गुर के नाम पर कलंक है ….आसाराम बापू भारत भूिम संतो-महातमाऒ, ऋिियो-मुिनयो की भूमी है । समय समय पर भगवान ने भी
इस पावन धरा आवतिरत होकर इसके गौरव व गिरमा को चार चांद लगाए है । िकतने ही ऐसे महापुरि हुए ििनको भगवान का आवतार माना िाता है िैसे िक िगत गुर शंकराचायॆ िी, संत कबीर, गुर नानक दे व िी आिद।
परं तु िकसी ने भी न तो सवयं को भगवान कहा और न ही खुद की पूिा करवाई। वो
िीवन भर शांित और भाईचारे का संदेश दे ते रहे । उनहोने कभी भी िहं सा का सहारा नही िलया। उनहोने पूरा िीवन मानवता की भलाई के िलए लगा िदया। वो हमेशा मानसममान, धन व पराई औरत से दरू रहे । िकं तु आि समय
िवपरीत हो
गया है। आ ि के समय म े आ साराम बाप ू ि ै से
ढोगी ,पाख ंडी व धुरत लोग िो स ंत भी कह लान े के लायक नही वो ख
ुद को
भगवान बतात े ह ै ए ंव भ गवान की प ू िा छुडवाकर ख ुद की प ूिा करवात े है। धरम के नाम पर िनता को ल
ुटत े ह ै।
भगवान की पूिा छुडवाकर खुद की पूिा करवाने की यह बात नई नही है वरन बहुत
पुरानी है । िहरणाकशप ने भी भगवान िविणु की पूिा छुडवाकर खुद की पूिा पर िोर िदया। रावण व कंस ने भी िविणु िी का हमेशा ही िवरोध िकया। परं तु आि समय बदल गया है तो सवाभािवक बात है िक तरीका भी बदल िाएगा।
आि के समय मे आसाराम गुर के नाम पर भगवान की पूिा छुडवाकर खुद की पूिा करवाता है । ििस वयािभचारी ने कभी भी खुद के गुर की पूिा नही की वो ही
वयािभचारी आि गुर घंटाल बन बैठा है । ििस वयािभचारी को सांई लीलाशाह िी ने
उनके आशरम से भगा िदया था वो गुर घंटाल आसाराम आि गुर के नाम पर खुद की पूिा करवाता है । ये तांििक आसाराम आि भगवान के नाम पर लाखो लोगो की
भावनाऒ ं से िखलवाड करता है । ये तांििक आसाराम िो खुद कभी गुर पुनम पर भी गुर सथान पर नही िाता, िो कभी खुद के गुर की पूिा नही करता और आि खुद की पूिा करवाने के िलए आब गुर मिहमा गाने लगा है । गुर के नाम पर कलंक है …..आसाराम बापू
इस त ांिि क आसाराम का लड
का नारा यण िस ंधी यानी छोटा ता ं ििक भी बाप क े
नकस े कदम पर ह ै।
बाप ि ेवा बेटा …………..वड त ेवा ट ेटा ……….. आिद िगतगुर शंकराचायॅ, माधवाचायॅ, गुर नानक दे व िी, संत कबीर आिद िितने भी
सचचे महापुरि हुए है उनहोने न तो खुद को भगवान कहा और न ही भगवान की पूिा
छुडवाकर खुद की पूिा करवाई। उनहोने हमेशा ईशवर पूिा व पभ ृ ु िसमरन का ही संदेश िदया। धरम व गुर के नाम पर उनहोने कभी भी न तो ईशवर बनने की कौिशश की और न ही िनता की िरधा का दर ु पयोग िकया।
िबिक ये तांििक आसाराम धरम व गुर के नाम पर िनता का शोिण कर रहा है ।
आसाराम की ये करतूत िहं द ू धरम, सनातन धरम, भारतीय संसकृ ित पर बहुत बडा आघात है । हमे अपनी भारतीय संसकृ ित व मानवता को किलयुग के इस रावण से, किलयुग के इस िहरणाकशपु से, किलयुग के इस कंस से बचाना होगा।
इसके िलये िहं द ु संगठनो एंव संत समाि को आगे आना होगा। भारत के युवा समाि को आगे आना होगा।
उठो ……..भारत क े नविवान ो , िागो ………………कब त क सोत े रहोग े ? अपनी संस कृित पर य े कुठार ाघात कब तक स हन करोग े
? कब त क आसाराम ि ैस े
पाख ंडी लो ग आपकी स ंस कृित पर चो ट करत े रह ेग े ………..कब तक ……….
आिखर कब त क………….? आि आपकी भारतभ ूिम , आप की मा तृ भूिम आपको पुकार रही ह ै। आि म ात ृ भू िम को त ुम हार ी िररत है। िय भारत िय वंदे मातरम ्
म ाँ