Love Poem

  • Uploaded by: Ranjan Dwivedi
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  • December 2019
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  • Words: 944
  • Pages: 5
Ranjan Dwivedi MBA IInd Sem. LKO; UP Love Poem 01

A Special World A special world for you and me A special bond one cannot see It wraps us up in its cocoon And holds us fiercely in its womb. Its fingers spread like fine spun gold Gently nestling us to the fold Like silken thread it holds us fast Bonds like this are meant to last. And though at times a thread may break A new one forms in its wake To bind us closer and keep us strong In a special world, where we belong.

2. An Entrapment My love, I have tried with all my being to grasp a form comparable to thine own, but nothing seems worthy; I know now why Shakespeare could not compare his love to a summer’s day. It would be a crime to denounce the beauty of such a creature as thee, to simply cast away the precision God had placed in forging you. Each facet of your being whether it physical or spiritual is an ensnarement from which there is no release. But I do not wish release. I wish to stay entrapped forever.

With you for all eternity. Our hearts, always as one.

3. Akhir Ladkiyan Chahti Kya hain ????? कभी हमे दे ख कर मुसकुराती है और कभी नखरे िदखाती है आिखर लडिकया कया चाहती है तमाम काम लडको से िनकलवाती है और ििर मुँह िेर कर चली जाती है आिखर लडिकया कया चाहती है हमे मुसकुरा कर घर बुलाती है और ििर अपने भाइयो से िपटवाती है आिखर लडिकया कया चाहती है मूड होता है तो बात करती है वरना यू ही चली जाती है आिखर लडिकया कया चाहती है अपनी हार से हमे तडपाती है और िदल धडका कर चली जाती है आिखर लडिकया कया चाहती है अपने शोहर को कबजे मै कर के सासो को रलाती है आिखर लडिकया कया चाहती है अपने शोहर से घर के काम करवाती है और खुद आराम िरमाती है आिखर लडिकया कया चाहती है आिखर ये लडिकया हमे कयो है पसंद कयो िक सावन िक तरह आती है और चली जाती है और कुछ िदल मै रह जाती है शायद लडिकया यही चाहती है ..! और ये कया चाहती हैै ...... ????????

4)

हर नज़र को एक नज़र की तलाश है ,

हर चहरे मे कुछ तोह एहसाह है , आपसे दोसती हम यूं ही नही कर बैठे, कया करे हमारी पसंद ही कुछ "खास" है . . िचरागो से अगर अँधेरा दरू होता, तोह चाँद की चाहत िकसे होती. कट सकती अगर अकेले िजनदगी, तो दोसती नाम की चीजै़ ही न होती. कभी िकसी से जीकर ऐ जुदाई मत करना, इस दोसत से कभी रसवाई मत करना, जब िदल उब जाए हमसे तोह बता दे ना, न बताकर बेविाई मत करना. दोसती सची हो तो वक रक जता है असमा लाख ऊँचा हो मगर झुक जता है दोसती मे दिुनया लाख बने रकावट, अगर दोसत सचा हो तो खुदा भी झुक जता है . दोसती वो एहसास है जो िमटती नही. दोसती पवत व है वोह, जोह झुकता नही, इसकी कीमत कया है पूछो हमसे, यह वो "अनमोल" मोटी है जो िबकता नही . . . सची है दोसती आजमा के दे खो.. करके यकीं मुझपर मेरे पास आके दे खो, बदलता नही कभी सोना अपना रं ग , चाहे िजतनी बार I

5) Na Ye Chemistry Hoti , Na Mein Student Hota

Na Ye Lab Hoti, Na Ye Accident Hota Abhi Practical Mein aaye Nazar Ek Ladki Sundar Thi Naak Uski Test Tube Jaisi Baton Mein Uski Glucose Ki Mithas Thi Sanson Mein Ester Ki Khushbu Bhi Saath Thi Aankhon Se Jhalakta Tha Kuch Is Tarah Ka Pyaar Bin Piye Hi Ho Jata Tha Alcohol Ka Khumar Benzene Sa Hota Tha Uski Presence Ka Ehsaas Andhere Mein Hota Tha Radium Ka Abhaas Nazrein Mileen, Reaction Hua Kuch Is Tarah Love Ka Production Hua Lagne Lage Us Ke Ghar Ke Chakkar Aise Nucleus Ke Charon Taraf Electron Hon Jaise Us Din Hamare Test Ka Confirmation Hua Jab Uske Daddy Se Hamara Introduction Hua Sun Kar Hamari Baat Woh Aise Uchal Pade Ignition Tube Mein Jaise Sodium Bharak Uthe Woh Bole, Hosh Mein Aao, Pahchano Apni Auqaat Iron Mil Nahin Sakta Kabhi Gold Ke Saath Ye Sun Kar Tuta Hamare Armanon Bhara Beaker Aur Hum Chup Rahe Benzaldehyde Ka Karwa Ghoont PeeKar….

6) -

अभी अभी तो पयार का PC िकया है चालु

अपने िदल के Hard Disk पे और िकतनी Files डालु

अपने चेहरे से रसवाई की Error तो हटाओ ऐ जानेमन अपने िदल का Password तो बताओ वो तो हम है जो आप की चाहत िदल मॆ ं रखते है वरना आप जैसे िकतने Softwares तो बाज़ार मे िबकते है रोज़ रात आप मेरे सपने मे आते हो मेरे पयार को Mouse बना के उं गिलयो पे नचाते हो तेरे पयार का Email मेरे िदल को लुभाता है पर बीच मे तेरे बाप का Virus आ जाता है और करवाओगे हमसे िकतना इनतजार हमारे िदल की साईट पे कभी Enter तो मारो यार अपने इनसलट का बदला दे खो कैसे लुंगा जानेमन तेरे बाप को Ctrl+Alt+Delete कर दंग ु ा आपके कई नखरे अपने िदल पे बैग हो गये दो PC जुडते जुडते Hang हो गये आप जैसो के िलये िदल को Cut िकया करते है वरना बाकी केसेस मे तो Copy Paste िकया करते है आपक हँ सना आप क चलना आप की वो सटाईल आपकी अदाओं की हमने Save कर ली है File जो सदीयो से होता आया है वो रीपीट कर दंग ु ा तु ना िमली तो तुझे Ctrl+Alt+Delete कर दंग ु ा लडकीयां सुनदर है और लोनली है पोबलम है िक बस वो Read Only है .

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