Katra Katra Ansu Laghu Katha Sangrah By Nandlal Bharti

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  • Words: 11,629
  • Pages: 63
पीडीएफ़ ई ई--बक ु : रचनाकार

http://rachanakar.blogspot.com क तत ु

कतरा-कतरा आंसू ॥ लघकथा संह ॥ ु

1

न दलाल भारती

2

कतरा-कतरा आंसू ॥ लघकथा संह ॥ ु

*

न दलाल भारती *

सवा$%धकार-लेखकाधीन *

तकनीक सहायक अनराग कमार भारती ु ु आजाद कमार भारती ु * इ/टरनेट संकरण काशन वष$-2009 *

मनोरमा सा5ह6य सेवा 3

आजाद द7प, 15-एम-वीणा नगर ,इंदौर ।म  ! दरभाष -0731-4057553 च:लतवाता$ू 09753081066 Email- [email protected]

http://www.nandlalbharati.mywebdunia.com http://www.nandlalbharati.bolg.co.in

1-;योर5हट कमलसाहबकमलसाहब- <या बात है लोकेश । >खसा कट गया <या ? लोकेशऐसा ह7 हआ है । श-हां साहब कछ ु ु कमलकमल-सच ? लोकेशश- हां साहब । तीन मह7ना पहले बAचB ने वाटर ;योर5हट योर5हट लगवाया था अCठारह सा◌ै Fपये म।G लगवाते लगवाते समय तो कHपनी पनी वालB ने बताया था Iक बैटर7 आठ मह7ने चलेगी । ये तो तीन मह7न मG ख6म हो गयी । बैटर7 ख6म होते ह7 मशीन से पानी बहने लगा है । कमलकमल- ;योर5हट योर5हट कHपनी पनी मG बात करो । ऐसे कैसे गारहक का पाकेट काटे गे ये ;योर5हट वाले ? ् लोकेKाा- अपनी बात से मकर ुकर रहे है । हर तीसरे माह चार सौ Fपये का खचा$ बता रहे है । बैटर7 बदलने पर ह7 मशीन से पानी भी बहना ब द होगा। बैटर7

4

नह7 बदलवाते है तो मशीन Iकसी काम क नह7 । ;योर5हट योर5हट वालो ने ठग :लया साहब । कमलकमल-सच तH योर5हट ु हारा >खसा काट :लया ;योर5हट वाला◌े ने धोखे से ।

न दलाल दलाल भारती 2-क या मई क तपती दोपहर मG

:शशु के रोने क आवाज

ने सखव त को असीम शीतलता दान कर द7 । वे ु अवतLरत हए ु थे ु :शशु के बारे मे जानने को उ6सक । वह7 बेटा हLरNार बेचैन था प6नी नम$ला क एकदम से खामोश क वजह से । इसी बीच Iकवाड. Iकवाड. खल7 और राम;यार7दे यार7दे वी बाहर नकल7 । वे एकदम ु से बोल7 बधाई हो जेठजी दादा बन गये । हLरNार बेटवा तम ु तो ससरु बन गये । बहत ु बहत ु बधाई । सखव त-राम;यार7 है <या ? यार7 क या का ज म हआ ु ु राम;यार7 यार7र7- हां जेठजी क या । सखव त-बेटा हLरNार खब मनाओ । परेू गांव ु ू खशी ु मG :मठाई बांटो। हमारे घर QवRा,धन और बल का अवतरण हआ है कहते हए ु ु हLरNार को छाती से लगा :लये राम;यार7 ? यार7र7-<या न दलाल दलाल भारती

3-QवSोह 5

बगावती काक सास दमय तीदे तीदे वी के सामने थाल7 पटकते हए T का चारा-पानी मै कर रह7 हंू ु बोल7 भस और दध रह7 है । अHमा ये बेगानापन <यB ू पUु पा पी रह7 ? दमय तीदे तीदे वीी- बी5टया तू नह7 जानती <या ?पUु पा के पेट मG जानलेवा दद$ हो रहा है । डा<टर ने प Sह Sह 5दन तक खाना दे ने को मना Iकया है । बेट7 तू ह7 बता पUु पा कैसे रहे गी िज दा Wबना खाये,पीये । कछ ु तो चा5हये ना बगावतीबगावती- सगी पतोहू को दध ू Qपला रह7 हो मझे ु सखी ू रोट7 ? दमय तीती-बेट7 तेरे पत को अपना दध ू Qपलाकर पाला तो <या तझे रोट7 दे ु सखी ू

सकती हंू । सब तो तेरे हाथ मT है ना । कभी तमको रोका है <या ? <यB ु

QवSोह पर उतर रह7 हो । बगावतीबगावती-QवSोह के Wबना कैसे हक हक :मलेगा इस घर मG ?.... दमय तीदे तीदे वीी-कैसा हक चाहती हो बी5टया ? बगावतीबगावती-आधे का । दमय तीदे तीदे वीी-घर मG द7वार

?

बगावतीबगावती-हां इतना सनते ह7 दमय तीदे वी %गर पड. पड.◌ी धड. धड.◌ाम से ु बेसध ु

।न दलाल दलाल भारती

4-शभकामना ु 6

:मYवर कहा था भेड.◌ा मत पालो । उलट कर वार करे गा Iफर सHभल भल न पाओगे । गोपालगोपाल-<या कह रहे हो रं जीत ? भेड.◌ा नह7 भतीजा है जीतू । रं जीतीत-तH ु हारा नह7 भाई का । गोपाल - है तो कल का %चराग । पढ:लखकर ु खानदान का नाम रोशन करे गा । रं जीतीत-Lरसता घाव भी दे गा । गोपालगोपाल-हर घाव सह लंूगा पर फज$ से ना मकF ु गा । अपने बAचB के साथ भतीजे को भी कामयाब दे खना चाहता हंू । रं जीतहोगी तH ीत-दोनB हसरतG पर7 ू ु हार7 । भतीजा कामयाब भी होगा और घाव भी दे गा । गोपालगोपाल- मेरा भतीजा, भतीजा,भतीजा नह7 बेटा भी है । मेर7 पसीना क कमाई खाकर पला बढा ,पढा है ,

अपने

जनH दे ने वाले मां बाप से दरू । ईमानदार7 क कमाई मG खोट कैसे हो सकती है रं जीत । रं जीतीत-तH ु हारा भेड.◌ा वफादार साWबत हो । हा5द$ क शभकामनाय G । ु न दलाल दलाल भारती

5-मंह ु 5दखाई द7\ा अपनी जेठानी त\ा से -द7द7 अशोक क मHमी कह रह7 थी Iक तमने तो हमार7 बहू को मंुह ु 5दखाई नह7 द7 । मT तH ु हार7 बहू को <या दं ग ू ी ? 7

त\ा<या जबाब 5दया ? त\ा- तमने ु द7\ाद7\ा- द7द7 ने इ<कावन कावन Fपया तो 5दया है । त\ाद7द7 ने ? त\ा-तब <या कहा सभौता ु द7\ातो द7\ा-वे बोल7 तH ु हार7 जेठानी ने 5दया है , तमने ु नह7ं ? त\ात\ा- बाप

रे

कैसी

कैसी

सािजश

रचती

है

सभौतीदे वी । तमको कहना था द7द7 मत बांटो हमG । ु ु मत दे ना हमार7 बहओं को । ू न दलाल दलाल भारती

6-पY ु -मोह बहू -बेटो ने दखीबाबा का जीवन नरक कर 5दया था। ु कई 5दनB से मरणशैयया पर पड. थे । पड.◌े हए ् ु दखीबाबा कराहते हए ु ु बडे. बेटे गोपाल से Qवनती भरे वर वर मG बोले बेटा जमींदार जगद7श बाबू को बला ु दे ता । मलाकात क बड.◌ी इAछा है । ु गे◌ापालापाल-डपट 5दया । दखीबाबा गांव के एक लड.के जीते S को भेजकर ु जमींदार जगद7श बाबू को बलवाये । जगद7शबाबू ु आये । दखीबाबा ने जगद7शबाबू को पास बैठने का ु इशारा Iकया और उखड. उखड.ती सांस मG बोले बाबू मT तो जा रहा हंू । मेरे बAचB पर दयादया-]िUट बनाये रखना और दखीबाबा क सांस सदा के :लये थम गयी । ु गोपालगोपाल-अवाक् अवाक् था Qपता के अि तम तम \ण के पY ु -मोह को दे खकर । 8

न दलाल दलाल भारती 06 03 09

7-सेवा श^ ु क जसव तीती-<या जमाना आ गया है जहां दे खो वह7 LरKवतखोर7 वतखोर7 । जसोदा जसोदादा-कौन LरKवत वत मांग रहा है जसव तीती-Wबना LरKवत वत के कोई काम होता है ,चाहे कोई माण बनवाना हो या अ य काम । अपताल पताल मG चाय पानी के नाम पर LरKवतखोर7 कई Qवभाग तो पहले से ह7 बदनाम है । जसोदाकर 5दया जसोदा-LरKवतखोर7 वतखोर7 ने ईमान को लहलहान ु ू है । कम$ पजा है को लतया 5दया है । ू जसव तीती- हा बहन Wबना LरKवत वत के तो काम नह7 होता । सेवा भावना का क6ल क 5दया है LरKवत वत ने। जसोदादस Fपया क जसोदा-पAचास चास साल पहले मझे ु LरKवत वत ल7 थी सरकार7 बाबू ने चाय पानी के नाम । मैने सबके सामने दस Fपया का नोट हाथ पर रख 5दया था । LरKवतखो वतखोर तखोर बाबू ह<का ब<का रह गया था । माथे से पसीना चने ू लगा था । माफ मांगा था । जसव तीती- LरKवत वत सेवा श^ ु क हो गया है । जसोदाजसोदा-बहन LरKवत वत न दे ने क कसम खानी होगी । न दलाल दलाल भारती 9

8-जांच जयनरायन को लHबी बेरोजगार7 के बाद एक कHपनी पनी मG नौकर7 :मल7 पर यो_यता से काफ नीचे । मरता <या ना करता जयनरायन ईमानदार7 से नौकर7 करने लगा । कहते है ना मसीबत को जब पता ु मालम ू हो जाता है तो बार बार वह7 पहंु चती है । जयनरायन के साथ भी ऐसा ह7 हअ◌ा । एक ु मसीबत से उबर नह7 पाता दसर7 दबोच लेती । इसी ु ू बीच जयनरायन क घरवाल7 मायादे वी वी का बड. बड.◌ा आपरे शन

हो

गया



आपरे शन

क

वीकत वीकत ृ

जयनरायन ने कHपनी पनी से ले :लया था । नधा$Lरत समयाव%ध मG Wबल भगतान के :लये तुत हो गया ु । अपने से अ%धक पढे :लखे और Qवषय Qवशेषa जयनरायन से खार खाये मैनेजर; र;शासनb सरेु S बाबू ने◌े Wबल पर नोट लगाया-दवाई अ%धक ल7 गयी, गयी, सती दवाई क जगह महं गी दवाई खर7द7 गयी, गयी, एवं

ऐसी

अनेक

Wबना

:सर

पैर

क:मयां

नकालक जयनरायन को जांच के कटघरे मG ला 5दये पर सAचे जयनरायन के उपर आंच तो नह7 आयी पर सरेु Sबाबू के उपर खब ू अंगु:लया उठc deेषपण$ ू रवैये को लेकर । न दलाल दलाल भारती

