चोहोकडे

BrahmaNirvaaNam

bliss of Brahman

शा परॄ

ॄाची शांती

वतत े

Vartate

exists

पिरपूण  ह

ूा होते

िविदत -

ViditAatmanaam

who have known the Self

परॄ

ांनी तःला

परमाा का

ओळखले आहे

अिभतः

ॄिनवाणम ्

आनाम ्

परमाा ही

सााार िकये ए

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

् , यत - चेतसाम ्, िविदत – आनाम ्; ु काम - बोध - िवयानाम अिभतः ॄिनवाणम ् वतते ॥ ५ - २६ ॥

यतीनाम ्

English translation:In the case of those who are freed from desire and anger, who are self-controlled, who have subdued their mind completely, who have realised the Self, the bliss of Brahman resides in them.

ु :िही अनवाद काम - बोध से रिहत जीते ए िचवाले , परॄ परमाा का सााार िकये ु ए ानी पष के िलये सब ओर से शा परॄ परमाा ही पिरपूण  ह । मराठी भाषार :ांनी कामबोधांचा ाग के लेला आहे , ांनी तःचा संयम के लेला आहे , ु ना चोहोकडे सदैव ॄाची ांनी तःला ओळखले आहे , ा संयमी पषां शांती ूा होते . िवनोबांची गीताई :-

काम बोधांस िजंकूिन य िचास बांिधती

देखती ॄ िनवाण आ - ानी चंकडे ॥ ५ - २६॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ु । शान ् कृ ा बिहः बाान ् चःु च एव अरे ॅवोः

ूाणापानौ समौ कृ ा नासारचािरणौ ॥ ५ - २७ ॥ श

शान ्

श उार Sparshaan

English contacts

िही

मराठी

िवषय भोग को न शािद िवषयास िचन करता आ

कृ ा

Krutvaa

बिहः

BahiH

having done outside

बाान ्

Bahyaan

चःु

िनकालकर

सोडून देऊन

बाहर

बाहेर

external

बाहर के

बा

ChakshuH

eyes

न ेऽ की ि को

न ेऽांची ी



Cha

and

और

और

एव

Eva

as though

ही

के वळ

अरे

Antare

in middle

बीच म ित कर

मे

( तथा ) ु ॅवोः

BhruvoH

ूाणापानौ

PraNaa paanau

समौ

Samou

having done Nasaabhya- moving नासारinside antaranostrils chaariNau चािरणौ कृ ा

Krutvaa

of two eyebrows incoming and outgoing breaths equal

Sanyasa Yoga

भृकुटी के

ु ा दोी भवयां

ूाण और

ूाण आिण अपान

अपानवाय ु को

या वायूनं ा

सम

समान

कर

कन

नािसका म

नाकामे संचार

िवचरन ेवाले

करणाढया

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

ु ) बाान ् शान ् बिहः कृ ा , चःु च एव ॅवोः ु अरे ( यः मिनः कृ ा , ूाणापानौ ( च ) नासारचािरणौ समौ ( कृ ा )॥ ५ - २७ ॥

English translation:Shutting out external contacts and fixing the gaze as though between the two eyebrows, equalizing the flow of incoming and outgoing breaths in the nostrils.

ु :िही अनवाद

ु है वह ) बाहर के िवषय भोग को न िचन करता आ बाहर ही ( जो मिन

िनकालकर और न ेऽ की ि को दोन भृकुटी के बीच म ित कर तथा नािसका म िवचरन ेवाले ूाण और अपानवाय ु को सम कर लेता है । मराठी भाषार :-

ु ामे िर कन , ूाण व ू , ी दोी भवयां बािवषय बाहेर ठे वन अपान हे दोी नाकाा आत समगतीन े चा कन … िवनोबांची गीताई :-

िवषयांचा बिहार डोळा ॅू - संगम िर

किन नािसका - ान ूाणापान िह सारखे ॥ ५ - २७॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ु ु मोपरायणः । यतेियमनोबिः मिनः

ु एव सः ॥ ५ - २८ ॥ िवगतेाभयबोधः यः सदा मः श ु यतेियमनोबिः

श उार YatendriyaManobuddhiH

English with senses, mind and intellect controlled

िही िजसकी इियाँ , मन

मराठी ान े इंििये ,

ु यांना मन व बी

ु और बि

िनयिमत के लेले

जीती ई ह

आहे

मिु नः

MuniH

sage

मिु न

मनु ी

मोपरायणः

MokshaparayaNaH

with liberation as goal

मोपरायण

( जो ) मोपरायण झाला आहे असा

िवगतेाभयबोधः

यः सदा ु ः म

Vigatechchha- freed from इा , भय desire , Bhayaanger and और बोध से KrodhaH fear रिहत YaH who जो Sadaa forever सदा MuktaH liberated ु म

इा , भय व बोध रिहत जो न ेहमी ु म

एव

Eva

verily

ही है



सः

SaH

he

वह

तो

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :यः

ु मिनः

ु यतेियमनोबिः , िवगतेाभयबोधः , मोपरायणः ( ात )्

ु सः सदा मः एव ॥ ५ - २८ ॥ English translation:-

Having the senses, mind and intellect controlled, with liberation as the goal, the sage, freed from desire, anger and fear, is verily liberated forever.

