शाह आलम कै प की ह असग़र वजाहत (1) शाह आम कै प म िदन तो िकसी न िकसी तरह ग ुज़र जातेह लेिकन रात क़यामत की होती है । ऐसी नझ%ा नझ%ी का अलम होता है िक अ&ला बचाये। इतनी आवाज़ेहोती ह िक कानपड़ी आवाज़ नहींसुनाई देती, चीख-पुकार, शोर-ग ुल, रोना, िच&लाना, आह िससिकयां. . . रात के व23 ह अपनेबाल-ब4च5 सेिमलनेआती ह । ह अपनेयतीम ब4च5 के िसर5 पर हाथ फेरती ह , उनकी सूनी आंख5 म अपनी सूनी आंख डालकर कुछ कहती ह । ब4च5 को सीनेसेलग ा लेती ह । िज़ंदा जलायेजानेसेपहलेजो उनकी िजग रदोज़ चीख़5 िनकली थी वेपृ?भूिम म ग ूंजती रहती ह ।
सारा कै प जब सो जाता है तो ब4चेजाग तेह , उAह इंितजार रहता है अपनी मांको देखनेका. . .अBबा के साथ खाना खानेका। कैसेहो िसराज, 'अ मांकी ह नेिसराज के िसर पर हाथ फेरतेहए ु कहा।'
'तुम कैसी ह5 अ मां?' मांखुश नज़र आ रही थी बोली िसराज. . .अब. . . म ह हं ू . . .अब मुझेकोई जला नहींसकता।' 'अ मां. . .2या म भी तु हारी तरह हो सकता हं ू ?' (2) शाह आलम कै प म आधी रात के बाद एक औरत की घबराई बौखलाई ह पहं ु ची जो अपनेब4चेको तलाश कर रही थी। उसका ब4चा न उस दिनया म था न वह कै प म ु था। ब4चेकी मांका कलेजा फटा जाता था। दसरी औरत5 की ह भी इस औरत के साथ ू ब4चेको तलाश करनेलग ी। उन सबनेिमलकर कै प छान मारा. . .मोह&लेग यीं. . .घर धू-ंधूंकरके जल रहे थे। चूिंक वे ह थींइसिलए जलतेहए दर घुस ग यीं. . ु मकान5 के अं .कोना-कोना छान मारा लेिकन ब4चा न िमला।
आिख़र सभी औरत5 की ह दंग ाइय5 के पास ग यी। वेकल के िलए पेशौल बम बना रहे थे। बंदक ू साफ कर रहे थे। हिथयार चमका रहे थे। ब4चेकी मांनेउनसेअपनेब4चेके बारे म पूछा तो वेहंसनेलग ेऔर बोले, 'अरे पग ली औरत, जब दस-दस बीस-बीस लोग 5 को एक साथ जलाया जाता है तो एक ब4चेका िहसाब कौन रखता है ? पड़ा होग ा िकसी राख के ढेर म।' मांनेकहा, 'नहीं, नहींमनेहर जग ह देख िलया है . . .कहींनहींिमला।' तब िकसी दंग ाई नेकहा, 'अरे येउस ब4चेकी मांतो नहींहै िजसेहम िऽशूल पर टांग आयेह ।' (3) शाह आलम कै प म आधी रात के बाद ह आती ह । ह अपनेब4च5 के िलए ःवग O से खाना लाती है ।, पानी लाती ह , दवाएंलाती ह और ब4च5 को देती ह । यही वजह है िक शाह कै प म न तो कोई ब4चा नंग ा भूखा रहता है और न बीमार। यही वजह है िक शाह आलम कै प बहत ु मशहर ू हो ग या है । दरू -दरू मु&क5 म उसका नाम है । िद&ली सेएक बड़े नेता जब शाह आलम कै प केदौरे पर ग येतो बहत ु खुश हो ग येऔर बोले, 'येतो बहत ु बिढ़या जग ह है . . .