9-5हसा 10

गोकल पAचास का नोट थमाते हए ु ु -बेटा राहल ु एक अधा तो ला दे । :सर चकरा रहा है । राहल ं ा । ु -पापा अब मै नह7 जाउ◌ू◌ग गोकल ु -पापा का कहना नह7 मानेगा ? राहल ु -नह7ं । गोकल झापड. दं ग ू ा तो भागते हए ु -एक झापड. ु जाओगे । राहल ु -अभी तक 5दया ह7 <या है ? नह7 जाउं गा । चाहे तो अजमा लो । गोकल ु -<यो हठ कर रहा है ? <या लेगा तू रे ? राहल ु -5हसा । गोकल ु - 5हसा । कैसा 5हसा रे ? राहल ू ा । मंजरू हो तो जाउ◌ू ? ु - दो पैग लंग गोकल पड.◌ेगी अब । ु - नह7ं । कभी जFरत नह7 पड. तH ु हारे हठ ने मेर7 आंखे खोल द7 बेटा। न दलाल दलाल भारती

9-होल7 कु दनबाबू होल7 मबारक हो कहते हए ु ु गौतम बाबू के उपर रं ग भर7 Qपचकार7 तान :लये । तनी हई ु Qपचकार7 को रोकने का आह करते हए ु गौतम बाबू बोले भइया तनक Fको तो सह7 हमG भी तो मौका दो रं ग Qपचकार7 लाने का कु दनबाब-ू <यB नह7 ।ले आइये बा^ट7 भर रं ग ।

11

गौतम बाबू झट से घर मG से थाल7 मG फल लेकर ू आये और कु दन बाबू को फल दे ते हए ू ु बोले होल7 मबारक हो कु दनबाबू । ु कु दनबाब-ू फल ू से होल7 ? गौतमबाब-ू हां पानी बचाना है ना । न दलाल दलाल भारती

1010-गाल7 इस दे श के लोग तर<क नह7 कर सकते। कू टर सवार मालवा :म :मल ल,मि< ु .ते हए ु तधाम क ओर मड ु बो◌ेला । Qपछल7 सीट पर बैठc पाKचा6 चा6य रं ग-रोगन मG नख से शीश तक डबी ू म5हला ने कहां- येस,यू आर राइट । यह बात साइि◌कल सवार के कान मG जैसे Qपघला शीशा डाल द7 हो । वह %च^लाकर लाकर बोला अरे वो Wबलायतबाबू हम तो आदश$,सfयता यता, ता,उAचसं चसंकार कार ,मया$दा और मानमान-सHमान मान क रोट7 को असल7 तर<क कहते है । तम ु अपनी अध$न_नता नता और फहड ू .ता को तर<क मानता है तो तेर7 तर<क तझे पर अपनी मां को गल7 तो ू मबारक ु मत दG । न दलाल दलाल भारती

1111-कोयला रे खारहती हो । गोद मG सु दर सी ा-लाल7 <यB दखी ु बेट7 है , हं स बोल कर रहा कर । मा◌ा◌ं-बाप क याद 12

मG कब तक तपती रहोगी । मायका एक 5दन छट ू ह7 जाता हर लड. लड.क का । लाल7लाल7-आ/ट7 ये बात नह7 हT । रे खाा-<या बात है ? लाल7लाल7- बाप के जात के अ:भमान अ:भमान ने मझे ु तबाह कर 5दया । पKचाताप चाताप क आग मG जल रह7 हंू । चैन क रोट7 को तरस रह7 हंू आ/ट7 इस बड. बड.◌े घर म।G रे खाा- <या कह रह7 हो लाल7 ? लाल7लाल7- आ/ट7 Wब^कु ल सह7 कह रह7 हंू । मेर7 द7द7 छोट7 जात के लड. का सख लड.के से gयाह याह कर दनया ु ु भोग रह7 है और मै नरक। जातपात के ठcहे

पर

माड$न यग ु के पढे :लखे लड.के-लडIकयB के भQवUय का क6ल कहां तक उ%चत है ? काश मT अपने भQवUय का फैसला खद ु ल7 होती द7द7 क तरह तो अपने पांव पर खड. जातीय खड.◌ी होती । आ/ट7 अ त$जातीय gयाह याह क इजाजत होनी चा5हये आज के आधनक ु यग के यो_य और ु म।G लड.के-लड.क को एक दसरे ू वाधमh तौर पर वाधमh होना चा5हये । हां Qववाह काननी ू हो और समाज को मा य हो । लाल7 क छटपटाहट और पKचाप चाप को दे खकर रे खा को ऐसा लगा जैसे उसके गले मG Iकसी ने गरम कोयला डाल 5दया हो । न दलाल दलाल भारती

1212-अवसरवाद7 13

जयेश-आदमी Iकतना अवसरवाद7 अवसरवाद7 हो गया है ? मiका पाते ह7 डंक मार दे ता है । र6नेश-Iकसने Iकसको डंक मार 5दया जयेश भाई ? जयेश-अरे मT ह7 डंक का :शकार हंू छोटा कम$चार7 जो ठहरा । र6नेश- <या ? जयेश- हां । र6नेश- वो कैसे ? जयेश-छोटा होना ह7 गनाह है । जहां मT काम करता ु हंू वहां के लोग अवसरवाद7 है । वैसे तो मT सहयोग के :लये तैयार रहता हंू । कछ अवसरवाद7 मझे ु काम ु मG jयत दे खकर Qवभागाkय\ य\ से :शकायत भरे लहजे मG कहते है साहब जयेश को बो:लए मेरा काम कर दे । कछ लोग तो फ^ड के काय$कतार ् है और ु सभी कामB के :लये पैसा भी :मलता है । लेते भी है पर काम मझे ु करना होता है । तनक QवलHब हआ ु तो ये अवसरवाद7 Qवभागाkय\ य\ के पास पहंु च जाते है । Qवभागाkय\ जानते हए य\ सब कछ ु ु भी रौब मेरे उपर ह7 छाड. छाड.ते है । र6नेश-सच ये अवसरवाद7 लोग अ याय याय कर रहे हT । न दलाल दलाल भारती

1313-भत ू 14

5दन के उजाले मG घरती नगाहG रात के स नाटे मG ू डराता भतहाघर । मेनगेट पर खड.◌ी भार7भरकम ू काया डरा दे ती है । हर आदमी नगाहG फेरने को मजबरू हो जाता है ताIक मतलWबयB क काग]िUट ना लगे । लालाल7लालाल7- घर

भतहा ू

नह7

है

बसने

वाले

लोग

भतह7कत के है । ू ृ नखारच दद-अहं कार का भत ू :सर चढ जाता है तो आदमी खद हो जाता है । ु भत ू और घर भतहा ू तोतलादासतोतलादास-तH ु हारे सामने वाले घर क कहानी चल रह7 है <या ? लालाजीलालाजी-वाथh वाथh लोग भत ू से कम नह7 और उनका नवास मरघट सर7खे है ,िजसे लोग भर आंख भी दे खना नह7 चाहते ेत छाया न छये ु । नखारच दद-कहानी कहानी नह7 हककत है सामने वाले घर क जहां लोग वाथ$ वाथ$ और अहं कार के झले ू मG झलते ू है ।रात के अंधेरे मG भी एक जीरोवाट के ब^ब से घर रोशन करते है । भीषण गमh मG एक %गलास Iकसी को पानी तक नह7 दे ते जबIक उनके टयबवे ू ल मG भरपरू पानी है । तोतलादास -बाबू भतहाघर घर ू

मG रहने वाले

मतलबी लोग आदमी के वेष मG भत ू है ◌।े न दलाल दलाल भारती

1414-Lरटायरमे/ट 15

Fपच दद- सर 5द^ल7 वाले साहब Lरटायर हो गये ? कई सालB से ए<सटशन पर चल रहे थे ना। G सटशन द7पकद7पक- हां हो तो गये । वेलफेयर पाटl भी हो गयी । Fपच दद-सर आपको पर7 ू खबर है <या ? द7पकद7पक- कैसी खबर Fपच द ? Fपच दछोड.कर दसर7 पर %चपक द-साहब एक कसh ू ु गये यह Lरटायरमे/ट तो हआ नह7 ? संथा के बडे ु पद पर रहकर करोड. करोड.◌ो क कमाई कर सात पी5ढयB के गजर बसर का इ तजाम करने के बाद भी बडे ु साहब का पद और दौलत का मोह कम नह7 हआ ु , बढता जा रहा है । साहब पांच साल पहले Lरटायर होकर भी नह7 हए ु । अब Lरटायर होकर पैकेज पर रहे गे । सर बडे. साहब कब तक यो_य लोगB का हक छनते रहे गे और Iकतने बेरोजगार पैदा करते रहे गे। द7पकद7पक- आ>खर7 दम तक कहकर माथा ठBक :लये । न दलाल दलाल भारती

1515-मोशन QवनयQवनय- सर बधाई हो । mांच हे ड-कैसी बधाई Qवनय साहब । Qवनयकल Lरटायर हए Qवनय-राUn7य n7य Qवभाग मख ु ु आज Iफर oवाइन वाइन कर :लये कHपनी पनी मG Qवशेष मख ु के Fप मG यह मोशन हआ न सर । ु mांच हे ड-मोशन ह7 हआ Qवनय साहब । ु 16

QवनयQवनय- जो रात 5दन काम कर रहे है ,अAछे पढे :लखे Qवषय Qवशेषa है उनका मोशन तो हो ह7 नह7 रहा है ,उ^टे नौकर7 से नकालने क धमक । कम$ठ यो_य लोग सताये गये और सताये भी जायेगे QवSोह7 साहब क कंट7ल7 छांव मG सर । दे खो QवSोह7 साहब क राजनीत कm मG पैर लटकाये हए ु भी मोशन पर मोशन :लये जा रहे है । बाक लोगB को अC अCठावन साल मG ह7 बाहर Iकया जा रहा है । QवSोह7 साहब के :लये उp क कोई सीमा ह7 नह7 रह7 । mांच हे ड-हां Qवनय साहब कछ साम ती◌े राजाओं ु और कछ आज क पो:ल5ट<स का असर है । ु QवनयQवनय-सर

ऐसे

मG

नवजवानB

का

भQवUय

कैसे

सरq\त रह पायेगा?अस तोष तोष पैदा होगा ? ु mांच हे ड-होना भी चा5हये तभी तो होगा मोशन । न दलाल दलाल भारती

1616-आंसू चपरासी के बाहर नकलते ह7 घ/ट7 बजी । चपरासी पनः अ%धकार7 के क\ मG गया और उलटे पांव शंकर ु बाबू को दरू से बोला सर साहब बला रहे है । Iकसी ु यk चला गया ु द जीते योkदा क तरह बलखाता हआ ु । शंकर हािजर हआ । साहब बोले शंकर रोते S को ु <यB गाल7 दे ते हो । वह तH बार-बार :शकायत ु हार7 बार17

