आध्यात्मिक कवितायें

  • Uploaded by: Virendra Singh
  • 0
  • 0
  • June 2020
  • PDF

This document was uploaded by user and they confirmed that they have the permission to share it. If you are author or own the copyright of this book, please report to us by using this DMCA report form. Report DMCA


Overview

Download & View आध्यात्मिक कवितायें as PDF for free.

More details

  • Words: 4,684
  • Pages: 46
1

आध्मात्मभक कवितामें

िीये न्द्र

2

सच ू ी १-भैं कौन हूूं? २-िो कौन है ? ३-विश्व-चेतना ४-श्री याभ भहहभा ५-दशािताय ६-दग ु ाा बजन

७-साूंई बजन ८-चाय प्रेमभकामें भतिारी. ९-कोई नहीूं समम का ग्मानी. १०-भुझ को रूऩ हदखा दे अऩना. ११-तू है कौन? फता दे भझ ु को. १२-दनु नमा रगती है एक सऩना. १३-अफ तो धूर भुझे प्मायी है . १४-तेया नूय हय तयफ़ छामा.

१५-भन से जीिन धन्द्म हभाया. १६-अद्वै त

१७-िो कहाूं है ? १८-हभ फ़रयश्ते फन गमे १९-तेया जल्िा २०-िक़्त की यफ़्ताय

3

२१-जीिन धाया २२-चाूंदनी २३-फ़ासरा २४-हदव्म ज्मोनत २५-ईश्वय प्रेभ २६-ईश्वय की क्रिऩा २७-आमभ-शक्ति २८-ईश्वय को ऩाना २९-एक औय ज़ीयो ३०-ईश्वय की भहानता ३१-थोड़ा सभम ३२-ख़िज़ाूं

३३-कूंु डमरनी

३४-िाक शक्तिमाूं ३५-जीिन ३६-ईश्वय की खोज ३७-सूफ़ी की प्रेमभका ३८-फूूंद औय सागय ३९-बजन

४०-दे िी की आयती 0 ऊऩय

4

01 १-भैं कौन हूूं? िेद कहते हैं, अहभ ब्रह्मात्मभ, मानी ब्रह्म हूूं भैं, अनर हक़ कहते है सफ़ ू ी, त्जसका भतरफ, समम हूूं भैं. ब्रह्म एिभ समम दोनों िामति भें एक ही हैं, समम के आधाय ऩय ही ब्रह्म को ऩाता हूूं भैं.

सक्रू फ़मों की औय िेदों की कही सफ फात सन ु ता, उन्द्हीूं फातों ऩय हभेशा अभर बी कयता हूूं भैं.

फवु ि, तन, भन औय आमभा का फना फन्द्दा हूूं भैं, अहभ का फन्द्दी हूूं, त्जससे फहुत शमभान्द्दा हूूं भैं. अहभ के उस ऩाय, ब्रह्म औय समम का आिास है, इसमरमे आध्मात्मभकता की शयण रेता हूूं भैं.

सिाव्माऩी ज्मोनत की एक हिभहिभाती क्रकयन हूूं भैं, मिवि की फहती हुई धाया की छोिी रहय हूूं भैं. विश्वव्माऩी चेतना का सक्ष् ू भ जीिन रूऩ हूूं भैं, इस अनूंत आकाश भें, कुछ बी नहीूं, फस शन्द् ू म हूूं भैं. 0 ऊऩय

5

02 २-िो कौन है? कौन महाूं राता है हभ को? कौन महाूं से रे जाता है ? कौन दे खता महाूं नज़ाये? कौन नज़ाये हदखराता है?

कौन पूर कमरमों भें इत्नी सन्द् ु दताा को बय दे ता है?

कौन फीज का ऩेड़ फनाकय, पर का फीज फना दे ता है ? कौन फात कहने से ऩहरे, भतरफ सभझ यहा है उसका? कौन माद यखता फातों को? कौन फात को दोहयाता है? कौन फहस भें उरझाता है? कौन ऩहे री को सर ु झाता?

कौन गख़णत मसखराकय हभ को बौनतक ग्मान मसखा दे ता है? कौन दे ख कय ददा क्रकसी का, आूंखों भें बय राता ऩानी? कौन सख ु ी होता जफ कोई, प्रेभ क्रकसी ऩय हदखराता है?

कौन रगाता आग फदन भें, ऩास कोई जफ आ जाता है? कौन आह ठन्द्डी बताा है, दयू कोई जफ हो जाता है?

कौन जागता यहता है जफ गहयी नीूंद भें हभ सोते हैं?

कौन दे खता है मिप्नों को? कौन मिप्न को हदखराता है? कौन ज्मोनत की रहय हदखाता, आूंख फन्द्द जफ कय रेते हैं?

