Happiness

  • Uploaded by: Kuldip Gupta
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  • August 2019
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  • Words: 201
  • Pages: 1
Happiness ( Few Years back in an international survey it was observed that Americans were the happiest persons and India came second. This poem is a cynical response to the said survey. The me is Janata, Mother is Governemnt,) हाँ मै खुश हूँ

कबीर के शबदो के पििकुल (कबीर कहिा है : सुिखया सब संसार , खाये और सोये दिुखया दास कबीर जागे और रोये)

िबन खाये सोया हूँ ििर भी खुश हूँ।

मुझे मेरी माँ ने अिीम चटा दी है । मै मां की वयसि िदनचयाा मे एक वयधान था। इसीिलये मेरी मां ने मुझे अिशका की, भागयशीलिा की धमान ा धिा की और जांि- पांि की अिीम चटा दी है अब मै बड़ी खुशी के साथ िबन खाये भी सो पािा हूं। मां भी कया करिी वह िो वयसि थी गाय दहूने मे

िसल काटने मे पूजा घर मे और पड़ोसी मुलको के साथ उचचसिरीय वािाल ा ाप मे मै और मेरी भूख जो इन सबके बीच एक वयधान थी को अिीम चटा दी है । और अब मै कबीर के इिर िबन खाये भी खुश खुश सो पािा हूं। हं इसी बीच सवक े ण वाले आये थे।

जो मेरी खुशी को एक कीििम ा ान दे गये।

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