करता रहता है । अपना jयवहार । कब यवहार सधारो ु प5हया लग जाये पता नह7 लगेगा । शंकर बोला -सर <या रोते S आग तुकB कB अब पानी नह7 Qपलायेगा ? आग तक ु को पानी Qपलाने के :लये चार बार बलाया था पानी लेकर आया नह7 । बीस ु :मनट के बाद पांचवी बार बलाया तो कारे ् ध मG आया ु और आग तक ु के सामने बदतमीजी करने लगा था । अ%धकार7नह7 सनना चाहता । य5द प5हया अ%धकार7-मT कछ ु ु लग गया तो कोई हाथ नह7 लगा पायेगा । आइ दा :शकायत नह7 आनी चा5हये । अ%धकार7 क बातG सनकर शंकर को सांप सघ ु ू गया । वह आंखB मG आसंू :लये बाहर नकला यह सोचते हए Iक <या जी हजर7 मG भलाई है ? <या ु ु दjु य$ववहार का Qवषपान करना ह7 अAछा होने का सबत परा झठc ू है ?<या अत%थ दे वो भवः क परHपरा ू हो गयी है । <या बाजारवाद के यग ु मG आदमी प6थर थर हो गया है ? न दलाल दलाल भारती

17-सलाह कैलाशलाश-अरे रिज दर दर तेरे चेहरे से थकान झलक रह7 है ।नींद नह7 आयी <या? या? रिज दर दर- नह7ं आयी ? 18

कैलाशलाश-हां भाई बेट7 बड. बड.◌ी हो गयी है ? %च ता तो होगी ह7 । रिज दर और है । दर-बेट7 के gयाह याह क नह7 बात कछ ु कैलाशलाश- <या बात है ? रिज दर दर-मेरा बेटे को लगता है उसके साथ अ याय याय हो रहा है । कैलाशलाश-कया ? कौन से बेटे को रिज दर दर-बीच वाले को । कैलाशलाश- दो ह7 है ना तीसरा कौन आ गया । कोई बाहर वाल7 है <या ? रिज दर दर-नह7 यार । भाई का बेटा है ।चलना भी नह7 सीखा था तब से साथ है घरवाल7 के 6याग याग से । अब अCठारह साल के आसपास का हो गया है दोतB के बहकावे मG आ रहा तनक सी आय मG <या-<या कFं? उसक बड. बड.◌ी बड. बड.◌ी sवा5हशे वा5हशे कैसे पर7 ू कFं । बAचB के साथ भतीजे के उoजवल जवल भQवUय का मेरा सपना है और यह7 %च ता भी । कैलाशलाश-अपनB के साथ भाई के बAचे के भQवUय का भागीरथी यास इसके बाद भी ये हाल। िजस डाल पर बैठा है वह7 काट कर रहा है । कैसे भQवUय बनेगा । रिज दर दर-भाई के पास आय का कोई पs ् त ु ता सारे नह7 है । भाई, भाई, घरघर-पLरवार सब हमG दे खना है । इतनी बड. दार अपना पLरवार । बड.◌ी िजHमेदार 19

कैलाशलाश-खानदान सधारने ु

का बीड.◌ा उठाया है तो

अपनी है :सयत के अनसार करो। अंगु:लयां तो उठे गी ु जहां तक हो सके अपनी छांव दो पर दोत %च ता क %चता मG खद । यह7 मेर7 सलाह है ु ना सलगो ु तमको। न दलाल भारती 17 04 09 ु

18-वे5टंग सबह सबह मोबाईल क घ/ट7 बजी :म कृ Uण बोले ु ु लो रा%धके बी5टया का फोन आ गया । रा%धकारा%धका- अरे मोबाईल बजती रहे गी <या ? उठाओ भी ? कब से घ/ट7 बज रह7 है ? :म कU ृ ण-हां

बेटा कैसी रह7 याYा ?

गLरमापापा । गLरमा-बहत ु ु दखदायी :म कU ? फम$ नह7 हआ ृ ण- 5टकट क फम$ ु गLरमाना पापा ।आज मै वे5टंग 5टकट के गLरमा-नह7ं हआ ु दद$ को समझ गयी । :म कU ृ ण- वो कैसे बेटा ? गLरमागLरमा- क फम$ फम$ 5टकटधार7 वे5टंग 5टकट वालB को ता◌े जैसे अपराधी समझते है और शंका भर7 नजरो से दे खते ह।T पर7 ू रात खड.◌ी रह गयी पर Iकसी याYी

का

5दल

नह7

पसीजा



लोग

Iकतना

संवेदनाह7न हो गये है । रे लम Yी tी लालयादव को ू यह करना चा5हये Iक वे5टंग 5टकट क फम$ फम$ नह7 होने पर पैसे जर जर को जनरल सीट का क फम$ फम$ ि◌टकट 20

थमा दे ताIक परे शानी और आ%थ$क हान से बेचारा पैसे जर जर बच तो जाये । न दलाल दलाल भारती

1919-फांका गनेश-काका तम ु Qववाह समारोह मG नह7ं गये । धरमधरम-घर के सभी तो गये है । मै नह7 गया तो <या फक$ पड. पड.◌ेगा ? गनेश- काका खाना ? धरमधरम- फांका

और <या ? बहन लालच मG अपने

पास रखी है । घरवाल7 छोडकर भाग गयी । ए<सीडे सीडे/ट मG पैर <या कटा अपने पराये हो गये बाबू । रोट7 को मोहताज हंू गनेश- घर के सभी माFत वैन से गये है तमको ु नह7 ले गये । काका कार मG बैठो खाना >खलवा कर लाता हंू । इतना सनते ह7 धरम क आखB मG ु सावनपड..◌े । वह बोला भगवान Iकसी सावन-भादो उमड. उमड. पड को अपा5हज न बनाये । बहत ु होता है जब सगे ु दख बोझ समझने लगते है । गनेश-काका तम ु बोझ कैसे ? आओ चले रात के बारह बज चक ु े है । धरमधरम-अपा5हज का फांका तड यवाद ु .वाने के :लये ध यवाद गनेश बेटा। न दलाल दलाल भारती 21

2020-Iफजलखचh ू आ/ट7 आपके गले मG घमौLरयां हो रह7 है । मध-ु हां Lरया कलर पंखा सब चलाने के बाद भी ये ु हाल है । शहर का टमेचर Iकतनी तेजी से बढ रहा है । कल तो टHेचर चर 44 6 था । LरयाLरया-<या आ/ट7

?

मध-ु हां । LरयाLरया-अAछा तो रात मे मेरा LरKाभ ाभ इस:लये रो रहा था । मध-ु तH ु हारे यहां तो ए सी है ना । LरयाLरया-जब मैनेजर साहब स;ताह ताह मG एक 5दन के :लये आते है तब चलती है । मध-ु <या कह रह7 हो Lरया ? LरयाLरया-हां आ/ट7 छः 5दन के :लये ए सी ब द हो जाती है । आठ मह7ने के ऋशभ को लेकर पंखे क हवा मG सोती हंू । सासजी दे खते रहती है , जहां मझे नींद ू ु लगी काल7 Wब^ल7 क तरह दबे पांव पंखा ब द कर जाती है । कहती है <या Iफजलखचh करना ? ू भगवान ना जाने Iकस ज म के पाप का फल दे रहे है मझे े ं बंधवाकर । ु कसाई के खंटे ूटे मे◌◌ मध-ु सास है या डायन ? न दलाल दलाल भारती

2222-पानी

22

कर7नाबड.◌ी दखी लग रह7 हो कर7ना-<यB <या हआ ु ु ल:लताबाई । ल:लताबाईल:लताबाई-<या बताउ◌ू◌ं कर7ना मैडम । मकान मा:लकन ने नाक मG दम कर रखा है । कर7नाखाल7 करने को बोल रह7 है । कर7ना-<या हआ ु ल:लताबाईल:लताबाई-नह7ं । कर7नाकर7ना-तब <या तकल7फ है ? ल:लताबाईल:लताबाई-पानी क । कर7नाकर7ना-पानी क Iक^लत लत से परा ू शहर जझ ू रहा है । ल:लताबाईल:लताबाई- कहती है बोLरंग मG पानी नह7 आ रहा है । मैडम तH ु हार7 भी बोLरंग तो सख ू गयी है । तम ु तो पानी का टकर हो पैसा दे कर। कभी-कभी G बलवाते ु एकाध बा^ट7 मT भी ले जाती हंू । Wबना पानी के कैसे काम चलता होगा इतने बड. बड.◌े Qपरवार का । कर7नामैडमम-हममG भी तो कभी एक लोटा पानी नह7 द7। उसक बोLरंग खराब हो गयी थी तो मेरे यहां से ले जाती थी । ल:लताबाईल:लताबाई-कब सखे ू गी कंजस ू क बोLरंग ? मै ग दा पानी चाटते हए ु दे खना चाहती । कर7नामैडमम-ल:लताबाई बरा ुरा मत सोचो । करनी का फल :मलता है । न दलाल दलाल भारती

2323-Qवयोग 23

गLरमागLरमा-दे खो मHमी ल:लता आ/ट7 गेट के बीच मG खड. खड.◌ी होकर रो रह7 है जैसे । oयोत योतत-ल:लता <यB रोयेगी ? उसक तो आदत है मेन गेट के बीच मG खड.◌ी होकर आने-जाने वाले और सामने वालो को घरना । ू गLरमालग रह7 है । गLरमा-नह7 मHमी आज सचमच ु दखी ु oयोत योतत-बहू Fकम>ण मायके चल7 गयी <या ? बहू दो बAचे क मां हो गयी पर मायके का मंुह नह7 दे ख पायी । उसके Qपताजी आये तो थे कल । बेचार7 Fकम>ण नौकरानी ल:लता मैडम मे घर मG । गLरमागLरमा-ओ आई सी oयोत योतत-<या

?

गLरमागLरमा-अAछा आ/ट7 फोकट मG काम करने वाल7 नौकरानी के जाने से दखी है । ु न दलाल दलाल भारती

2424- आर\ण अंगल7 तलक अ:भयान के तहत ् बिk ु ु दजीQवयB क गोUठc मG तय हआ Iक लोकत Y को मजबत ू बनाने ु के :लये हर मतदाता को वोट दे ना चा5हये। गोUठc के बीच मG ह7 जानी-मानी बिk अ◌ार\ण ु दजीवी फलरानी ू के Qवरोध मG आग उगलने लगी । मनोहर बाबू -मैडम <यB Qवरोध कर रह7 है ? फलरानी -आर\ण ू

ा;त

डा<टरB टरB

से

इलाज

कौन

करवाता है । आर\ण ा;त इ जीनयरो जीनयरो Nारा बनाये 24

गये पल ु और इमारते कब ढह जाये कोई भरोसा नह7 । अनारq\त तभावानB तभावानB को मौका नह7 :मल रह7 ह,◌ै वे Qवदे शB को पलायन कर रहे है । %चरागपहले भी %चराग-मैडम आरq\त वग$ के लोग यगB ु बहत जानती है । ु ु तभावान थे ,आज भी है ,दनया वह7 अपने ह7 दे श मG दमन के :शकार है । इनक तर<क के सारे राते ब द

थे । वं%चत

अपना

हाड. हाड.फोडकर िज दा है । नीिज और सरकार7 हर \ेY मG उ हG और अ%धक आर\ण क दरकार है । तनक सी तर<क बदा$Kत नह7 हो रह7 है । अरे Qवरो%धयB मलनवासी वं%चतो को सामािजक,आ%थ$क समानता ू का अ%धकार <यो नह7 दे दे ते? उनक चहंु मखी ु तर<क के राते <यो नह7 खोल दे ते ? इतना सनते ु ह7 मैडम फलरानी का :सर झक ू ु गया और सभाक\ मG पसर गयी खामोशी । न दलाल दलाल भारती