कौन ध्मान कयने ऩय भन भें, शात्न्द्त औय सख ु बय जाता है? इन साये प्रश्नों का उत्तय, हभें फतामा है सन्द्तों ने,

एक समम है सफ के अन्द्दय, अनेक रूऩों भें आता है. 0 ऊऩय

6

03 ३-विश्व-चेतना जग भें हाहाकाय भचा है, जग से हाहाकाय मभिा दे ,

विश्व-चेतना! भानिता की व्माकुरता को दयू कया दे. तेया अूंश सनातन, प्राणी फनकय इस जगती भें आता, आती भौत सभाता तुझ भें, रेक्रकन प्राणी है घफयाता,

तेया आने जाने का चक्कय रोगों की सभझ न आता,

सफ तझ ु से ऩैदा, तझ ु भें मभर जाते, मह यहमम सभझा दे . विश्व-चेतना! भानिता की व्माकुरता को दयू कया दे . आूंखें चकाचोंध कय दें, एसे यूं गीनी रूऩ हदखामे,

आसभान को छूने िारे, इस धयती ऩय भहर फनामे, यूं ग मभिाने, भहर गगयाने, भानिता के दश्ु भन आमे, भानिता की यऺा कयना सफका धभा, इसे फतरा दे .

विश्व-चेतना! भानिता की व्माकुरता को दयू कया दे . शात्न्द्त औय सख ु ऩाने को हभ सफकी आमभा भ्िक यही है, कयते बोग-विरास क्रकन्द्तु मभरता उसभें सन्द्तोष नहीूं है, जीिन उरझ यहा आऩाधाऩी भें, त्जसका अन्द्त नहीूं है ,

क्मा हैं सच्चे शात्न्द्त औय सख ु , इसका सफको ग्मान कया दे . विश्व-चेतना! भानिता की व्माकुरता को दयू कया दे. 0 ऊऩय

7

04 ४-श्री याभ भहहभा रे अिताय धया ऩय तुभ ने, जगती का उिाय क्रकमा था,

धन्द्म! धन्द्म! हे याभ! धन्द्म है ! तुभने सफको प्माय हदमा था. आग्मा भान वऩता की तभ ु ने, ममाग हदमा था मसूंहासन बी, सीता, रक्ष्भण के सूंग ऩैदर, िन जाना मिीकाय क्रकमा था. केिि ने अऩनी नैमा ऩय, नहदमा ऩाय कयाई केिर,

उस के फदरे भें केिि को, बि सागय से ऩाय क्रकमा था. भौन ऩड़ी प्रनतभाओूं ऩय बी, दमा हरवि डारी थी तुभ ने, ऩमथय ऩड़ी अहहल्मा छूकय, उसे श्राऩ से ताय हदमा था.

फन िासी रोगों को तुभ ने, गरे रगाकय अऩनामा था,

खाकय जूठे पर, शफयी को, एक अनोखा प्माय हदमा था. क्रकतना दानि था एक भानि, मसमा हयण ने हदखरामा था, भानिता की यऺा कयने, िानय दर तैमाय क्रकमा था.

त्जन्द्हें याऺसों ने तड़्ऩामा, उन ऩय तुभने दमा हदखाई,

भक्तु ि जिामू को दी त्जस का, यािण ने ऩय काि हदमा था. ऩिन ऩत्र ु के साथ, गगन भें चरना कहठन नहीूं था रेक्रकन, नीर औय नर के ऩर ु ऩय ही, चरकय सागय ऩाय क्रकमा था. यािण फध के फाद आऩ ही, रूंका नये श फन सकते थे,

क्रकन्द्तु विबीषण को ही तुभने, रूंका का सफ याज हदमा था. िन से रौि हदखामा तभ ु ने, प्रजा प्रेभ का रूऩ अनोखा,

जन साधायण के कहने ऩय, सीता को फनिास हदमा था.ऊऩय

8

05 ५-दशािताय हय मग ु भें विकास दशाान,े तुभने सभगु चत रूऩ धये ,

धन्द्म! धन्द्म हे विष्णु दे िता! जम, जम, जम जगदीश हये! वप्रथ्िी जफ सभर ु थी सायी, जीिन था केिर जर भें,

भछरी फन ऩानी ऩय तैये, जम, जम, जम जगदीश हये ! धयती प्रगि हुई ऩानी से, जीि जन्द्तु फाहय आमे, कछुआ फन जर थर ऩय छामे, जम, जम, जम जगदीश हये! हरयमारी उगने के सूंग ही, ऩशओ ु ूं का बी जन्द्भ हुआ, शक ू य फन जूंगर भें घभ ू ,े जम, जम, जम जगदीश हये! ऩशओ ु ूं भें भानिता के कुछ गचन्द्ह रगे विकमसत होने, नयमसूंह भें दो रूऩ सभामे, जम, जम, जम जगदीश हये !

सफ से ऩहरा रूऩ भनज ु का, बभ ू ण्डर ऩय जफ आमा,

अनत रघु िाभन फन कय आमे, जम, जम, जम जगदीश हये! आहद कार का भानि ननबाम, िन भें विचयण कयता था, ऩयशयु ाभ का रूऩ िही था, जम, जम, जम जगदीश हये!

याऺस जफ फढ़ गमे जगत भें , शात्न्द्त सयु ऺा बूंग हुई, भानि यऺक याभ फने तभ ु , जम, जम, जम जगदीश हये ! भक्तु ि के मरमे बक्ति, ग्मान के साथ कभा की चाह फढ़ी, क्रिष्ण रूऩ मोगेश्वय आमे, जम, जम, जम जगदीश हये!

