1212

  • December 2019
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  • Words: 1,729
  • Pages: 6
1

ब ःम ला हर मािनर म



साब

र मानव जीवन के तीन मह पुण दज से गुज़रे गा। पहला दजाः लो कक जीवन, दसरा दजाःमृ यु के प ात का जीवन( बरज़खी ू

जीवन) तीसरा दजाः पारलो कक जीवन, अथः मृ यु के बाद फर मानव जी वत होगा और अ लाह हर इ सान से उसके कम के ूित ू इसके बाद ज नत (ःवग) या ज

करे गा,

नम( नक) म डालेगा, यह तीसर

जीवन ह वाःत वक जीवन और हमेशा रहने वाली जीवन है । मृ यु के बाद जब मानव ऊठाया जाएगा, सब लोग परे शान ह गे, लोग अपने कम के अनुसार पसीने म डबे ू ह गे, सब के पता और पहले नबी आदम

अलै हःसलाम के पास लोग जाऐंगे और कहगे << आप पहले नबी ह, आप अ लाह से िसफा रश (अनुशंसा) कर क अ लाह हमारे बीच िनणय कर,

वह उ र दगे क म ने जीवन म गलती कया था, म िसफा रश नह कर सकता, तुम लोग नू

अलै हःसलाम के पास जाओ, वह अ लाह से

िसफा रश करगे। लोग नू

अलै हःसलाम के पास जाऐंगे और कहगे <<

आप अ लाह से िसफा रश कर क अ लाह हमारे बीच िनणय कर, वह उ र दगे क म ने जीवन म गलती कया था, म िसफा रश नह कर सकता, तुम लोग इॄाह म अलै हःसलाम के पास जाओ, वह अ लाह से िसफा रश करगे। लोग इॄाह म अलै हःसलाम के पास जाऐंगे और कहगे << आप अ लाह से िसफा रश कर क अ लाह हमारे बीच िनणय कर, वह उ र दगे क म ने जीवन म गलती कया था। म िसफा रश नह कर

सकता तुम लोग मूसा अलै हःसलाम के पास जाओक, वह अ लाह से िसफा रश करगे, लोग उनके पास जाएंगे और कहगे << आप अ लाह से

िसफा रश कर क अ लाह हमारे बीच िनणय कर, वह उ र दगे क म ने जीवन म गलती कया था, म िसफा रश नह कर सकता, तुम लोग ईसा

2

अलै हःसलाम के पास जाओ, वह अ लाह से िसफा रश करगे। लोग उनके पास जाएंगे और कहगे << आप अ लाह से िसफा रश कर क

अ लाह हमारे बीच िनणय कर, वह उ र दगे क म ने जीवन म गलती कया था, म िसफा रश नह कर सकता, तुम लोग मोह मद स0 अ0 व0

स0 के पास जाओ, वह अ लाह से िसफा रश करगे। लोग मोह मद स0 अ0 व0 स0 के पास जाएंगे और कहगे आप अ लाह के अ तम रसूल ह, आप अ लाह से िसफा रश कर क अ लाह हमारे बीच िनणय कर,

आप स0 अ0 व0 स0 कहगे क म ह अ लाह से अनुशंसा क ं गा और आप अ लाह के िलए सजदे म िगर जाएंगे फर जतना समय अ लाह चाहे आप सजदे म रहगे, फर अपना सर सजदे से उठाएंगे और अ लाह से ब द के बीच

साब करने क ूाथना करगे। अ लाह आप क ूाथना

को ःवीकार करगे और सारे मनुंय के बीच उ म

याय के साथ हसाब

करगे। अ लाह ताला सारे मानव को अपने सम

खड़ा करे गा और उनके

सब कम का प रचय करवाएगा जो ब द ने संसार म कया था, फर

ब द के कम के अनुसार उ ह बदला दे गा। एक नेक (पु य) के बदले दस से लेकर सात सौ से अिधक तक दे गा पर तु पाप को पाप के अनुसार ह बदला दे गा। सब से पहले कन से

साब होगा ?