2525-पLरचय :म सु दर साहब जोनल आIफस मG oवाइन करने के बाद पहले दौरे पर mांच आIफस पहंु चे । mांच आIफस के अधीनथ काय$रत ् सभी कम$चाLरयB से वे काफ भाQवत हए थान ु । ि◌म सु दर साहब के थान करने के कछ :मनट पहले चौथे दजv के कलक$ ु Kयामबाब यामबाबू क\ मG दा>खल हए । Kयामबाबू को ु दे खकर :म सु दर साहब बोले कैसे हो Kयाम याम बाबू ? 25

Kयाम से अAछा हंू सर। याम बाब-ू आपक दआओं ु :म सु दर साहबकम$चार7 है इस mांच के साहब- पराने ु आप? आप? Kयामबाब यामबाब-ू येस सर

?

mांच मैनेजर साहब Kयामबाब यामबाबू के अपरो\ Fप से nा फर फर क अनशं ु सा करते हए ु बोले साहब बहत ु साल हो गये है इनको यहां । :म सु दरसाहबरसाहब-Kयामबाब यामबाबू का पLरचय करवा रहे है मैनेजर साहब या :शकायत ? न दलाल दलाल भारती

2626-6याग याग 5दjयाया-मीसा के पापा वीन क शाद7 हए ु सात साल हो गये होगे ना ? 5दनेश-नवीन क शाद7 प Sह Sह 5दन बाद होने वाल7 है यह पछोगी <या ? ू 5दjयाया-नह7ं । 5दनेश-<या साWबत करना चाहती हो ? 5दjयाया-मीसा के पापा %चढ <यो जाते हो ? 5दनेश-भागवान ऐसी तो कोई बात नह7 ? 5दjयाया- कब तक खानदान के :लये fा◌ागते ा◌ागते रहे गे ? दो 5दन क याYा करके शहर से गांव पहंु चते है हजारB Fपया खच$ हो जाता है । पानी तक को नह7 पछते । जेठजी के एक फोन पर वीन क शाद7 मG ू गये थे ।वह7 हाल नवीन के शाद7 का है । वीन 26

एक बAचे का बाप हो गया पर आज तक द^ ु हन के हाथ का एक %गलास पानी नह7 :मला । अब नवीन क शाद7 मG जा रहे हT प Sह 5दन बाद हजारB खच$ करके । 5दनेश-पछने के :लये सगा भाई तो है ना? खन ू ू के LरKते को उp दे ने के :लये 6याग याग तो करना ह7 होगा । न दलाल दलाल भारती

2727-ढाठc नारायणनारायण-गर7ब ,मजदरू और छोटे कम$चार7 एक जैसे होते है ना ल:लत साहब । ल:लतहै नारायण ? ल:लत-<यB दखी ु नारायणनारायण-हमारे

जैसे

वं%चत

कमजोर

आदमी

क

Iकसे Iफw है । हम तो कसाई के खट ू G क बंधी गाय क तरह हो गये है । अरे गर7ब आदमी भी हाड. हाड. मांस का बना होता है । उसका भी 5दल धड. धड.कता है । कौन समझता है इस बात को सभी अपना काम नकालने के :लये ढाठc दे ने को तो तैयार रहते ह7 है और दसरB को भी उकसाते है ,धौस दे ते है । ना जाने ू <यB Wबना अपराध क सजा कमजोर को लोग उतावले रहते है । ल:लतल:लत-नारायण घरेू के भी 5दन Iफरते है तH ु हारे भी Iफरगे G । 27

नारायणनारायण-ल:लत साहब कमजोर के आंसू <यो इतने भाते है दHभी तर<क पस द लोगB को । ल:लतल:लत-ऐसा पद और दौलत के अ:भमानयB को भाता है । Qवरोध करना सीखो नह7 तो ये अ:भमानी ईमानदार7 से काम करने पर भी ढाठc दे ते रहे गे । नारायणनारायण- <या

?

न दलाल दलाल भारती 2828-याYा मोहनभई तम मोहन-रघवीर ु ु तो कH ु भकण$ नकले । रात मG nे न घ/टा भर चलने के बाद दो घ/टा Fक जाती थी । तम पता ह7 नह7 चला । घोड.◌े ु को कछ ु बचकर तम G ु सोते रहे । रघवीर ु -कान मG Fई डाल कर पड.◌ा था । सोखा फे:मल7 ने तो चैन छन :लया है ना जब से nे न मG बैठे है खाये और कौआ उड. उड.◌ाते जा रहे है । मोहनमोहन-काश मT भी कान ब द कर लेता तH ु हारे जैसे तो :सर नह7 चकराता ।इतने असfय लोग । जहां बैठे है वह7 कड ू .◌ादान बना रखे है । बाथFम कG ग:लयारे मG भी लोग दातन ू के छलके और सतh ु क पीच से रं ग डाले है । यहां भी तो सकन ू नह7ं । रघवीर शन ु -दो घ/टा और बदा$Kत करो । अपना टे शन आने वाला है । मोहनमोहन-हां पर याYा क यादे कचोटती रहे गी ॥ 28

रघवीर सेस क ु -मोहन भइया हमार7 इंदौर पटना ए<से याYा मंगलमय तो नह7 रह7 सोखा फे:मल7 क वजह से। न दलाल दलाल भारती

2929-जंगलराज 12 जन सेस nे न के दे र ू 2009 को इंदौर -पटना ए<से से आने क घोषणा पर घोषणा हए ु जा रह7 थी । बनारस से इंदौर क ओर याYा करने वाले याWYयB मG अफराअफरा-तफर7 मची हई ु थी। अ ततः साढे छः घ/टे लेट nे न बैलगाड. गाड.◌ी क गत से तनक तेज गत से आयी । याYी जैसे -तैसे nे न मG घसे ु और nे न उसी गत से चलना शF ु कर द7 । लालसाहब ने अपने सामने बैठे जावेद :मयां से पछा भाई जान nे न ू पटना से ह7 लेट थी । इतना सनते ह7 जावेद :मयां ु ग ु से मG बोले नह7 साहब पटना के लोग शर7फ है । आरा और ब<सर सर के लोग उवाद7 हो गये है । ह%थयार से लैस उवा5दयB Iकम के लोगो ने nे न को रोककर याWYयB को मारामारा-पीटा कई याYी तो अधमरे हो गये,xारइवर लहलहान गया,nे न मG तोड.ू ु फोड. G फोड. Iकये,इसके पहले तो ट7 ट7 को नद7 मG फक 5दया था nे न जला 5दया था आंतकवा5दयो ने । दे श क आजाद7 मG अहम ् भ:मका नभाने वाला Wबहार ू अब जंगलराज हो गया है साहब साहब कहते हए ु जावेद 29

:मयां अपने से :सर टोपी खींच कर जैसे आंसू पBछने लगे । न दलाल दलाल भारती

30-खर7ददार कH;यटर ूटर इंजीनयर भतीजे क बारात मG डायबी5टज के पेश/ े ट म>णकबाबू को रात साढे दस बजे च<कर आने लगा । दवाई खाने के :लये दो रोट7 के बार बार के अ◌ुनरोध को लहरौला लहरौला गांव के द^ ु हन प\ ने ठकराते हए ु ु कहा gयाह के बाद भोजन ह7 :मलेगा। द^ ु हन प\ के हठ को दे खकर :मYराज ने छः सौ Fपये क Iकराये क गाड. गाड.◌ी मG बेहोशी क हालत मG म>णक बाबू को लेकर घर वापस आ गये



म>णकबाबू क दशा दे खकर घर क औरते रोने लगी । म>णक बा बाब बू लड.खड. खड.◌ाती आवाज मG बोले एक रोट7 लाओ दवाई खाना है । गीता कटोर7 मG एक रोट7 दध ू मG मसलकर लायी और चHमच से पेट मG उताकर ज^द7 से दवाईयां fा◌ी ा◌ी उतार द7 । आधे घ/टे के बाद म>णकबाबू पर7 ू तरह होश मG आ गये । :मYराज:मYराज-अब कैसा लग रहा है म>णकबाबू ? म>णकबाब-ू काफ राहत महसस ू हो रह7 है बहनोई । :मYराज:मYराज-दो बज गये है सो जाओ । इतनG मG द^ ू हे क मां ेम;यार7 यार7 आ गयी और बोल7 ननदोई दे वरजी को <या हो गया? गया?<यो चले आये बारात छोड. छोड.कर? कर? 30

:मYराज:मYराज-तWबयत खराब हो गयी थी जान बचानी थी इस:लये भाग आये । ेम;यार7 यार7र7-दवाई ले लेते । औyडहार बाजार तो पास मG है लहरौला गांव से । म>णकबाब-ू दवाई थी पर रोट7 नह7 थी ना भौजाई। ेम;यार7 यार7र7-<या

?

म>णकबाब-ू द^ ू हा खर7द :लया है द^ ु हन के बाप ने मोट7 रकम दे कर तो भला उसे बारातयB क <यB Iफw होगी कोई मरे या जीये ? द^ ू हे के बाप को भी तो Iफw नह7ं हई ु ना? न दलाल दलाल भारती

3131-भींगी पलकG छनकराम के माथे पर %च ता के मड. मड.राते हए ू ु बादल को दे खकर भतीजा शीतलासाद ने पछा दादा सब ू ठcक तो है ना ? छनकराम -हां ठcक ू

है । भगवान भरोसे सांस भर

रहा हंू । शीतलासादशीतलासाद-दादा िजन बेट7 दमादB के :लये छल से भाईयB के हक क जमीन जायदाद तक हड. हड.प :लये <या वे सख भार7ु नह7 दे रहे है । Lरटायरमे/ट क भार7भरकम रकम भी तो :मल7 होगी । छनकराम -:मल7 तो थी पर ू शीतलासादशीतलासाद-पर <या दादा

? 31

छनकराम -सगे और सौतेले बेट77-दमाद ने दो 5हसे ू कर :लये । बेटा अब तो बस मौत का इंतजार है । शीतलासादशीतलासाद- दादा सगे भाईयोभाईयो-भतीजB को कागजी मौत दे कर सख । चाहो तो अपने ु नह7ं :मला तमको ु सगे खन के LरKतेदार भाईभाई-भतीजे के पLरवार मG ू वापस आ सकते हो। भतीजे शीतलासाद के पYवत ् ु सzjयवहार क पलकG भींग यवहार को दे खकर छनकराम ू उठc । न दलाल दलाल भारती

3232-हं क दहे ज क हं क लेकर सु दरछबीला दरतगत से गांव ु् क सड. सड.कB पर दौडता कई बार बAचे-बढे ू भी चपेट मG आते आते बच गये थे पर तु 11 जन ू 09 क रात खेलावन बाईक क चपेट से जान बचाने के :लये गढडे मG कद पड.◌ा और छबीला फर$ ु हो गया । ू खेलावन लंगड. उलाहना दे ने छबीला के घर ड.◌ाता हआ ु गया । खेलावन क :शकायत सनकर छबीला क मां ु tीमती फलकमार7 और Qपता WबQपननकमार गांव मG ू ु ु हो रहे बाईक क छनाछना-छपट7 बारदातB और बेटे क हरकत से उपजे खतरे को भांप कर कांप गये। इतने मG छबीला भी आंधी क गत से आ धमका । द7नकमार द7नकमार -छबीला ु