9

भानिता ने दख ु से फचने, जफ चाहा ननिााण मभरे,

फन कय फि ु शयण दी सफ को, जम, जम, जम जगदीश हये! करमग ु भें कर के फर ऩय ही, चरता है जीिन साया,

अफ तभ ु करकी फन कय आमे, जम, जम, जम जगदीश हये ! कयने को उिाय जगत का, ईश धया ऩय हैं उतये,

अफ तक दस अिताय मरमे हैं, जम, जम, जम जगदीश हये! 0 ऊऩय

10

06 ६-दग ु ाा बजन दग ु ाा भाूं! तेये गुण गामें,

अऩने दख ु , सूंताऩ मभिामें. दग ु ाा भाूं!... क्रकतनी प्मायी सयू त तेयी,

भन, भत्न्द्दय भें उसे सजामें. दग ु ाा भाूं!... शेय सिायी कयने िारी,

दे ख तझ ु े ननबाम हो जामें. दग ु ाा भाूं!... नौ अूंकों के साथ शन्द् ू म को,

तेये दस हाथों भें ऩामें. दग ु ाा भाूं!... फेड़ा ऩाय रगा दे सफका,

तेये आगे शीश निामें. दग ु ाा भाूं!... 0 ऊऩय

11

07 ७-साूंई बजन आओ साूंई के गुण गामें.

उस ऩय अऩना ध्मान रगामें. त्जस से जगभग है जग साया, िही ज्मोनत आूंखों भें रामें.

त्जस फगगमा भें सग ु न्द्ध उस की, पूर िहीूं से चन ु कय रामें.

समम नदी िह सफसे गहयी, उस की धाया भें फह जामें.

जो सख ु , दख ु दे ता जीिन भें, उस से शात्न्द्त ननयन्द्तय ऩामें. 0 ऊऩय

12

08 ८-चाय प्रेमभकामें भतिारी. ऩहरी रार बेस भें आती, भहकाती, सूंगीत सन ु ाती,

बयी नीूंद से भझ ु े जगाती, ऊषा की है शान ननयारी, चाय प्रेमभकामें भतिारी.

दज ू ी का फस फाहय यहना,

धऩ ू ताऩ भें सफ कुछ सहना,

झाूंक ख़खड़्क्रकमों से कुछ कहना, क्रकयण कये हदन बय यखिारी, चाय प्रेमभकामें भतिारी.

तीजी का सज-धज कय आना, दीऩ जराना, धूंआ ु उड़ाना,

बोज कयाकय सेज सजाना,

सूंध्मा राती भधु की प्मारी, चाय प्रेमभकामें भतिारी.

चौथी कारा चोगा ऩहने,

त्जस ऩय हैं चभकीरे गहने, आती प्माय की फातें कहने, ननशा भेये सूंग सोने िारी, चाय प्रेमभकामें भतिारी. 0 ऊऩय

13

09 ९-कोई नहीूं समम का ग्मानी. दीन-धभा की होड़ रगाई,

ऩयू ी फात सभझ नहीूं आई,

क्मा असरी क्मा नकरी बाई, सच्चाई क्रकसने है जानी?

कोई नहीूं समम का ग्मानी. ऩोथी ऩढ़ कय सफ ने दे खा,

मभरता नहीूं बाग्म का रेखा, आख़िय ऩढ़ी कार की ये खा,

त्जस से अऩनी क्रक़मभत जानी, कोई नहीूं समम का ग्मानी. सफ सूंसाय छोड़ कय बागे, कोई ऩीछे , कोई आगे,

कबी न आमे रौि, अबागे,

जो फतराते भौत के भानी,

कोई नहीूं समम का ग्मानी. 0 ऊऩय

14

10 १०-भझ ु को रूऩ हदखा दे अऩना. औयों से ही तुझे सन ु ा है ,

क्रपय बी तुझ को सदा गुना है, तुझको दे ख,ूंू मह सऩना है , ऩयू ा कय दे भेया सऩना,

भझ ु को रूऩ हदखा दे अऩना. आजा तू भेये आूंगन भें,

हये बये सन्द् ु दय उऩिन भें,

फस जा भेये ननभार भन भें, तुझ भें दे खूंू चहया अऩना,

भझ ु को रूऩ हदखा दे अऩना. भैं तुझ को जफ ऩा जाउूं गा, ऊूंचा फहुत चरा जाउूं गा, फादर फन कय छा जाउूं गा,

चाहूूंगा जगती ऩै फयसना, भझ ु को रूऩ हदखा दे अऩना. 0 ऊऩय

15

11 ११-तू है कौन? फता दे भझ ु को. तू था, जफ कुछ महाूं नहीूं था, नहीूं जगह, तू जहाूं नहीूं था, क्रपय बी तेया ऩता नहीूं था,

अफ तो ऩता फता दे भझ ु को, तू है कौन? फता दे भझ ु को. यात भें ताये क्मों आते हैं?

हदन भें कहाूं चरे जाते हैं? नब ऩय कैसे भूंडयाते हैं?