यहांतो देश के सभी मुसलमान ब4च5 को पहं ु चा देना चािहए।' (4) शाह आलम कै प म आधी रात के बाद ह आती ह । रात भर ब4च5 के साथ रहती ह , उAह िनहारती ह . . .उनके भिवंय के बारे म सोचती ह । उनसेबातचीत करती ह । िसराज अब तुम घर चलेजाओ, 'मांकी ह नेिसराज सेकहा।' 'घर?' िसराज सहम ग या। उसके चेहरे पर मौत की परछाइयांनाचनेलग ीं। 'हां, यहांकब तक रहोग ?े म रोज़ रात म तु हारे पास आया क ंग ी।' 'नहींम घर नहींजाउंग ा. . .कभी नहीं. . .कभी,' धुआ,ंआग , चीख़5, शोर। 'अ मांम तु हारे और अBबू के साथ रहं ू ग ा' 'तुम हमारे साथ कैसेरह सकतेहो िस2कू. . .' 'भाईजान और आपा भी तो रहतेह न तु हारे साथ।' 'उAह भी तो हम लोग 5 के साथ जला िदया ग या था न।' 'तब. . .तब तो म . . .घर चला जाउंग ा अ मां।' (5)
शाह आलम कै प म आधी रात के बाद एक ब4चेकी ह आती है . . .ब4चा रात म चमकता हआ जुग नू जैसा लग ता है . . .इधर-उधर उड़ता िफरता है . . .पूरे कै प म दौड़ाु दौड़ा िफरता है . . .उछलता-कूदता है . . .शरारत करता है . . .तुतलाता नहीं . . .साफ-साफ बोलता है . . .मांके कपड़5 सेिलपटा रहता है . . .बाप की उंग ली पकड़े रहता है । शाह आलम कै प के दसरे ब4चेसेअलग यह ब4चा बहत ू ु खुश रहता है । 'तुम इतनेखुश 2य5 हो ब4चे?' 'तु ह नहींमालूम. . .येतो सब जानतेह ।' '2या?' 'यही िक म सुबूत हं ू ।' 'सुबूत? िकसका सुबूत?' 'बहादरी ु का सुबूत हं ू ।' 'िकसकी बहादरी ु का सुबूत हो?' ु कर िदए 'उनकी िजAह5नेमेरी मांका पेट फाड़कर मुझेिनकाला था और मेरे दो टकड़े थे।' (6) शाह आलम कै प म आधी रात के बाद ह आती ह । एक लड़के के पास उसकी मांकी
ह आयी। लड़का देखकर है रान हो ग या। 'मांतुम आज इतनी खुश 2य5 हो?' 'िसराज म आज जAनत म तु हारे दादा सेिमली थी, उAह5नेमुझेअपनेअBबा से िमलवाया. . .उAह5नेअपनेदादा. . .से. . .सकड़ दादा. . .तु हारे नग ड़ दादा सेम िमली।' मांकी आवाज़ सेखुशी फटी पड़ रही थी। 'िसराज तु हारे नग ड़ दादा. . .िहंद ू थे . . .िहंद.ू . .समझे? िसराज येबात सबको बता देना. . .समझे?' (7) शाह आलम कै प म आधी रात के बाद ह आती ह । एक बहन की ह आयी। ह अपने भाई को तलाश कर रही थी। तलाश करते-करते ह को उसका भाई सीिढ़य5 पर बैठा िदखाई दे ग या। बहन की ह खुश हो ग यी वह झपट कर भाई के पास पहं ु ची और बोली, 'भइया, भाई नेसुनकर भी अनसुना कर िदया। वह पTथर की मूितO की तरह बैठा रहा।' बहन नेिफर कहा, 'सुनो भइया!' भाई नेिफर नहींसुना, न बहन की तरफ देखा। 'तुम मेरी बात 2य5 नहींसुन रहे भइया!', बहन नेज़ोर सेकहा और भाई का चेहरा आग