बेटा

खेलावन

:शकायत लेकर आये◌े है । 32

भइया

तH ु हार7

सु दरछबीलां ा लोग सड.क रछबीला-मT तो ऐसे ह7 चलाउ◌ू◌ग पर <यB चलते है डैड ? खेलावनावन-कहां चलेगे बेटा पैदल गांव वालB ? सु दरछबीलारछबीला-बचकर चले ।

चलना है तो । नह7 तो

रiदा जायेगे । :शकायत लेकर आया है तू खेलावन मेरे डैड के पास । तमको चांप कर 5दखाउ◌ू◌ग ं ा इसी ु हं क से । खेलावनावन-<या कह रहा है ?ए<सीडे सीडे/ट का नतीजा जानता है ?तू तो पढा :लखा तथाक%थत इंजीनयर भी है । सना है शहर मG बड.◌ा. ◌ा. अफसर भी हो गया है ु पर तु तेर7 बातG तो ग/ ु डे-बदमाशB क तरह लगती है । तमसे बड.◌े बड. बड.◌े दादादादा-बहादरु गांवB मG बसते हT । ु इतना सनते ह7 सु दरछबीला ग द7द7-ग द7 गा:लयां ु दे ते हए ु खेलावन को मारने को दौड.◌ा :लया । सु दरछबीला क शैतानी दे खकर पड. पड.◌ोस मG रहने वाले दयालबाबा पता दयालबाबा समझाते हए ु ु बोले-बेटा तमको है ना गांव का कंु वरनारायण आंधी क तरह हं क दौड. दौड.◌ाता था आ>खरकार एक 5दन जान गंवा बैठा । मसीबत बताकर नह7 आती बेटवा । ु सु दरछबीला बढे ू बाबा का अपमान करते हए ु बोला सब बाईक चलाना सीखा रहे है भले ह7 पैदल न चलना आता हो गांवड. ड.◌े। हमार7 हं क है हम चाहे जैसे चलाये तम ु सब कौन होते हो ? दहे ज मG हमको हं क :मल गयी तो तम ु सबको जलन हा◌े रह7 है । 33

दयालबाबादयालबाबा-बेटा मेरे घर तीनतीन-तीन बाईक है ,मेरे नाती पोते तमसे कई गना oयादा पढे :लखे है । भला ु ु मझे ु <यB जलन होने लगी ? खब ू तर<क कर पर अ:भमान न कर, कर,मेर7 आ>खर7 सलाह है कहते हए ु अपने घर क ओर मड कभी ु . गये। WबQपन कमार ु खेलावन से तो कभी बढे ू काका दयालबाबा से माफ मांग रहे थे । सु दरछबीला धमक पर धमक 5दये जा रहा था हं क क पीड पीड मG । न दलाल दलाल भारती

3333-डी जे स नी? नी-डैड डी जे का <या हआ ु :म अभयअभय-सन यह तH ु हारा गांव है सीट7 नह7 । यहां का डी जे हाट$ अटै क दे सकता है । स नीनह7 करनी है मैLरज Qवथआउट डी जे नी-मझे ु ह^द7 लगाती हई ु लड.Iकया को वह ध<का दे कर वह उठ खड. । खड.◌ा हआ ु :म अभयअभय-yडयर सन <यो अनावKयक यक खच$ करवाने पर तले ु हो । स नीनी-डैड {वाई यू है व टे कने मोर मनी इन तलक ? माई yडयर डैड वनल7 पांच घ/टा बारात जाने मG बाक है । इतने मG डी ज ◌े आ जाना चा5हये वरना मैLरज क:सल अ/डरटै /ड डैड आर नांट। T

34

इतना सनते ह7 :म अभय के हBठ सील गये और वे ु डी जे खोजने मG जट ु गये और स नी नांच नांच कर ह^द7 लगवाने म।G न दलाल दलाल भारती

3434-ना%गन रामबाब-ू स तलाल से आ गये । तलाल बेटवा ससराल ु स तलाल तलाललाल-हां काका अ◌ा तो गया । रामबाब-ू नयी सास तो ठcक है । स तलाल तलाललाल-हां उनको <या होगा ? रामबाब-ू सम%ध हLरहर भईया क तेरहवी के बाद जाना ह7 नह7 हआ । बेचारे Lरटायर होते ह7 चल ु बसे। नयी सम%धन बेटे -बहू और नाती-पोते मG खश ु तो है ना ? स तलाल तलाललाल-सबसे नाराज है । बेटो का हक मारकर ससरजी Nारा छोड.◌ी प Sह Sह लाख क मोट7 रकम ु और कातकार7 तकार7 क उपज मायके पहंु चाने मG खश ु है । रामबाब-ू <या

?

स तलाल तलाललाल- हां काका रामबाब-ू आ>खरकार Wबन नयी समधन समधन ना%गन बन गयी । घरडंस गयी। सच सौतेल7 घर-पLरवार क खशी ु मां तो सौतेल7 ह7 होती है । न दलाल दलाल भारती 35

3535-धंुआ रामलालरामलाल-भईया कैसे है ?उनके फेफड. फड.◌े क बीमार7 आपरे शन के बाद Iफर तो नह7 उभर7 ना ? त मय मय-उभर जायेगी Iफर भगवान भी नह7 बचा पायेगे । दाF गांजे के जKन मG ऐसे ह7 डबे ू रहे तो । रामलालरामलाल-अपने बाप के बारे मG ऐसा <यB कह रहे हो बेटा ? त मय मय-<या कहंू चाचा ? दोदो-दो आपरे शन हो गया पेट का पर गांजा छटता नह7 । बेटे-बहू पोते-पोती को तो ु पहले ह7 %चलम पर रखकर उड. उड.◌ा चक ु े है । अब तो बेट77-दमाद, दमाद,नातीनाती-नातन को भी धंुये मG उड.◌ा रहे है गांजे क मती म।G रामलालरामलाल-<या धय उड.◌ा रहे है ु G के सख ु मG िज दगी उड. भईया ? न दलाल दलाल भारती

3636-नयत Qववेक-भइया स नी क नौकर7 आपके शहर मG लगी है । oवाइन है । :मला नह7ं <या ? वाइन भी कर चका ु धम$वीरीर- बड. बड.◌ी खशी क बात है । भतीजा तर<क ु कर रहा है । इससे कनबे का मान बढे गा । स नी ु इसी शहर मG है पर :मला <यB नह7ं ? Qववेक-सना ु है भाभी ने मना Iकया है । धम$वीरीर-<यB ? 36

Qववेक-पUु पा भाभी स नी को मोबाईल पर आपसे :मलने से मना कर रह7 थी अपनी कसम दे कर । धम$वीरना :मलने के :लये कसम ? ीर-मझसे ु Qववेक-आपसे जान का खतरा बता रह7 थी । घर के अ दर दर नेटवक$ नह7ं पकड. पकड.ता ना इस:लये बात करते करते बाहर आ गयी और बात हवा मG फैल गयी । धम$वीरीर-भला हम क6ल7 हो गये भइयाभइया-भाभी क नगाह म।G हमे तो बहत हो रह7 है स नी क ु ु खशी नौकर7 का समाचार सनकर । ु Qववेक-भइया सना है स नी तH ु ु हार7 डर से दसरे ू शहर तबादला करवा रहा है । धम$वीरमG कह7 रहे खब ीर-हमार7 कैसी डर । दनया ु ू तर<क करे । हमार7 तो यह7 दआ है । ु Qववेक-पUु पा भाभी Nे षकमार भईया छल-बल से हमारे ु हक पर डाका डाले । उनक नयत मG तो पहले से ह7 खोट है । धम$वीरीर-अपनी नयत नयत मG खोट तो नह7 है ना भइया । Qववेक-अपनी ता◌े नह7 पर Nे षकमार भईया और ु पUु पा भाभी क नयत मG तो है ना तभी तो परमाथh नेक इंसान पर QवKवास हGG । वास नह7 उ ह न दलाल दलाल भारती

37-शासन WबQपनWबQपन-कैसी याYा रह7 Qवजय ? 37

QवजयQवजय-बहत ु तकल7फदायक । WबQपनWबQपन-<यB । Qवजय Qवजय- बीच राते मG nे न रोक कर याWYयB के साथ मारपीट क गयी । रे ल को भी बहत नकशान ु ु पहंु चाया गया । कई याWYयो को उपSQवयB ने मारमारकर अधमरा कर 5दया । WबQपनWबQपन-याYी शासन बनने लगे होगे तो लात तो खायेगे ह7 । QवजयQवजय-कैसा अमानष ु है । जरा सोच याWYयB के बारे मG कोई शाद7-gयाह मG याह मG जा रहा होगा,कोई मययत ् कोई बीमार रहा होगा और भी अनेकB परे शानी के कारण लोग याYा कर रहे होगे और ऐसे याWYयB के साथ

मारपीट

और

राUn7य n7य

सHपदा पदा

को

नकशान ,मानवता के त अपराध और राUnn-QवSोह ु का Qवगल ु नह7 ? न दलाल दलाल भारती

3838-Qवरोध WYला◌ेवनन-अरे Qवमल तनक इधर आना । QवमलQवमल-बोलो साहब बड. बड.◌ी हड. हड.बड. बड.◌ी मG हंू । तलोवन। काम बढ गया <या ? तलोवन-<या हआ ु Qवमलहै अपना Qवमल-काम क छोड. छोड.◌ो आपने <यB बलाया ु काम बताओ । WYलोचनWYलोचन-दो तरह के कप का उपयोग <यB ? QवमलQवमल-<या टाइQपट बाबू आज पता लगा है ? 38

WYलोचनWYलोचन-<या मतलब ? QवमलQवमल-मतलब साफ है बाबू अ%धकार7 और कम$चार7 का । WYलोचनWYलोचन-<या कपB का भी बंटवारा ? QवमलQवमल-एक

वी आई पी

एक

जनरल



अ:ल>खत

आदे श जो है । WYलोचनहै । WYलोचन-पद का अहं कार :सर चढ चका ु QवमलQवमल-तभी तो बंटवारे क oवाला वाला धधक रह7 है । कर दो Qवरोध बाबू WYलोचनWYलोचन-हां हक के :लये उठ खड. खड.◌ा

तो होना ह7

होगा Qवमल न दलाल दलाल भारती

39 बड. बड.◌ा आदमी जसवीरजसवीर-तH ु हारे

माथे

पर आज अलग चमक है

मनवीर, मनवीर, <या बात है ? मनवीरमनवीर-5दहाड. 5दहाड.◌ी चपरासी <या <या चमक हो सकती है ? रोज कआ खोदो तो पानी पीओ । ु जसवीरजसवीर-बात बड. बड.◌ी कर रहा है । तH ु हार7 बात मG कोई बात तो है । मनवीरमनवीर-बडे. आदमी को छोटा बनते दे खा हंू आज । जसवीरजसवीर- <या कह रहे हो ? मनवीरमनवीर-यह7 तो बात है लोग आदमी को दौलत के तराजू पर तौल कर छोटे -बड. बड.◌े का नधा$रण करते 39

