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नाग कड़ा साधना | Naag Kada Sadhana Posted on February 24,
[email protected] in Naag Sadhna
यूं तो नाग कड़े 101 होते ह | इनक साधना करने वाला हर नाग को अपने वश म कर लेता है | नाग को क लत भी कर सकता है | नाग को पकड़ भी सकता है और नाग उसे कोई नु सान नह प ंचा सकता पर इसके लए भी कुछ नयम अपनाने पड़ते ह | जो मं नाग वष उतारने के काम या नाग को वश म करने के काम आते ह उ ह नाग कड़ा कहा जाता है | यहाँ एक नाग कड़ा दे रहा ँ, इसक साधना करने से नाग को पकड़ने पर वो नु सान नह करता और इससे कसी नाग डसे इंसान का इलाज भी कया जा सकता है, उसक जान बचाई जा सकती है | इसक साधना बताई ई व ध से ही कर, अपनी सु वधा से फेर बदल न कर | मने महसूस कया है क कई साधक साधना तो दे ख लेते ह फर अपनी सु वधा अनुसार ही नयम बना लेते ह और जब स नह होती तो साधना को दोष दे दे ते ह | म यह साधना अनुभव क कसौट पर ही दे रहा ँ, इस लए नयम अपनाने ज री ह, वरना न कर | यह साधना 40 दन म स होती है, यह एक मा क साधना है | इसको कर लेने के प ात आपके मन म नाग का भय समा त हो जायेगा और आप कसी भी नाग को पकड़ने म स म हो जाते ह | जब यह कड़ा पढ़ा जाता है तो नाग वयं आकर समपण कर दे ता है | इस लए उसे पकड़ने से पहले उसे वचन द क म आपको कोई नु सान नह क ँ गा, आप बाहर आ जाएँ, म आपको यहाँ से ले जाकर बा बी म आबाद कर ं गा | ऐसा वचन करने से नाग शांत भाव से आकर बैठ जायेगा और आप कड़ा या यह क ल पढ़ कर उसे क लत कर सकते ह | इसके लए थोड़े आटे
म नमक मलाकर आसपास का इलाका क ल द और लोग को पीछे हटा द, कई बार नाग डर कर सरी जगह क और भाग पड़ता है | क ल लगाने से वो क ल म आ जाता है या आप जब यह मं पढ़ते ह आपके पास आकर बैठ जाता है तो उसे सावधानी से पकड़ कर कसी थैले म डाल द, वो आपको कुछ नह कहेगा | उसे सर से 4 इंच छोड़ कर भी पकड़ सकते ह | फर उसे कसी बा बी के पास ले जाकर छोड़ द और उसे क ल मु कर द | क ल मु करने के लए नाग उ क लन भी दया जा रहा है और सरी बात अगर कोई आदमी नाग डसे वाला आ जाये तो इस मं से आप उसका झाड़ा कर सकते ह या पढ़ कर कट जगह पर फूँक लगा दे ने से वष अपने आप नकलने लग जाता है और वो वष मु हो जाता है | इस साधना को जस दन शु कर, उस दन नमक न खाएं और जस दन पूरी हो जाये उस दन भी नमक का याग कर |
वध यह 40 दन क साधना है, इसे कोई भी कर सकता है | व कोई भी पहने और इसे कसी नद या तालाब आ द के कनारे बैठ कर कर और एक लौटे म ध म त जल डाल और उसे अपने पास रख, घी का दया लगा सकते ह और पूजा के लए फूल आ द पास रख, अगरब ी लगा द और काली हक क माला या ा क माला से एक माला मं जाप कर मतलब 108 बार मं करना है 40 दन | और जब जाप पूरा हो जाये तो लोटे म जो ध पास म रखा है उसे नाग क बा बी म डाल द | इस मं को 7 बार पढ़ कर अगर सांप डसे पर फूँक मार द तो वष उतर जाता है, ऐसा स ताह तक या 3 दन कर, आराम होगा |
नाग कड़ा जहाँ कहाँ कालू बालू | क ला तेरे ह ठ दं द मुख तालु | क लु तेरी मायी वावा जन तू जाया | क लु तेरी नानी दाद जन तू गोद खलाया | क लु तेरे भाई बंद जन तू लाड लड़ाया | क लु तेरी कुल सभाई जन तू साथ फराया | साहंसर क ल तेरी कुल क जात | क लु व शयर का प रवार ईसर क ले गोरजा कहे | मेरा क लया तीन युग रहे | नके नके कोड़ कुड दये चड़दे सहज क लयान उभर मारी का लया तू रख लेई सु तान | सास ब आडंबर कया भर पयाला वष का पया | दल पडे को आग लगी तस पडे को छाया | वशे मांदरी परचायेया | झड़ री झड़ वष झड़ नह तो खारे खूह म पड़ | दनी पई भनेवा आया | मासी ते मोसा पाले | गूगा हाथ वरमी घते कढ़े नाग मुख जाले अ हए द हए तलक तलोकन कढ़न नाग फरनाले | बुहे ते घत कुंडल बहदे डस पीवन ड सयाले | नद कनारे ढू डन लगे काली कबली आले | काली नागनी सर बने डोरी | काहे रे व शया घर जाए करे जोरी | हनुमत ने वंधी पास धरोही हनुमत वीर क | वश जो तु चड़े कपाल उतरे ते उता नह तो नल मुख ग ड़ को हौका | नील मुख ग ड़ छोड़ी लाल वश गई सातवे पाताल | फूरो मं ईसर महादे व क वाचा फुरे | नके नके त लयर बसु दई तबाह | हाथ न घते मांदरी चंद वल आखे खार | ंद पीर साहब का ंदा पीर साहब का | झड़ री झड़ तू वश झड़ खुह खाते म जा के पड़ | स य नाम आदे श गु को || यह मं ब त पावरफुल है | इससे कसी भी सांप डसे का इलाज कया जा सकता है और इससे नाग को क ल भी सकते ह | जब नाग क ल म आ जाता है तो बना हले पास बैठा रहता है | उसे उठा के कसी बा बी के पास छोड़ दे ना चा हए और उस व त उसे क ल मु कर दे ना चा हए, नह तो वो हल नह पायेगा |
नाग क ल उ क लन (नाग को क ल मु ॐ गु जी को अदे स |
करने के लए )
क लन यी उ क लनी वाचा या को वाच , सपा जाय घर अपने चुंग पुंग चारो मास || इस मं से थोड़ी रा ते क धूल लेकर उसे 7 बार पढ़ ल फर नाग के ऊपर फक द ह के से और सावधानी से पीछे हट जाएँ | नाग क ल मु होते ही चलने लगेगा और नाग कसी का म नह यह आप जानते ह | इस लए बना वहां के नम कार कर घर वा पस आ जाएँ और फर र ववार को बा बी म ढू ध डाल द |
ॐ
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