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ःवाइन लू से बचने के घरे लू तरके A collection by : Kamlesh Maheshwari . Mumbai. India : 09320390340 ःवाइन लू से ठक उसी तरह से बचा जा सकता है जैसे क हम साधारण लू या सद -जुकाम से बचते ह# । इस ूयास म& कुछ घरे लू उपाय कारगर सा*बत हो रहे ह# । तो बेहतर होगा डा-टर/ के सुझाए सारे एहितयात अपनाने के अलावा हम कुछ घरे लू उपाय/ पर भी नजर डाल&। लू का असर शरर पर उसी व6 हो सकता है जब आपके भीतर रोग से लड़ने क9 झमता म& कमी आ रह हो। इसिलए आइए शरर क9 रोग िनरोधक :मता बढ़ाने के कुछ उपाय/ पर नजर डाल&। कुछ आम जड़जड़-बूटयांऔर पौधे : इसम& सबसे पहले नाम आता है तुलसी का, जो आसानी से भारतीय घर/ म& उपल@ध है । यहां इसका धािमAक से Bयादा एक उपचार पौधे के Cप म& अहिमयत है । तुलसी के पौधे का रस अथवा उसका पेःट लाभकार सा*बत होगा। यह न िसफA Fय*6 क9 ूितरोधक :मता बढ़ाता है बGHक उपचार के दौरान ूभा*वत Fय*6 को शीय करने म& लाभकार सा*बत होता है । तुलसी से लाभ पाने का सबसे आसान तरका है क हर रोज इसक9 पांच अJछ तरह से धुली हुई प*Lय/ का इःतेमाल कर& । एलोवेरा इन दन/ काफ9 लोक*ूय जड़बूट है । दवाइय/ तथा सMदयA ूसाधन/ म& इसका काफ9 इःतेमाल कया जाता है । एलोवेरा Fय*6 क9 रोग िनरोधक :मता को बढ़ाता है । इसके एक चNमच रस को पानी के साथ इःतेमाल करने से न िसफA Oवचा को खूबसूरत बनाया जा सकता है , बGHक यह ःवाइन लू के असर को कम करने म& भी कारगर सा*बत होगा। एक और जड़-बूट है जो आपके भीतर लू से लड़ने क9 :मता बढ़ाती है । आम तौर पर हQद म& गुलांचा और गुलबेल के नाम से जाना जाता है । सं ःकृ त म& इसे अमृता, चबांगी, नागकुमाTरका आद नाम/ से पुकारते ह# । इसक9 एक फुट लं बी शाखा को लेकर तुलसी क9 छह प*Lय/ के साथ 10 से 15 िमनट तक उबालना चाहए। ठंडा होने पर इसम& थोड़ काली िमचA, िमौी, स&धा नमक अथवा काला नमक िमलाएं। यद यह पौधा आपको अपने आसपास नहंिमलता है तो कसी आयुवVद क9 दक ु ान से खरदकर उससे ऐसा ह काढ़ा बना सकते ह# ।
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कुछ घरे लू उपचार : यद आपको लहसुन क9 गंध से अXिच नहं है तो सुबह-सुबह इसक9 दो किलयां खाली पेट गमA पानी के साथ लेना शरर क9 ूितरोधक :मता बढ़ाने म& कारगर सा*बत हो सकता है । क#फर अथवा कपूर का भी इःतेमाल कया जा सकता है । वयःक चाह& तो इसे पानी के साथ इःतेमाल कर सकते ह# , वहं बJच/ को इसका पाउडर आलू अथवा केले के साथ िमलाकर दे ना होगा। मगर यह Yयान रखना है क कपूर का इःतेमाल महने म& एक बार ह करना पयाAZ है । इसे बार-बार इःतेमाल नहं करना चाहए।
यद दध ू भाता है तो बेहतर होगा रोज रात म& थोड़ सी हHद डालकर हHका गमA दध ू इःतेमाल कर& । सभी ख[टे फल *वटािमन सी से भरपूर होते ह# । आम तौर पर माना जाता है क सद से बचने का यह बेहतर तरका है , जो क ःवाइन लू के िलए भी कारगर सा*बत होगा।
वैकGHपक दवाएं : कसी भी बीमार से बचाव के िलए आम तौर पर होिमयोपैिथक दवाओं के इःतेमाल का खूब चलन है । इसक9 सबसे बड़ वजह यह है क इन दवाओं के साइड इफे-ट नहं ह# । Pyrogenium 200 और Inflenzium 200 क9 पांच गोिलय/ को दन म& तीन बार िलया जा सकता है । यद दवा िलG-वड म& है तो इसक9 दो-तीन बूंद दन म& तीन बार लेना काफ9 होगा। हालांक ये दवाएं *वशेष Cप से ःवाइन लू िलए तैयार नहं हुई हग# मगर रोकथाम के उपाय/ म& इन दवाओं को शािमल करने म& कोई हजA नहं है । Fयायाम और योग : रोज सुबह टहल& अथवा हHका-फुHका Fयायाम कर& । यह सा*बत हो चुका है क Fयायाम से शरर म& बेहतर ूितरोधक :मता का िनमाAण होता है । कसी अनुभवी Fय*6 क9 दे खरे ख म& अथवा पूर जानकार के बाद कया गया ूाणायाम भी आपक9 ूितरोधक :मता को बढ़ाता है । और अंत म& थोड़े -थोड़े अंतराल पर कसी कटाणुनाशक साबुन से अपने हाथ धोना एक ऐसी अJछ आदत है Gजससे आप खुद को ःवःथ रख सकते ह# और घातक वायरस के हमले से काफ9 हद तक बचाव कर सकते ह# । A collection by : Kamlesh Maheshwari . Mumbai. India : 09320390340