ु :िही अनवाद

ु जीती ई ह , ऐसा जो मोपरायण मिन ु िजस की इियाँ , मन और बि ु ही है । कामना , भय और बोध से रिहत हो गया है वह सदा म मराठी भाषार :-

ु ांच े िनयमन कन ; इा , भय व बोध ही टाकू न …. इंििये , मन व बी ु सदा मच ु जो मोपरायण होतो , तो मनी असतो . िवनोबांची गीताई :-

ु ज़ो ु मोाथ इंििय मन बि आवरी मिन

ु सोडी इा भय बोध सवदा सटला िच तो ॥ ५ - २८ ॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

भोारम ् यतपसाम ् सवलोकमहेरम ् ।

् सवभतू ानाम ् ाा माम ् शािम ् ऋित ॥ ५ - २९ ॥ ु सदम श

भोारम ् यतपसाम ्

श उार Bhoktaaram

English enjoyer

िही भोगन ेवाला

भोा ( मी आहे )

of sacrifices सब य और and austerities तप का Sarva-Lokasupreme सूण  लोक के सवMaheshvaram Lord of all worlds ईर का भी लोकमहेरम ् ् ु सदम

मराठी

YadnyaTapasaam

Suhrudam

friend

सव य आिण तप यांचा सव लोकातील

ु ईरांचासा

ईर

ईर ( मी आहे )

ु ् िमऽ / सद

ु ् िमऽ / सद

( अथात ्

( ाथ  रिहत

ाथर िहत दया दयाळू व ूेम सवभतू ानाम ्

और ूेमी )

करणारा )

सूण  भूत -

सव ूािणमाऽांचा

SarvaBhootanam

of all beings

ाा

Dnyaatvaa

त से जानकर

ततः जाणून

माम ्

Maam

having known Me

ु को मझ

मला

Shaantim

peace

शाि को

सव संसाराा

शािम ्

ूािणयका

शांतीस ऋित

Rhuchchhati

Sanyasa Yoga

attains

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ूा होता है

ूा होतो

Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता अय :-

् सवलोकमहेरम ् माम ् ाा ु यतपसाम ् भोारम ् सवभतू ानाम ् सदम शािम ् ऋित ॥ ५ - २९ ॥ English translation:Having known Me as the enjoyer of sacrifices and austerities, the Supreme Lord of all worlds, the friend of all beings, he attains peace.

ु :िही अनवाद

ु को सब य और तप का भोगन ेवाला , सूण  लोक के मेरा भ मझ

ु ् अथात ् ाथ रिहत ईर का भी ईर तथा सूण  भूत - ूािणय का सद दया और ूेमी यह त से जानकर , शाि को ूा होता है । मराठी भाषार :सव य व तपे ांचा भोा , सव लोकांचा महान ईर , सव ूायांचा सखा मीच आहे असे जो मला जाणतो , ा साधकालाच शांती ूा होते . िवनोबांची गीताई :-

भोा य तपांचा मी सोयरा िव चालक

ज़ाणूिन ापरी मात शांतीस विरला िच तो ॥ ५ - २९ ॥

Sanyasa Yoga

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Chapter 5

Shreemad Bhagawad Geeta: ौीमद ् - भगवद ् - गीता

ॐ तत ् सत ् इित ौीमद ् भगवद ् गीतास ु उपिनष ु ॄिवायाम ् ु वादे संासयोगो नाम पमोऽायः ॥ योगशाे ौीकृ ाजनसं हिरः ॐ तत ् सत ् । हिरः ॐ तत ् सत ् । हिरः ॐ तत ् सत ।्

Om that is real. Thus, in the Upanishad of the glorious Bhagwad Geeta, the knowledge of Brahman, the Supreme, the science of Yoga and the dialogue between Shri Krishna and Arjuna this is the fifth discourse designated as “the Yoga of Renunciation of Action”.

पाचा अायाचा एका ोकात मिथताथ 

ु । करी सार कम िविहत िनरहंकार असनी

जी ूेमेषा धिन समता जो िनिशिदन ॥

ु जया िचंता नाही पिढल अथवा मािगल मन ।

खरा तो संाशी िरमितिह संक सटु ुनी ॥ ५॥

ु गीता सगीता कता िकम ् अ ैः शािवरैः । ु ् िविनःसृता ॥ या यम ् पनाभ मखपाद

ु गीता सगीता करयाजोगी आहे णजेच गीता उम ूकारे वाचून ितचा अथ  आिण भाव

ु ूं ा मखकमलातू अःकरणात साठवणे हे कत आहे . तः पनाभ भगवान ् ौीिव न गीता ूगट झाली आहे . मग इतर शाांा फाफटपसाढयाची जरच काय ?

- ौी महष ास

िवनोबांची गीताई :-

गीताई माउली माझी ितचा मी बाळ न ेणता । पडतां रडतां घेई उचिन कडेवरी ॥

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Chapter 5

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