है । पद -दौलत से द7न, द7न,सAचे और नेक आदमी को कोई तवoजो नह7 । जसवीरजसवीर-कैसी बात कर रहा है यार ? मनवीरमनवीर-ठcक कह रहा हंू । जानते है बरवानी साद बड. बड.◌े अ%धकार7 है ,पAचास चास हजार तनsवाह वाह पाते है उपर क छोड. छोड.कर पर पAचास चास Fपया खच$ करने क औकात नह7 । जसवीरजसवीर-ऐसा कैसे कह रहे हो ? मनवीरमनवीर-शाम को दफतर के सभी लोगो के चले जाने नाKता लाने का आदे श 5दये तो मैने कहां मेरे पास पैसे नह7 है । वे मेर7 बात अनसनी कर अ दर चले ु गये । कछ दे र बाद बाहर आये बोले नाKता नह7 ु लाया तनवीर Iफर मैने वह7 वा<य दोहराया । %च^लाते लाते हए ु बोले ये ले पAचास का नोट जा नाKता लेकर आ तरु त बाद %चरौर7 भरे लहजे मG बोले कल वापस कर दे ना वेलफेयर अ%धकार7 से लेकर याद से । अचानक मेरे मंह ु से नकल गया Iकतना छोटा आदमी है । बरवानी साद बोले कछ कहे <या ? ु मैने कहा नह7 साहब लेकर आता हंू नाKता आपके :लये। जसवीरजसवीर-सच आदमी पद और दौलत से बडा नह7 होता । बड. ं ा कद बड.◌ा आदमी बनने के :लये उ◌ू◌च कद होना चा5हये जो नेक और सAचे इंसान मG होता है भले ह7 वह द7न ह7 <यंू न हो । 40

न दलाल दलाल भारती

4040-5हसा SQवड. SQवड.-नाना <यो उदास हो । गांव मG कोई बर7 ु बात हो गयी <या ? सलटू -मेरे भाई लोग 5हसा नह7 दे रहे है । कह रहे है तम हारा कैसा ु तो िज दगी भर परदे स Iकये तH ु हारा 5हसा ? SQवड. <या SQवड.-<या करोगे 5हसा लेकर नाना ?तमको ु जFरत है । सलटू - अरे जब तक आंख ठे हना सलामत है तब तक ु मातभ:म से लगाव बना रहता । बाद मG तीनB ृ ू भाईयB मG बांट दे ता । SQवड. SQवड.- नाना बाद मG बांटना है तो अभी <यB नह7 ? सलटू -वे लोग जब$दती छनना चाहते है । पानी पीपीपीकर तो मने खेत :लखवाया,भतीजो को पढाया T इंजीनयर बनाया । बीसा भर बाप दादा क छोड. छोड.◌ी जमीन नह7 थी । हमारे सगेभाई 5हसे से बेदखल करने के :लये झठ ू ,छल और बल का सहारा ले रहे है । कह रहे हT हमारा 5हसा नह7 बनता <यBIक यBIक मेरा कोई बेटा नह7 है ना । मै तो चार बे5टयB का बाप हंू । SQवड. SQवड.-नाना 5हसा लेने के :लये कानन ू का सहारा ले◌ा और बाद मG दान कर दे ना Iकसी गर7ब 41

जFरतम द

को



उसक

कई

पी5ढयां

तH ु हार7

जयजयकार करे ◌ग े ी नाना। सलटू -हां बेटा यह7 सह7 रहे गा <यBIक यBIक मेर7 बे5टयB को भी 5हसा नह7 चा5हये ना । उ हे तो बस मायका चा5हये था पर वह भी नह7 दे रहे मेरे सगे भाईभाईभतीजे । न दलाल दलाल भारती

4141- संजीवनी दलार7 -<या बहन अभी तWबयत ठcक नह7 हई ु ु ? कमार7 - <या ठcक होगी? होगी? भगवान उठा लेता तो ठcक ु होता। रोजरोज-रोज क मौत बदा$Kत नह7 होती । दलार7 -बहन ऐसा ना बोलो । ठcक हो जाओगी । ु डा<टर टर पर QवKवास वास रखो । कमार7 -QवKवास वास के कारण ह7 तो डा<टर टर ने मोट7बाई ु क आंत के टकड ु .◌े कर 5दये आपरे शन मे । िज दगी दगी भर दद$ मG जीना है बेचार7 को । दलार7 - <या ये थायी तो नह7ं । थायी धंधे का सजन ु ृ कमार7 -हां कछ डा<टर टर मर7ज को पर7 ू तरह से ठcक ु ु नह7 होना दे ना चाहते । उलझा और डराकर रखते है अपने थायी तो मानव अंगB क थायी धंधे के :लये ।कछ ु तकर7 कर7 तक करने लगे हT । दलार7 -बहन डा<टर टर बदलकर दे खो हो सकता है कोई ु फLरKता :मल जाये । 42

कमार7 -हां सभी धंधेबाज तो नह7 होते । कछ इलाज ु ु को धम$ समझते है पर ऐसे दे व-दत ू बड.◌ी मिK ु कल से :मलते है । दलार7 -ऐसे दे वदत ु ू धंधेबाजB के गाल पर तमाचा और मर7जB के :लये संजीवनी होते हT । कमार7 -काश मझे ु भी कोई दे वदत ू :मल जाता । ु न दलाल दलाल भारती

4242-Lरंग सेरेमनी नतननतन-<या बड. बड.◌े बाबू मेर7 बेट7 क Lरंग सेरेमनी मG नह7 आये । रं जीतीत-सांर7 नतन भाई मT नह7 आ सका माफ करना । कHपनी या उठावना या पनी डे हो या फयनरल ू अ य कोई काय$wम मझे ु दफतर मG कैद रखने क परानी सािजश है । मेर7 तो हा5द$ क इAछा थी पर ु दफ् दफ् तर मG कोई बचा ह7 नह7 था। घीरे -धीरे तैनात चारो वLरUठ लोग Lरंग सेरेमनी मG चले गये दफतर मG

मT बचा अकेला । आये पांच बजे आने के बाद

भी कोई भी प6थर थर-5दल वLरUठ इतना भी नह7 पछा ू Iक रं जीत तमको जाना है Lरंगसेरेमनी मे। दफतर से ु गायब होने के अपराध से मझे ु बचना था क नह7ं। अAछा हआ Iक मT रोट7 लेकर आया था वरना ु डायबट7ज का पेश/ े ट भखे ू मर जाता । नतननतन- माफ भी मांगने क कोई जFरत नह7 । मT समझता हंू आपक मिK ु कलG और वLरUठ लोगB के 43

दHभ को भी । एक पढे :लखे jयि< यि<त के साथ अ याय याय

छोटे पद पर काम करने के नाते । बड. बड.◌ा

होने क ढोल पीटने वालB के बड. बड.;पन पन पर Kन%च न%च ह है ।

<या

बड. बड.◌ा

होने

का

पैमाना

पद

दौलत

अमानवीय |रे Uठता ठता होती है ? रं जीत Qवषया तर तर करते हये ु बोला नतन भाई बेट7 क Lरंग सेरेमनी क बधा}या और दआय G भी । ु ि◌नतनि◌नतन-ध यवाद यवाद बड. बड.◌े बाबू आप नह7ं आये मलाल नह7 । मलाल तो इस बात का

रहे गा ह7 Iक पद

और दौलत के तवे पर बैठे बड. बड.◌े Fतबेदार Iकतने छोटे हो◌े गये है ? न दलाल दलाल भारती

4343- ताकत का सामान जयनशा जीवन लेता है बबा$द7 और मौत जय-बाबजी ू दे ता । NाLरका दादा दादा--मझे पढा रहे हो <या । अरे ये <यो ु नह7 कहते क हमारा खचा$ तमको खलने लगा है ु जयजय-नह7ं बाबू जी ऐसी बात नह7 है । NाLरका दादादादा- कैसी बात है । मT सब समझ गया हंू । घर <या बैठ गया Iक तम ु लोगB का बोझ हो गया । जयआप तो धरती के भगवान है बोझ भला जय-बाबजी ू कैसे हो सकते है ?हमG तो आपके वाथ क %च ता है । 44

NाLरका दादा दादा--तमको मेर7 नह7 अपने पाकेट क ु %च ता है । जयदाF बीड.◌ी सतh और दसरे नशे क जय-बाबजी ू ु ू जानलेवा वतओं घी,दध ुओं क जगह घी, ू खाओ ना । पैसे क मझे ु तनक %च ता नह7 है । अखबार मG दे खB दाF पीकर Iकतने लोग मर गये । NाLरका दादादादा-हम तो नह7 मरे ना । जयजय-NाLरका दादा के हाथ पर पांच सौ का नोट रखते हए खाना । फल-फरट ू ू् ु बोले बाबजी NाLरकादादाNाLरकादादा-ठcक है बाजार से आता हंू । मानकामानका-अंधेरे मG कराहते हए ू ु दे खकर बोले बाबजी बाजार गये थे <या ? जयजय-हां गये थे ना ताकत का सामान खर7दने । न दलाल दलाल भारती

4444-गलती बिk ु दमान का:मनी 5दन के उजाले मG मौका पाकर कामदे व से बोल7 मझे ु से गलती हो गयी 5दल दे कर। कामदे व-गलती

?

का:मनीका:मनी- मT यह जान गयी हंू Iक आप Qववा5हत है और मT भी। हम एक दसरे के नह7 हो सकते। मांू बाप ने राय नह7 ल7 यह उनक गलती तो है पर उनके फैसले का सHमान मान हमारा फज$ है । गलती नह7



कामदे व-गलती मेर7 भी है । 45

अब

का:मनीक जFरत है का:मनी-गलती पर बहस नह7 । सधार ु । कामदे व-मतलब सब कछ ख6म ु का:मनीका:मनी-हां

।सह7

राते

पर

चलकर

कई

LरKते

सलगने से बच जायेगे । Iफर न गलती करे इस ु कहावत पर QवKवास वास कर Iक सब क जोड. जोड.◌ी वह7 बनाता जो है भा_य Qवधाता । न दलाल दलाल भारती

4545-वण$jयव यवथा पLरचायकपLरचायक-सधीरबाब ु ू एक बात पछं ू ू । सधीर । मड ु -अभी कछ ू ू आफ है । ु न पछो पLरचायकपLरचायक-<यB बडे.साहब ने Iफर 5हदायत 5दये <या ? सधीर ु -साहब साहब है । दे सकते हT । पLरचायकपLरचायक-साहब क गलती पर कब तक परदा डालोगे ? दसरे ू ◌ा◌ं के साथ तो ऐसा नह7 होता । आप समय से पहले आते हो बाद मG जाते हो । इसके बाद भी साहब कोई ना कोई बहाना नकालकर फटकारते रहते है । मालम ू है ऐसा <यB । सधीर तर खद ु -अपने Kन का उ6तर ु दो । पLरचायकपLरचायक-वण$jयव यवथा का पालन कर रहे है । सधीर ु -खद ु

नौकर7

अथा$त

सेवा

करने

वाला

वण$jयव यवथा का पालक कैसा ?सेवा करने वाला तो

46

शS । आज के जमाने मG वण$jयवथा कहां ू हआ ु लागू होती है । पLरचायकपLरचायक-होती है । दफतर मG ह7 दे खो । परानी ु jयव यवथा को ि◌सर पर ढोते है िजस jयव यवथा से पेट भर रहा है उसे दरIकनार रखते है । खद ु को सव$tेUठ मानते है