मे यहमम सभझा दे भझ ु को, तू है कौन? फता दे भझ ु को. मही चाहता साूंझ सिेये,

ऩाऊूं असरी रूऩ को तेये,

अगय ऩास आ सके न भेय,े

अऩने ऩास फर ु ा रे भझ ु को, तू है कौन? फता दे भझ ु को. 0 ऊऩय

16

12 १२-दनु नमा रगती है एक सऩना. आकय महाूं, चरे जाना है,

कुछ बी साथ न रे जाना है,

अन्द्त सभम सफ ने भाना है, कोई नहीूं महाूं ऩय अऩना,

दनु नमा रगती है एक सऩना. अूंगधमाये भें बिक यहे हैं,

शब्द ग्मान ऩय अिक यहे हैं, एक-दज ू े को झिक यहे हैं,

जो मभर जामे उसे रऩकना, दनु नमा रगती है एक सऩना.

मह सऩना है क्रपय बी अच्छा,

इस से अरग नहीूं कुछ सच्चा, जग का फन्द्धन चाहे कच्चा,

क्रपय बी भन को महीूं बिकना, दनु नमा रगती है एक सऩना. 0 ऊऩय

17

13 १३-अफ तो धर ू भझ ु े प्मायी है. अणु की धर ू जगत भें छाई, अणु भें ऩयभाणु की सभाई, सभझ हभें मह विद्या आई, ब्रह्माण्ड भें धर ू सायी है,

अफ तो धर ू भझ ु े प्मायी है. सबी यूं गों भें धर ू बयी है,

धर ू हिा भें बी बफखयी है,

धर ू से धयती हयी बयी है,

धर ू से गुरशन हय क्मायी है , अफ तो धर ू भझ ु े प्मायी है.

कामा एक हदन धर ू फनेगी,

धर ू से सफ की सेज सजेगी,

अन्द्त सभम फस धर ू उड़ेगी,

जीिन की मह गनत न्द्मायी है, अफ तो धर ू भझ ु े प्मायी है. 0 ऊऩय

18

14 १४-तेया नयू हय तयफ़ छामा. सफ़ेद हो चोिी फफ़ीरी,

मा सहया की धर ू हो ऩीरी, मा सागय की रहयें नीरी, सफ भें तेया यूं ग सभामा, तेया नयू हय तयफ़ छामा.

तझ ु से िश ु हय इन्द्साूं का हदर, तझ ु से साये पूर यहे ख़खर,

तेये बफन सन ू ी हय भहक्रफ़र, तूने साया यूं ग जभामा,

तेया नयू हय तयफ़ छामा. त्जस ने तुझ को जान मरमा है, उस ने मह बी भान मरमा है,

जो कुछ बी इन्द्साूं ने क्रकमा है, उस के ऊऩय तेया सामा,

तेया नयू हय तयफ़ छामा. 0 ऊऩय

19

15 १५-भन से जीिन धन्द्म हभाया. भन हदन यात जागता यहता,

सख ु , दख ु साये भन ही सहता,

भन ही सन ु ता, भन ही कहता, भन भें फहती जीिन धाया,

भन से जीिन धन्द्म हभाया. भन ही सफ विग्मान मसखामे, भन ही साये मन्द्त्र फनामे,

भन भें ही सफ भन्द्त्र सभामे, भन भें ग्मान सभामा साया, भन से जीिन धन्द्म हभाया.

शयीय भन को जकड़ न ऩामे,

कार बी भन को ऩकड़ न ऩामे, भन सफ रोकों भें बयभामे,

भन से जाना ब्रह्माण्ड साया, भन से जीिन धन्द्म हभाया. 0 ऊऩय

20

16 १६-अद्वै त डय नहीूं भझ ु को दनु नमा भें कुछ खोने मा रुसिाई का, तुझको ऩाकय डय है तो फस िो है तेयी जुदाई का. ददा , दख ु ों भें तेयी चाहत, औय ज़रूयत कोई नहीूं,

तुझको ऩा र,ूंू मही दिा है, काभ न औय दिाई का. साथी साये जुदा हो गमे, छोड़ अकेरा याहों भें,

भेयी नज़य ऩड़ी जफ तझ ु ऩय, ग़भ न यहा तनहाई का. तेये कयभ से दे खे साये, जरिे प्माये , यूं ग बये ,

तेयी दआ से ऩामा हभने, साया याज़ िद ु ु ाई का. तू ही तू है सभा यहा, सफ जीिों भें, हय ज़ये भें,

कुछ बी दज ू ा नहीूं महाूं ऩय, साया खेर इकाई का. 0 ऊऩय

21

17 १७-िो कहाूं है? ऩैदा त्जसने हभें क्रकमा, िो यहता हभसे दयू है कमों?

मभरना त्जसका होिे आसाूं, मभरने से भजफयू है क्मों? हमती सफकी एक दरयमा है, फूंद ू कहो मा रहय कहो, ऩानी का जफ साया आरभ, िीयानी बयऩयू है क्मों?