सब से पहले मुसलमान से

नमाज़ के बारे म होगा य द नमाज़ के ूित सफल पुवक

ूथम ू

उ र दया तो दसरे ू ु

पहले र

साब िलया जाएगा और मु ःलम से

सहज होगा। इसी तरह लोग के बीच सब से

पात के ूित िनणय कया जाएगा। इस के बाद तोसरे धम

वाल से ू

कयी जाएगा। मुश रक और अ लाह का इ कार करने

वाल से भी

साब िलया जाएगा और क़यामत के दन उनके कम को

3

ू य

कया जाएगा। वह लोग विभ न क ठनाईय म िल

ह गे।

जनह ने एयादा अ याचार, पाप कया ह गे, उनह ज़यादा क ठनाईयाँ दया जाएगा और जन लोग के पास पु य,ने कया होगी उनह कम क दया जाएगा पर तु वह ःवग म पवश नह ं हो सकते



क उनह ने

अ लाह के साथ िशक कया था। कस तरह का ू ू



होगा ?

तो हर य

से होगा पर तु अ लाह उन लोग से सहज

करे गा जनह ने दिनया म अ लाह के आ ा का पालन कया ु

होगा, केवल अ लाह क इबादत (पुजा, अराधना ूाथना भट) करता था और कुछ लोग से बहत ु ू

करे गा जन से अिधक ू

करे गा वह

ठं डत लोग ह गो। अ लाह उनसे नाराज़ होगा जैसा क ूय नबी स0

अ0 व0 स0 ने फरमाया है << क़यामत के दन जन से एयादह ू पूछा जाएगा उसे अज़ाब दया जाएगा। >> कमपऽ का लेनाः

वहाँ खड़े ूित य य

को उसका कमपऽ दया जाएगा जन

य को कमपऽ उनके दाय हाथ म दया जाएगा, वह सफलता पुवक

लोग ह गे और वह लोग बहत ु ूस न ह गे और खूशी से अपना कमपऽ सब को दखाएंगे और कह रहे ह गे क हमने दिनया म ह इस क ु तय रया कये थे। इसी कारण हमने अ छा प रणाम ूा य

कया है जन

य को बोय हाथ म कमपऽ दया जाएगा। वह दःखी ह गे और ु

पशचा ाप से कहगे, ए काश, क मुझे मेरा कमपऽ न दया गया होता ! और म नह जानता क मेरे साथ कया आचार( यवहार) कया जाएगा। तराज़ू का रखा जानाः

4

क़यामत के दन ब द के

साब के िलए तराज़ू (तखर ) को

रखा जाएगा और उनके एक एक कम को जोखा जाएगा। लोग एक एक कर के अपने

साब के िलए अ लाह के सम

तआला उनके हर कम के बारे म उन से ू

खड़े ह गे तो अ लाह करे गा। इस के बाद ब द

के कम को तराज़ू म तौला जाएगा जैसा क अ लाह तआला ने फरमाया है << क़यामत के दन हम ठ क ठ क तौलने वाले तराज़ू रख

दगे, फर कसी य

पर कण-भर अ याचार न होगा। जस का राई के

दाने के बराबर भी कुछ कया-धरा होगा। वह हम सामने ला दगे और साब लगाने के िलए हम काफ ह >>।

कम को तौलने क अवःथाः

क़यामत के दन ब द के कम को जोखा जाएगा चाहे वह अ छे कम ह या बुरे कम ह ,तो जन के अ छाइयाँ एयादा होगी वह सफल होगा और जनके पाप अधीक ह गे, वह घाटे म ह गा, यह सब अ लाह

के

याय को बताने के िलए होगा और क़यामत के दन तराज़ू म सब

से भाड़ चीज़ उ म सदाचार होगा, जैसा क अ लाह तआला ने फरमाया है । << और वज़न उस दन स य होगा, जनके पलड़े भार ह गे

वह सफलता ूा

करने वाला होगा और जनके पलड़े हलके ह गे, वह

अपने आप को घाटे म डालने वाले ह गे,



क वह हमार आयत के

साथ अ यायपूण यवहार करते रहे थे>>

क़यामत के दन कन चीज़ के ूित ू

होगा ?