। अपने लोगो को भरपूर

सह:लयत दे ते है ,संसाधनB का भरपरू उपभोग करतेू कराते है । तभी तो आपको दोयम दजv का आदमी मानते है और घड Kोर क तरह ु .कते रहते है भखे ू ताIक दहKत मG रहो । सधीर ु -<या ? पLरचायकपLरचायक- हां

सAचाई चाई तो यह7 है ।

न दलाल दलाल भारती

4646-समाजसेवक समाज सेवक महोदय ने कहां दे श मG सामािजक समानता का बस एक ह7 उपाय है जात तोड. तोड.◌ो समाज जोड. जोड.◌ो क कथनी को करनी मG बदला जाये । उ◌ू◌च ं -नीच का मनमन-भेद 6याग याग कर सबके साथ बराबर7 का बता$व Iकया जाये। आदमी को उ◌ू◌च ं नीच तो कम$ बनाता है । जातजात-भेद का पLर6याग याग कर आदमी को गले लगाना मानवमानव-धम$ ह7 नह7 राUnn-धम$ भी है । समाज सेवक महोदय के जोशीले भाषण को सनकर एक यवक नेताजी क जय-जयकार करते हए ु ु ु 47

मंच पर चढ गया । समाज सेवक ने उसे गले लगा :लया । यवक ु -महोदय मT आपके अ:भयान को सफल बनाना चाहता हंू । समाजसेवकक-अवKय बनाओ◌े । मT तH ु हारे साथ हंू । यव ु क-वचन द7िजये । समाजसेवकक-<या वचन दं ू ? यवक ु -हाथ मG हाथ दे ने का । समाजसेवकक- Iकसका ? यवक भी ु -मेर7 सहकमh अपनी बेट7 का । यवती ु यवक के साथ खड.◌ी हो गयी । मखौटाधार7 समाज ु ु सेवक ने रं ग बदल :लया । तथाक%थत समाज सेवक को रं ग बदलते हए -यवती एक दसरे ु ु ू ु दे खकर यवक का हाथ थामते हए नह7 ु ु बोले आप जैसे मखौटाधार7 बदलाव तो हम लायेगे और मंच पर फेरे लेने लगे। न दलाल दलाल भारती

4747-माणपY रघवरलाल क नौकर7 एक Lर;यटे पनी मG लग ु ूटेड कHपनी गयी



रघवर ु

काम

को

पजा ू

मानकर

बड.◌ी

ईमानदार7 से अपनी डयट7 मG जट ् ु गया । कछ ु मह7नB के बाद कHपनी पनी मG आर\ण लागू होने का मz पकड.ने लगा । मैनेजमे/ट ने कम$चाLरयB ु दा जोर पकड. से जातमाण पY जमा करने का फरमान जार7 कर एक

फाम$ भी न6थी कर 5दया । सभी कम$चार7 48

फाम$ भरकर जमा कर 5दये । रघवर फाम$ के साथ ु जात माण पY भी न6थी कर 5दया । न6थी कागजात को एच ओ डी महोदय मोटे चKमG मG से पढकर कालबेल पर बैठ गये अटे नडे/ट भागाभागा-भागा आया । एच ओ डी -रघवरलाल को तरु त भेजो । ु रघवर साहब के सामने हािजर हआ और बोला सर ु ु आपने बलाया है । ु एच ओ डीडी-जातमाण पY 5दखाते हए ु बोले Lरयल7 यू आर ? रघवरलाल -येस सर, सर,एस सी कंyडडेट । ु एच ओ डीकHपनी मG तम डी-:म रघवरलाल ु ु आये कैसे रघवर ु

?

रघवरलाल -जैसे आप सर ु

इस हादशे के बाद

रघवरलाल के आगे जाने के सारे ु

राते ब द हो गये

, बस नौकर7 पा चलता रहा बकरे क भांत। न दलाल दलाल भारती

4848-5हसाब5हसाब-Iकताब सास को कतराकतरा-कतरा आंसू दे ने और रोवन रोट7 करने वाल7 म< ु ता ने गीता को बैठने का इशारा करते हए ु बोल7 बहू बैठो बेटवा के gयाह क :मठाई खाओ Iफर दे वरानी दे ख लेना । अभी बती क कई औरतG बहू के कमरे मG भर7 है ।

49

गीतागीता-अHमा टाईम नह7 है । परसो शहर जाना है । मायके नकलना है घ/टे भर मG । आपका उलाहना न सनना पड.◌े इस:लये द^ ं ी । ु ु हन दे खकर जाउ◌ू◌ग म< Qपछड.◌े गांव मG रहकर जFरते कहां पर7 ु ता-इस Qपछड. ू होने वाल7 है । शहर मG रोजगार है मान सHमान है । साल भर बाद :मल7 हो मझसे भी तो दो चार बाते ु कर लो दे वरानी से जी भरकर बाते थोड. थोड.◌ी दे र बाद कर लेना । इतने मG द^ ु हन दे खने आयी औरते बाहर अ◌ा गयी । म< पकड.कर द^ ु ता गीता का हाथ पकड. ु हन के कमरे मG ले गयी और बोल7 Qया ये पLरवार क बड. बड.◌ी बहू है । पैर छू कर आशीवा$द लो । Qया पैर छयी । गीता :सर पर हाथ फेरते हए ु ु सदा सहा%गन का आशhवाद द7 । ु म< का म Y भी Qया के कान मG गीता जैसे गणो ु ता-गीता ु फंू क दे ना । गीतागीता-मT <या म Y फंू कंू ? Qया पढ7पढ7-:लखी माड$न औरत है । 5हसाब5हसाब-Iकताब खद ु कर लेगी। म< ु ता के पैर के नीचे से जैसे जमीन घसक गयी वह घबरा कर बोल7बोल7- <या ? न दलाल दलाल भारती

4949-गलामी ु छgबीस बीस जनवर7 के 5दन आजाद7 अमर रहे ,अमर रहे का नारा सनकर बती के गर7ब भ:मह7न ,खेतहर ु ू मजदरू 5हHमत करके गांव के धान के पास गये । 50

धान को बती भखे नंगB को एक साथ दे खकर ू आKचय$ चय$ हआ । धानजी तsत पर बैठे-बैठे मछ ू पर ु ताव दे ते हए एक साथ ू बती एक ु बोले <यB भई पर7 <या बात है । सभी गर7ब एक आवाज मG बोले धानजी एक सवाल है । धानजी। धानजी-कौन सा सवाल है । पछो ू एक मजदरू फट7 बनयाइन मG पीठ मG %चपको पेट पर हाथ रखते हए ु बोला हम भी आजाद है <या ? धानजीधानजी-दे श आजाद है तो तम ु <यो नह7ं । दसरा मजदरू फट7 लंग ू ू ी को हाथ मG लपेटते हए ु बोलाबोला- धानजी आजाद7 मे सब को बराबर का हक नह7 होता <या ? धानधान-होता है ना । तीसरा मजदरू फट7 Wबवाइन पर मड.राती मि<खयB खयB से बनयाइन से उड. उड.◌ाते हए बोला-गर7ब, गर7ब,भ:मह7न ू ु <यB हT । इसके :लये िजHमेदार कौन है ? धानधान-सरकार चौथा

मजदरू

मंुह

क

सतh ु

थकते ू

हए बोलाु kाा◌ानजी ◌ानजी झठ ू मत बोलो । हमार7 गर7बी,भ:मह7नता ू के िजHमेदार दार तम ु हो । धानधान-दे खो इ^जाम जाम मत लगाओ । सभी मजदरू एक आवाज मG बोले धानजी टे ढई ठcक कह रहा है । गांव समाज क जमीनB पर अबैध 51

कgजे Iकसके है । हLरयाल7 के नाम पर गांव समाज समाज क जमीन हड. हड.पने का षणय Y कौन चला रहा है । पोखर तालाब और गांव समाज क खेती लायक जमीनो पर पCटे Iकसके ह।आवं /टन कौन नह7 होने T दे रहा है । धानजी हम भ:मह7न मजदरB ू ू को पशता ु का जीवन दे कर सरकार के माथे दोष मढ रहे हो। पहले दोषी आप हो बाद मG सरकार।अपने तर तर पर शFआत तो करो हमारे हक वापस करने का । ु धानजी जब तक हमG हक नह7 :मलता तब तक तो हम गलाम है आजाद कहां ? ु धानजीको अनसना धानजी-भ:मह7न मजदरB ू ू क गहार ु ु कर Iकले का दरवाजा ब द करवा 5दये और गांव समाज क बचीजमीन क अबैध लट बची-खची ु ू का दबंगB को अ:लि◌खत आदे श जार7 कर 5दये । न दलाल दलाल भारती

5050-बx ु ढा रामदे व पाIकतान तान से पलायक कर मालवांचल मG बस गये थे । अAछc नौकर7 भी :मल गयी । आमदनी का साधन ब5ढया था कमाई अ%धक खच$ कम था । इसी बीच कई कHपनयB पनयB मG भागीदार भी बन गये । दे खते ह7 दे खते बहत ु अमीर तो बन गये पर वे जात Y पर होते हार बार -बार के कौमी दं गे◌ा◌ं से बहत ु परे शान रहते । 5दल मG बंटवारे क आग थी इस आग को शाि त करने के :लये वे 52

सा5ह6य से जड यक संथा का गठन ु . गये । सा5हि6यक भी कर :लये । सा5ह6य के त Fझान बरकार रहा पर समय के हार ने उ हे नह7 छोड. छोड.◌ा असी तक पहंु चते पहंु चते अAछc तरह से चलने Iफरने लायक नह7 रहे । सा5हि6यक यक F%च उनमG अ6य%धक थी । अव आवास वथ होने के बाद भी वे अपने महलनमा ु पर सा5हि6यक यक संगोUठc का आयोजन Iकया । शहर के कई 5द_गज गज सा5ह6यकार यकार पधारे । सफल काय$wम से

रामदे व

बहत स न%चत थे । वे अपनी ु अव थता ता को भलकर बेटे से बोले शरबत पी लाओ व थ ू

। कछ %गलासB मG शरबत तो सरवे/ट ले आया पर ु सभी के हाथ %गलास नह7 लगे । यवा सा5ह6यकार ु बजग$ सा5ह6यकार रामदे व से चचा$ करना अपना ु ु सौभा_य समझ रहे थे । इसी बीच रामदे व साहब बहू को इशारे से बलाये ,वह आयी तो पर जहर का घंूट ु पीते हए ु बोल7 क5हये बाबू जी <या ?