ऐश महाूं जफ मभरते है सफ, हुमन, शफाफ के सामे भें,

क्रपय इस भन को तयसती जो, आसभान की हूय है क्मों? इस दनु नमा के सबी नज़ाये, आूंख के आगे ऩयदा है ,

इस ऩदे के ऩीछे असरी, छुऩा िद ु ा का नयू है क्मों? दीख यहा जो, हदखा यहा िो, दोनों हैं भौजूद सदा,

ऩर दो ऩर को दे ख यहा मह इन्द्साूं क्रपय भग़रूय है क्मों? 0 ऊऩय

22

18 १८-हभ फ़रयश्ते फन गमे इस जहाूं भें, जफ फत ु ों के रयश्ते कच्चे फन गमे,

रयश्ता एक ऩक्का फनाने, हभ फ़रयश्ते फन गमे. जफ तरक चाहत यही, ग़भ हभेशा फढ़ते यहे,

ग़भ की जड़, चाहत, मभिाने, हभ फ़रयश्ते फन गमे. ज़भीूं ऩय दख ु सहते-सहते, िाक़ भें मभर जामेंग,े आसभाूं का भज़ा ऩाने, हभ फ़रयश्ते फन गमे. भज़हफों का बत ू दे खा, बत ू से हभ डय गमे,

बत ू से िद ु को फचाने, हभ फ़रयश्ते फन गमे. त्जसने ऩैदा क्रकमा, उससे दयू हभ हयदभ यहे,

उस िुदा के ऩास यहने, हभ फ़रयश्ते फन गमे. 0 ऊऩय

23

19 १९-तेया जरिा दे ख के तेया जरिा, सफने अऩने हदर को थाभ मरमा,

भैंने बी तो सफ कुछ तजकय, फस तेया ही नाभ मरमा. तेये नयू की चकाचौंध ने, भमत कय हदमा था भझ ु को,

औय न कोई नशा क्रकमा, फस तेये नयू का जाभ वऩमा. तूने सफ कुछ हदमा भझ ु ,े भैं तुझको कुछ बी दे न सका, तेया क़ज़ादाय यहने का, भैंने अफ इल्ज़ाभ मरमा.

आस रगाए फैठे हैं सफ, कफ मभरना होगा तझ ु से,

भैं बी इसी आस भें फैठा, कुछ बी ना आयाभ क्रकमा. अनजानी याहों ऩय भझ ु को, काभ फहुत ही कहठन मभरे, भज़फयू ी थी, नहीूं क्रकमा, जो तूने भझ ु को काभ हदमा. 0 ऊऩय

24

20 २०-िक़्त की यफ़्ताय दे ख कय िक़्त की यफ़्ताय सहभ जाते हैं,

अऩनी छोिी सी त्ज़न्द्दगानी ऩय शयभाते हैं. इयादे क्रकतने क्रकमे थे, फहुत कुछ कयने के,

कुछ न कय ऩामे, मह अहसास कय, ऩछताते हैं. फहायें आईं औय चरी गईं, ऩता न चरा,

ख़िज़ाूं के आने ऩय ना जाने क्मों घफयाते हैं. कबी दे खे थे महाूं, त्ज़न्द्दगी भें ख़्िाफ यूं गीूं,

अफ तो फस ख़्िाफ भें ही त्ज़न्द्दगी को ऩाते हैं. तयाने इश्क़ के गामे तो ददा औय फढ़ा,

इसमरए हभ मे सक्रू फ़माने गीत गाते हैं. 0 ऊऩय

25

21 २१-जीिन धाया एक करी ने हभें चभन की फहाय का ऩैग़ाभ हदमा,

िहीूं ऩेड़ की छाूंि भें हभ ने थोड़ा सा आयाभ क्रकमा. पूरों की थी यौनक़ रेक्रकन हभ उन से कुछ दयू यहे,

दे खा जफ अऩने छारों को, काूंिा हाथ भें थाभ मरमा. मादों की जो सौगातें थीूं, िुमशमाूं बी थीूं, ग़भ बी थे,

िुमशमों को हभ कहाूं सजाते? ग़भ को हदर से फाूंध मरमा. सोचा शामद सक ु ूंू मभरे जो ज़हन कये हदर ऩय क़ाफ,ू

इल्भ ददा को कभ न कय सका, उसे दस ू या नाभ हदमा. दनु नमा के सफ रोग हभें तो आईने की तयह रगे,

अन्द्दय क्मा है? उसे न जाना, फाहय क्मा? सच भान मरमा. हार हभाया दे खने िारे, ग़ैय बी थे, अऩने बी थे,

ग़ैयों ने कुछ तयस हदखामा, अऩनों ने फदनाभ क्रकमा. आख़िय हभ को याह हदखाई, नयू -ए-फेिुदी ने एक हदन, अऩने अन्द्दय जो फैठा था, उसे यहनभ ु ा भान मरमा. 0 ऊऩय

26

22 २२-चाूंदनी चाूंदी जैसा फदन भेया, भैं दयू से चर कय आई हूूं, ऩयी रोक से यात सभम, भैं तुझसे मभरने आई हूूं. दयिाज़े थे फन्द्द भगय, दे खा ख़खड़्की है खुरी हुई, इसी मरमे छुऩ कय तुझ तक, ख़खड़्की से होकय आई हूूं. सफ हैं गहयी नीूंद भें सोमे, सऩनों भें िो हैं खोमे,

नहीूं क्रकसी के जगने का डय, क्रकसी से ना घफयाई हूूं. प्माय हदखाती हूूं सफ ऩय, भैं सफ को गरे रगाती हूूं, शभा क्रकसी से नहीूं भझ ु ,े भैं इसी मरमे हयजाई हूूं. ऩास यहूूंगी रेक्रकन तुझको नीूंद से नहीूं जगाऊूंगी, यात बफताने तेये सूंग, भैं चाूंदनी फन कय आई हूूं. 0 ऊऩय

27

23 २३-फ़ासरा फ़ासरा इन्द्सान का इन्द्सान से क्मा चाहहमे? इसे फतरामेंग,े ऩहरे, उनभें फ़क़ा हदखाइमे.