(1) अ लाह तआला ब द से उनके हर कम के बारे म ू

करे गाः

अ लाह तआला ने प वऽ कुरआन म फरमाया है ।<< तो क़सम है तेरे रब क , हम ज़ र उन सब से पूछगे क तुम अल हळ-92,93) (2)

ान, आँख, कान,

दय के बार म ू

होगा।

या करते रहे हो >> (

5

यक नन

ान, कान, आँख,

दय ई र क द हई ु बहत ू बड़

स पती है जसका स य ूयोग ह हमारे िलए लाभ दायक है और इनके ूित हम से ू

होगा। अ लाह ने हम प वऽ क़ुरआन म चेतावनी दया ्

है । << कसी एसी चीज़ के पीछे न लगो जसका तु ह िनःसंदेह आँख कान, और

इसरा-36)

ान न हो,

दय सब ह के वषय म पुछा जाएगा >>(

(3) अ लाह के साथ भागीदार बनाने के बारे म ू

होगा।

अ लाह को छोड़ कर कसी और(दे वी,दे वता,प थर,पशू ,पेड़,पौदा) क पूजा और आराधना करना एक ऐसा पाप है जसे अ लाह कसी भी कारण माफ नह करे गा जैसा क अ लाह तआला प वऽ क़ुरआन म ्

फरमाता है । << और( भूल न जाएँ यह लोग) उस दन को जब वह

इनको पुकारे गा, कहाँ है मेरे वह साझीदार जनका तुम गुमान(ॅम) रखते थे >>(क़सस-62)

(4) संदे ा (रसूल) के बारे म ू

होगा।

नबी अ लाह क ओर से समाज म समाज सुधारक होते ह और अ लाह का मैसेज(संदेह) लोग तक पहंू चाते ह, तो जो इन संदे ा क

बात मानते ह, उनके बताए हए ू पद पर चलते ह, वह लोग सफल

पुवक ह गे और जो लोग उनक पुकार का जवाब नह दे ते,उन के बताए हए ु पद पर नह चलते, अ लाह उन से ू

करे गा। अ लाह का कथन

है << और वह दन जब क वह इनको पुकारे गा और पूछेगा क जो रसूल भेजे गए थे उनह तु ने

(5) नेमत के बारे म ू

या जवाब दया था>> ( क़सस-65) कया जाएगा।

संसार म लोग को जो भी नेमत, धन-दौलत, जवानी, ःवाः य उपल ध है , उस के बारे म ू

होगा जैसा क अ लाह का कथन है । <<

फर ज़ र तुम से उस दन इन नेमत के बारे म जवाब तलब कया

6

जाएगा >> और ूय नबी स0 अ0 व0 स0 ने फरमाये ह। << क़यामत

के दन ब द के दोन पैर अपनी जगह से न हलगे जब तक क वह

चार ू न का उ र न द, जीवन को कन चीज़ म लगाया, दौलत कैसे कमाया और

हाँ खच कया, अपने

ान के साथ

या कया, अपने

शर र को कन चीज़ म लगाया >>(सुनन ितिमज़ी) इसी िलए हर य

अपने जीवन का यह लआय रखे क वह

अपने जीवन म ई र के आ ा का पालन करगे। अ लाह को ूस न करने वाले कम करगे तभी वह पारलो कक जीवन म सफलता ूा करे गा और अमृ यु जीवन म ूस न एवं नेमत का भरपूर आन द लेगा।

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