की तरह सुखO हो ग या। उसकी आंख उबलनेलग ीं। वह झपटकर उठा और बहन को बुरी तरह पीटनेलग ा। लोग जमा हो ग ये। िकसी नेलड़की सेपूछा िक उसनेऐसा 2या कह िदया था िक भाई उसेपीटनेलग ा. . . बहन नेकहा, 'नहींसलीमा नहीं, तुमनेइतनी बड़ी ग Vती 2य5 की।' बुज़ुग O फट-फटकर रोने लग ा और भाई अपना िसर दीवार पर पटकनेलग ा। (8) शाह आलम कै प म आधी रात के बाद ह आती ह । एक िदन दसरी
ह5 के साथ एक ू बूढ़े की ह भी शाह आलम कै प म आ ग यी। बूढ़ा नंग ेबदन था। उंची धोती बांधेथा, पैर5 म चWपल थी और हाथ म एक बांस का डXडा था, धोती म उसनेकहींघड़ी ख5सी हई ु थी।
ह5 नेबूढ़े सेपूछा '2या तु हारा भी कोई िरँतेदार कै प म है ?' बूढ़े नेकहा, 'नहींऔर हां।'
ह5 के बूढ़े को पाग ल ह समझकर छोड़ िदया और वह कै प का च2कर लग ानेलग ा। िकसी नेबूढ़े सेपूछा, 'बाबा तुम िकसेतलाश कर रहे हो?' बूढ़े नेकहा, 'ऐसेलोग 5 को जो मेरी हTया कर सके।' '2य5?' 'मुझेआज सेपचास साल पहलेग ोली मार कर मार डाला ग या था। अब म चाहता हं ू िक दंग ाई मुझेिज़ंदा जला कर मार डाल।' 'तुम ये2य5 करना चाहतेहो बाबा?' 'िसफO येबतानेके िलए िक न उनके ग ोली मार कर मारनेसेम मरा था और न उनके िज़ंदा जला देनेसेम ंग ा।' (9) शाह आलम कै प म एक ह सेिकसी नेता नेपूछा 'तु हारे मां-बाप ह ?' 'मार िदया सबको।' 'भाई बहन?' 'नहींह ' 'कोई है ' 'नहीं' 'यहांआराम सेहो?' 'हो ह ।'
'खाना-वाना िमलता है ?' 'हांिमलता है ।' 'कपड़े-वपड़े ह ?' 'हांह ।' 'कुछ चािहए तो नहीं ,' 'कुछ नहीं।' 'कुछ नहीं।' 'कुछ नहीं।' नेता जी खुश हो ग ये। सोचा लड़का समझदार है । मुसलमान5 जैसा नहींहै । (10) शाह आलम कै प म आधी रात के बाद ह आती ह । एक िदन ह5 के साथ शैतान की
ह भी चली आई। इधर-उधर देखकर शैतान बड़ा शरमाया और झपा। लोग 5 सेआंख नहीं िमला पर रहा था। कAनी काटता था। राःता बदल लेता था। ग दO न झुकाए तेज़ी सेउधर मुड़ जाता था िजधर लोग नहींहोतेथे। आिखरकार लोग 5 नेउसेपकड़ ही िलया। वह वाःतव म लि[जत होकर बोला, 'अब येजो कुछ हआ है . . .इसम मेरा कोई हाथ नहींहै . . ु .अ&लाह क़सम मेरा हाथ नहींहै ।' लोग 5 नेकहा, 'हां. . .हांहम जानतेह । आप ऐसा कर ही नहींसकते। आपका भी आिख़र एक ःटै XडडO है ।' शैतान ठXडी सांस लेकर बोला, 'चलो िदल सेएक बोझ उतर ग या. . .आप लोग स4चाई जानतेह ।' लोग 5 नेकहा, 'कुछ िदन पहलेअ&लाह िमयांभी आयेथेऔर यही कह रहे थे ।' (समा\)