एक है भत्न्द्ज़र सबी की, यहगुज़य बी एक है ,

क्रपय सफ़य भें फ़ासरा, क्मोंकय फढ़ाना चाहहमे? चभन को ही दे ख़खए, उससे बी तो कुछ सीख़खए, दरू यमाूं उतनी यखो, त्जतनी गर ु ों भें ऩाइमे. सबी रूहों भें अगय, नयू -ए-िद ु ाई एक है,

िद ु ा से जो पासरा, इन्द्साूं से उतना चाहहमे. भौत आने ऩय तो मभि जाता है इन्द्सानों का फ़क़ा, त्ज़न्द्दगी को भौत से कुछ सफक़ रेना चाहहमे. 0 ऊऩय

28

24 २४-हदव्म ज्मोनत तेये प्रेभ भें सफ कुछ ऩामा, क्रकसी चीज़ की कभी नहीूं, ईश्वय! तेयी ज्मोनत के आगे, कोई योशनी जभी नहीूं. तेये दभ से सबी सयू तें, सबी सयू तों भें तू है,

औय बी एसा कहने िारे, मह कहते फस हभ ही नहीूं. सभा गमा हदर, हदभाग़ भें त,ू आमभा भें बी तू फसता, कयना तेया ध्मान छोड़ दें , हभसे होगा कबी नहीूं. तेये बफना नहीूं सख ु कोई, चाहे सबी दौरतें हों,

तझ ु को ऩा रे, िही धनी है, उससे फढ़कय धनी नहीूं. तेये ऩास यहूूं भैं हयदभ, औय नहीूं ख़्िाहहश कोई, तेये साथ शात्न्द्त-सख ु भझ ु को, औय शात्न्द्त-सख ु कहीूं नहीूं. 0 ऊऩय

29

25 २५-ईश्वय प्रेभ प्रेभ भें तेये हुए हदिाने, दनु नमा से हो कय फेगाने. सफने अऩने गीत सन ु ामे, हभने गाए तेये तयाने.

कैसे मभिामें, अऩनी हमती, जाना, जफ दे खे ऩयिाने.

जफ भन भें अूंगधमाया छामा, आूंखें भूंद ू ीूं ज्मोनत जगाने.

ऩाना तुझको सयर नहीूं था,

सफ जग ममागा, तुझको ऩाने. 0 ऊऩय

30

26 २६-ईश्वय की क्रिऩा जफ से भैंने तुझको ऩामा, भैं तो हूूं फस तेया सामा.

क्रकतनी दयू ी, ऩता चर गमा, अहभ से डका तुझको ऩामा. तेये नाभ ने दी है याहत,

दनु नमा ने जफ भझ ु े सतामा. अन्द्त सभम मभट्टी फन जाती, क्रकतनी कच्ची है मह कामा.

त्जस ऩय तेयी क्रिऩा हो गई, सच्चा नयू उस ने ऩामा. 0 ऊऩय

31

27 २७-आमभ-शक्ति त्जमभ की कभज़ोयी भैंने जान री, आमभा की शक्ति बी ऩहचान री.

रोग हैं भझ ु से िफ़ा अफ क्रकस मरमे? जफ क्रक भैंने फात सफकी भान री.

सफक़ छारों को मभरे, फस इस मरए, दोमती काूंिों से कयनी ठान री.

चैन दनु नमा भें कहीूं मभरता नहीूं, सायी दनु नमा तो है भैंने छान री.

साथ दे जो हय जगह तनहाई भें,

अऩने अन्द्दय िो ऩयी ऩहचान री. 0 ऊऩय

32

28 २८-ईश्वय को ऩाना ईश्वय को ऩा सफ सख ु ऩाते, दख ु के सामे ऩास न आते. आसानी से िक़्त गुज़यता,

उसकी भहहभा के गुण गाते. फादर, बफजरी, गयज गगन भें, उसकी ही छवि को हदखराते. िो ही दे ता चैन सबी को,

ददा औय ग़भ जफ तड़ऩाते. उस को ऩाकय इस जीिन भें, सबी सूंकिों से फच जाते. 0 ऊऩय

33

29 २९-एक औय ज़ीयो तू है एक औय भैं ज़ीयो, क्रकसे सभझ मह आमेगा?

इसको जो सभझेगा, उसको ऩण ू ा ग्मान हो जामेगा. तेये सूंग मभरकय यहना ही भझ ु को शक्ति हदराता है, यहकय तुझसे अरग, भेया अत्मतमि न यहने ऩामेगा. तेये अूंदय भेये जैस,े अनगगन शन्द् ू म सभा जामें,

भेये अन्द्दय तेया तो एक हहमसा बी न सभामेगा. एक, शन्द् ू म के बेद को ऩूंक्तडत, ग्मानी बी न सभझ ऩामे, रेक्रकन इनसे कम्पप्मि ू य अफ चभमकाय हदखरामेगा. हभ दोनों भें भेर यहे तओ काभ फहुत फन जामेंग,े दोनों भें से एक न हो तो खेर िमभ हो जामेगा. 0 ऊऩय

34

30 ३०-ईश्वय की भहानता चाूंदनी फन यात भें जफ नयू आमा,

हभ ने भाना चाूंद भें बी तू सभामा. गुरों भें तेये ही यूं ग, तेयी ही िुशफ,ू

चभन भें जरिा तेया सफ ओय छामा. त्जन्द्हें इन्द्साूं तो फना सकता नहीूं है, उन फड़े दरयमाओूं को तन ू े फनामा.

