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पशात एिशया िवदापीठ िवशिवदालय नोथे
ं ो की सथापना की पचासवी " कोलिमबया और भारत के बीच राजनियक संबध वषरगाठ की समृित "" उिननोरते : 2009 आमंितत देश: भारत
13-15 अकटू बर 2009
पृषभूिम
िवशिवदालय नोथे बरंिकया , कोलिमबया
ं ो िपछले 30 वषों से भी अिधक " िवशिवदालय नोथे " अपने अंतरराषटीय संबध को िवकिसत और मजबूत बनाने के िलए काम कर रहा है. दुिनया भर के संसथानो के साथ हमारे िरशतो की वजह से हम अपने संसथान मे अनुसंधान पिरयोजनाओं, िशकको और छातो के आदान पदान, संयुकत िडगी पोगाम पदान
करते है. वतरमान मे, हमारी संसथा का 100 से अिधक िवदेशी संसथानो के साथ अंतराषटीय सहयोग समझौता है. इन गठबंधनो की सिकयता के कारण सथायी अंतराषटीय पीठो का िनमाण और िवकास हुआ है िजससे िक शैिकक, सासकृितक और देशो के बीच अनुसंधान को बढावा िमला , जैस:े यूरोप पीठ (बारहवा संसकरण), कनाडा िदन (छठा संसकरण), फुलबईट पीठ( दसवा संसकरण) अमेिरकी पीठ (तीसरा संसकरण) और एिशया पशात पीठ (2 संसकरण). यह पीठे सभी राजनियको, िशकािवदो और सरकारी अिधकािरयो, िवशेषजो, पोफेसरो और अंतरराषटीय संगठनो के अिधकािरयो को हमारे पिरसर मे उपिसथित की अनुमित पदान करती है. िपछले पचास साल के दौरान सबसे बडा वैिशक आिथरक िवकास पशात एिशया ने पसतुत िकया है, और यह अब भी तेजी से बढ रहा है. भारत के मामले मे िवशेष रप से बल िदया जाना चािहए, िजसने िवश को एक सावरभौिमक सासकृितक योगदान िदया है ,िनःसंदेह रप मे यह िवश का सबसे बडा लोकतंत है , िनरंतर नवाचार, पौदोिगकी पाकर, उचच गुणवता वाले उतपाद,अतयिधक कुशल कायरबल, इसके कुछ महतवपूणर तथय है ! नतीजतन, " िवशिवदालय नोथे " मानिवकी और सामािजक िवजान िडवीजन और उसके इितहास और सामािजक िवजान िवभाग और िवशेष रप से ं कायरकम के माधयम से िपछले 7 वषों मे एिशया पशात िवदेश अंतरराषटीय संबध नीित के अधययन का बीडा उठाया है और लगातार दो वषों से यह िडपलोमा "एिशया: िवश वयापार केद ' िवकिसत िकया है , िजसमे भारत के महतव पर पकाश डाला गया है , जो कोलंिबया कैिरिबयाई केत मे वयापािरयो और िशकािवदो को संबोिधत िकया है . यह धयान देने की बात है िक हमे एक अनुसंधान समूह के रप मे मानयता पापत है और इसे कोिलसएिनसअस दारा अंतरराषटीय एजेडा मे वगीकृत िकया जहा अनुसंधान की एक महतवपूणर पंिकत एिशया पशात है. यह भी धयान देने योगय बात है िक यह दो मूलय िमशोनो शैिकक एवं सासकृितक और वयवसाय के माधयम से केत मे के पूरा िकया गया है! हाल का घटनाकम इस बात पर पकाश डालना महतवपूणर है िक िवदेश और वािणजय, उदोग और पयरटन मंतालय दारा पशात एिशया की ओर केिनदत राषटीय सामिरक योजना की आिधकािरक पसतुित मे " िवशिवदालय नोथे " ने भाग िलया था , जहा कोलंिबया गणराजय की सरकार से मानयता पापत भारत के वतरमान राजदत ू शी दीपक भोजवानी उपिसथत थे
इस के तहत, " नोथे िवशिवदालय " ने तीसरी पशात एिशया पीठ को आमंितत ं ो की सथापना की िकया है िजसे कोलिमबया और भारत के बीच राजनियक संबध पचासवी वषरगाठ की समृित को समिपरत िकया जाएगा. " नोथे िवशिवदालय " पशात एिशया पीठ के माधयम से संयुकत रप से भारत के दत ू ावास, िवदेश मंतालय, वािणजय, उदोग और पयरटन मंतालय और पोबारंिकया के संयोजन से ,यह बडा आयोजन कर रही है तािक भारत और कोलिमबया के बीच िदपकीय ं ो को मजबूत करने मे योगदान िमले , लेिकन िवशेष रप से, कैिरिबयाई केत संबध मे, ऐसा संपकर िनिमरत िकया जाए जहा सरकारी, शैिकक एवं वयापािरक केत एकितत हो सके हम संसथागत ककककक ककककककक ककककककककक नामक कायरकम को मजबूती पदान करने के िलए काम जारी रखेगे और भिवषय मे पूवर-पिशमी सासकृितक केद के िनमाण को बढावा देगे िजसके दारा सहयोग और समझने के िलए एक अवसर उतपन हो जो सभयताओं के बीच सदाव मे योगदान पदान करे
सामानय उदेशय: ं ो की सथापना की पचासवी * कोलिमबया और भारत के बीच राजनियक संबध वषरगाठ के उपलकय मे. िविशष उदेशय: गाधी जी के जनमिदन के उपलकय मे *, उनकी सोच और अिहंसा के बारे मे िवचारो को बढावा देने के िलए. * भारत से िशकको के समथरन से नोथे िवशिवदालय और अंतराषटीय िवशिवधयलो के बीच नई साझेदारी की सथापना और मजबूती पदान करना * कोलोिमबया के िलए भारत दारा वयापार, िशका और िचिकतसा केत मे अवसरो को बढावा देने की पेशकश •
िविभन रिच केतो के िलए एक सेिटंग को ढू ंढना िजससे चचा और शैकिणक का आदान पदान हो सके , जो रणनीित, िचिकतसा, अंतराषटीय ं ो, इंजीिनयिरंग एवं से संबिं धत केतो के िलए कोलंबो - भारत संबध संसकृितयो के जान को बढावाने मे मदद पदान करे .