ििफ ला रसायन
कलप
सवव नेि रो गिनव ारक, मे धा व दिि वधव क
ििफला रसायन कलप ििदोषनाशक, इं ििय बलवधक व िवशेषतः नेिो के िलए िितकर,
वद ृ ावसथा को रोकने वाला व मेधाशिि बढाने वाला िै । इसके सेवन से नेिजयोित मे आशयज व नक विृद िोती िै । दििमाद, रतौधी, मोितयािबंद ु, काँचिबंद ु आिद नेिरोगो से रका िोती िै । बाल काले, घने व मजबूत बनते िै । 40 िदन तक िविधयुि सेवन करने से समिृत, बुिद, बल व वीय व मे विृद िोती िै । 60 िदन तक सेवन करने से यि िवशेष पभाव िदखाता िै । जगजाििर िै िक इस पयोग से पूजय बापू जी अदभुत लाभ िुआ िै , चशमा उतर गया िै ।
िव िधः शरदपूििम व ा की रात को चाँदी के पाि मे 350 गाम ििफला चूिव, 350 गाम दे सी
गाय का घी व 175 गाम शुद शिद िमलाकर पाि को पतले सफेद वस से ढँ क कर रात भर
चाँदनी मे रखे। दस व ू रे िदन सुबि इस िमशि को काँच अथवा चीनी के पाि मे भर ले। (उपयुि मािाएँ 40 िदन के पयोग के िलए िै । 60 िदन के पयोग के िलए ििफला, घी व शिद की मािाएँ डे ढ गुनी ले।)
सेवन -िव िधः 11 गाम िमशि सुबि-शाम गुनगुने पानी के साथ ले (बालको के िलए मािा
6 गाम)
िदन मे केवल एक बार साििवक, सुपाचय भोजन करे । इन िदनो मे भोजन मे नमक कम
िो तो अचछा िै । साधारि नमक की जगि सेधा नमक का उपयोग िवशेष लाभदायक िै । सुबि
शाम गाय का दध ू ले सकते िै । दध ू व रसायन के सेवन मे दो ढाई घंटे का अंतर रखना
आवशयक िै । कलप के िदनो मे खटटे , तले िुए, िमचव-मसालेयुि व पचने मे भारी पदाथो का सेवन िनिषद िै । इन िदनो मे केवल दध ू -चावल, दध ू -दिलया अथवा दध ू -रोटी का सेवन अिधक गुिकारी िै ।
इस पयोग के बाद 40 िदन तक मामरा बादाम का उपयोग िवशेष लाभदायी िोगा। कलप
के िदनो मे नेििबनद ु का पयोग अवशय करे ।
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िवजयादशमी से शरद पूनम तक रािि मे 10-15 िमनट चंिमा की ओर दे खने से
नेिजयोित बढती िै । नेिरोगो मे भी लाभ िोता िै ।
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