ऩयी चेहयों भें बी तेयी झरक दे खी, हुमन साया उन्द्होंने तझ ु से ही ऩामा.

हय तयफ़ पैरा तेया जफ नयू दे खा, रगा पीका, दीऩ जो हभने जरामा. 0 ऊऩय

35

31 ३१-थोड़ा सभम आमेगी ऩतझड़ तो होगा चभन िीयाूं, एक हदन, पूर, कमरमों की जगह काूंिे मभरेंगे, एक हदन.

जो बी कयना जरद कय रो, िक़्त गुज़या जामे है, जो न कय ऩामे तो ऩछताना ऩड़ेगा, एक हदन. आईने भें दे ख रो, कुछ दे य अऩने त्जमभ को,

िाक भें मा याख भें, मह त्जमभ होगा, एक हदन. आमशमाूं िमता हभाया, हभको रेक्रकन है सक ु ूंू ,

भहर बी हो जाते हैं खूंडहय महाूं ऩय, एक हदन. भर ु ाक़ाते भख़् ु तमसय को बी ग़नीभत जाननमे,

ख़्िाफ ही यह जामगा, इतना बी मभरना, एक हदन. 0 ऊऩय

36

32 ३२-ख़िज़ाूं अम ख़िजाूं तू आ यही, कमरमाूं सबी भयु झामेंगी,

भहकती हैं जो चभन भें, िाक़ भें मभर जामेंगी. त्जस क्रकसी को नाज़ अऩने त्जमभ ऩय, उससे कहो, कुछ हदनों के फाद इस ऩय, झरु या माूं ऩड़ जामेंगी. गुज़य जामेगी जिानी, चन्द्द हदन की फात है,

हुमन की सफ यौनक़ें, एक ख़्िाफ ही यह जामेंगी. िश ु ी के गा रो तयाने, जफ तरक हैं सफ़य भें,

ऩहुूंच कय भूंत्जर ऩे उनकी, गूंज ू ही यह जामेंगी. भौत ही हदखरामेगी अफ, भसीहाई का कभार,

जफ मे आूंखें फन्द्द होंगी, जहाूं की खुर जामेंगी 0 ऊऩय

37

33 ३३-कूंु डमरनी तनहाई भें तू आई है, अफ क्मा ग़भ तनहाई का, भेयी आूंखों भें छामा है, नशा तेयी अूंगड़ाई का.

पूरों की िुशफू भें तू है , तू है गीतों के सयु भें,

हय भक़ ु ाभ ऩय मभरती भझ ु को, शि ु है तेयी िफ़ाई का. तुझको कोई दे ख सके ना, तुझे कोई ना योक सके,

अफ न क्रकसी की नज़य का डय है , औय न डय रुसिाई का. यूं ज मभरेंग,े भझ ु को डय था, ददा सा हदर भें होता था, साये डय अफ दयू हुए, फस डय है तेयी जद ु ाई का.

दआ मही, जफ तक त्जूंदा हूूं, तफ तक तेया साथ यहे, ु

औय िुदा से क्मा भाूंगू भैं? ऩा मरमा याज़ िुदाई का. 0 ऊऩय

38

34 ३४-िाक शक्तिमाूं िाणी द्वाया विचाय का आदान प्रदान जहाूं होता,

चाय तयह की िाक शक्तिमों द्वाया सूंचामरत होता. सफसे ऩहरी ऩया िाक का रूऩ अरौक्रकक होता है, नाद-बफन्द्द ु मा ब्रह्म-नाद उससे ही ऩैदा होता है .

भन भें नमे विचायों की प्रेयणा जफ कबी मभरती है, सभझो उसके ऩीछे कोई िाक शक्ति ऩश्मन्द्ती है.

अऩने विचाय को बाषा भें ऩरयिनतात जफ कयते हैं,

भत्मतष्क भें गठन उसका भध्मभा शक्ति से कयते हैं . भन की फातें कहने को जफ भूंह ु से शब्द ननकरते हैं, उसके ऩीछे िाक शक्ति है त्जसे िैखयी कहते है . 0 ऊऩय

39

35 ३५-जीिन जीिन तो शतयूं ज है, भानि हैं फस गोि, यात-हदनों के फोडा ऩय , खाते यहते चोि. खाते यहते चोि, उदासी इस से होती,

ननमनत ख़खराती खेर, हाय भानि की होती. कह ज़ीयो कवियाम, खेर भें जीिन फीता, खाईं सफ ने भातें , कोई बी ना जीता. 0 ऊऩय

40

36 ३६-ईश्वय की खोज जैसे सयू ज भें फसे, जग के सबी प्रकाश, ईश्वय के अन्द्दय फसे, सफ धती, आकाश.

