दिल की ये आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले

  • Uploaded by: Devendra Kumar Choudhary
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  • April 2020
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  • Words: 206
  • Pages: 1
/ Title: ििल की ये आरज़ू थी कोई ििलरबा ििले / Film: Nikaah / Music Director: Ravi / Lyricist: Hasan Kamaal / Singer(s): Mahendra Kapoor , Salma Agha

ि: ििल की ये आरज़ू थी कोई ििलरबा ििले \- (२) लो बन गया नसीब के तुि हि से आ ििले ििल की ये ... स: िेखे हिे नसीब से अब, अपन क े याििले \- (२) अब तक तो जो भी िोसत ििले, बेवफ़ा ििले \- (२) ि: आँखो को इक इशारे की ज़ेहित तो िीिजये कििो िे ििल िबछािँ इ ू जाज़ततोिीिजये ग़ि को गले लगालूँ जो ग़ि आप का ििले \- (२) ििल की ये ... \- (२) स: हमे उिािसयो िे गुज़ारी है िज़निगी \- (२) लगता है डर फ़रेब\-ए\-वफ़ा से कभी कभी \- (२) ऐसा न हो िक ज़ख़्ि कोई ििर नया ििले \- (२) अब तक तो जो भी िोसत ििले बेवफ़ा ििले ि: कल तुि जुिा हएु थे जहा साथ छोड़ कर हि आज तक खड़े है उसी ििल के िोड़ पर हि को इस इनतज़ार का कुछ तो िसलह ििले (२) ििल की ये ... \- (२) स: िेखे हिे नसीब से अब, अपन क े याििले \- (२) अब तक तो जो भी िोसत ििले, बेवफ़ा ििले \- (२)

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