और कछ चा5हये ु

रामदे व-चाय । बहू -दे खती हई ु कहकर आगे सरक ह7 थी Iक बेटा आ गया प6नी से पछा <या कह रहे थे पापा ू बहू -चाय मांग रहे है । बेटाा-शरबत Qपलाया है ना चाय चाय क <या जFरत ?कह तो नौकर चले गये । बx ु ढा स5ठया गया है । बेटे ने बात धीरे से कह7 थी पर ये बात रामदे व साहब के 53

कान के परदे को फाड. फाड. गयी थी । सा5ह6यकारB यकारB क जबानG जैसे तालओं से सट गयी और रामदे व साहब ु बढ7 ू आंखB के सम दर मG 5हचकोले◌े खाने लगे । न दलाल दलाल भारती

5151-कू ल ख6ते नाथ का गटबाजी क वजह से थाना तरण तरण ु दरू शहर मG हो गया । वे आंसू पीते हए ु oवाइन भी कर तो :लये । यहां का भी परा ू दफतर उनसे खफा खफा था । सभी दर7 ू बनाने मG जटे ु थे । Iकराये का मकान तक दफतर के लोग अपने आसपास 5दलाने को तैयार न थे । परेू दफतर मG जगत एक ऐसा कम$चार7 नकला जो ख6तेनाथ नाथ क मिK ु कलB को दे खकर मदद करने क 5हHमत अपना नमक मत जटाया ु >खलाया और ख6तेनाथ नाथ के :लये मकान ढढने मG जट ू ु गया दो 5दन के अ दर दर अAछा से मकान 5दला 5दया । हां इस 5हHमत मत के बदले जगत को सजा भी :मल7 । ख6तेनाथ नाथ का पLरवार Iकराये के मकान मG :शफ् ट हो गया। जगत और ख6तेनाथ नाथ के छोटे बेटे ीी-नस$र7 मG साथसाथ-साथ और एक ह7 कू ल मG जाने लगे । जगत और उसका पLरवार ख6तेनाथ नाथ के :लये परददे स मG सगा जैसा :मल गया । साल दो साल

बाद

पLरिथतयां नाथ को तर<क भी थतयां बदल गयी । ख6तेनाथ :मल गयी । पLरिथतयां थतयां और Fतबे मG बदलाव 54

आते ह7 ख6तेनाथ नाथ ने सबसे पहले बेटे का कू ल बदला Iफर मकान । नये आवास पर ख6तेनाथ नाथ से :मलने jयि< यि<त

आये

एक

कनUठ

अ%धकार7

Iकम

के

ने घर का मआयना कर पछा सर आपने ु ू

अAछc लोकेशन का मकान छोड. छोड.कर दरू और गल7 मG मकान <यB :लया ? ख6तेनाथनाथ-:मटर नाथ टर अ%धकार7, अ%धकार7, छोटे लोग तो छोटे ह7 रहते है । जगत को <या कहते है ? छोटे कम$चार7 के बAचे के साथ अफसर का बेटा कू ल जाकर <या संकार कार पायेगा ? न दलाल दलाल भारती

5252-वाद वाद बढे चय$ से ू जमींदार पहला का◌ैर मंह ु मG डालते आKचय$ बोले वाह आज <या वाद वाद है ? बढ7 जमीदारन-अचHभे क <या बात है । रोज का ू अनाज घी, नया तो घी,तेल और मशाला है आज कछ ु नह7 । वह7 बहय ु G खाना बनायी है । जमींदारन ार-कंु वर क मां आज कछ ु खा नया तो है । ु जमीदारनभी नया नह7 है । जमीदारन-कछ ु जमीदारजमीदार-अ न दे वता के सामने झठ ू मत बोलना । जमीदारनजमीदारन-सच बता दं ू । जमीदारजमीदार- बता तो दो ।

55

जमीदारनढोने का काम तनक दे र के :लये जमीदारन-भसा ू ब द करवाकर 5दjया से◌े मशाला सील पर बCटे से पीसवायी हंू । दाल सgजी उसी ने बनाया है । जमीदारजमीदार-<या ? द:लत क या जमीदारनजमीदारन-तनक भी झठ ू नह7 है । जमीदारजमीदार-बाप रे जमीदारनजमीदारन-गलती हो गयी । माफ कर दो जमीदारजमीदार-इतना हनर ु ,तभी तो शोQषतB के ◌े हाथ लगते ह7 मांट7 भी सोना उगलने लगती है । भला ये कैसे गलती हो सकती है

?

न दलाल दलाल भारती

5353-ज म5दन म5दन ज म 5दन मबारक हो ु ध यवाद यवाद tीमान ् जी और आपको भी मझे ु <यB ? नये साल क । Iकस उधेड.-बन ु मG लगे हो । कछ भी तो नह7 । ु tीमान ् जी आज आपके :लये दोका 5दन है दो-दो खशी ु । जनता हंू एक ज म 5दन दसरा नया साल । ू पर %च ता का नह7 । ^Iकन ेIकन %च तन तन का तो है ? 56

<यB

<या कमी है । अAछे पढे :लखे हो। अAछे

रचनाकार हो । अखबार क स>ख$ ु यB मG भी आते रहते हो । बड. बड.◌ी कHपनी पनी मG नौकर7 करते हो । बेट-बेट7 अAछे कू ल कालेज मG पढ रहे है और <या चा5हये ? ये तो बाहर7 Fप है । आ तLरक तLरक Fप मG कभी झांका है <या ? नह7 सैता:लस साल के जीवन मG <या पाया <या खोया ? इसी

Qवषय पर तो %च तन तन कर रहा हंू । भाई पेट आंखB मG सपनG लेकर पढाई Iकया मG भख ू और खल7 ु

। ेजये ु ट क yडी हाथ आते ह7

कई सालB क

बेरोजगार7 ने बढा ू बना 5दया । मां का साया भी उठ गया । बडी मिK ु कल से नौकर7 :मल7 Iफर पढाई शF ु कर 5दया । yडी के मामले मG तो धनी हो गया पर पद और दौलत क Qवप नता नता छाती का बोझ बनी रह7 । ईमानदार7, समझने वाला ईमानदार7,पाब द7, द7,कम$ को पजा ू मT तर<क क दौड. दौड. पीछे लतया 5दया गया । घरवाल7 डा<टर टर के षणय Y का :शकार होकर दद$ मG जीवन काट रह7 है । न तो बढ7 jयवथा वाले ू समाज ने सHमान tम मान 5दया और न ह7 आधनक ु क म/डी ने । उ◌ू◌च ं ीं ी yड%यां ी-उ◌ू◌च

होने के बाद

भी जातीय tेUठ यो_यता यता ा;त उAचपदा%धकाLरयB चपदा%धकाLरयB के बीच ह7 नह7 छोटे कम$चाLरयB के बीच भी उपहास का 57

पाY हो गया हंू । कहां काम आयी उ◌ू◌च ं ी-उ◌ू◌च ं ी yड%यां बढे तन का मz ू समाज म।G <या यह %च तन ु दा नह7 ? पLरवत$न

होगा, होगा,

रहो, रहो,आ6मQवK मQवKवास वास,ईKवर वर

कम$ मG

आथा

पर और

अyडग कल

से

उHमीद मीदG बनाये रखो । यह7 है मबारकबाद । ु न दलाल दलाल भारती 04 07 09

5454-इंतजार कामराज शहर मG एक बेसहारा औरत को कानन ू क महर लगवाकर प6नी बना :लये :लये । वह7 प6नी ु धोखेबाजी से कामनरायन क करोड. करोड.◌ो◌ं क सHपत पत ह%थया कर बेदखल कर द7 । वे आहत गांव लौट आये और भाईयB के साथ रहने लगे । गम को भलाने के :लये पर7 ू ू तरह से नशे के आद7 हो गये । नशे ने उ हे लाकर ख5टया पर पटक 5दया । वे चलने Iफरने क िथत थत मG भी नह7 रहे । शर7र सड. सड.ने लगा था । मंझला भाई भोजराज और उसक प6नी हर सHभव करते । भाई को भव सेवाा-सtषा ु ु जीQवत सडते हए ु ु दे खकर छोटा भाई शोभराज मंह पर गमछा बांधकर मछ$ ू त भाई कामराज से बोला भइया हम ससराल जा रहे है । ु 58

कामराजकामराज-ज^द7 आना समय कम है । अब इ तजार तजार नह7 होता । शोभराज सपLरवार ससराल चला गया भाई को मत ु ृ शैयया 5दन सबह शोभराज का छोड.कर । दसरे ् पर छोड. ू ु मोबाईल घनघना उठा । भोजराज मोबाईल पर बोला भाई अब तो आ जा

भईया चल बसे तH ु हारा

इ तजार तजार करते करते । न दलाल दलाल भारती 02 07 09

लेखकक-पLरचय

दलाल न द लाल भारती कQव,कहानीकार,उप यासकार

:श\ा

- एम ए ।

समाजशाY । एल एल बी । आनस$ । पोट ेजएट ु yड;लोमा इन {यमन Lरस~स ू डेवलपमे/ट 59

(PGDHRD)

ज म थान-

ाम-चौक

।खैरा।पो नर:संहपरु िजला-आजमगढ ।उ । का:शत प ु तकG

ई प ु तकG

उप यास-अमानत,नमाड क माट7 मालवा क छाव।तन%ध काjय संह। तन%ध लघकथा संह- काल7 मांट7 एवं अ य । ु उप यास-दमन,चांद7 क हं सल7 ु एवं अ:भशाप । Qवमश$।आलेख संह। मC ु ठc भर आग ।कहानी संह। लघकथा ु संह-उखड.◌े पांव / कतरा-कतरा आंसू कQवताव:ल /काjयबोध ।काjयसंह। एवं अ य

सHमान QवKव

5ह द7

सा5ह6य

अलंकरण,इलाहाबाद।उ  । लेखक :मY ।मानद उपा%ध।दे हरादन।उ6 तराख/ड। ड। ू

भारती

पUु प।

मानद

उपा%ध।इलाहाबाद,

भाषा र6न, पानीपत । डां अHबेडकर फेलो:शप सHमान,5द^ल7, , महाराUn, oयोतबा काjय साधना,भसावल ु 60

फले ु :श\ाQवz, इंदौर ।म  । डां बाबा साहे ब अHबेडकर Qवशेष समाज सेवा, इंदा◌ैर Qवzयावाचपत,पLरयावां।उ  । कलम कलाधर ।मानद उपा%ध। उदयपरु ।राजथान। सा5ह6यकला र6न ।मानद उपा%ध। ।उ  ।सा5ह6य

कशीनगर ु तभा,इंदौर।म  । सफ ू

स त

महाकQव

जायसी,रायबरे ल7

।उ  ।एवं अ य आकाशवाणी से काjयपाठ का सारण ।कहानी, लघु कहानी,कQवता और

आलेखB

का

दे श

पYो/पWYकओं मG एवं

www.swargvibha.tk,

www.swatantraawaz.com 61

के

समाचार

rachanakar.com / hindi.chakradeo.net www.srijangatha.com,esnips.con, sahityakunj.net,chitthajagat.in, hindi-blog-podcast.blogspot.com, technorati.jp/blogspot.com, sf.blogspot.com,archive.org ,ourcity.yahoo.in/varanasi/hindi,hindibbc.com ourcity.yahoo.in/raipur/hindi, apnaguide.com/hindi/index, hotbot.com, ourcity.yahoo.co.in/dehradun/hindi, inourcity.yaho.com/Bhopal/hindi

एवं अ य ई-पY

पWYकाओं मG रचनाये का:शत । सदय इि/डयन सोसायट7 आफ आथस$ ।इंसा। नई 5द^ल7 सा5हि6यक

सांकृतक

कला

संगम

अकादमी,पLरयांवा।तापगढ।उ  । 5ह द7 पLरवार,इंदौर ।मkय दे श। आशा

मेमोLरयल

:मYलोक

पिgलक

प ु तकालय,दे हरादन ू ।उ6तराख/ड। सा5ह6य जनमंच,गािजयाबाद।उ  ।

एवं

अ य थायी आजाद द7प, 15-एम-वीणा नगर ,इंदौर पता

।म  ! 62

दरभाष -0731-4057553 ू 09753081066

च:लतवाता$-

Email- [email protected] http://www.nandlalbharati.mywebdunia.com http://www.nandlalbharati.bolg.co.in

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