सफ धती, आकाश, उन्द्हें वििेक से जाना, त्जसने उन्द्हें फनामा, उसे नहीूं ऩहचाना. कह ज़ीयो कवियाम, फवु ि से ईश्वय ऩाना, जैसे दीऩक से सयू ज की खोज कयाना. 0 ऊऩय

41

37 ३७-सफ़ ू ी की प्रेमभका अजीफ भेयी प्रेमभका, िाय कये अनत िूय, फद्रे अऩने रूऩ को, रगे अिऩिी हूय. रगे अिऩिी हूय, भझ ु े अचयज है बायी, कैसे यक्खूंू भेर, फड़ी चूंचर मह नायी.

कह ज़ीयो, जफ सोऊूं, फहुत दयू हो जाती,

जफ दे खूंू उठ जाग, भेया अत्मतमि मभिाती. 0 ऊऩय

42

38 ३८-फूंद ू औय सागय सागय भें फूंद ू ें फसीूं, उन का आहद न अूंत, फूंद ू ों भें सागय फसा, कहते हैं मह सूंत. कहते हैं मह सूंत, बेद दोनों भें ऐसा,

आमभा, ऩयभामभा भें अन्द्तय होता जैसा. कह ज़ीयो, ऩयभामभा को आमभा भें ऩाते, जैसे फूंद ू ों द्वाया सागय दे खे जाते. 0 ऊऩय

43

39 ३९-बजन इस दनु नमा भें आकय एक हदन सफ को जाना है, फात सयर है ऩय भत्ु श्कर इस को सभझाना है. छोिी सी त्ज़न्द्दगानी, उस ऩय अमबभानी होना, दनु नमा को इस नादानी का ग्मान कयाना है.

नेक काभ जो कयने, उन को जरदी ही कय रें, सभम ननकर जाने ऩय तो केिर ऩछताना है. दख ु के एक गहये सागय भें सफ हैं डूफ यहे, फीच बूंिय से अऩनी नैमा ऩाय रगाना है.

जीिन भें हभ सख ु ऩामें, कुछ शात्न्द्त मभरे भन को, कभा, ग्मान, बिी भें अऩना ध्मान रगाना है . 0 ऊऩय

44

40 ४०-दे िी की आयती श्री विद्या, आमभा, गामत्री, सयमिती, रमरता; दे िी, सयमिती, रमरता;

गौयी, शान्द्ता, भामा, दग ु ाा, श्री भाता; दे िी, दग ु ाा, श्री भाता.

श्री विद्या, तेये ननिास का, मन्द्त्र फनामा है; दे िी, मन्द्त्र फनामा है;

बाषा, मरवऩ का उसभें, ग्मान सभामा है ; दे िी, ग्मान सभामा है.

तू आमभा, तू सफ के अन्द्दय, तू ही; दे िी, तू ही ऩयभामभा;

मह यहमम, ऩय सच है, सफ हैं एक आमभा; दे िी, सफ हैं एक आमभा.

गामत्री, तूने जगती भें, बक्ति जगाई है; दे िी, बक्ति जगाई है ;

दे कय भन्द्त्र हभायी, शक्ति फढ़ाई है; दे िी, शक्ति फढ़ाई है.

सयमिती, तेयी िाणी भें, हभको गीत मभरे; दे िी, हभको गीत मभरे;

िीणा के तायों भें, सयु , सूंगीत मभरे; दे िी, सयु सयु , सूंगीत मभरे.

45

रमरता, तेया रूऩ सरोना, सफको है बाता; दे िी, सफको है बाता;

दे ख तझ ु े विकमरत भन, हवषात हो जाता; दे िी, हवषात हो जाता.

गौयी, तेयी आबा भें सफ, रूऩ-यूं ग ऩाते; दे िी, रूऩ-यूं ग ऩाते;

सम ू ,ा चन्द्र, तेया ही, प्रकाश हदखराते; दे िी, प्रकाश हदखराते.

शान्द्ता फनकय तू ही सफको, शात्न्द्त प्रदान कये; दे िी, शात्न्द्त प्रदान कये ;

तेये सौम्पम रूऩ भें, सफ आनन्द्द बये ; दे िी, सफ आनन्द्द बये

तू भामा, सायी भामा को, तूने यगचत क्रकमा; दे िी, तूने यगचत क्रकमा;

भामा-जार बफछाकय, सफको चक्रकत क्रकमा; दे िी, सफको चक्रकत क्रकमा.

तू दग ु ाा, तू ऩास यहे तो दख ु न ऩास आमे; दे िी, दख ु न ऩास आमे;

शत्रु दे खकय तुझको, दयू बाग जामे; दे िी, दयू बाग जामे.

श्री भाता, तेयी गोदी भें, सफ सख ु ऩाते हैं; दे िी, सफ सख ु ऩाते हैं;

दे ियदान ननयन्द्तय, शीश निाते हैं; दे िी, शीश निाते हैं.

46

श्री विद्या, आमभा, गामत्री, सयमिती, रमरता; दे िी, सयमिती, रमरता;

गौयी, शान्द्ता, भामा, दग ु ाा, श्री भाता; दे िी, दग ु ाा, श्री भाता. 0 ऊऩय

More Documents from "Virendra Singh"